आगजनी की घटना में झुलसे 6 लोगों का धनबाद के एसएनएमएमसीएच में चल रहा इलाज

धनबाद :गिरिडीह के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शीतलपुर में आगजनी की घटना में उमेश दास के परिवार के एक महिला की मौत हो गई है और आग की जद में आने से 6 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं. झुलसे लोगों का धनबाद एसएनएमएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

 झुलसे लोगों में एक महिला और एक पुरुष की हालत गंभीर है. दोनों को रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया है.

खिड़की से पेट्रोल फेंक कर लगा दी आग

इस संबंध में अस्पताल में इलाजरत उमेश दास ने बताया कि सभी रात में सोए हुए थे. इस दौरान पानी गिरने की आवाज आई. देखने पर मालूम हुआ कि वह पानी नहीं, बल्कि पेट्रोल था. घर के नीचे चारों ओर भारी मात्रा में पेट्रोल फैला हुआ था. बाहर से घर का दरवाजा बंद था. इसलिए कोई भी बहार नहीं निकल सका. इस क्रम में किसी ने खिड़की से माचिस जलाकर घर में फेंक दिया. जिससे पूरे घर में आग लग गई. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. फिर अचानक से ब्लास्ट हुआ. ब्लास्ट के बाद घर की छत ऊपर की ओर क्षतिग्रस्त हो गई. दीवार की ईंट टूटकर नीचे गिर गई.

एक महिला की मौत, तीन की स्थिति गंभीर

ब्लास्ट और आग लगने के बाद ग्रामीणों मौके पर पहुंचे और किसी तरह घर के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला. इस हादसे में उमेश दास की सास बेदानी देवी की मौत हो गई है. जबकि उमेश की पत्नी सबिता देवी, छोटा बेटा सन्नी और ससुर टुकून रविदास बुरी तरह झुलस गए. सबिता देवी और टुकून रविदास को रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया है. सन्नी की भी स्थिति ठीक नहीं है. वहीं बड़ा बेटा संदीप कुमार और बेटी लक्ष्मी कुमारी का इलाज धनबाद एसएनएमएमसीएच में चल रहा है.

पीड़ित ने अस्पताल में दिया बयान

आगजनी की घटना में उमेश दास भी बुरी तरह झुलस गए हैं.उमेश दास ने बताया कि उनके सास और ससुर कोलकाता में रहते हैं. शुक्रवार को ही दोनों उनके घर पहुंचे थे. घटना में सास बेदानी की मौत हो गई है. जबकि ससुर टुकून की स्थिति नाजुक है. उन्होंने बताया कि हमारा किसी के साथ कोई विवाद या दुश्मनी नहीं है.।

आदित्यपुर थाना के टोल प्लाजा के निकट एक युवक का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी, हादसा या हत्या जाँचकर रही पुलिस जांच


जमशेदपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत, टोल प्लाजा के निकट एक युवक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक की पहचान सलडीह बस्ती निवासी रतन गोराई के रूप में हुई है। सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है। 

बताया जा रहा है कि मृतक कल शाम से ही गायब था। मृतक की पत्नी ने थाने में इसकी सूचना भी दी थी। बताया जाता है कि मृतक किसी कंपनी में काम करता था किन्तु उस दिन रात में काम के पश्चात वह घर ही नहीं लौटा। यह हत्या है या हादसा पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

दुनिया फिर एक तूफानी चक्रवात इओविन से प्रभावित,इस तूफान के कारण झारखंड में भी बढेगा ठंड का असर

झा. डेस्क 

एक बार फिर से झारखंड सहित कई राज्यों में ठंड कंपकंपाने वाली है। तूफान इओविन की वजह से देश में भी असर देखने को मिलेगा। हालांकि इससे बहुत ज्यादा प्रभाव झारखंड के मौसम में नहीं पड़ेगा, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

