इस बार बजट में बढ़ने वाला है इनकम टैक्स? जानें क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

#budget2025expectations

Image 2Image 4

बजट की तारीख नजदीक आ रही है। बजट के नाम के साथ ही सबसे पहले दिमाग में अगर कोई चीज आती है तो वो है इनकम टैक्स। हर बार बजट से लोगों की उम्मीदें जुड़ी होती है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर टैक्स से कुछ राहत देंगी, लेकिन ये आस बजट घोषणाओं के साथ ही टूट जाता है। इस बार भी बजट 2025 के ऐलान से पहले लोगों ने कई उम्मीदें लगा रखी है।

बजट ऐसे समय में पेश हो रहा है, जब केन्द्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी। इससे साफ हो गया है कि अगले साल से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और रिटायर कर्मचारियों की पेंशन में बड़ा इजाफा होने वाला है। फैसला आने के बाद से सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर भी है, लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि इस फैसले से सरकारी खजाने पर बढ़ने वाले बोझ को कम करने के लिए क्‍या बजट में नया बोझ डाला जा सकता है।

2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त बोझ कैसे सहेगी सरकार?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग के बाद सरकारी खजाने पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त बोझ आएगा, क्‍योंकि केंद्र सरकार के ही करीब 1.10 करोड़ कर्मचारी और पेंशनधारक इसके लाभार्थी होंगे। उनके अलावा राज्‍यों के भी करोड़ों कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का लाभ देना पड़ेगा। जाहिर है कि सैलरी और पेंशन में मोटा इजाफा होने के साथ ही सरकारी खजाने पर भी बंपर बोझ बढ़ेगा। वैसे ही सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसों की कमी है, जिसके लिए बाजार उधारी बढ़ती जा रही है। ऐसे में इस बोझ से निपटने के लिए सरकार को कुछ तो करना पड़ेगा।

क्या आम आदमी से करेगी सरकारी खजाने पर बढ़े बोझ की भरपाई?

बाजार विश्‍लेषकों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग के बाद सरकारी खजाने पर बढ़ने वाले बोझ की भरपाई के लिए आम आदमी को तैयार रहना होगा। बहुत संभावना है कि सरकार एक बार फिर टैक्‍स को लेकर कुछ नया फैसला कर सकती है।बाजार विश्‍लेषकों का मानना है कि इनकम टैक्‍स बढ़ाने से सरकार का काम नहीं चलने वाला।

बोझ की भरपाई कॉरपोरेट टैक्‍स से?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार पर अभी जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाने के लिए निजी खपत को बढ़ावा देना और मिडिल क्‍लास के हाथ में ज्‍यादा पैसे देने का दबाव है। लिहाजा आम आदमी पर बोझ डालने के बजाय राहत देने का फैसला हो सकता है। सरकार अपने बोझ की भरपाई कॉरपोरेट टैक्‍स से कर सकती है। दरअसल, पिछले दिनों मुख्‍य आर्थिक सलाहकार और उद्योग संगठनों ने भी यह मुद्दा उठाया था कि कॉरपोरेट टैक्‍स घटने के बाद कंपनियों का मुनाफा तो 4 गुना बढ़ गया है, लेकिन उन्‍होंने कर्मचारियों की सैलरी में 1 फीसदी से भी कम का इंक्रीमेंट किया है। ऐस में माना जा रहा है कि सरकार कंपनियों पर टैक्‍स का बोझ बढ़ा सकती है।

मध्य वर्ग की नाराजगी भांप रही सरकार

यही नहीं, पिछले दिनों एक दिलचस्प कदम के तहत केंद्र सरकार ने फैसला किया कि जीएसटी कलेक्शन का हर महीने का डेटा जारी नहीं किया जाएगा। यह भी तय किया गया कि बाकी टैक्स कलेक्शन से जुड़े डेटा को बड़े पैमाने पर प्रचारित नहीं किया जाएगा। दरअसल, सरकार को सूचना मिली कि हर महीने बढ़ते टैक्स का गलत संदेश जा रहा था और लोगों को लग रहा था कि सरकार सिर्फ टैक्स वसूल रही है। पिछले कुछ सालों से चाहे जीएसटी टैक्स कलेक्शन का मामला हो, या इनकम टैक्स कलेक्शन का, इसमें वृद्धि को सरकार ने अपनी बड़ी सफलता के रूप में पेश किया। लेकिन अब उसने इससे परहेज करने का फैसला किया है। खासकर मध्य वर्ग में इस बात को लेकर नाराजगी सामने आ रही है कि सरकार टैक्स कलेक्शन पर पूरा फोकस करती है, लेकिन उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिलता है।

