अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी', आरजी कर केस में फैसले पर सीएम ममता नाराज

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले में आए फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की, लेकिन अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

सीएम ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था, हम शुरू से ही फांसी की मांग करते आए हैं, लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। अगर केस सीबीआई को नहीं सौंपा होता और हमारे हाथ में होता तो बहुत पहले ही फांसी की सजा हो गई होती। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने (सीबीआई) जानबूझकर मामला हमारे हाथ से छीन लिया और चले गए। मैंने पहले भी कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तब मामला सीबीआई को दे दीजिए, कोई समस्या नहीं। हम न्याय चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम इन दरिंदों के लिए कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संतुष्ट नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले दिन से ही मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं। मैं आज भी उस मांग पर कायम हूं। लेकिन मैं अदालत के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मैं अपने और टीम के लिए बोल सकती हूं। हमने तीन मामलों में 54 से 60 दिनों के भीतर फांसी देने का आदेश दिलाया है। यह एक गंभीर मामला है।

बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजी सुनाई है। अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

इसकी “आंखों” से 8000 किमी दूर भी दुश्मन नहीं बच पाएगा, भारत अपने दोस्त से खरीद रहा ऐसी रडार

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भारत के लिए वैश्विक सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रहीं हैं। इसे देखते हुए एयर डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाया जा रहा है। इसी क्रम में रूस से वोरोनिश रडार खरीदने जा रहा है। बहुत अधिक दूरी तक खतरों की पहचान करने की क्षमता के चलते यह समय रहते वायु सेना को हमले के बारे में सचेत कर देगा। इससे भारत की निगरानी क्षमता भी बढ़ेगी।

भारत ने वोरोनिश रडार सिस्टम को खरीदने के लिए रूस के साथ बातचीत को अंतिम रूप दे दिया है। भारत के वायु रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 4 अरब डॉलर के रक्षा सौदे पर रूस के साथ सहमति हो गई है।भारत कर्नाटक में चालकेरे के अंदर बने डीआरडीओ के कैंपस में रूस का महाशक्तिशाली रडार लगाने जा रहा है।यह रूसी रेडार कर्नाटक में लगाए जाने के बाद भी पूरे पाकिस्‍तान और चीन तक निगरानी करने में माहिर है। कर्नाटक से चीन के बीच दूरी 1800 किमी है लेकिन यह रेडार अपनी 8 हजार किमी तक सूंघने की ताकत की वजह से वहां तक निगरानी करने में सक्षम है। यह रूसी रेडार विभिन्‍न वेबबैंड पर काम करने में सक्षम है। इस वजह से यह विभिन्‍न भूमिका में काम करने में सक्षम है। यह रूसी रेडॉर एक के बाद एक सैकड़ों लक्ष्‍यों को ट्रैक करने में सक्षम है।

कैसे काम करता है वोरोनिश रडार?

वोरोनिश रडार रूस की लेटेस्ट तकनीक पर आधारित है। इसे अल्माज-एंटे कंपनी ने विकसित किया है, जो एस-400 मिसाइल प्रणाली के लिए भी जानी जाती है। वोरोनिश रडार की पहचान प्रणाली विशेष रूप से रडार तरंगों के माध्यम से काम करती है। इसकी तकनीक लंबी दूरी पर हवा और अंतरिक्ष में गतिविधियों का पता लगाती है। यह रडार अत्यधिक संवेदनशील है और 6,000 से 8,000 किलोमीटर तक के दायरे में हवाई खतरों को ट्रैक कर सकता है। इसकी मॉड्यूलर संरचना इसे किसी भी समय आंशिक रूप से चालू करने की अनुमति देती है, जिससे इसे जल्दी से कार्य में लाया जा सकता है

एक साथ 500 से अधिक उड़ने वाली चीजों की निगरानी

रूस के मुताबिक यह सिस्टम एक साथ 500 से अधिक उड़ने वाली चीजों की निगरानी कर सकता है और अंतरिक्ष में पृथ्वी के निकट की वस्तुओं को भी ट्रैक कर सकता है। इस एडवांस रडार से चीन, दक्षिण एशिया और हिंद महासागर सहित महत्वपूर्ण इलाकों पर अपनी निगरानी को बढ़ाकर भारत को रणनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है।

