क्या चीन वाकई 'रोगों का कारख़ाना' बन चुका है? क्या है इसके पीछे की सच्चाई?
#chinaavirus_hub
Express.co.uk
चीन को "रोगों का कारख़ाना" या कोविड-19 के बाद नए वायरस लगातार उभरने का स्थान मानना पूरी तरह से सटीक नहीं है। हालांकि, कुछ कारक हैं जो चीन में नए रोगों या वायरस के उभरने की दर को बढ़ाते हैं, खासकर कोविड-19 के बाद। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
1. घनी जनसंख्या और शहरीकरण
चीन की दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या है और यहां तेजी से शहरीकरण हो रहा है। घनी जनसंख्या, विशेषकर महानगरों में, वायरस के फैलने की संभावना को बढ़ाती है। यह जानवरों से मनुष्यों में रोग के संक्रमण और समुदायों में उनके फैलने के लिए आसान बना देती है।
2. जैव विविधता और गीले बाज़ार
चीन में वन्य जीवन की बहुत अधिक विविधता है, और कई बार यह जीवन मानवों के साथ निकट संपर्क में होता है, खासकर पारंपरिक गीले बाज़ारों में। इन बाज़ारों में, जहां जीवित जानवरों को खाने के लिए बेचा जाता है, जूणोटिक रोगों (जैसे, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं) के फैलने की संभावना अधिक होती है। कई वायरस, जैसे SARS-CoV-2, इन प्रकार के परिवेश में उत्पन्न होते हैं।
3. वैश्विक यात्रा और व्यापार केंद्र
चीन वैश्विक व्यापार और यात्रा का एक प्रमुख केंद्र है, जिसका मतलब है कि यहां से उत्पन्न होने वाला कोई भी नया वायरस जल्दी ही देश के अंदर और बाहर फैल सकता है। दुनिया की आपसी जुड़ाव ने वायरस को सीमा पार करने में कुछ ही घंटों या दिनों का समय दे दिया है।
4. इंटेंसिव फार्मिंग प्रैक्टिसेस
औद्योगिक खेती के तरीके, विशेषकर जो सूअरों, मुर्गियों और अन्य मवेशियों से संबंधित हैं, रोगों के प्रसार के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ये जानवर अक्सर बड़े और भीड़-भाड़ वाले वातावरण में रहते हैं, जिससे वायरस के फैलने और उत्परिवर्तित होने का खतरा बढ़ता है।
5. पर्यावरणीय और जलवायु संबंधी कारक
पर्यावरणीय स्थितियां, जैसे कि मानवों का प्राकृतिक आवासों से बढ़ता संपर्क, वनों की कटाई, और जलवायु परिवर्तन, वन्यजीवों और मनुष्यों को एक-दूसरे के निकट लाने का कारण बनती हैं। इससे जानवरों से मनुष्यों में रोगों का संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
6. स्वास्थ्य और रिपोर्टिंग सिस्टम
चीन का एक बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी तंत्र है जो नए प्रकोपों की जल्दी पहचान और रिपोर्ट करने में सक्षम है। इसके परिणामस्वरूप, नए वायरस और रोग प्रकोपों की जल्दी पहचान की जाती है, जिससे यह धारणा बनती है कि चीन नए वायरस के लिए एक "हॉटस्पॉट" है। वास्तव में, कई देशों को समान जोखिम होते हैं लेकिन उनके पास उतने मजबूत निगरानी तंत्र नहीं होते।
चीन की उच्च जनसंख्या घनत्व, जैव विविधता, शहरीकरण और आर्थिक कनेक्शन उसे नए संक्रामक रोगों के उभरने के लिए एक हॉटस्पॉट बनाते हैं, लेकिन यही कारक वैश्विक स्तर पर भी कार्य करते हैं। दुनिया अब पहले से कहीं अधिक जुड़ी हुई है, और जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियां सभी देशों के लिए चिंता का विषय हैं, न कि केवल चीन के लिए। भविष्य में महामारी को रोकने की कुंजी वैश्विक सहयोग में है ताकि संभावित प्रकोपों को फैलने से पहले नियंत्रित किया जा सके।
Jan 03 2025, 21:36