यूपी के1.42 लाख शिक्षामित्रों का तबादले व मानदेय बढ़ाने पर जल्द हो सकता है फैसला, मुख्य सचिव ने दिया आश्वासन
संजीव सिंह बलिया।
उत्तर प्रदेश में एक तरफ परिषदीय विद्यालयों के 4.50 लाख शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तबादले की फिर से प्रक्रिया शुरू हो गई है। किंतु इन विद्यालयों में तैनात लगभग 1.42 लाख शिक्षामित्रों का मूल विद्यालय वापसी (तबादला) व मानदेय बढ़ाने का इंतजार और लंबा होता जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक हर बार आश्वासन तो मिला लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं जारी हुआ है।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में जाड़े व गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया पूरी करने का आदेश हुआ है। पिछले दिनों राजधानी में हुए धरना-प्रदर्शन के बाद हुई वार्ता में प्रमुख सचिव ने शिक्षामित्र संघ को भी शिक्षामित्रों के उनके मूल विद्यालय वापसी, महिला शिक्षिकाओं को उनके घर के पास विद्यालय आवंटित करने, मानदेय वृद्धि आदि का आश्वासन दिया गया।
मानदेय वृद्धि के लिए तो शिक्षक विधायकों के साथ हुई सीएम से मुलाकात में भी आश्वासन मिला था। किंतु विभागीय अधिकारियों ने इस पर भी ठोस कार्यवाही नहीं की। जानकारी के अनुसार विभाग की ओर से बिना किसी संस्तुति के मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव वित्तीय समीक्षा के लिए वित्त विभाग को भेज दिया। जबकि वित्त विभाग ने यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि विभाग ने कोई प्रस्ताव ही नहीं दिया।
वित्त विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि जब आर्थिक भार विभाग पर पड़ना है तो वही बताएगा कि मानदेय कितना बढ़ाना है। जब विभाग स्पष्ट प्रस्ताव भेजेगा तभी इस पर हम कोई मत दे पाएंगे। जानकारी के अनुसार अभी तक इस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने कोई स्पष्ट प्रस्ताव दोबारा नहीं भेजा है। इस तरह यह मामला बेसिक शिक्षा और वित्त विभाग के बीच फंसा हुआ है।
अधिकारियों ने दिए ये आश्वासन, ये हैं मांगें
शिक्षामित्रों के तबादले या मूल विद्यालय वापसी से जुड़ा आदेश जल्द जारी कर दिया जाएगा। मानदेय को लेकर जो भी स्पष्ट प्रस्ताव भेजना है, वह भी जल्द करेंगे। विभाग इस पर तेजी से काम कर रहा है। जल्द ही शिक्षामित्रों को भी खुशखबरी मिलेगी।- डॉ. एमकेएस सुंदरम, प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग
हमारी कई बार बेसिक शिक्षा मंत्री व विभाग के प्रमुख सचिव से मुलाकात व वार्ता हुई है, इसमें हमें हर बार सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन मिला है। किंतु अभी तक मूल विद्यालय वापसी, मानदेय बढ़ाने आदि मांगों पर कोई आदेश नहीं जारी हुआ। इस पर जल्द आदेश जारी किया जाना चाहिए।- शिवकुमार शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ


उत्तर प्रदेश में एक तरफ परिषदीय विद्यालयों के 4.50 लाख शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तबादले की फिर से प्रक्रिया शुरू हो गई है। किंतु इन विद्यालयों में तैनात लगभग 1.42 लाख शिक्षामित्रों का मूल विद्यालय वापसी (तबादला) व मानदेय बढ़ाने का इंतजार और लंबा होता जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक हर बार आश्वासन तो मिला लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं जारी हुआ है।












संजीव सिंह (बलिया) : ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के संस्थापक अध्यक्ष बालेश्वर लाल जी की 95 वीं जयंती पर बुधवार को आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद सनातन पांडेय ने कहा कि बालेश्वर लाल आजीवन ग्रामीण पत्रकारों के हक-हकूक लिए संघर्ष करते रहे।उनके आदर्शों व नीतियों को आत्मसात कर उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। गोष्ठी को पूर्व मंत्री राजधारी सिंह,पूर्व विधायक सुधीर राय, कैप्टन वीरेंद्र सिंह,ओम प्रकाश द्विवेदी,कृष्ण मुरारी पांडेय,गुप्तेश्वर पाठक,जय प्रकाश गोविन्द राव,रणजीत राय,नागेंद्र शर्मा आदि ने संबोधित किया।संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ कुमार ने संगठन की नीतियों व कार्यों पर विस्तार से विचार व्यक्त किया।इस मौके पर अतिथियों व पत्रकारों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इसके पूर्व बालेश्वर लाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि ने किया।सेनानी राम विचार पांडेय,सुभाष जी,बसंत पांडेय,प्रशांत,पीयूष,प्रखर,लल्लन गुप्ता आजमगढ़ जिला अध्यक्ष बृजभूषण उपाध्याय, कृष्ण मोहन उपाध्याय, स्वामी नाथ यादव , संजय वर्मा, संजीव सिंह आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुधीर सिंह व संचालन छोटे लाल ने किया।
आ रहा है 2025* ===========