बेहद प्रगतिशील कानून, इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं”, यूसीसी के समर्थन में बोले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

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भारत में समान नागरिक संहिता सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का मुख्य एजेंडा रहा है। हालांकि केन्द्र की मोदी सरकार इसे अब तक लागू नहीं करा सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक रैली में अपने भाषण में यूसीसी का मुद्दा उठाकर इसे ताजा हवा दे दी थी। उन्होंने कहा था कि हमारे देश में अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकते हैं। वहीं, विभिन्न मुस्लिम संगठनोंने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन माना है। इस बीच भारत के पूर्व चीफ जस्टिस और वर्तमान राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की वकालत की है।

भारत के पू्र्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को 'बेहद प्रगतिशील कानून' बताया। उन्होंने यूसीसी को राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय के लिए जरूरी बताते हुए इसे लागू करने के लिए आम सहमति पर जोर दिया।

पूर्व सीजेआई सूरत में सूरत लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे थे। यूसीसी का समर्थन करते हुए गोगोई ने कहा कि यह कई पुरानी रीतियों को बदलेगा जो अब कानून बन गई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूसीसी संवैधानिक है इसका जिक्र अनुच्छेद 44 में है। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू होने पर सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, एक ही कानून होगा। यह शादी, तलाक, गोद लेना, विरासत और गुजारा भत्ता जैसे मामलों पर लागू होगा।

गोवा में यूसीसी का दिया उदाहरण

गोगोई ने कहा कि गोवा में यूसीसी शानदार तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम सहमति बनाने और गलत सूचनाओं को रोकने की जरूरत है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश के अनुसार यूसीसी का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी शाहबानो मामले से लेकर मुस्लिम महिलाओं के गुजारा भत्ता मांगने के अधिकार से संबंधित पांच मामलों में कहा कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश को एकजुट करने तथा सामाजिक न्याय को प्रभावित करने वाले नागरिक और व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले विभिन्न कानूनों के कारण लंबित मामलों से निपटने का एक तरीका है।

सरकार जल्दबाजी न करें, आम सहमति बनाएं

पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा, इस मामले में आम सहमति बनाने की जरूरत है और इसे लेकर फैलाई जा रही गलत खबरों की जांच भी करने की आवश्यता है। आज हमारे देश में अलग-अलग रीति-रिवाज हैं, परंपराएं हैं। इतनी विभन्नता से सामाजिक न्याय के मामलों पर असर होता है। कोई भी देश इतने ज्यादा कानून नहीं रख सकता। यूसीसी हमारे देश को एकजुट कर सकता है।

कोलकाता रेप-मर्डरःदोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा, सियालदह कोर्ट ने सुनाया फैसला

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कोलकाता रेप मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया। वहीं, कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वह मृतक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा दे। फैसला सुनाते वक्त अदालत ने कहा कि ये कोई मामूली अपराध नहीं है लेकिन उसन इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर नहीं कहा। बता दें कि कि महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में संजय रॉय को 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट ने दोषी करार दिया था। संजय रॉय को बीएनएस के सेक्शन 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी करार दिया गया था।

फैसला सुनाने से पहले दोषी को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान संजय रॉय ने अदालत से कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है, मैने कोई अपराध नहीं किया है। इस पर सीबीआई ने कहा कि यह जघन्य अपराध है। इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं। मामले में पीड़िता के माता-पिता ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद क्या बोला था संजय?

कोर्ट ने जब संजय रॉय को 18 जनवरी को दोषी करार दिया तो संजय रॉय ने कहा कि वह निर्दोष है। संजय रॉय ने कहा कि अगर उसने अपराध किया होता तो क्राइम सीन पर उसकी रुद्राक्ष की माला जरूर मिलती। पश्चिम बंगाल पुलिस में वॉलंटियर के रूप में काम करने वाले संजय रॉय ने कहा कि डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में उसे झूठा फंसाया गया है। जिस अस्पताल के सेमिनार हॉल में डॉक्टर की हत्या हुई थी, उसके पास घूमते हुए संजय रॉय सीसीटीवी कैमरे में नजर आया था। उसने शनिवार को दावा किया कि अपराध के असली दोषियों पर मुकदमा नहीं चलाया गया।

क्या है आरजी कर रेप और हत्या मामला?