हाल के समय में आई तमाम रिपोर्टों ने इस बात की ओर संकेत किया कि मध्य वर्ग की खर्च करने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है और महंगाई के मुकाबले उसकी कमाई बिल्कुल नहीं बढ़ी है। यही कारण है कि इस बार के बजट में इनकम टैक्स में बड़ी राहत देने की उम्मीद लगाई जा रही है।

बढ़ता ही जा रहा है युनूस का पाकिस्तान प्रेम, बांग्लादेश के टॉप जनरल का रावलपिंडी दौरा

#senior_bangladesh_general_visited_rawalpindi_and_met_pak_army_chief

Image 2Image 4

बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ रही है। बांग्लादेश और पाकिस्तान तेजी से एक-दूसरे के साथ रक्षा संबंधों में विस्तार कर रहे हैं। अब मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सेना के एक हाई रैंक के अधिकारी को पाकिस्तान के दौरे पर भेजा। बांग्लादेश के एक टॉप जनरल लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन ने रावलपिंडी में पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिफ मुनीर से मुलाकात की। यह दो पुराने दुश्मनों के बीच नए रिश्ते की शुरुआत है।

बांग्लादेश सशस्त्र बल डिविजन के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर (पीएसओ) लेफ्टिनेंट जनरल एस एम कमरुल हसन की इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान सेना की मीडिया मामलों की शाखा आईएसपीआर ने बयान जारी किया। बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ अपने संबंधों में लचीलापन लाने पर जोर दिया, साथ ही दोनों अधिकारियों ने रक्षा संबंधों पर भी चर्चा की।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ मुलाकात के दौरान बांग्लादेशी लेफ्टिनेंट जनरल कमरुल हसन ने पाकिस्तान सेना की तारीफ की, जो एक ऐसा कदम था जिसके कुछ समय पहले तक बांग्लादेश में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। बांग्लादेशी लेफ्टिनेंट ने उस पाकिस्तानी सेना की तारीफ भी की, जिसने मुक्ति संग्राम के समय लोगों पर कभी न भुला पाने वाले अत्याचार किए थे। यही वजह है कि पाकिस्तानी मीडिया भी बांग्लादेश सेना के सीनियर अधिकारी की इस यात्रा को 'दुर्लभ' बता रहा है।

आज भी बांग्लादेश के लोग पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों को भूले नहीं है। इसी पाकिस्तान की सेना के साथ 20वीं सदी के सबसे खूनी युद्धों में से एक के बाद बांग्लादेश ने 1971 में आजादी पाई थी। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बनने के बाद ढाका और इस्लामाबाद के बीच संबंध हमेशा तनाव भरे रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के समर्थन वाली मोहम्मद यूनुस की अंतिम सरकार इसे मिटाने के काम पर लग गई है।

भारत के साथ घनिष्ठ दोस्ती रखने वाली पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सरकार के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान-बांग्लादेश के रिश्तों ने नई करवट ली है। बीते साल, 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर भारत आ गईं थीं और तब से वह भारत में ही रह रहीं हैं। शेख हसीना की सत्ता गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के रिश्ते पाकिस्तान के साथ काफी मजबूत हुए हैं।

दिल्ली वालों के लिए बीजेपी ने खोला पिटारा, घोषणापत्र में कई बड़े ऐलान

#bjpjpnaddareleasemanifestosankalppatrapart1

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा यह संकल्प पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि मैनिफेस्टो अब संकल्पपत्र में तब्दील हो चुका है। संकल्प को पूरा करना हमारा कर्तव्य, ये सब 2014 के बाद हुआ है, ये बीजेपी का कमिटमेंट है।जो कहा था वो किया है जो नहीं कहा था वो भी किया है। ये बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड है। मोदी की गारंटी, पूरा होने की गारंटी।

Image 2Image 4

जन कल्याण की योजनाएं चल रही हैं, जारी रहेंगी

जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में जन कल्याण की चल रही वर्तमान योजनाएं उनकी सरकार बनने के बाद भी जारी रहेगी। योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उनमें सुधार किया जाएगा। उनको भ्रष्टाचार मुक्त भी किया जाएगा। भाजपा का संकल्प पत्र दिल्ली को आगे ले जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों को 3 हजार रुपये पेशन

