पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी ने सरकार से एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी देन
अयोध्या। भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग की। अंतरिक्ष तिवारी ने यह भी कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि पत्रकार बिना किसी डर के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
मुकेश चंद्राकर की हत्या एक गंभीर और चिंताजनक घटना है, जो लोकतंत्र की बुनियादी नींव पर सीधा हमला करती है। लोकतंत्र में पत्रकारों का कार्य स्वतंत्र रूप से विचार व्यक्त करना, सरकार और समाज के विभिन्न पहलुओं की जांच करना और जनता तक सही जानकारी पहुंचाना होता है। जब पत्रकारों को इस कार्य में धमकियां मिलती हैं, या उन्हें फसाया जाता है, तो यह लोकतंत्र की स्वतंत्रता और संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन होता है।
अंतरिक्ष तिवारी ने कहा, "पत्रकारों का कार्य लोकतंत्र की धारा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है, लेकिन जब उन्हें अपनी जान की सलामती के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो यह अत्यंत दुखद है। हम यह नहीं सहन कर सकते कि पत्रकारों को उनके कार्य के लिए जेल भेजा जाए, धमकियां दी जाएं, या फिर उनकी हत्या कर दी जाए। यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हो सकता।"
उन्होंने सरकार से यह अपील की कि पत्रकारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, अंतरिक्ष तिवारी ने यह भी कहा कि पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते हमलों के संदर्भ में सुरक्षा कानूनों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारियां निभा सकें।
अंतरिक्ष तिवारी ने कहा कि, "भारत का संविधान पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन जब उन्हें दबाया जाता है या उनका शोषण किया जाता है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकार अपने काम को बिना डर और भेदभाव के कर सकें।"
भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच ने इस घटना के खिलाफ कड़ा विरोध करते हुए सरकार से मांग की कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार को तत्काल सहायता दी जाए और इसके साथ ही उनके हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस तरह की घटनाएं न केवल पत्रकारिता बल्कि पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भी खतरा पैदा करती हैं।
भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच का यह स्पष्ट संदेश है कि पत्रकारों के अधिकारों और उनके जीवन की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में किसी भी पत्रकार को अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कार्य न करना पड़े।
Jan 06 2025, 20:45