31 साल की एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का 9 अगस्त, 2024 को अस्पताल के कॉन्फ़्रेंस रूम में शव मिला था। बाद में पता लगा कि पहले डॉक्टर का रेप हुआ था और फिर उसकी हत्या की गई थी। इस घटना के खिलाफ डॉक्टरों ने लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था।

12 नवंबर को बंद कमरे में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। कुल 50 गवाहों से पूछताछ की गई और 9 जनवरी को सुनवाई पूरी हुई। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय था। पुलिस ने 9 अगस्त को हुई घटना के फौरन बाद 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। पीड़ित के शरीर के पास पाए गए एक ब्लूटूथ ईयरफोन के कारण पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था क्योंकि संजय रॉय को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में गले में डिवाइस के साथ सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया था।

3 महिलाओं के बदले इजराइल ने छोड़े 90 फिलिस्तीनी, जानिए क्या है डील का गणित

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इजराइल और हमास के बीच जंग के 15 महीने बाद रविवार, 19 जनवरी को सीजफायर लागू हो गया है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक हमास ने 471 दिन बाद 3 इजराइली महिला बंधकों रिहा कर दिया। ये तीनों रेड क्रॉस संगठन की मदद से इजराइल पहुंच गई हैं। दूसरी तरफ इजराइल ने इनके बदले 90 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। इजराइल के रामल्लाह स्थित ओफर जेल से फिलिस्तीनी कैदी रिहा किए गए। इसमें फिलिस्तीन के प्रमुख संगठन की कार्यकर्ता, महिलाएं और बच्चे शामिल रहे।

फिलिस्तीनी की रिहाई के वक्त जेल के बाहर बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी जमा हुए। उन्होंने जेल से रिहा होने वाले फिलिस्तीनी का स्वागत किया। साथ ही उनको सफेद बसों से ले जाते वक्त आतिशबाजी की। इजराइल ने इन सभी को पत्थरबाजी और हत्या के प्रयास समेत सुरक्षा संबंधी अपराधों के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि फिलिस्तीनी कैदियों ने रिहाई में देरी के लिए इजराइल की आलोचना की।

हमास की तरफ से जिन बंधकों को रिहा किया गया उनके नाम रोमी गोनेन, एमिली दामारी और डोरोन स्टीनब्रेचर हैं। वहीं, इजराइल ने जिन फिलिस्तीनी को रिहा किया है, उसमें कई फिलिस्तीनी हस्तियां शामिल हैं। इसमें प्रमुख फिलिस्तीनी वामपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन की प्रमुख 62 वर्षीय खालिदा जर्रारा शामिल हैं। उनको दिसंबर 2023 में हिरासत में लिया गया था। इसके अलाव हमास अधिकारी सालेह अरोरी की बहन दलाल खासीब, नेता अहमद सआदत की पत्नी अबला अब्देल रसूल शामिल हैं।

सीजफायर डील 3 फेज में पूरी होगी। पहले फेज में हमास इजराइल से किडनैप किए गए 33 बंधकों को रिहा करेगा। साथ ही इजराइली सेना गाजा की सीमा से 700 मीटर पीछे लौटेगी। इजराइल में न्याय मंत्रालय ने भी 95 फिलिस्तीनी कैदियों की लिस्ट जारी की है, जिन्हें पहले फेज में रिहा किया जाएगा। इनमें 69 महिलाएं, 16 पुरुष और 10 नाबालिग शामिल हैं। इजराइल 700 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इनके नाम की लिस्ट भी जारी की गई है। इस लिस्ट में शामिल कई लोग हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं, जिनमें हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के सदस्य भी शामिल हैं।

हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में घुसकर 1200 लोगों को मार डाला था और 251 को बंधक बना लिया था। इसके कुछ घंटे बाद इजराइली सेना ने गाजा पर हमला बोल दिया था। जिसके बाद शुरू हुई जंग में हजारों जान चली गई। वहीं लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। इस संघर्ष के दौरान मिस्र, कतर, अमेरिका जैसे कई देशों ने दोनों देशों के बीच स्थिति समान्य करने का प्रयास किया। आखिरकार इस्राइल ने 15 जनवरी को युद्ध विराम समझौता और बंधको की रिहाई पर सहमति जताई। इससे पहले, नवंबर 2023 में एक सप्ताह के युद्ध विराम के दौरान भी 100 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया गया था।

