गौतम गंभीर पर बीसीसीआई की नजर: ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज हारने के बाद हो सकती है पूछताछ

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर BCCI की रडार पर हैं. ऐसी खबर है कि BCCI अगली SGM मीटिंग में उनसे सवाल कर सकती है. BCCI की SGM 12 जनवरी को होनी है, जिसमें गंभीर से हार की वजहों के बारे में पूछा जा सकता है. भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था. भारत ने पर्थ में खेला पहला टेस्ट जीता था. उसके बाद अगले चारों टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा देखने को मिला था.

BCCI SGM का एजेंडा

BCCI की स्पेशल जनरल मीटिंग 12 जनवरी को मुंबई में होनी है. SGM की मीटिंग का मुख्य एजेंडा सेक्रेटरी और ट्रेजरार के लिए इलेक्शन कराने से जुड़ा है. जय शाह की जगह फिलहाल सितंबर 2025 तक के लिए देवजीत साइकिया को सेक्रेटरी बनाया गया है. वहीं दो कार्यकाल के बाद अरूण धूमल भी ट्रेजरार के पोस्ट से अब हटना चाहते हैं.

BCCI SGM में गौतम गंभीर से हो सकते हैं सवाल

12 जनवरी को होने वाली BCCI SGM में अभी तक तो मुख्य एजेंडा अधिकारियों का चुनाव ही था. लेकिन टेलीग्राफ इंडिया के मुताबिक ऐसी संभावना है कि टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर से ऑस्ट्रेलिया में हार की वजहों पर सवाल किए जा सकते हैं. टीम इंडिया ने 10 साल के दबदबे के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि ये भी डिस्कशन का एक मुद्दा रह सकता है.

गौतम गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया

गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद से टीम इंडिया का T20 फॉर्मेट में तो दबदबा दिखा है. लेकिन लंबे फॉर्मेट में उसका बुरा हाल रहा है. फिर चाहे श्रीलंका में वनडे सीरीज हारना रहा हो या फिर अब ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवा देना. इस बीच न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ भी गंभीर की कोचिंग में ही हुआ. टेस्ट में मिली इन हारों का नतीजा है कि टीम इंडिया लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने से भी चूक गई. इतना ही नही टेस्ट रैंकिंग में भारतीय टीम की बादशाहत को भी झटका लगा. जहां टीम इंडिया अब नंबर 3 पर आ चुकी है.

महाकुंभ में जाने के लिए मिल रहा फ्री में टिकट, बस आपको करना होगा ये काम

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लग रहे महाकुंभ को लेकर अब यूपी रोडवेज ने अपनी तैयारी चौकस कर ली है. राज्य के लगभग सभी डिपो से महाकुंभ जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है. इसी के साथ प्रावधान किया गया है कि किसी भी गांव या मुहल्ले से यदि 50 लोग एक साथ कुंभ जाने का प्लान कर रहे हैं तो उनमें दो लोगों की यात्रा मुफ्त होगी. इसी के साथ इन 50 यात्रियों में किसी एक को मुखिया बनाया जाएगा और मुखिया के ही निर्देश पर बस यात्रियों को मुहल्ले या गांव से पिक करेगी और से कुंभ में निर्धारित स्थान पर ड्रॉप करेगी.

वापसी के समय मुखिया के कहने पर रोडवेज भरसक उसी बस में या फिर आवश्यकता के मुताबिक दूसरी बस से घर पहुंचाने की भी व्यवस्था करेगा. यूपी रोडवेज के अधिकारियों के मुताबिक मेला क्षेत्र में परिवहन विभाग के अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है. इसके लिए झूंसी के सरस्वती गेट पर परिवहन विभाग का कार्यालय बनाया गया है. यहां से यूपी रोडवेज से संबंधित सभी तरह की जानकारी यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी. समूचे राज्य या किसी अन्य प्रदेश से आने वाली बसें भी यहीं रुकेंगी और यहीं से यात्रियों को वापसी की भी सुविधा होगी.