जेपी नड्डा ने कहा कि 60 से 70 साल के लोगों की पेंशन में ₹500 की बढ़ोतरी की जाएगी और 70 साल से अधिक उम्र के लोगों और अन्य श्रेणी के लोगों को ढाई हजार के बजाय ₹3000 पेंशन दी जाएगी। अटल कैंटीन योजना लॉन्च की जाएगी इसके तहत झुग्गी झोपड़ी इलाके में 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोराना आपदा के दौरान दिल्ली की आप-दा सरकार ने पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली से बाहर करने का कार्य किया था। उन्होंने बसों में आनंद विहार बस अड्डे पर छोड़ दिया था।

महिलाओं का विशेष ख्याल

जेपी नड्डा ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता है। महिला सम्मान का जो वादा किया है, वो पूरा किया। समाज के हर वर्ग पर हमारा फोकस है। दिल्ली में महिला समृद्धि योजना के तहत प्रति महीने 2500 दिए जाएंगे।जेपी नड्डा ने कहा कि गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर में ₹500 की सब्सिडी दी जाएगी। होली और दिवाली पर एक सिलेंडर मुक्त दिया जाएगा। जेपी नड्डा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को ₹21000 दिए जाएंगे।

दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान भारत योजना

जेपी नड्डा ने कहा कि दिल्ली में बेहतर स्वास्थ्य से उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना को लागू किया जाएगा। योजना के तहत दिल्ली सरकार अलग से 5 लाख का बीमा करेगी जबकि 5 लाख का बीमा केंद्र सरकार देगी। 70 साल से अधिक आयु के लोगों को 10 लाख रुपए का बीमा दिया जाएगा।

मनु भाकर-डी गुकेश सहित 4 खिलाड़ियों को मिला खेल रत्न अवॉर्ड, 34 अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित*

#manubhakeranddgukeshamongfourreceivekhel_ratna

Image 2Image 4

पेरिस ओलंपिक में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज मनु भाकर और विश्व शतरंज चैंपियनशिप के विजेता भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सहित चार खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को अवॉर्ड दिया गया।

मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड जिसे खेल रत्न अवॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है भारत का सबसे बड़ा खेल अवॉर्ड है। यह अवॉर्ड इस बार चार खिलाड़ियों डी गुकेश, मनु भाकर, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार को दिया गया है। मनु ने पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। मनु ने सिंगल वुमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था। वहीं दूसरा मेडल मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था।

पेरिस ओलंपिक में हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में हॉकी टीम ने भी ब्रॉन्ज जीता था। जबकि पैरा-एथलीट प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। डी गुकेश हाल ही में शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन बने थे।

32 खिलाड़ियों को मिला अर्जुन अवॉर्ड

कुल 32 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इनमें ज्योति याराजी (एथलेटिक्स), स्वप्निल सुरेश कुसाले (शूटिंग), सरबजोत सिंह (शूटिंग), अभय सिंह (स्क्वैश), साजन प्रकाश (तैराकी), अमन (कुश्ती), संजय (हॉकी), जरमनप्रीत सिंह (हॉकी), सुखजीत सिंह (हॉकी), राकेश कुमार (पैरा तीरंदाजी), प्रीति पाल (पैरा एथलेटिक्स), जीवनजी दीप्ति (पैरा एथलेटिक्स), अजीत सिंह (पैरा एथलेटिक्स), सचिन सरजेराव खिलारी (पैरा एथलेटिक्स), धरमबीर (पैरा एथलेटिक्स),प्रणव सूरमा (पैरा एथलेटिक्स), एच होकाटो सेमा (पैरा एथलेटिक्स), सिमरन जी (पैरा एथलेटिक्स), अन्नू रानी (एथलेटिक्स), नीतू (मुक्केबाजी), स्वीटी (मुक्केबाजी), वंतिका अग्रवाल (शतरंज), सलीमा टेटे (हॉकी),अभिषेक (हॉकी), तुलसीमथी मुरुगेसन (पैरा बैडमिंटन), नित्या श्री सुमति सिवान (पैरा बैडमिंटन), मनीषा रामदास (पैरा बैडमिंटन), नवदीप (पैरा एथलेटिक्स), नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन), कपिल परमार (पैरा जूडो), मोना अग्रवाल (पैरा शूटिंग) और रुबीना फ्रांसिस (पैरा शूटिंग) शामिल हैं।

दिल्ली में फिलहाल लागू नहीं होगी आयुष्मान भारत योजना, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

#supreme_court_stays_delhi_high_court_order_to_implement_pm_ayushman_bharat_scheme_in_delhi

