ब्रिटेन में कंगना की 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर बवाल, खालिस्तान समर्थकों ने सिनेमाघर में आकर रोकी फिल्म

#khalistaniscreateruckusinukagainstemergency_film

कंगना रनाउत की 'इमरजेंसी' को जहां पंजाब में बैन कर दिया गया है, वहीं इंग्लैंड में भी विरोध चल रहा है। ब्रिटेन में कंगना रनाउत की फिल्म "इमरजेंसी" के विरोध में खालिस्तानियों ने सिनेमा घरों में तांडव मचा दिया है। लंदन में कई जगह ‘इमरजेंसी’ दिखाई जा रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने फिल्म देख रहे दर्शकों को डराया और धमकी दी। मामले को लेकर विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ब्रिटेन के गृह सचिव से दखल देने की मांग की है।

बॉब ब्लैकमैन ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ (ब्रिटिश संसद के निचले सदन) को बताया कि “अत्यंत विवादास्पद” फिल्म के प्रदर्शन को वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी इसी प्रकार बाधित किया गया। इसके परिणामस्वरूप ‘व्यू और सिनेवर्ल्ड’ ने ब्रिटेन में अपने कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का निर्णय लिया है। व्यू और सिनेवर्ल्ड ब्रिटेन में कई सिनेमाघरों का संचालन करते हैं। ब्लैकमैन ने संसद को बताया, “रविवार को मेरे कई मतदाताओं ने हैरो व्यू सिनेमा में ‘इमरजेंसी’ फिल्म देखने के लिए टिकट लिये थे। फिल्म के प्रदर्शन के लगभग 30 या 40 मिनट बाद, नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादी घुस आए, दर्शकों को धमकाया और फिल्म को जबरन बंद करवा दिया।”

एसजीपीसी ने पंजाब में फिल्म के बैन के लिए सीएम को लिखा पत्र

वहीं, कंगना ने कहा कि उनका देश के प्रति प्यार उनकी इस फिल्म 'इमरजेंसी' से प्रदर्शित होता है। एक्ट्रेस ने वीडियो में कहा कि पंजाब के अलावा यूके और कनाडा में भी ऐसे ही हमले हुए हैं और यह आग कुछ छोटे-मोटे लोगों ने लगाई है। उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक लेटर लिखा। उन्होंने लेटर में 'इमरजेंसी' पर पंजाब में बैन लगाने की मांग की थी।

कंगना ने विरोध को "कला और कलाकार का उत्पीड़न" बताया

बता दें कि 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' को भारत के पंजाब में भी विरोध का सामना करना पड़ा था। देश में लागू इमरजेंसी (1975-77) पर बनी फिल्म में निर्देशन भी कंगना रनौत ने किया है। उन्होंने इस फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। पंजाब में फिल्म को लेकर हुए विरोध को लेकर कंगना रनौत का हाल ही में बयान सामने आया था। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर अभिनेत्री ने विरोध को "कला और कलाकार का उत्पीड़न" बताया था।

अभिनेत्री ने लिखा था, “यह कला और कलाकारों का उत्पीड़न है, पंजाब के कई शहरों से रिपोर्ट आ रही है कि ये लोग ‘इमरजेंसी’ को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं। मैं सभी धर्मों का बहुत सम्मान करती हूं और चंडीगढ़ में पढ़ने और पले-बढ़े होने के कारण मैंने सिख धर्म को बहुत करीब से देखा और उसका पालन किया है। यह पूरी तरह से झूठ है और मेरी छवि को खराब करने और मेरी फिल्म को नुकसान पहुंचाने के लिए दुष्प्रचार है।"

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिए…” फारूक अब्दुल्ला ने गाया माता का भजन

#farooqabdullahsurprisedeveryonesingingmatavaishnodevibhajan

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को मां शेरा वाली को समर्पित एक भजन गाकर श्रद्धालुओं को चौंका दिया। उन्होंने कटरा के आश्रम में 'तू ने मुझे बुलाया शेरावालिये' भजन गाया। अब्दुल्ला के भजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इससे पहले अप्रैल 2024 में भी रामधुन को लेकर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था।