मानहानि मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, निचली अदालत की कार्यवाही पर लगाई गई रोक

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में चल रहे मानहानि केस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। मुकदमा खत्म करने की मांग पर शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि 2018 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह को हत्यारा कहने वाले बयान को लेकर बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने यह केस दर्ज करवाया था।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने राहुल की अपील पर जवाब मांगते हुए झारखंड सरकार और भाजपा नेता को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अगले आदेश तक मुकदमे की आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी। राहुल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कई फैसले हैं, जो कहते हैं कि केवल पीड़ित व्यक्ति ही आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कर सकता है। मानहानि की शिकायत किसी प्रॉक्सी थर्ड पार्टी की ओर से दायर नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी पेश हुए।

2018 में कांग्रेस अधिवेशन में भाषण देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी इस तरह की पार्टी है कि उसके कार्यकर्ता हत्यारे को भी अध्यक्ष स्वीकार कर लेते हैं। इससे आहत हो कर रांची के बीजेपी कार्यकर्ता नवीन झा ने शहर की कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करवाया था। राहुल ने मुकदमा खत्म करने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन पिछले साल फरवरी में दिए आदेश में हाई कोर्ट ने केस को निरस्त करने से मना कर दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी की पैरवी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने की।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ने जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच से कहा कि शिकायतकर्ता मामले में सीधे प्रभावित नहीं है। ऐसे में यह केस नहीं चल सकता। जजों ने इस पर शिकायकर्ता नवीन झा से जवाब मांगते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी। तब तक निचली अदालत की कार्रवाई स्थगित रहेगी।

शपथ ग्रहण के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप की सबसे पहले भारत और चीन के दौरे की चर्चा, जानें क्यों है अहम*

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कुछ घंटों बाद डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र की कमान अपने हाथों में लेंगे। ये दूसरा मौका है जब वो सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। मगर उनकी शपथ से पहले ही दुनिया के कई देशों में हलचल मची हुई है। ट्रंप ने साफ संकेत दिए हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान विदेश नीति किस दिशा में जाएगा। कुछ देशों की हालत तो कभी खुशी, कभी गम वाली है। चुनाव जीतने के बाद से ही ट्रंप की जीत और अमेरिका से अलग-अलग देशों के रिश्तों पर दुनिया भर में विश्लेषण चल रहा है। इस बीच खबर आ रही है पदभार संभालने के बाद ट्रंप भारत और चीन का दौरा करेंगे।

नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बीजिंग के साथ संबंधों को सुधारने के लिए पदभार संभालने के बाद चीन की यात्रा पर जाना चाहते हैं, इसके अलावा उन्होंने भारत की संभावित यात्रा को लेकर भी सलाहकारों से बातचीत की है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी। लेकिन ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने अपनी खबर में बताया, 'ट्रंप ने सलाहकारों से कहा है कि वह पदभार संभालने के बाद चीन की यात्रा पर जाना चाहते हैं, ताकि प्रचार के दौरान चीन को दी गई अधिक शुल्क लगाने संबंधी चेतावनी के कारण शी जिनपिंग के साथ तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारा जा सके।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सलाहकारों से कहा है कि वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद चीन दौरे पर जाना चाहते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने अपने सलाहकारों से भारत के संभावित दौरे को लेकर भी चर्चा की है। बीते महीने क्रिसमस के मौके पर जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका गए थे, तब उनके दौरे पर भी ट्रंप के भारत के संभावित दौरे पर लेकर शुरुआती बातचीत हुई थी।

वहीं एक दिन पहले ही ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की। इस बातचीत को ट्रंप ने शानदार बताया और कहा कि दोनों के बीच व्यापार, फेंटानिल, टिकटॉक और अन्य मुद्दों पर अच्छी बातचीत हुई। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अब खबर है कि जिनपिंग की जगह उनके डिप्टी उपराष्ट्रपति हान झेंग, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं।

यूरोप, नाटो और पड़ोसियों कनाडा और मैक्सिको को छोड़कर भारत और चीन को तवज्‍जो देना एक बड़ा वैश्विक संदेश भी है। साफ है कि चीन और भारत से संबंधों के जरिए अमेरिकी व्‍यापार को गति मिल सकती है। ट्रंप बड़े बिजनेसमैन भी हैं लिहाजा वो बेहतर तरीके से जानते हैं कि व्‍यापार के बिना अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि ट्रंप की नज भारत चीन पर है।