ड्राइवर का होगा ब्रेथ एनलाइजर

रोडवेज ने महाकुंभ के लिए चलने वाली बसों में सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए हैं. खासतौर पर कोशिश की गई है कि किसी भी बस में ड्राइवर शराबी ना हो. वाराणसी मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक परशुराम पाण्डेय के मुताबिक कुम्भ को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए इस बार ब्रेथ एनेलाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा. गाड़ी के चलने से पहले ड्राइवर का ब्रेथ एनलाइजर कराया जाएगा. बीच रास्ते में भी जगह जगह पर ड्राइवर को इस जांच से गुजरना होगा. उन्होंने बताया कि बसों में म्यूजिक प्लेयर लगाए गए हैं. इसमें धार्मिक संगीत बजाया जाएगा.

बनारस से चलेंगी 721 बसें

बनारस मंडल से महाकुंभ के लिए 721 बसों का संचालन किया जाएगा. इसमें से कुल 320 बसें अलग अलग रूटों पर कुम्भ में चलेंगी. इन बसों का संचालन बनारस, जौनपुर, सोनभद्र, भदोही, चंदौली और गाज़ीपुर जिले के डिपो के अलावा अन्य कस्बों से चलाई जाएंगी. अधिकारियों के मुताबिक अकेले बनारस से ही 60 नई बसें शटल करेंगी. इन बसों को प्रयागराज में शाही और महत्वपूर्ण स्नान से एक दिन पहले से लेकर स्नान के अगले दिन तक चलाया जाएगा. ये सभी बसें बीएस 6 मॉडल की हैं और एंवायरमेंटल फ्रेंडली भी हैं.

महाकुंभ के लिए बसों का रूट

इन बसों से भी मिलेगी महाकुंभ में सेवा

401 बसें मुरादाबाद, आगरा और इटावा से वाराणसी मंडल में आएंगी और भदोही -बनारस -गाज़ीपुर -सोनभद्र और जौनपुर से चलेंगी. इनमें भदोही से 28 बसें, बनारस से 50 बसें, गाज़ीपुर से 60 बसें, सोनभद्र से 60 बसें, ठेकमा से 60 बसें कोटा -मिर्ज़ापुर से 75 बसें चलाई जाएंगी. इसी प्रकार 50 गाड़ियों को रिज़र्व में रखा जाएगा और आवश्यकता के मुताबिक इमरजेंसी में इनका इस्तेमाल होगा. रोडवेज ने कहा है कि इतनी सुविधाओं के बावजूद किराए में बढोत्तरी नहीं होगी. अधिकारियों के मुताबिक वाराणसी कैंट बस स्टेशन परिसर में महाकुंभ की जानकारी के लिए हेल्प डेस्क बनाया गया है. इसके अलावा यात्री मोबाइल नंबर 8726005897 पर फोन करके भी महाकुंभ से संबंधित जानकारी ले सकते हैं.

क्या आकाश से गिरा उल्कापिंड? जेब में रखा टुकड़ा, लग गई आग; झुलस गया युवक

बिहार के कटिहार में आसमान से गिरे आग के गोले ने सबको हैरान कर दिया है. जिले के मनिहारी नगर पंचायत के वार्ड 10 में एक बड़ा सा पत्थर गिरा गिरा. गिरने के बाद ये पत्थर कई भागों में टूट कर बिखर गया. टूटने के बाद पत्थरों में आग लग गई. कुछ टुकड़े अभी भी सुरक्षित हैं. आग लगने की इस घटना को देखने वाला हर शख्स हैरान था. गांव के लोगों में ऐसी चर्चा रही कि उल्कापिंड गिरा है. घटना के करीब मौजूद एक युवक ने सुनहरे रंग के दिखने वाले इस पत्थर के एक टुकड़े को उठाकर अपने पैकेट में रख लिया. कुछ देर तो वो ठीक रहा फिर युवक के जेब में ही जल उठा. इससे युवक झुलस गया. युवक को मनिहारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.