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में माता वैष्णो देवी के धाम पहुंचे। लाल चुनरी ओढ़े हुए फारूक अब्दुल्ला मातारानी के लिए भजन गाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने भजन गायक के सुर में सुर मिलाकर ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन गुनगुनाया।’फारूक अब्दुल्ला 87 साल के हैं और उन्होंने सुरीली आवाज मे जब भजन गुनगुनाया तो आश्रम में मौजूद लोग बहुत खुश हो गए।

रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध को दिया समर्थन

इस मौके पर अब्दुल्ला ने रोपवे परियोजना के खिलाफ कटरा के लोगों के विरोध में अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर का संचालन करने वालों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे वहां रह रहे लोगों की हितों को नुकसान पहुंचे। ना ही ऐसा कोई फैसला लिया जाए, जिससे उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि शहर में अगर कोई नई परियोजना या निर्माण शुरू करना है तो सबसे पहले स्थानीय लोगों से जुड़े विषयों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कटरा शहर में रोपवे बनाने वाले बोर्ड की कड़ी निंदा की है। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों ने अपनी मांगों को लेकर मजबूती से आवाज उठाई।

हो रहा रोपवे का विरोध?

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नवंबर 2024 में गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर रोपवे बनाने का ऐलान किया था। बोर्ड का कहना है कि इस रास्ते पर वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। कई लोग इसमें सक्षम नहीं होते है और उन्हें पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ता है। श्रद्धालुओं की आसानी के लिए रोपवे बनाया जाएगा। इसमें 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके जरिए ताराकोट मार्ग को सांजी छत से जोड़ा जाएगा, जो मंदिर की ओर जाता है। हालांकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने वाले हजारों श्रमिकों की आजीविका बंद हो जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका, बर्थराइट सिटिजनशिप खत्म करने के ऑर्डर पर लगाई रोक

#donald_trump_gets_setback_as_us_court_halts_order_to_end_birthright_citizenship

अमेरिका में स्वतः जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर देश की एक संघीय अदालत ने रोक लगा दी है। अदालत के फैसले ने अमेरिका में रहने वाला हजारों आप्रवासियों को बड़ी राहत दी है। जज ने अपने फैसले में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश को 'साफ तौर पर असंवैधानिक' कहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पदभार ग्रहण करने के बाद पहले ही दिन एक कार्यकारी आदेश के जरिए स्वतः जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को खत्म कर दिया था।

सीऐटल में एक फेडरल जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसका मकसद जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना है। जज ने इस कदम को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक करार दिया है। अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कॉफनर ने गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। जज जॉन कफेनोर ने कहा कि यह आदेश संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई, जब एरिजोना, इलिनोइस, ओरेगन और वाशिंगटन सहित कई राज्यों ने ट्रंप के आदेश को चुनौती दी है। उनका तर्क है कि ट्रंप का जन्मसिद्ध नागरिकता वाला कार्यकारी आदेश गैरकानूनी है।

जस्टिस कॉफनर ने कहा, मैं 4 दशकों से बेंच पर हूं। मुझे कोई दूसरा मामला याद नहीं है जिसमें दिए गए सवाल इतना साफ हो। उन्होंने पूछा कि जब इस आदेश पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया था, तब वकील कहां थे। साथ ही कहा कि यह उनके दिमाग को चकित कर रहा था कि बार का एक सदस्य आदेश को संवैधानिक होने का दावा करेगा।

सिएटल में दायर चार राज्यों के मुकदमे के अनुसार, 2022 में, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाली माताओं से लगभग 255,000 बच्चों का जन्म हुआ। जबकि, 153,000 बच्चे ऐसे पैदा हुए, जिनके माता-पिता दोनों अवैध रूप से रह रहे थे। जिनकी नागरिकता पर बादल छाए हुए हैं।इस आदेश के तहत नागरिकता से वंचित किए गए बच्चों को नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ेगा।