सैफ अली खान पर हमले का बांग्लादेश कनेक्शन! जानें पूरा मामला

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बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी पकड़ा जा चुका है। सैफ अली खान पर हमले का बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है। मुंबई पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी दीक्षित गेडाम ने बताया कि आरोपी के बांग्लादेशी होने का शक है। आरोपी का नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है। शहजाद के अवैध घुसपैठिए होने का शक है। पहचान छिपाने के लिए उसने कई नाम बदले।

सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी शरीफुल का बर्थ सर्टिफिकेट सामने आया है, इसके मुताबिक वह बांग्लादेश के झालोकाठी का रहने वाला है। इसके साथ ये भी पता चला है कि आरोपी जल्द से जल्द बांग्लादेश भागने का प्लान बना चुका था। लेकिन, इससे पहले कि वह अपने प्लान को अंजाम दे पाता, वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया और बांग्लादेश भागने के उसके प्लान पर पानी फिर गया

पुलिस का दावा है कि आरोपी शरीफुल इस्लाम शहजाद ने बयान में बताया कि वो बांग्लादेश में कुश्ती का खिलाड़ी था और कम वेट कैटेगरी में मुकाबला करता था। वो जिला स्तर और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी भाग ले चुका था। कुश्ती में अनुभव होने के कारण ही सैफ अली खान के भारी शरीर के बावजूद उसने एक्टर पर हमला किया।

मुंबई पुलिस के मुताबिक आरोपी पांच छह महीने पहले मुंबई आया है। वो मुंबई में अपनी पहचान बदलकर रह रहा था। वह पहचान छिपाने के लिए विजय दास के नाम से रह रहा था। आरोपी के पास कोई भारतीय दस्तावेज नहीं है। वह अवैध तरीके से भारत में घुसा। वह पब में हाउसकीपिंग का काम करता था। फिलहाल उसके नाम का खुलासा हो गया है और जांच में पाया गया है कि आरोपी बांग्लादेश का रहने वाला है।

सैफ अली खान पर 16 जनवरी को सुबह 2:00 बजे उनके मुंबई के बांद्रा स्थित आवास पर हमला हुआ था, जिसमें अभिनेता बुरी तरह जख्मी हो गए थे। हमले के बाद अभिनेता सुबह 3:00 बजे खून से लथपथ हालत में लीलावती अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती किया गया। अभिनेता की हालत फिलहाल स्थिर है और 3 दिन की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिससे संबंधित अब अन्य जानकारियां सामने आई हैं।

इस बीच आरोपी के वकील ने दावा किया है कि बांग्लादेश से घुसपैठ की बात निराधार है। पीड़ित सेलिब्रिटी है, इस वजह से इस मामले को इतना तूल दिया जा रहा है। आरोपी के वकील संदीप शेरखाने ने आईएएनएस को बताया कि शहजाद को बांग्लादेश के नाम पर फंसाया गया। संदीप शेरखाने ने बताया, दलील पेश की गई है कि जो जांच की गई वह अधूरी है। शहजाद को नोटिस नहीं दी गई थी। हत्या के प्रयास का सैफ अली के बयान में जिक्र नहीं है और धमकी से संबंधित भी कुछ नहीं है। आरोपी की बांग्लादेशी नागरिकता को लेकर वकील ने कहा, यह गलत है। उसके पास कई साल से भारत में रहने के दस्तावेज हैं। पुलिस ने कहा कि शहजाद मात्र छह महीने से देश में रह रहा है जो गलत है। उसे फंसाया जा रहा है।

नहीं होने दूंगा तीसरा विश्व युद्ध”, शपथ से पहले डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान

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अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन विक्ट्री रैली को संबोधित किया। लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि मैं तीसरा विश्व विश्न युद्ध नहीं होने दूंगा। साथ ही अमेरिका को एक बार फिर से महान बनाऊंगा।

मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (एमएजीए) रैली में, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, देश का कार्यभार संभालने से पहले, आप ऐसी चीजें देख रहे हैं जिनकी किसी को उम्मीद नहीं थी। हर कोई इसे ‘ट्रंप इफेक्ट’ कह रहा है। यह आप हैं। यह आपका इफेक्ट हैं।