बताया जा रहा है कि वार्ड 10 के ग्रामीणों ने देखा कि आकाश से तेज रोशनी के साथ कुछ गिरा. लोगों ने कुछ देर तक इसे पटाखा समझा और नजरअंदाज किया. स्थानिय निवासी वासुदेव सिंह के घर की छत पर गिरने के बाद सभी लोग बाहर निकल आए. उन्होंने देखा कि जमीन पर गिरा गोलाकार पत्थर जैसा कुछ जल रहा है. वहीं, कुछ से धुआं उठा रहा है. ग्रामीणों के जुटने पर उत्सुकतावश पत्थर पर पानी डालकर उसे बुझाया गया.

सुनहरे रंग का था पत्थर

इसके बाद पत्थर देखने में सुनहरे रंग का था. पत्थर ठंडा होने के बाद गोलू कुमार नाम का एक युवक पत्थर को अपने जीन्स के पॉकेट में रख लिया. इससे पहले कि वो घर पहुंचता, रास्ते में ही उसके जेब में रखे पत्थर में आग लग गई. वो फिर जल उठा. जलता हुआ पत्थर निकालने के क्रम में युवक का जांघ, पेट और हाथ झुलस गया.

पत्थर को लेकर दहशत में ग्रामीण

झुलसने के बाद उसे इलाज के लिए मनिहारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. पत्थर को लेकर ग्रामीण डरे सहमे हैं. पत्थर को एकत्रित करके उसे रखकर पुलिस को सूचना दे दी गई है. जानकार इसे उल्कापिंड का टुकड़ा बता रहे हैं. यानी ये एक खगोलीय घटना हो सकती है. सूचना के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. अब ग्रामीण इस पत्थर को किसी खगोलशास्त्र के जानकार को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं.

बीड हत्याकांड: संजय राउत ने अजित पवार पर साधा निशाना, कहा- एक्सीडेंटल नेता हैं

महाराष्ट्र के बीड में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड पर प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है. विपक्ष लगातार इस मामले में मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहा है. विपक्ष ने राज्यपाल से शिकायत कर मुंडे के इस्तीफे की मांग की है. यहां तक कि बीजेपी विधायक सुरेश धस ने भी धनंजय मुंडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बीच धनंजय मुंडे ने कल डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात की. लेकिन अजित पवार का साफ कहना है कि जब तक संतोष देशमुख हत्याकांड में धनंजय मुंडे के खिलाफ सबूत नहीं मिलेंगे, तब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. अब इस मुद्दे पर शिवसेना ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने अजित पवार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने अजित पवार को एक्सीडेंटल नेता बता दिया है.

संजय राउत ने तंज कसा कि अजित पवार बहुत ही कमजोर हैं, वह नेता नहीं लगते. राउत ने आरोप लगाया कि अजित पवार की पार्टी को जो सीटें मिली हैं वो बीजेपी की ईवीएम की कृपा से मिलीं. उनकी अपनी योग्यता के आधार पर नहीं. अगर वह महाराष्ट्र के नेता होते तो बीड मामले में मंत्री को अपने मंत्रिमंडल से हटा देते. आखिर अब उन्हें और क्या सबूत चाहिए.

बीड में माफिया राज का तमाशा

संजय राउत ने निशाना साधा कि जब उनकी सरकार ने हमें बिना किसी सबूत के जेल में डाल दिया तब तो अजित पवार ने कुछ नहीं कहा. अब वे किस तरह के सबूत मांग रहे हैं? बीड में आरोपियों, पुलिस, नेताओं की मुलाकात की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, वहां लोगों को धोखा देने का खेल चल रहा है. बीड में संतोष देशमुख मामले और माफिया जांच का तमाशा चल रहा है.