ब्रिटिश द्वीपों और विशेष रूप से आयरलैंड और स्कॉटलैंड में तेज और भीषण हवाएं चली हैं।

24 घंटों में तूफान के केंद्र में हवा का दबाव 50 मिलीबार कम हो गया, जिससे यह और भी खतरनाक हो गया। जब चक्रवाती तूफान घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में घूमता है तो और भी खतनाक हो गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से खुले स्थानों पर 80-90 मील प्रति घंटे और अधिकतम 100 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं।

चक्रवाती तूफान इओविन को भारी बारिश ने और भी खतरनाक बना दिया है. बारिश के कारण तूफान विस्फोटक रूप से विकसित हो रहा है। तूफान एओविन को इसकी तबाही वाले स्वरूप के कारण ‘बॉम्ब साइक्लोन’ कहा जा रहा है। इस तूफान ने ब्रिटेन और उसके आसपास के हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

जानिये क्यों है खतरनाक ये साइक्लोन

तूफान एओविन की वजह से ब्रिटिश द्वीपों और विशेष रूप से आयरलैंड और स्कॉटलैंड में तेज और भीषण हवाएं चली हैं. चौबीस जनवरी की आधी रात तक 24 घंटों में तूफान के केंद्र में हवा का दबाव 50 मिलीबार कम हो गया. यह “विस्फोटक चक्रवात” की परिभाषा में आवश्यक से दोगुना से भी अधिक है, दूसरे शब्दों में, चक्रवाती तूफान (घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में घूमना) का विकास जो तेज और गंभीर दोनों है, बम फटने की तरह है. नतीजतन, इओविन को “बम चक्रवात” कहा जा सकता है।

भीषण तबाही मचा सकता है चक्रवात

दुनिया के इस हिस्से में सर्दियों के तूफानों का बम चक्रवात की स्थिति तक पहुंचना कोई असामान्य बात नहीं है. हालांकि, हाल के वर्षों में बहुत कम तूफानों ने ही तूफान इओविन के मुकाबले दबाव को गहरा किया है. इससे लोगों को यह पता चलता है कि सबसे ज्यादा खुले स्थानों पर 80-90 मील प्रति घंटे और अधिकतम 100 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं. आयरलैंड के पश्चिमी तट पर मेस हेड में आज सुबह 114 मील प्रति घंटे की रिकॉर्ड-तोड़ हवाएं चलने की सूचना मिली है.

इसी तरह के भीषण तूफानों ने व्यापक क्षति पहुंचाई है और लोगों की जान ली है. जैसे कि 1987 का भीषण ‘ग्रेट स्टॉर्म’.

दुमका : झांकी ने मन मोहा, परेड में एनसीसी बालिका +2 तो झांकी में महिला बाल विकास विभाग अव्वल, सीएम ने किया सम्मानित

दुमका : गणतंत्र दिवस पर रविवार को दुमका के पुलिस लाइन मैदान में विभिन्न विभागों द्वारा निकाली गयी झांकी और परेड आकर्षण का केंद्र रही। सीएम हेमंत सोरेन ने उत्कृष्ट झांकी निकालने वाले विभागों और परेड में शामिल प्लाटून को पुरस्कृत भी किया।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोह में जिले के स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत पतरू राय की आश्रित पत्नी परवतिया देवी को सम्मानित किया। उन्होंने परेड में हिस्सा लेने वाली एनसीसी +2 (बालिका) दुमका को प्रथम , आईआरबी- 01 जामताड़ा महिला प्लाटून को द्वितीय और गृह रक्षा वाहिनी दुमका को तृतीय पुरस्कार से नवाजा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने फर्स्ट इन कमांड, परीक्ष्यमान सहायक पुलिस अधीक्षक दुमका डॉ. मोहम्मद सैयद मुस्तफा हाशमी एवं सेकंड इन कमांड, परीक्ष्यमान सहायक पुलिस उपाधीक्षक दुमका आकाश भारद्वाज और राष्ट्रगान में संत टेरेसा उच्च विद्यालय दुमका और बैंड में हजारीबाग पुलिस अकादमी को सम्मानित किया। 