Image 2Image 4

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) योजना को लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था। जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र, एम्स और दिल्ली नगर निगम को नोटिस भी जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को 5 जनवरी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर दिल्ली सरकार की याचिका पर जवाब मांगा है। यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के 24 दिसंबर 2024 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अदालत को इस याचिका पर नोटिस जारी करना चाहिए क्योंकि आप सरकार को केंद्रीय सरकार के साथ ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जा रहा था।ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी।

बता दें कि कि दिल्ली में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना लागू नहीं है। साल 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटीलेटर्स की उपलब्धता पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही याचिका में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना को दिल्ली में भी लागू कराने की मांग की गई थी। ऐसे में उच्च न्यायालय ने योजना को पूरी तरह से लागू करने की बजाय केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच समझौता करने का आदेश दिया था।

आधी रात को अचानक एम्स पहुंचे राहुल गांधी, केंद्र और दिल्ली सरकार पर जमकर निकाली भड़ास

#rahul_gandhi_reached_delhi_aiims_late_night

Image 2Image 4

दिल्ली में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। हालांकि, देश की राजधानी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी गुरुवार देर रात अचानक दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स अस्पताल पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने एम्स के पास में सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर डेरा डाले मरीजों और उनके परिवार वालों से मुलाकात की है। इस दौरान राहुल गांधी ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों पर ही मरीजों के प्रति असंवेदनशीलता बरतने का आरोप लगाया है।

गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एम्स का दौरा किया जहां उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं को करीब से देखा। राहुल गांधी ने एम्स के बाहर फुटपाथों और सबवे पर बैठे लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मरीजों और उनके परिवार वालों से उनकी समस्याओं और परेशानियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने न केवल उनकी व्यथा सुनी बल्कि उनकी हालत पर गहरी चिंता भी व्यक्त की।

लोगों से मुलाकात के बाद गांधी ने ‘इंस्टाग्राम’ पर लिखा, 'बीमारी का बोझ, ठिठुराने वाली सर्दी और सरकारी असंवेदनशीलता। आज मैं एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवारों से मिला, जो दूर-दराज से इलाज की आस में आए हैं।' गांधी ने कहा, 'इलाज की राह में वे सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर सोने को मजबूर हैं-ठंडी जमीन, भूख, और असुविधाओं के बीच भी बस उम्मीद की एक लौ जलाए बैठे हैं। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों, जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।

कांग्रेस ने भी राहुल गांधी की तस्वीरें शेयर की हैं। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, 'नेता विपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवार से मुलाकात की। दूर-दराज से इलाज के लिए आए लोग यहां सड़कों, फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। मोदी सरकार और दिल्ली की सरकार ने इन्हें अपने हाल पर छोड़ रखा है। अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रखा है।

दूसरे पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा, इलाज के लिए महीनों का इंतजार, असुविधा और सरकार की असंवेदनशीलता- ये आज दिल्ली एम्स की सच्चाई है। हालात ये हैं कि अपनों की बीमारी का बोझ लिए दूर-दराज से आए लोग इस ठिठुरती सर्दी में फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। आज नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इलाज का इंतजार करते उन मरीजों से मुलाकात कर उनसे बात की और उनकी परेशानियां सुनीं।

ईसाई समाज को लेकर ऐसा क्या बोल गए मोहन भागवत, बिफर गए बिशप

#mohan_bhagwat_rss_tribal_conversion_ghar_wapsi

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। अब मोहन भागवत के धर्मांतरण और आदिवासी समुदायों से संबंधित एक बयान पर बवाल मच गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया है कि भारत के दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ‘घर वापसी’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए उनसे कहा था कि अगर संघ द्वारा धर्मांतरण पर काम नहीं किया गया होता तो आदिवासियों का एक वर्ग राष्ट्र-विरोधी हो गया होता। कैथोलिक बिशपों के एक निकाय ने भागवत के इस बयान की निंदा की है।