पूरे राज्य में फैल जाएगा माफिया राज

संजय राउत ने आरोप लगाया कि प्रदेश में भाजपा अपने माफिया सहयोगियों को मैनेज करने की कोशिश कर रही है, इससे तो पूरा महाराष्ट्र माफिया की चपेट में आ जाएगा. राउत ने यह भी चेतावनी दी कि अगर बीड पैटर्न महाराष्ट्र में लागू किया गया तो यह पैटर्न हर राज्य में लागू किया जाएगा और यह राज्य आपके हाथ से निकल जाएगा.

असम के दीमा हासाओ जिले में बड़ा हादसा: खदान में पानी भरने से 3 मजदूरों की मौत, 10 अभी भी फंसे; रेस्क्यू जारी

असम के दीमा हासाओ जिले के उमरांग्स कोयला खदान में पानी भरने से बड़ा हादसा हो गया. जानकारी के मुताबिक खदान में पानी भरने से करीब 27 मजदूर फंस गए थे. वहीं इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया. वहीं खदान में फंसे तीन मजदूरों की मौत हो गई है. वहीं घटनास्थल पर सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं.

खादान से निकाल गए मजदूरों के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. तीन मजदूरों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं खदान में फंसे मजदूरों को निकाले जाने का काम जारी है. श्रमिकों की पहचान नेपाल के गंगा बहादुर श्रेष्ठ, दरांग के हुसैन अली, जाकिर हुसैन और मुस्तफा अली, कोकराझार के सरपा बर्मन और खुची मोहन रॉय, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के संजीत सरकार, दिमा हसाओ और सोनितपीर के लिदान मागर के रूप में हुई है.

तीन मजदूरों की हुई मौत

घटना उमरांग्स में असम खदान के ब्लॉक 19 में हुई. खदान में फंसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. तीनों श्रमिकों की पहचान दरंग के दलगांव के हुसैन अली, मुस्तफा अली और जाकिर हुसैन के रूप में की गई. कोयला खदान के अंदर अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं. लोगों को निकालने के लिए घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है.

पानी भरने से हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक, बीते दिन सुबह मजदूर करीब सुबह 7 बजे खदान में गए थे. वहीं कुछ ही देर बाद खदान पानी से भर गई. जिसके बाद उसमें काम करने वाले मजदूर फंस गए. हालांकि खदान में फंसे मजदूरों की संख्या के मारे स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है. माना जा रहा है कि करीब 27 मजदूर खदान में फंसे थे. जिनमें से रेस्क्यू के दौरान 17 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है.

वहीं इस घटना पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मैं भगवान से सभी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं. साथ ही घटनास्थल पर कई अधिकारी पहुंचे हैं.

आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के नए नियम: 17 मिनट से ज्यादा रुकने पर 200 रुपये का शुल्क, जानें पूरी जानकारी

जब भी हम किसी बड़े रेलवे स्टेशन जाते हैं तो वहां एक चीज की दिक्कत हमेशा देखने को मिलती है. वो है पार्किंग की. खासतौर पर दिल्ली जैसे बड़े शहरों में. इसे लेकर रेलवे नए-नए नियम निकालता रहता है. अगर आप ईस्ट दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर टैक्सी या अपनी प्राइवेट कार से परिजनों को पिक या ड्रॉप करने जा रहे हैं तो थोड़ा होशियार रहें.

पिक एंड ड्रॉप एरिया में 17 मिनट से एक सेकंड भी ज्यादा ठहरने पर यहां आपसे 200 रुपये वसूल लिए जाएंगे. हालांकि ट्रेनों की आवाजाही के पीक आवर्स में इसकी पूरी संभावना है कि आप स्टेशन में एंट्री लेते ही जाम में फंसकर तय समय में एग्जिट नहीं कर पाएंगे.

यहां पर सामान्य पार्किंग का चार्ज वैसे तो फोरव्हीलर के लिए 2 से 6 घंटे की अवधि के 50 रुपये हैं, लेकिन एंट्री बूथ से लेकर जनरल पार्किंग तक पहुंचने में भी कई बार जाम का सामना करना पड़ता है, जिसकी वजह से आपकी जेब कटनी तय है.