इन विभागों की झांकियों को मिला पुरस्कार 

प्रथम पुरस्कार- महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग

द्वितीय पुरस्कार- वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, जिला ग्रामीण विकास शाखा, दुमका

तृतीय पुरस्कार- पुलिस विभाग दुमका

मुख्यमंत्री के हाथों इन कर्मियों को मिला प्रशस्ति पत्र

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। जिसमें रानी सोरेन, स्वाती राज, राजू बांद्रा, मेघा बेसरा, पवन कुमार मिश्रा, बासुकीनाथ चतुर्वेदी, अर्पिता प्रसाद, बसंती हेंब्रम शामिल है।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पुलिस लाइन मैदान स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर अमर वीर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि दी। फिर सीएम श्री सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में तिरंगा फहराया एवं सलामी दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण कर राज्य की जनता को संबोधित किया। मौके पर विधायक बसंत सोरेन, विधायक आलोक कुमार सोरेन, विधायक डॉ० लुईस मरांडी, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख, जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा, संताल परगना के आयुक्त लालचंद दादेल, आईजी क्रांति कुमार, डीआईजी अंबर लकड़ा, उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे, पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

लोहरदगा के बलदेव साहु कालेज स्टेडियम में मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने किया झंडोत्तोलन

 लोहरदगा के बलदेव साहु कालेज स्टेडियम में झारखंड सरकार की मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने झंडोत्तोलन किया। इस मौके मंत्री ने झांकी का भी अवलोकन किया। मंत्री ने खेल शिक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को सम्मानित किया।

मंत्री ने कहा की हमें गर्व है कि हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। हम स्वतंत्रता सेनानियों के आभारी हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे कर हमें आजादी दिलाई है।

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार राज्य का विकास कर रही हैं। मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने का काम सरकार कर रही है। राज्य में कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने का काम किया जा रहा है। खेती में पारम्परिक चीजों से लोग अलग होते जा रहे हैं। उच्च उत्पादकों के क्षेत्र में ध्यान दिया जाए। कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हमें खुश को सशक्त करना है।

इस अवसर पर डीसी, एसपी सहित जिले के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

डेरोजियो बोर्डिंग स्कूल में झंडोत्तोलन समारोह के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया


जिले के जेल मोड़ स्थित डेरोजियो बोर्डिंग स्कूल में रविवार को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में भव्य झंडोत्तोलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सदर प्रखंड उपप्रमुख रविकांत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत झंडोत्तोलन से हुई, जिसे रविकांत सिंह ने संपन्न किया। 

अपने प्रेरणादायक संबोधन में मुख्य अतिथि ने कहा कि शिक्षा और राष्ट्रप्रेम का समन्वय ही देश की प्रगति का आधार है। उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत और अनुशासन के महत्व के बारे में बताया और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। 

समारोह में सदर प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि गणेश मेहता, सरपंच मुकेश कुमार, बृजेश सिंह, दिनेश यादव, विक्की कुमार धान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। 

इस मौके पर स्कूल के छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया। 

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 

कार्यक्रम ने विद्यालय परिवार और उपस्थित लोगों में राष्ट्रप्रेम और ऊर्जा का संचार किया।

इस बार झारखंड के झोली मेंनही आया एक भी वीरता पदक,केवल सराहनीय सेवा पदक से ही करना पड़ेगा संतोष

झा.डेस्क

गणतंत्र दिवस पर उलेखनीय कार्य करने वाले पुलिस बल और सुरक्षा सेवा में लगे लोगों को राष्ट्रपति द्वारा पदक देकर सम्मानित किया जाता है। लेकिन इस बार पहली बार है जब 26 जनवरी पर राष्ट्रपति के हाथों झारखंड की झोली में न वीरता पदक आया है और न हीं विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक ही मिला है। इस बार केवल सराहनीय सेवा पदक ही मिला है। सराहनीय सेवा पदक के लिए राज्य के 12 पुलिस अधिकारियों-जवानों के नामों का चयन हुआ है।