अमेरिका के संविधान का 14वां संशोधन अमेरिकी धरती पर पैदा हुए सभी बच्चों को नागरिकता की गारंटी देता है। इसमें अप्रवासियों के बच्चों को भी नागरिकता का अधिकार मिलता है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पदभार ग्रहण करने के बाद पहले ही दिन एक कार्यकारी आदेश के जरिए स्वतः जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को खत्म कर दिया था।इसे 19 फरवरी से लागू किया जाना था।

ट्रंप की धमकी का रूस ने दिया जवाब, कहा- बयानों में कुछ भी नया नहीं

#russia_rejects_donald_trump_s_comments_says_nothing_new_in_his_statements

डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कभी भी मिलने को तैयार हैं। इतना कहते हुए ट्रंप ने टर्म एंड कंडीशन भी लगाई। उन्होंने कहा, अगर रूस, यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत के लिए आगे नहीं आता है तो उस पर प्रतिबंध भी लग सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पण पर रूस का जवाब आया है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव से जब पत्रकारों ने पुतिन की टिप्पणियों को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, हमें इसमें कुछ नया नहीं दिखाई देता है। ट्रंप की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में साफ हो गया है कि उन्हें प्रतिबंध लगाने पसंद हैं। पेसकोव ने जोर दिया कि रूस अमेरिका के साथ समान और परस्पर सम्मानपूर्ण बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि मास्को, ट्रंप प्रशासन के बयानों को बारीकी से देख रहा है।

इससे पहले ट्रंप ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह बहुत जल्द पुतिन से बात करेंगे और ऐसी संभावना है कि अगर रूस बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ तो वे उसपर अतिरिक्त प्रतिबंध लगा देंगे।

वहीं, बुधवार को अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, मैं रूस और राष्ट्रपति पुतिन पर बहुत बड़ा अहसान करने जा रहा हूं। अब समझौता करो, और इस बेतुके युद्ध को रोको। अगर हम जल्द ही कोई सौदा नहीं करते हैं, तो मेरे पास रूस से आने वाले सामान पर भारी आयात शुल्क लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा, आइये इस युद्ध को ख़त्म करें। अगर मैं राष्ट्रपति होता तो ये शुरू ही नहीं होता। हम इस युद्ध का अंत आसान या कठिन तरीके से कर सकते हैं। आसान तरीका हमेशा बेहतर होता है। अब समझौता करने का समय आ गया है।

बता दें कि पुतिन ने भी बार-बार कहा है कि वह जंग रोकने के लिए बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन यूक्रेन को अपनी ज़मीन का वो 20 फीसदी हिस्सा छोड़ना होगा जो अब रूसी कब्जे में है। इसके अलावा पुतिन ये भी नहीं चाहते कि यूक्रेन नेटो में शामिल हो। लेकिन यूक्रेन एक इंच जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। हालांकि राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ये कह चुके हैं कि उन्हें अपनी कुछ जमीन फ़िलहाल के लिए छोड़नी पड़ सकती है।

अजित डोभाल के बाद अब विदेश सचिव विक्रम मिस्री जा रहे चीन, क्या है प्लान?