जनता की बढ़ी टेंशन

अगस्त 2024 में आनंद विहार स्टेशन पर फ्री पार्किंग सुविधा समाप्त करते हुए रेलवे प्रशासन ने अपनी आय बढ़ाने के साथ-साथ स्टेशन के सर्कुलेशन एरिया में भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के मकसद से ‘एक्सेस कम पार्किंग मैनेजनेंट सिस्टम’ शुरू किया था. प्राइवेट पार्टी को टेंडर आधारित पार्किंग संचालन देने से रेलवे की आय बढ़नी तो तय है, लेकिन इस स्टेशन पर पार्किंग का समुचित स्पेस न होने की वजह से आम यात्रियों को रोजाना दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. वे प्राइवेट ठेकेदार को मनमाना शुल्क देने के लिए मजबूर हैं.

नियमों की जानकारी न होने के कार आए दिन कमर्शियल गाड़ियों (टैक्सी, कैब और ऑटो) के ड्राइवर और पैसेंजर के बीच अतिरिक्त शुल्क को लेकर विवाद की स्थिति भी पैदा होती है. नोएडा से ट्रेन पकड़ने स्टेशन पहुंचे एक यात्री ने बताया- पार्किंग शुल्क के नाम पर मुझसे भी टैक्सी ड्राइवर ने अतिरिक्त चार्ज मांगा, जिसका मैंने विरोध किया. नौबत झगड़े तक आ गई.

क्या है सिस्टम?

आनंद विहार रेलवे टर्मिनल के स्टेशन सुप्रिटेंडेंट राज कुमार ने बताया- नए नियम के तहत प्राइवेट फोरव्हीलर्स के लिए शुरुआती 10 मिनट तक पार्किंग फ्री है. 10 मिनट से 17 मिनट तक 50 रुपये का शुल्क है. 17 मिनट से अगर एक सेकंड भी देर हुई तो 200 रुपये देने होंगे. प्राइवेट गाड़ी से स्टेशन आने वालों को उन्होंने सलाह दी कि वे एंट्री पॉइंट पर ही बता दें कि पिक एंड ड्रॉप की बजाए सामान्य पार्किंग की पर्ची दें.

रेलवे ने क्या कहा?

नॉर्दर्न रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के मुताबिक- नई दिल्ली और आनंद विहार जैसे स्टेशनों पर शुरू किए गए प्रीमियम पार्किंग सिस्टम से रेलवे को अच्छा खासा रेवेन्यू हासिल हो रहा है. हालांकि, लोगों की शिकायतें भी मिल रही हैं. पार्किंग के लिए 200 रुपये देना लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है. लोगों से अपील है कि वो सामान्य पार्किंग का इस्तेमाल करें.

नागपुर में एचएमपीवी वायरस का प्रकोप: 13 साल की लड़की और 7 साल का लड़का संक्रमित, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) ने भारत में दस्तक दे दी है और इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. महाराष्ट्र के नागपुर में भी HMPV वायरस के 2 संदिग्ध मरीज मिले हैं.

इससे पहले कर्नाटक में 2, गुजरात में 1, पश्चिम बंगाल में 1 और तमिलनाडु में दो मामले सामने आए थे.

नागपुर में एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल के लड़के में वायरस लक्षण मिले हैं. लगातार सर्दी खांसी बुखार के बाद परिवार ने प्राइवेट लेब में जांच करवाई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद परिवार वालों में डर बैठ गया. हालांकि इन दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती नही करना पड़ा, घर पर ही इलाज से बच्चों की स्थिति कंट्रोल में है.