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों यह पदक मिलेगा। उक्त पदक से 15 अगस्त या अगले वर्ष गणतंत्र दिवस पर मोरहाबादी मैदान में संबंधित अधिकारियों को अलंकृत किया जाएगा

इस बार वीरता के लिए पुलिस पदक भी देश में सिर्फ 78 अधिकारियों-जवानों को मिला है। इनमें छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ व एसएसबी के जवान अधिकारी शामिल हैं।

इन्हें मिलेगा सराहनीय सेवा पदक

डा. माइकल राज एस (आइजी, बोकारो), 

ए. विजयालक्ष्मी (आइजी प्रशिक्षण), 

नीरज कुमार (डीएसपी),

 मोहम्मद इकबाल (हवलदार),

 बिंद्रे मुंडरी (हवलदार), 

अरविंद कुमार पालित(एएसआइ), 

बशिष्ट कुंवर (एएसआइ), 

संजीव कुमार झा (एएसआइ),

 विजय कुमार (एएसआइ),

 मानती खलखो (सिपाही), 

प्रभा देवी (सिपाही) व अरुण कुमार (इंस्पेक्टर)।

मोहम्मद इकबाल (हवलदार)।

केंद्र की तरफ से 942 नामों की घोषणा

बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर वीरता और सेवा पदक के लिए पुलिस, अग्निशमन, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा (एचजी एंड सीडी) और सुधारात्मक सेवाओं के 942 कर्मियों के नामों की घोषणा की।

942 कर्मियों में से पांच को मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस से पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल, सीमा सुरक्षा बल से हेड कांस्टेबल गिरजेश कुमार उदय, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से कांस्टेबल सुनील कुमार पांडे, सशस्त्र सीमा बल से हेड कांस्टेबल रवि शर्मा और चयन ग्रेड फायरमैन शामिल हैं।

कुल 942 वीरता और सेवा पदकों में से 95 वीरता पदक हैं, 101 विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) हैं, और 746 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) हैं।

101 जवानों को विशिष्ट सेवा पदक

101 जवानों को विशिष्ट सेवा (पीएसएम) के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 85 पुलिस कर्मियों को, पांच अग्निशमन सेवा कर्मियों को, सात नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड सेवा को और चार सुधारात्मक सेवा पुरस्कार दिए गए हैं।

इसके अलावा जिन कर्मियों को 746 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) दिए गए, उनमें से 634 पुलिस सेवा,

 37 अग्निशमन सेवा, 

39 नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक सेवा तथा 

36 सुधारात्मक सेवा को दिए जाएंगे।

इन्हें मिलेगा सराहनीय सेवा पदक

आईजी ए. विजयालक्ष्मी।

डॉ. माईकेलराज एस.।

बिंद्रे मुंडरी।

अरविंद कुमार पालित।

वशिष्ठ कुंवर।

संजीव कुमार झा।

विजय कुमार।

मानती खलखो।

डॉ. एसपी नीरज कुमार।

किताबों का जादू या नींद का बुखार? पढ़ते ही क्यों घिर जाता है आलस!