हम कल दोपहर को अपने देश को वापस ले लेंगे। अमेरिकी पतन के 4 वर्षों के लंबे समय पर पर्दा बंद हो जाएगा और हम अमेरिका के एक नए दिन की शुरुआत करेंगे। शक्ति और समृद्धि, गरिमा और गौरव। हम एक विफल, भ्रष्ट राजनीतिक प्रतिष्ठान के शासन को हमेशा के लिए समाप्त करने जा रहे हैं। हम अपने स्कूलों में देशभक्ति बहाल करने जा रहे हैं, अपनी सेना और सरकार से कट्टरपंथी वामपंथी और जागृत विचारधाराओं को बाहर निकालेंगे। हम अमेरिका को फिर से महान बनाने जा रहे हैं। यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक आंदोलन है और 75 दिन पहले, हमने अपने देश की अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत हासिल की है।

ट्रंप ने कहा कि हम जल्दी से अपने संप्रभु क्षेत्र और सीमाओं पर नियंत्रण फिर से स्थापित करेंगे। हम हर अवैध विदेशी गिरोह के सदस्य और प्रवासी अपराधी को अमेरिकी धरती से बाहर निकाल देंगे। इससे पहले, कोई भी खुली सीमाओं, जेलों, मानसिक संस्थानों, महिलाओं के खेल में पुरुषों के खेलने और ट्रांसजेंडर्स समेत सभी के बारे में सोच भी नहीं सकता था। बहुत जल्द हम अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा निर्वासन अभ्यास शुरू करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमने मध्य पूर्व में स्थायी शांति की दिशा में पहले कदम के रूप में एक ऐतिहासिक युद्धविराम समझौता हासिल किया है। यह समझौता नवंबर में हमारी ऐतिहासिक जीत के परिणामस्वरूप ही हो सकता था। बंधकों को रिहा किया गया है। यह (इजरायल-हमास संघर्ष) कभी नहीं होता अगर मैं राष्ट्रपति होता।

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह, कई देशों के नेता हो रहे शामिल

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डोनाल्ड ट्रंप आज संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। इस मौके पर कैपिटल परिसर में एक भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा। ट्रंप का उद्घाटन उसी यूएस कैपिटल में होगा, जहां नवंबर में उन्होंने जबर्दस्त राजनीतिक वापसी की थी। यह वही जगह है, जहां चार साल पहले उनके समर्थकों ने 2020 के चुनावी हार के बाद हमला किया था।

इंडोर में होगा शपथ ग्रहण समारोह

इस वक्त पूरी दुनिया में उनके शपथ समारोह की चर्चा हो रही है, क्योंकि अमेरिका के इतिहास में 40 साल के बाद पहली बार डोनाल्ड ट्रंप खुले आसमान में नहीं, बल्कि संसद हॉल के अंदर शपथ लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप भीषण ठंड पड़ने की वजह से खुले मैदान में शपथ न लेकर इंडोर में शपथ लेंगे। इस साल अमेरिका में सर्दी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं और तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। जिसके वजह से कार्यक्रम को इंडोर शिफ्ट कर दिया गया है।

शपथ लेने के बाद समर्थकों से मिलेंगे ट्रंप

इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ऐसा करने के पीछे वजह ये है कि वे लोगों को ठंड से बीमार पड़ते नहीं देखना चाहते हैं। उनके समर्थकों के लिए 20 हजार की क्षमता वाले कैपिटल एरिया में बड़े स्क्रीन लगाकर शपथ ग्रहण के लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था की गई है। शपथ के बाद वे यहां खुद समर्थकों के बीच आएंगे।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो रहे कई देशों के नेता

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के कई देशों के नेता आने वाले हैं। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी समेत कई देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। शी अपने प्रतिनिधि के रूप में अपने उपराष्ट्रपति को भेज रहे हैं।

एस जयशंकर करेंगे भारत सरकार का प्रतिनिधित्व

सोमवार को होने वाले डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। समारोह के लिए क्वाड देशों के सभी विदेश मंत्रियों को भी न्योता भेजा गया है। इस मौके पर क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें जयशंकर भी हिस्सा लेंगे।