Image 2Image 4

कैथोलिक बिशपों की संस्था सीबीसीआई ने जारी एक बयान में उन खबरों का हवाला दिया, जिनमें कथित तौर पर कहा गया है कि भागवत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में दावा किया था कि मुखर्जी ने राष्ट्रपति रहते हुए 'घर वापसी' की सराहना की थी और उनसे कहा था कि यदि संघ ने धर्मांतरण पर काम नहीं किया होता तो आदिवासियों का एक वर्ग ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ हो गया होता। सीबीसीआई ने इन खबरों को चौंकाने वाला बताया। संस्था ने सवाल किया कि मुखर्जी के जीवित रहते भागवत ने इस बारे में कुछ क्यों नहीं बोला। सीबीसीआई कहा, हम 2.3 प्रतिशत ईसाई भारतीय नागरिक इस तरह के छलपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण प्रचार से बहुत आहत महसूस कर रहे हैं।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह बात इंदौर में राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार के वितरण समारोह में कही है। भागवत ने कहा, डॉ प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तब मैं पहली बार उनसे मिलने गया। संसद में घर वापसी को लेकर बहुत बड़ा हल्ला चल रहा थाय़ मैं तैयार हो कर गया कि वे बहुत कुछ पूछेंगे, बहुत बताना पड़ेगा। लेकिन उन्होंने कहा कि आप लोगों ने कुछ लोगों को वापस लाया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की.. ऐसा कैसे करते हो आप? ऐसा करने से हो-हल्ला होता है क्योंकि वो राजनीति है। मैं भी अगर आज कांग्रेस पार्टी में होता, राष्ट्रपति नहीं होता, तो मैं भी संसद में यही करता।

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, प्रणब मुखर्जी ने फिर कहा लेकिन आप लोगों ने ये जो काम किया है उसके कारण भारत के 30% आदिवासी… मैंने उनकी लाइन पकड़ ली और उनके बोलने के अंदाज से मुझे बहुत खुशी हुई। इस पर मैंने कहा ये लोग ईसाई बन जाते, तो वो बोले ईसाई नहीं, देशद्रोही बन जाते।

बता दें कि ‘घर वापसी’ शब्द का इस्तेमाल आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों मुसलमानों और ईसाइयों के हिंदू धर्म में लौटने के लिए करते हैं।संघ का मानना ये है कि सभी भारतीय मूल रूप से हिंदू हैं और इस प्रकार इस धर्मांतरण का अर्थ अनिवार्य रूप से ‘घर वापसी’ है।

एलन मस्क का सपना टूटा, स्पेस एक्स का स्टारशिप टेस्ट हुआ फेल, लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ब्लास्ट

#elon_musk_spacex_starship_destroyed_during_7th_test

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को बड़ा झटका लगा है। उनकी कंपनी स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट मिशन फेल हो गया है। स्पेसएक्स द्वारा टेक्सास से लॉन्च किया गया, हालांकि, स्टारशिप रॉकेट कुछ ही मिनटों बाद ब्लास्ट हो गया। जिसके बाद तरिक्षयान का मलबा हवा में फैल गया। एलन मस्क ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है और लिखा कि सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

Image 2Image 4

एलन मस्क की कंपनी ने कहा कि टेक्सास के बोका चिका से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही अंतरिक्ष यान के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए। उड़ान के केवल 8 1/2 मिनट बाद ही अंतरिक्षयान का संपर्क टूट गया। यह घटना तब हुई, जब रॉकेट के सुपर हैवी बूस्टर ने अंतरिक्षयान से अलग होना शुरू किया था। यह स्टारशिप रॉकेट की सातवीं परीक्षण उड़ान थी। स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल के कम्युनिकेशन मैनेजर का कहना है कि स्टारशिप से संचार टूटने की वजह ऊपरी चरण में हुई तकनीकी खामी थी और कुछ मिनट बाद ही अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो गया और उसका मलबा आकाश में बिखर गया।

वहीं, एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लॉन्च के बाद का वीडियो जारी करते हुए लिखा है, सफलता अनिश्चित है, लेकिन मनोरंजन की गारंटी है।

यह नया और उन्नत मॉडल, जो अपनी पहली उड़ान पर था, टेक्सास से मैक्सिको की खाड़ी के पार दुनिया के चारों ओर एक लूप में उड़ान भरने वाला था। स्पेसएक्स ने इसे 10 डमी सैटेलाइट्स के साथ पैक किया था ताकि उन्हें छोड़ने का अभ्यास किया जा सके।

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छात्रों को मेट्रो में छूट देने की मांग

#arvind_kejriwal_wrote_a_letter_to_pm_modi

Image 2Image 4

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने चुनाव अभियान तेज कर दिया है। इस बीच आम आदमी पार्टी जनता को अपने पाले में करने के लिए एक से एक दांव चल रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने छात्रों के पक्ष में मांग उठाई। दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी के जरिए मांग की है कि छात्रों को दिल्ली मेट्रो में 50% छूट हो।