पढ़ाई के समय नींद आना या आलस महसूस करना एक सामान्य अनुभव है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या यह किताबों का जादू है या हमारे शरीर की प्रतिक्रिया? आइए इस विषय को गहराई से समझते हैं।

1. मस्तिष्क की थकान

जब हम पढ़ते हैं, तो हमारा मस्तिष्क नई जानकारी को प्रोसेस करता है। यह प्रक्रिया ऊर्जा की खपत करती है, जिससे थकान महसूस हो सकती है। खासकर जब विषय उबाऊ या कठिन हो, तो मस्तिष्क जल्दी थक जाता है और हमें नींद आने लगती है।

2. शरीर की मुद्रा का प्रभाव

पढ़ाई के दौरान यदि आप झुककर या लेटकर पढ़ते हैं, तो यह स्थिति शरीर को आराम का संकेत देती है। आरामदायक मुद्रा में पढ़ने से मस्तिष्क को लगता है कि यह आराम का समय है, और धीरे-धीरे नींद आने लगती है।

3. आंखों की थकावट

लंबे समय तक किताबों या स्क्रीन पर देखने से आंखें थक जाती हैं। आंखों की मांसपेशियों को आराम की जरूरत होती है, और यह थकावट पूरे शरीर में आलस का कारण बनती है।

4. रक्त प्रवाह में कमी

पढ़ाई के दौरान यदि आप लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं, तो शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे ऊर्जा की कमी महसूस होती है, और नींद का अहसास होता है।

5. सामान्य नींद की कमी

यदि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है, तो पढ़ाई के समय मस्तिष्क आराम की तलाश में होता है। इस वजह से किताब खोलते ही आपको नींद आने लगती है।

6. सामग्री का प्रभाव

यदि पढ़ाई की सामग्री रूचिकर नहीं है, तो मस्तिष्क उसे जल्दी समझने में रुचि नहीं लेता। इसके परिणामस्वरूप आलस और नींद हावी हो जाती है।

उपाय: पढ़ते समय नींद और आलस से बचने के तरीके

1मोटिवेशनल सामग्री से शुरुआत करें:  

रुचिकर विषय पढ़ने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है।

2 ब्रेक लें:

हर 30-40 मिनट में 5-10 मिनट का ब्रेक लें।

3 अच्छी रोशनी का प्रयोग करें: मंद रोशनी से आंखें जल्दी थकती हैं।

4 शारीरिक मुद्रा बदलें:

 पढ़ाई के दौरान सीधा बैठें और हर थोड़ी देर में टहलें।

5 हाइड्रेटेड रहें: 

पानी पीने से शरीर ऊर्जावान रहता है।

6 गहरी सांस लें: 

ऑक्सीजन की कमी से आलस बढ़ता है, गहरी सांस लेने से मस्तिष्क सतर्क रहता है।

निष्कर्ष*

पढ़ाई के समय आलस या नींद आना कोई जादू नहीं, बल्कि हमारे शरीर और मस्तिष्क की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। सही आदतें अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं और पढ़ाई को प्रभावी बना सकते हैं। तो अगली बार जब किताबों के साथ बैठें, तो इन उपायों को अपनाएं और पढ़ाई का आनंद लें!

इस बार झारखंड के झोली मेंनही आया एक भी बीरता पदक,केवल सराहनीय सेवा पदक से ही करना पड़ेगा संतोष


झा.डेस्क

गणतंत्र दिवस पर उलेखनीय कार्य करने वाले पुलिस बल और सुरक्षा सेवा में लगे लोगों को राष्ट्रपति द्वारा पदक देकर सम्मानित किया जाता है। लेकिन इस बार पहली बार है जब 26 जनवरी पर राष्ट्रपति के हाथों झारखंड की झोली में न वीरता पदक आया है और न हीं विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक ही मिला है। इस बार केवल सराहनीय सेवा पदक ही मिला है। सराहनीय सेवा पदक के लिए राज्य के 12 पुलिस अधिकारियों-जवानों के नामों का चयन हुआ है।

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों यह पदक मिलेगा। उक्त पदक से 15 अगस्त या अगले वर्ष गणतंत्र दिवस पर मोरहाबादी मैदान में संबंधित अधिकारियों को अलंकृत किया जाएगा

इस बार वीरता के लिए पुलिस पदक भी देश में सिर्फ 78 अधिकारियों-जवानों को मिला है। इनमें छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ व एसएसबी के जवान अधिकारी शामिल हैं।