#foreignsecretaryvikrammisrivisitbeijingknowwhaton_agenda

भारत और चीन के बीच रिश्तों में गर्मजोशी देखने को मिल रही है। भारत लगातार अपने पड़ोसी देश चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने की कवायद में जुटा है। इसी क्रम में विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस महीने के अंत में चीनी उप विदेश मंत्री के साथ बातचीत करने के लिए चीन का दौरा करेंगे। मिस्री की यात्रा वीजा, डॉयरेक्ट फ्लाइट फिर से शुरू करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विघटन में एक बड़ी सफलता के बाद आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी। ये यात्रा दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव कम करने के हालिया प्रयासों की अगली कड़ी है। मिस्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के दौरे के एक महीने बाद यहां जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, विदेश सचिव विक्रम मिस्री दो दिन के लिए चीन के दौरे पर जा रहे हैं। वहां अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात के साथ ही टॉप लीडरशिप के साथ भी बातचीत होने की संभावना है। विदेश विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, विदेश सचिव विक्रम मिस्री 26 और 27 जनवरी 2025 तक चीन में रहेंगे। भारत और चीन ने विदेश सचिव और वाइस मिनिस्‍टर की मुलाकात को लेकर एक प्रॉपर मेकेनिज्‍म तैयार किया है, ताकि दोनों देशों के संबंधों को लेकर लिए गए फैसलों पर अमल की समय-समय पर समीक्षा की जा सके और उसे प्रभावशाली तरीके से लागू किया जा सके।

सैन्य गश्त से संबंधित समझौता

दोनों देशों ने लद्दाख क्षेत्र में अपनी विवादित सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अक्टूबर 2024 में, दोनों देश एलएसी पर सैन्य गश्त से संबंधित एक समझौते पर सहमत हुए। भारत-चीन सीमा मुद्दे में एक बड़े घटनाक्रम में चीनी सैनिक लद्दाख के वाई जंक्शन और राकी नाला के देपसांग क्षेत्र से पीछे हट गए। 12 सितंबर को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में अजित डोभाल और वांग यी की मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि इसी मुलाकात के दौरान अक्टूबर में एलएसी पर हुए डिसइंगेजमेंट का फ्रेमवर्क तैयार किया गया था।

एनएसए डोभाल की चीन यात्रा

अजित डोभाल भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में भाग लेने के लिए 17 दिसंबर को चीन की यात्रा पर गए थे। चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर चर्चा के लिए पिछले साल दिसंबर में बीजिंग में मुलाकात की थी। उन्होंने विवादित सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से सहमत समाधान खोजने का वादा किया।

मोदी-शी के बीच हुई बात

2020 में गलवान घाटी में हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प से पहले दिसंबर 2019 में चीन और भारत के बीच बैठक हुई थी। उसके बाद यह सिलसिला विवाद के कारण रुक गया था। ऐसे में 2019 के बाद दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच डोभाल और वांग यी के बाद दूसरी उच्च स्तरीय वार्ता है। दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलने का सिलसिला अक्टूबर 2024 में कजान में मोदी-शी के बीच बातचीत से शुरू हुआ।

उद्धव गुट का बड़ा दांव, संजय राउत ने की बाला साहब को भारत रत्न देने की मांग

#balthackeraybirthanniversaryubtshivsenademandsbharat_ratna

शिवसेना के संसथापक बाला साहब ठाकरे की आज जयंती है। बाला साहब ठाकरे की 99वीं जयंती पर शिंदे गुट की शिवसेना (यूबीटी) ने बाल ठाकरे को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई। संजय राउत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को 26 जनवरी के मौके पर बाला साहब ठाकरे भारत रत्न देने का ऐलान करना चाहिए।

संजय राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने अपने पूरे जीवनकाल में सिर्फ दूसरों को आगे बढ़ाया। उन्होंने कभी भी वसूलों के साथ समझौता नहीं किया। ठाकरे को जब देशहित में जो फैसला लगा, वो किया। चाहे इंदिरा को समर्थन देने की बात हो चाहे बीजेपी को।राउत ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार ने कुछ ऐसे लोगों को भारत रत्न दिया है, जो इसके हकदार नहीं थे।

बाल ठाकरे के भारत रत्न से सावरकर को कैसे मिलेगा सम्मान?