है अन्यथा उन्हें निमोनिया और कोल्ड डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है और बच्चों में बुखार, जुखाम खांसी, उल्टी, दस्त, पेट दर्द जैसे बिमारी होने की संभावना रहती है। यह जानकारी शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार राय ने देते बताया कि आजकल निमोनिया और कोल्ड डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए नवजात शिशु एवं बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। डॉ राय ने बताया कि निमोनिया में शिशुओं को बुखार, खांसी सीने में जकड़न/सांस लेने में तकलीफ होना, सांस तेज गति से चलना/हांफना आदि प्रमुख लक्षण है। जबकि कोल्ड डायरिया में शिशुओं को बुखार, दस्त उल्टी, पेट में दर्द एवं निर्जलीकरण होना प्रमुख लक्षण है। अभिभावकों को ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेकर ही शिशु का इलाज कराएं। डॉ राय ने अभिभावकों को बच्चों के कमरे का तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रखने की सलाह दी एवं नवजात शिशुओं को गर्म कपड़े में लपेट कर रखें ,हाथों में दस्ताने, पर में मोजे एवं सिर पर टोपी अवश्य पहना कर रखने की सलाह दी। कमजोर नवजात शिशुओं के लिए "सिर ढक कंगारू मदर केयर" है सबसे कारगर तरीका डॉ राय ने बताया कि जैसे कंगारू अपने बच्चों को अपने शरीर से चिपका कर (गर्माहट देकर) उसके होने वाली तकलीफों को काफी कम कर देती है ठीक उसी प्रकार कमजोर नवजात शिशुओं के तापमान को उचित बनाए रखने (हाइपोथर्मिया से बचाव)के लिए उनके शारीरिक विकास (वजन वृद्धि) के लिए कंगारू मदर केयर संजीवनी की तरह है। इसमें माताएं अपने नवजात को अपनी छाती से चिपका कर उसे गर्माहट देती हैं जिससे बच्चों के शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है और कई जटिल समस्याएं खुद ही हल हो जाती हैं। मदर केयर देते समय बच्चों के सिर पर टोपी हाथों में दस्ताने व पैरों में मोजे अवश्य पहनाना चाहिए वैसे ठंड में शिशु बच्चे युवा युवतियां महिला पुरुष पशु पक्षी सबके लिए कष्टदायी होता है।
भारतीय जनता पार्टी नगरा ब्लॉक के सिकरहटा निवासी सूर्य प्रकाश सिंह उर्फ पप्पू को नगरा मंडल का अध्यक्ष मनोनीत किए जाने पर कार्यकर्ताओं में हर्ष व्याप्त है. सूर्य प्रताप सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व तथा चुनाव प्रभारी का आभार जताया है. मंडल अध्यक्ष की सूची जारी होते ही सूर्य प्रकाश सिंह को सोशल मीडिया सहित फोन पर बधाई देने की होड़ लग गई. पूर्व विधायक धनंजय कनौजिया, जिला महामंत्री आलोक शुक्ला, अशोक गुप्ता, पृथ्वी पाल सिंह, उमाशंकर सैनी, रामायण ठाकुर, फतेह बहादुर सिंह, संतोष कुमार पांडे, लाल बहादुर सिंह, अमरेंद्र सोनी सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने श्री सिंह को शुभकामनाएं दी है.
करोड़पति बाप को अपना ही बेटा नहीं दे सका मुखाग्नि वाराणसी काशी के करोड़पति का निधन हो गया है, 80 करोड़ रुपए की सम्पत्ति के मालिक को अपना घर भी नसीब नहीं हुआ, वृद्धा आश्रम में ही जीवन गुजारना पड़ा, इकलौता बेटा होने के बावजूद भी बेटे ने पिता को मुख्यग्नि नहीं दी, यह है आज कल के पढ़े लिखे परिवार और बच्चों के हाल। वाराणसी के साहित्यकार श्री नाथ खंडेलवाल जी का निधन हो गया है, जब बेटे और बेटी ने इन्हें घर से निकाला तो वह वृद्धा आश्रम में रहने लगे थे, आज सुबह इनका निधन हो गया, जोकि वाराणसी प्रशासन द्वारा इनके बेटे और बेटी को इसकी ख़बर दी गई, लेकिन उन्होंने अन्तिम संस्कार में आने से मना कर दिया, जोकि बेटा बड़ा बिजनेसमैन है, और बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील है, और दामाद भी वकील है, इसके बाद इनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
Jan 02 2025, 19:10
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