इन्हें मिलेगा सराहनीय सेवा पदक

डा. माइकल राज एस (आइजी, बोकारो), 

ए. विजयालक्ष्मी (आइजी प्रशिक्षण), 

नीरज कुमार (डीएसपी),

 मोहम्मद इकबाल (हवलदार),

 बिंद्रे मुंडरी (हवलदार), 

अरविंद कुमार पालित(एएसआइ), 

बशिष्ट कुंवर (एएसआइ), 

संजीव कुमार झा (एएसआइ),

 विजय कुमार (एएसआइ),

 मानती खलखो (सिपाही), 

प्रभा देवी (सिपाही) व अरुण कुमार (इंस्पेक्टर)।

मोहम्मद इकबाल (हवलदार)।

केंद्र की तरफ से 942 नामों की घोषणा

बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर वीरता और सेवा पदक के लिए पुलिस, अग्निशमन, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा (एचजी एंड सीडी) और सुधारात्मक सेवाओं के 942 कर्मियों के नामों की घोषणा की।

942 कर्मियों में से पांच को मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस से पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल, सीमा सुरक्षा बल से हेड कांस्टेबल गिरजेश कुमार उदय, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से कांस्टेबल सुनील कुमार पांडे, सशस्त्र सीमा बल से हेड कांस्टेबल रवि शर्मा और चयन ग्रेड फायरमैन शामिल हैं।

कुल 942 वीरता और सेवा पदकों में से 95 वीरता पदक हैं, 101 विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) हैं, और 746 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) हैं।

101 जवानों को विशिष्ट सेवा पदक

101 जवानों को विशिष्ट सेवा (पीएसएम) के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 85 पुलिस कर्मियों को, पांच अग्निशमन सेवा कर्मियों को, सात नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड सेवा को और चार सुधारात्मक सेवा पुरस्कार दिए गए हैं।

इसके अलावा जिन कर्मियों को 746 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) दिए गए, उनमें से 634 पुलिस सेवा,

 37 अग्निशमन सेवा, 

39 नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक सेवा तथा 

36 सुधारात्मक सेवा को दिए जाएंगे।

इन्हें मिलेगा सराहनीय सेवा पदक

आईजी ए. विजयालक्ष्मी।

डॉ. माईकेलराज एस.।

बिंद्रे मुंडरी।

अरविंद कुमार पालित।

वशिष्ठ कुंवर।

संजीव कुमार झा।

विजय कुमार।

मानती खलखो।

डॉ. एसपी नीरज कुमार।

हजारीबाग में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 76 वां गणतंत्र दिवस

हजारीबाग जिले में 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उपायुक्त नैन्सी सहाय ने अपने आवास पर झंडोत्तोलन कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इसके साथ ही उन्होंने, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार और उप विकास आयुक्त के साथ शहीद स्मारक पहुँचकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके सम्मान में पुष्प अर्पित किए।  

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार ने अपने आवास पर झंडोत्तोलन कर प्रमंडलवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्य कार्यक्रम कर्ज़न ग्राउंड में आयोजित हुआ, जहां प्रमंडलीय आयुक्त श्री पवन कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने झंडोत्तोलन कर सैन्य और अर्द्धसैन्य बलों की टुकड़ियों का निरीक्षण किया और उनकी शानदार परेड की सलामी ली।  

इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव कुमार, उपायुक्त नैन्सी सहाय, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार और अपर समाहर्ता संतोष कुमार ने भी झंडोत्तोलन कर गणतंत्र दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला।  

कर्ज़न ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए सैन्य एवं अर्द्धसैन्य बलों की टुकड़ियों ने भव्य परेड का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति रही, जो अपने देश के गौरव और संविधान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कर रहे थे।  

गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर सभी अधिकारियों ने शांति, एकता और विकास का संदेश दिया और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।