अलर्ट मोड में मुंबई महानगरपालिका

वहीं मुबंई महानगरपालिका भी इस नए वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर आ गई है. जेजे और सेंट जार्ज अस्पताल को मुख्य अस्पताल बनाया गया है जहां इस वायरस के संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जाएगा, इसके अलावा नागरिकों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

पुणे महानगरपालिका ने भी पुणे के नायडू अस्पताल में इस नए वायरस को लेकर 5 बेड खाली करवाए हैं. इस वायरस के लक्षणों वाले मरीजों को इन्हीं बेड पर रखा जाएगा और प्राथमिक्ता से इलाज किया जाएगा. आगे अगर मरीज बढ़े तो 5 बेड को 50 बेड में बदला जाएगा और अलग वार्ड बनाया जाएगा.

वायरस से बच्चों की देखभाल कैसे करें

ये वायरस बच्चों को अपना शिकार बना रहा है, ऐसे में बच्चों की देखभाल बेहद जरूरी हो गई है. बच्चों को देखभाल के लिए आप इन बातों का ध्यान रखें.

बच्चों को सलाह दें कि वह नियमित रूप से हाथों की सफाई करें

अपने बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए उचित कदम उठाएं

संक्रमित इलाकों की यात्रा से बचें

खानपान का ध्यान रखे

क्या हैं HMPV के लक्षण?

आप या आपके बच्चे को तेज़ बुखार (103 डिग्री फ़ारेनहाइट/40 डिग्री सेल्सियस से अधिक), सांस लेने में दिक्क्त, त्वचा, होंठ या नाखून का नीला पड़ना (सायनोसिस) जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत HMPV की जांच कराएं. आमतौर पर आपके लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर HMPV का टेस्ट किया जाता हैं. इसके लिए नाक या गले से सैंपल लिया जाता है.

राजस्थान के डूंगरपुर जिले में एचएमपीवी वायरस का पहला मामला: दो माह के बच्चे में पाया गया संक्रमण

राजस्थान के डूंगरपुर जिले के साबला क्षेत्र के रीछा गांव से एक दो महीने के बच्चे में कोरोना जैसे चीनी वायरस की पुष्टि हुई है. बच्चे में एचएमपीवी वायरस पाया गया है. बच्चा 12 दिनों से गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती है. बच्चा अभी स्वस्थ बताया जा रहा है. डूंगरपुर के साबला क्षेत्र के एक दो महीने के बच्चे को सर्दी, खांसी की शिकायत होने पर परिवार के लोग उसे गुजरात के मोडासा लेकर गए. जहां बच्चे को आराम नहीं मिलने पर परिवार के लोग उसे गुजरात के अहमदाबाद स्थित ऑरेंज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. बच्चे की जांच की गई, जिसमें वह एचएमपीवी वायरस पॉजिटिव मिला.

फिलहाल बच्चे का इलाज गुजरात के अहमदाबाद में चल रहा है और उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है. इधर डूंगरपुर जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास मामले की अधिकृत जानकारी नहीं आई है लेकिन मीडिया से मिली जानकारी पर विभाग बच्चे के परिवार को ट्रैक करने में जुटा है.

एचएमपी वायरस सामान्य रोग: खींवसर

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि देश में कुछ राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. खींवसर ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस वर्ष 2001 से मौजूद है, लेकिन रोगियों पर इसका प्रभाव सामान्य रहा है. इस वायरस से मौत का कोई मामला और चिंताजनक स्थिति सामने नहीं आई है.

यह वायरस घातक नहीं’

आधिकारिक बयान में खींवसर ने कहा कि हर साल की भांति सर्दी के मौसम को देखते हुए बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार आदि होने पर अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लें. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस वायरस के संबंध में सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें भी स्पष्ट किया गया है कि यह वायरस घातक नहीं है.

एचएमपी वायरस का प्रसार

मंत्री ने कहा कि खांसी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ सर्दी के मौसम में आमतौर पर कुछ मामले इस वायरस के सामने आते रहे हैं और मार्च से दिसम्बर तक देशभर में नौ मामले चिन्हित हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार के अनुसार एचएमपी वायरस का प्रसार वर्तमान में नगण्य है लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर प्रदेशभर में चिकित्सा अधिकारियों को सजग और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, जांच, उपचार सहित अन्य आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.