बाल ठाकरे की जयंती के अवसर पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि बाल ठाकरे को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व के बीज इस देश में बोए। उन्होंने कहा कि ठाकरे की जन्म शताब्दी एक साल दूर है और इस शताब्दी से पहले उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अगर बाल ठाकरे को भारत रत्न मिलेगा, तो इससे वीर सावरकर को भी सम्मान मिलेगा।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

इधर, बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा है। पीएम ने अपने पोस्ट में लिखा- मैं बालासाहेब ठाकरे जी को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्हें जन कल्याण और महाराष्ट्र के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए व्यापक रूप से सम्मान दिया जाता है और याद किया जाता है। उन्होंने अपनी मूल मान्यताओं से कभी समझौता नहीं किया और हमेशा भारतीय संस्कृति के गौरव को बढ़ाने में अपना योगदान दिया।

L&T को तगड़ा झटका! 70 हजार करोड़ रुपये की सबमरीन डील के प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय ने किया खारिज

#defence_ministry_rejects_lt_70000_crore_proposal_submarine_deal 

डिफेंस मिनिस्ट्री ने इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को तगड़ा झटका दिया है। रक्षा मंत्रालय ने 70,000 करोड़ रुपये की पनडुब्बी डील के लिए भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। यह प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत भारतीय नौसेना के लिए छह आधुनिक पनडुब्बियों की खरीद से जुड़ा है। एलएंडटी ने स्पेन की कंपनी नावांटिया के साथ मिलकर अपना प्रस्ताव दिया था, जिसे नौसेना की आवश्यकताओं के अनुरूप न पाए जाने के कारण अस्वीकार कर दिया गया।

भारतीय नौसेना प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत छह ऐसी पनडुब्बियां खरीदना चाहती है जिनमें तीन सप्ताह तक पानी के नीचे रहने की क्षमता हो। एएनआई के मुताबिक रक्षा सूत्रों बताया कि एलएंडटी ने स्पेनिश कंपनी नावांटिया के साथ प्रस्ताव दिया था लेकिन यह नेवी की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं था। इस कारण इसे खारिज कर दिया है। यह कंपनी नेवी की रणनीतिक पनडुब्बी परियोजनाओं में शामिल रही है।

एलएंडटी और उसके पार्टनर ने स्पेन में अपनी महत्वपूर्ण एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन प्रणाली की कार्यप्रणाली को नौसेना की टीम के सामने प्रदर्शित किया था। लेकिन नेवी ने निविदा दस्तावेज में अपनी आवश्यकताओं के मुताबिक प्रणाली की मांग की। एलएंडटी की बोली खारिज होने के बाद अब सरकारी कंपनी मझगांव डॉकयार्ड और उसके जर्मन पार्टनर थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स दौड़ में बचे हैं।

बता दें कि मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड पहले से ही भारतीय नौसेना को छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां प्रदान कर चुका है, जिसमें आईएनएस वागशीर भी शामिल है। इसके अलावा, कंपनी को तीन और पनडुब्बियां बनाने का ऑर्डर मिला है, जो फ्रेंच नेवल ग्रुप के सहयोग से तैयार की जाएंगी। सरकार ने प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत इस प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने की योजना बनाई है।

अब सैफ पर हमले को लेकर बिगड़े नितेश राणे के बोल, कहा-सच में हमला हुआ या सिर्फ़ एक्टिंग की गई?

#niteshraneonsaifali_khan

अपने बयानों से आए दिन सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता नितेश राणे ने भी अब बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले को लेकर सवाल उठाया है। फडणवीस सरकार के मंत्री नितेश राणे ने सैफ अली खान के अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर आश्चर्य जताया और कहा कि क्या सच में हमला हुआ या सिर्फ़ एक्टिंग की गई? राणे ने सैफ अली खान के हमले के सहारे कई लोगों पर भी निशाना साधा। इससे पहले संजय निरुपम ने गंभीर हमले के बाद इतनी जल्दी सैफ की रिकवरी पर हैरानी जताई थी। बता दें कि कि सैफ को बीते मंगलवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अपने घर लौट आए।

'कचरा हटा देना चाहिए'

बीते दिन एक सभा को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा, 'देखिए मुंबई में बांग्लादेशी क्या कर रहे हैं। वे सैफ अली खान के घर में घुस गए। पहले वे सड़कों के चौराहे पर खड़े रहते थे, अब वे घरों में घुसने लगे हैं। शायद वे सैफ को ले जाने आए थे। यह अच्छा है, कचरा हटा देना चाहिए।'

