*अब बिना हेलमेट बाइक सवारों को नहीं मिलेगा पेट्रोल - आयुक्त*
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए देवीपाटन मण्डल में नो हेलमेट, नो फ्यूल की पहल शुरू की जाएगी। इसके तहत मंडल में हेलमेट न पहनने वाले दो पहिया वाहनों को पेट्रोल टंकी पर पेट्रोल नहीं मिलेगा ।
इस सम्बन्ध में मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील ने गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती जिलों के डीएम, आरटीओ प्रवर्तन और डीएसओ को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को पूरी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए हेलमेट न होने की वजह से सड़क दुर्घटना में कई बाइक स्वरों की जान तक चली जाती है। हेलमेट लगा होने से दुर्घटना में बाइक सवार यात्रियों की जान का खतरा काफी कम हो जाता है इसीलिए इस अभियान को चलाया गया है अब लोग घर से हेलमेट लगाकर ही सड़क पर निकलेंगे यदि वह हेलमेट बिना लगाएं यात्रा करते हैं तो उन्हें पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं मिलेगा।
नोएडा मॉडल से प्रभावित है यह पहल
1 जून 2019 से नोएडा में यह रणनीति लागू की गई थी जिसके तहत पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहना दो पहिया चालको और उनके सह यात्रियों के ईंधन देना प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस पहल से सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी देखी गई इससे प्रभावित होकर ही अब यह पहल प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जाएगी।
हेलमेट पहनने का है कानूनी प्रावधान
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा-129 के तहत प्रत्येक व्यक्ति जो मोटरसाइकिल स्कूटर या मोपेड चलता है या सवारी करता है उसको मानक हेलमेट पहनना अनिवार्य है। यह नियम 4 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों पर भी लागू होता है। इस नियम में केवल सिख धर्म के अनुयायियों को जो पगड़ी पहनते हैं, छूट दी गई है। इस नियम के उल्लंघन की स्थिति में मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177 के तहत दंड व जुर्माने का प्रावधान है।
ब्लैक स्पॉट पर दिया जाये विशेष ध्यान
मण्डलायुक्त ने समस्त जिलों के सम्बन्धित अधिकारियों का निर्देश दिये है कि दुर्घटना प्रबल क्षेत्र के ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उनके सुधार हेतु तुरंत कदम उठाए जाए। बेहतर साइन बोर्ड, सड़क प्रकाश व्यवस्था और यातायात पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की जाये। सभी जिलों में सड़क सुरक्षा समिति की मासिक बैठक कर इस रणनीतिक कार्यवाही की प्रगति की समीक्षा की जाए जरूरत के अनुसार रणनीतियों में सुधार व संशोधन किया जाए
इस पहल को बनाया जाए एक जन आंदोलन - आयुक्त
मंडलायुक्त ने कहा कि एनजीओ, स्वयंसेवी संगठन और मीडिया के सहयोग से सड़क सुरक्षा को एक जन आंदोलन के रूप में प्रचारित किया जाए। क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों को इस अभियान में शामिल किया जाए। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग हेलमेट न पहनने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत नियमानुसार जुर्माना लगाए। पेट्रोल पंप मालिकों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें इस रणनीति के महत्व और क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया जाए। सीसीटीवी निगरानी और ईंधन वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम इस रणनीति को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शहरी क्षेत्र में लागू किया जाए जहां दो पहिया वाहनों की संख्या व दुर्घटना की संभावना अधिक है। इस पहल के प्रभाव का मूल्यांकन करने के बाद इसे ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तारित किया जाए।
Jan 09 2025, 19:33