वायरस की प्रमाणिक जांच

उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में इस वायरस की प्रमाणिक जांच के लिए पांच वीआरडीएल लैब एम्स जोधपुर, सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर एवं एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में उपलब्ध हैं. मंत्री ने कहा कि किसी भी अस्पताल में इस वायरस के लक्षणों से संबंधित गंभीर रोगी के सामने आने पर इन प्रयोगशाला में जांच करवाई जा सकती है.

जांच के लिए नमूने भिजवाएं

खींवसर ने कहा है कि कोई भी प्राइवेट हॉस्पिटल किसी रोगी में इस वायरस के संभावित लक्षण पाए जाने पर प्रमाणिक जांच के लिए नमूने इन वीआरडीएल लैब में ही भिजवाएं. साथ ही, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित करें. विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि डूंगरपुर का दो माह का एक बच्चा अहमदाबाद में उपचाराधीन है.

एचएमपी वायरस के लक्षण

उन्होंने कहा कि समय पूर्व प्रसव से जन्मे इस बच्चे में एचएमपी वायरस के लक्षण सामने आए हैं, लेकिन बच्चे की स्थिति वर्तमान में सामान्य है. राठौड़ ने बताया कि सर्दी, खांसी-जुकाम से पीड़ित यह बच्चा उपचार के दौरान अहमदाबाद के प्राइवेट हॉस्पिटल में 26 दिसंबर 2024 को एचएमपी वायरस से संक्रमित पाया गया था. अधिकारी ने बताया कि वह फिलहाल ठीक है और राजस्थान में अब तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है.

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद बड़ी कामयाबी, सीआरपीएफ ने बरामद किया 20 किलो वजनी आईईडी

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में करीब 20-22 किलोग्राम वजनी आईईडी बरामद कर उसे निष्क्रिय कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि इससे सात घंटे पहले, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सोमवार को लगभग 70 किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर सुरक्षाबलों के एक वाहन को उड़ा दिया, जिसमें आठ सुरक्षाकर्मियों और उनके वाहन चालक की मौत हो गई थी.

सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बड़ी त्रासदी टल गई, क्योंकि आईईडी का पता लगा लिया गया और उसे निष्क्रिय कर दिया गया. छिपा कर रखे गए इस तरह के विस्फोटकों की भयावहता का अंदाजा नक्सलियों द्वारा किए गए उस विस्फोट से लगाया जा सकता है, जिसमें आज इसी जिले में नौ लोग मारे गए.

20 किलो आईईडी बरामद

दरअसल सीआरपीएफ ने बीजापुर में लगभग 20-22 किलोग्राम वजनी एक आईईडी बरामद किया और उसे लगभग सात घंटे पहले निष्क्रिय कर दिया. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक बड़ी त्रासदी टल गई क्योंकि आईईडी का पता चल गया और वह बेकार हो गया. ऐसे छिपे हुए विस्फोटकों के खतरे का अंदाजा नक्सली विस्फोट से लगाया जा सकता है, जिसमें उसी जिले में नौ लोगों की मौत हो गई.

बता दें कि केंद्रीय बल की 196वीं बटालियन के एक गश्ती दल को मंगलवार सुबह करीब 7:30 बजे एक नीले प्लास्टिक ड्रम के अंदर रखे गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का पता चला, जब वह उसूर पुलिस थाना क्षेत्र में माओवादी विरोधी अभियान के लिए निकला था.

बम निरोधक दस्ते ने किया निष्क्रिय

अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों ने एक कच्ची सड़क के नीचे से आईईडी बरामद करने के लिए भारी अर्थ मूवर मशीन (जेसीबी) का इस्तेमाल किया. आईईडी का वजन करीब 20-22 किलोग्राम था. अधिकारियों ने बताया कि बल के बम निरोधक दस्ते ने इसे कुछ ही घंटों में निष्क्रिय कर दिया और क्षेत्र में यातायात बहाल कर दिया गया.