राणे यहीं नहीं रूके, उन्होंने मामले की सत्यतता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सैफ अस्पताल से बाहर आए, तो मैंने तो देखा, उस पर संदेह हुआ। मुझे शक हुआ कि उन्हें चाकू मारा गया था या वह एक्टिंग कर रहे थे। वह चलते-चलते हंस-मुस्कुरा रहे थे। वे नाच रहे थे।

सुप्रिया सुले और जितेंद्र आव्हाड पर बोला हमला

बीजेपी नेता ने कहा कि जब भी शाहरुख खान या सैफ अली खान जैसे किसी खान को चोट लगती है, तो हर कोई इसके बारे में बात करना शुरू कर देता है। जब सुशांत सिंह राजपूत जैसे हिंदू अभिनेता को प्रताड़ित किया जाता है, तो कोई भी कुछ कहने के लिए आगे नहीं आता है। सुप्रिया सुले और जितेंद्र आव्हाड पर हमला बोलते हुए नितेश राणे ने कहा कि मुंब्रा के जीतुद्दीन (जितेंद्र आव्हाड) और बारामती की ताई (सुप्रिया सुले) कुछ कहने के लिए आगे नहीं आईं। उन्हें केवल सैफ अली खान, शाहरुख खान के बेटे और नवाब मलिक की चिंता है। क्या आपने कभी उन्हें किसी हिंदू कलाकार की चिंता करते देखा है? आप लोगों को इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए।

संजय निरुपम ने क्‍या कहा था

नितेश राणा से पहले शिवसेना नेता संजय निरुपम ने सैफ अली खान के बांद्रा स्थित आवास पर चाकू से किए गए हमले के बाद उनकी रिकवरी पर कहा कि 16 जनवरी को सैफ अली खान के साथ जो कुछ भी हुआ, वह बेहद चिंताजनक है. हम परिवार के साथ हैं. सैफ को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और बाहर वह ऐसे दिखे हैं जैसे वह शूटिंग करने के लिए फिट हैं. यह देखना आश्चर्यजनक है. डॉक्टरों ने कहा था कि चाकू उनकी पीठ में 2.5 इंच तक घुस गया था, जिसके लिए छह घंटे का ऑपरेशन करना पड़ा. चिकित्सकीय रूप से इतनी जल्दी ठीक होना कैसे संभव है? सैफ के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान जिस तरह से डॉक्टरों का बयान आया था. उसके बाद जिस तरह से सैफ अली खान की रिकवरी हुई, उससे कई सवाल पैदा हो रहा है

दुनिया फिर देखेगी ट्रंप-मोदी की दोस्ती, अगले महीने फ्रांस या अमेरिका में हो सकती है मुलाकात

#pm_modi_and_trump_likely_to_meet_in_february

अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हो सकती है। यह मुलाकात फरवरी के मध्य में हो सकती है। यह तभी संभव होगा अगर ट्रंप पेरिस में आयोजित एआई समिट में शामिल होते हैं। यह समिट फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा बुलाया गया है। अगर ट्रंप एआई समिट में नहीं आते हैं, तो मोदी फरवरी में वाशिंगटन डीसी जा सकते हैं। दरअसल, भारतीय और अमेरिकी राजनयिक फरवरी में वॉशिंगटन में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के के बीच एक बैठक आयोजित करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, यह तय नहीं है कि दोनों देशों के नेता फरवरी में मिलेंगे या नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने फ्रांस के दौरे पर जाएंगे। फ्रांस 11 और 12 फरवरी को एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पीएम 10-11 फरवरी को पेरिस में होने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में भाग लेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी के दौरे की पुष्टि की है। ट्रंप को भी इस समिट के लिए आमंत्रित किया गया है। अगर ट्रंप समिट में आते हैं तो दोनों नेता वहां मुलाकात कर सकते हैं।