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि दिल्ली मेट्रो में केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों का हिस्सा है। ऐसे में छात्रों को दिल्ली मेट्रो में 50 फीसदी छूट मिले। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को इस पर होने वाला खर्च वहन करना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार बस में स्टूडेंट्स के लिए फ्री बस यात्रा की योजना बना रही है।

छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने की मांग

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के स्कूल और कॉलेज के छात्रों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षिक करने लिए यह पत्र लिखा है। स्टूडेंट अपने स्कूल-कॉलेज आने-जाने के लिए बड़े पैमाने पर मेट्रो पर निर्भर हैं। वे छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए दिल्ली मेट्रो में उनके लिए 50 प्रतिशत की रियायतें देने का प्रस्ताव रखते हैं।

चुनाव से पहले केजरीवाल का बड़ा कदम

दिल्ली में जब विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल की छात्रों को मेट्रो किराए में छूट देने की मांग को बेहद अहम माना जा रहा है। दिल्ली में बड़ी संख्या में छात्र अपने कॉलेज जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, जिससे छात्रों को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ता। छात्रों को अगर मेट्रो किराए में छूट मिल जाएगी तो उन छात्रों को बहुत फायदा होगा, जो कि आर्थिक तंगी के चलते डीटीसी की खचाखच भरी बसों में सफर करने पर मजबूर होते हैं।

मुसलमानों पर दिए अपने बयान पर कायम हैं जस्टिस यादव, बोले-मैंने किसी न्यायिक सीमा का उल्लंघन नहीं किया

#justice_shekhar_yadav_respond_allahabad_high_court_his_remarks_muslims

Image 2Image 4

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पिछले दिनों प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में उन्होंने हिंदू और मुस्लिम धार्मिक कानूनों या मान्यताओं को लेकर बयान दिया था। इसके बाद वह विवादों के घेरे में आ गएय़ उनको सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के सामने पेश भी होना पड़ा था। हालांकि, अपने बयान पर कायम हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से तलब किए जाने के एक महीने बाद, जस्टिस यादव ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं, और उनके अनुसार यह न्यायिक आचरण के किसी भी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करती है।

सीजेआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भांसाली से लेटेस्ट अपडेट मांगी थी। इसके बाद जस्टिस भांसाली ने जस्टिस कुमार से कॉलेजियम के बाद उनके जवाब मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने लेटर लिख कर जवाब दिया। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर बताया कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं, जो उनके अनुसार न्यायिक आचरण के किसी भी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करती है।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण भंसाली ने भी 17 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाले कॉलेजियम के साथ जस्टिस यादव की बैठक के बाद उनसे जवाब तलब किया था। इस महीने की शुरुआत में, अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से बताया गया कि सीजेआई ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भंसाली को पत्र लिखकर इस मसले पर नई रिपोर्ट मांगी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक जवाब मांगने वाले उक्त पत्र में लॉ के एक छात्र और एक आईपीएस अधिकारी की ओर से उनके भाषण के खिलाफ दायर की गई शिकायत का जिक्र किया गया था, जिसे सरकार ने अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार, जस्टिस यादव ने अपने जवाब में दावा किया कि उनके भाषण को निहित स्वार्थ वाले लोगों की ओर से तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, और न्यायपालिका से जुड़े लोग जो सार्वजनिक रूप से खुद का बचाव करने में असमर्थ हैं, उन्हें न्यायिक बिरादरी के सीनियर लोगों द्वारा सुरक्षा दिए जाने की जरुरत है।

क्या बोले थे यादव

जस्टिस यादव ने कहा, आपको यह गलतफहमी है कि अगर कोई कानून (यूसीसी) लाया जाता है, तो यह आपके शरीयत, आपके इस्लाम और आपके कुरान के खिलाफ होगा, लेकिन मैं एक और बात कहना चाहता हूं। चाहे वह आपका पर्सनल लॉ हो, हमारा हिंदू कानून हो, आपका कुरान हो या फिर हमारी गीता हो, जैसा कि मैंने कहा कि हमने अपनी प्रथाओं में बुराइयों (बुराइयों) को संबोधित किया है, कमियां थीं, दुरुस्त कर लिए हैं, छुआछूत, सती, जौहर, कन्या भ्रूण हत्या, हमने उन सभी मुद्दों को संबोधित किया है, फिर आप इस कानून को खत्म क्यों नहीं कर रहे हैं, कि जब आपकी पहली पत्नी मौजूद है, तो आप तीन पत्नियां रख सकते हैं, उसकी सहमति के बिना, यह स्वीकार्य नहीं है।