आईईडी से किया ब्लास्ट

छत्तीसगढ़ में दो साल में सुरक्षा बलों पर अपने सबसे घातक हमले में, नक्सलियों ने सोमवार दोपहर करीब 2.15 बजे कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास 60-70 किलोग्राम मजबूत आईईडी का उपयोग करके एक वाहन को उड़ा दिया. पुलिस को संदेह है कि शक्तिशाली आईईडी को सुरक्षाकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मार्ग पर काफी समय पहले लगाया गया था.

नक्सल विरोधी अभियान

पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने कहा कि विस्फोटक उपकरण उस समय फट गया जब दंतेवाड़ा जिले के डीआरजी कर्मी नक्सल विरोधी अभियान चलाकर अपने स्कॉर्पियो वाहन में लौट रहे थे. अधिकारी ने बताया कि आठ सुरक्षाकर्मी, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स के चार-चार-राज्य पुलिस की दोनों यूनिट्स- जो एसयूवी में यात्रा कर रहे थे और चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जो बीजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 70 किमी दूर स्थित है.

जियो का सबसे सस्ता 5G प्लान: मात्र 198 रुपये में अनलिमिटेड 5G डेटा, जानें इसके फायदे और वैलिडिटी

हाई-स्पीड इंटरनेट तो हर किसी को चाहिए. कम बजट में 5G डेटा चाहिए, तो हम बताएंगे कि सबसे सस्ता अनलिमिटेड 5G डेटा प्लान कौन सी टेलीकॉम कंपनी दे रही है. अगर आप Jio के ग्राहक हैं, तो सबसे सस्ते 5G डेटा प्लान का फायदा उठाया जा सकता है. भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी जियो मात्र 198 रुपये में अनलिमिटेड 5G डेटा ऑफर करती है. यह प्लान न केवल आपको 2GB डेली डेटा देता है, बल्कि इसमें अनलिमिटेड 5G डेटा भी मिलता है.

198 रुपये का प्लान: क्या है खास?

जियो का 198 रुपये का प्लान देश का सबसे सस्ता अनलिमिटेड 5G डेटा प्लान है. इस रिचार्ज प्लान में आपको हर दिन 2GB डेटा मिलता है, जो कि ज्यादा डेटा इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए बढ़िया ऑप्शन हो सकता है.

इसमें आपको अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की सुविधा भी मिलती है. आप किसी भी नेटवर्क पर बिना किसी लिमिट के कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा 100 SMS/दिन भी आपको मिलते हैं.

ये फायदे भी दे रहा Jio

जियो के198 रुपये के प्लान में आपको JioTV, JioCinema, और JioCloud जैसी सर्विस भी मुफ्त मिलती हैं. इससे आपकी एंटरटेनमेंट की जरूरत भी पूरी होगी. सबसे बड़ी बात यह है कि यह प्लान True 5G के साथ आता है, जिससे आप जियो के नेटवर्क पर हाई-स्पीड इंटरनेट का एक्सपीरियंस ले सकते हैं.

जियो अपने 2GB डेली डेटा वाले प्लान या उससे ज्यादा कीमत के प्लान में ही अनलिमिटेड 5G की सुविधा देता है, और 198 रुपये का प्लान इस मामले में सबसे सस्ता है.

Jio ₹198 Plan: वैलिडिटी

इस प्लान की वैलिडिटी 14 दिन है, जो कि कम समय के लिए डेटा की जरूरत को पूरा करता है. अगर आप पूरे महीने के लिए यह सुविधा चाहते हैं, तो आप 349 रुपये का प्लान चुन सकते हैं, जिसमें वही सारे फायदे मिलते हैं, जो 198 रुपये वाले प्लान में हैं, लेकिन इसकी वैलिडिटी 28 दिन की होती है. डेली खर्च के हिसाब से देखें तो 349 रुपये का प्लान सस्ता होगा.