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति इस साल के अंत में भारत आएंगे। भारत क्वाड समिट की मेजबानी करेगा। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के क्वाड समूह के नेता भारत द्वारा आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान फरवरी 2020 में भारत का दौरा किया था। तब उन्होंने मोदी के राजनीतिक गृहनगर अहमदाबाद के क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी। जहां उन्होंने भारत के साथ "एक अविश्वसनीय व्यापार समझौते" का वादा किया था।

ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने से नई दिल्ली में अधिकारियों के बीच भारत पर टैरिफ लगाए जाने को लेकर चिंता बढ़ गई है। ट्रंप ने भारत को उन देशों में से एक बताया है, जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाते हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि वह भी टैरिफ लगाने के पक्ष में हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत अमेरिकी निवेश आकर्षित करने के लिए अमेरिका को कुछ रियायतें देने के लिए भी तैयार है। इसके अलावा भारत अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों को बढ़ाने और अपने नागरिकों के लिए कुशल श्रमिक वीजा को आसान बनाने का भी इच्छुक है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान की सेना में साझेदारी! भारत के लिए कितना बड़ा खतरा?

#pakistanisichiefinbangladeshconcernfor_india

बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के बेदखल होने के बाद उसकी पाकिस्तान से करीबी बढ़ती ही जा रही है। भारत से दूर होने की पूरी कोशिश में लगे बांग्लादेश के अधिकारी चीन और पाकिस्तान के साथ अलग-अलग मुद्दों पर बैठक कर रहे हैं और यात्राओं का दौर जारी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते संबंधों के बीच पाकिस्तानी सेना की खुफिया विंग आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने बांग्लादेश का दौरा किया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के चीफ की यह दशकों पर पहली ढाका यात्रा थी, जिसने भारत की पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर नई सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है।

भारत और बांग्लादेश के बीच बीते करीब एक साल से संबंध पहले की तरह नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच के संबंध अभी भी हर बीतते दिन के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं। वहीं, शेख हसीना के पतन के बाद आ मोहम्मद युनूस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान से संबंध गहरा कर रही है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच न केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर बात हो रही है बल्कि दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने में भी लगे हैं।

बुधवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ जनरल आसिफ मलिक ढाका पहुंचे हैं। दुबई के रास्ते ढाका पहुंचे मलिक का स्वागत बांग्लादेश सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने किया, जिनके लिए माना जाते है कि उनके इस्लामवादियों और पाकिस्तान से कथित संबंध हैं।आईएसआई चीफ का दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब बीते सप्ताह ही बांग्लादेश का एक उच्च स्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की यात्रा करके लौटा है।

आईएसआई के इस दौरे से भारत की पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि इस यात्रा का मकसद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खुफिया जानकारी साझा करना है। जानकार इस यात्रा को भारत के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में भी देख रहे हैं।

बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों ने भी किया था पाकिस्तान का दौरा

इसके पहले बांग्लादेश के एक टॉप जनरल ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर से मुलाकात की थी। बांग्लादेश के सशस्त्र बल के प्रिंसिपल स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट जनरल कमरुल हसन कई वर्षों इस्लामाबाद की यात्रा करने वाले पहले शीर्ष बांग्लादेशी जनरल थे। हसन बांग्लादेश की सेना में दूसरे नंबर के अधिकारी भी हैं। उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में आगे बढ़ने का साफ संकेत देती है।

भारत की बढ़ सकती है टेंशन

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियों का असर भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध पर भी पड़ सकता है। जानकार बताते हैं कि 1971 के बाद ये पहली बार हो रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान इतने करीब आ रहे हैं। ऐसे में ये भारत के साथ बांग्लादेश के पुराने संबंध को नुकसान जरूर पहुंचाएगा। पाकिस्तान अपनी सीमा पर आए दिन आतंकवादियों को बढ़ावा देकर भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहा है। बांग्लादेश के साथ सैन्य करीबी के बाद भारत को बांग्लादेश बॉर्डर पर आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ सकता है।