इम्युनिटी को बढ़ाने को लेकर डाबर च्यवनप्राश ने बच्चों को किया जागरूक बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल, पल्टन छावनी में आयोजित किया विशेष जागरूकता सत्र
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लखनऊ। सर्दी का मौसम किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन जब इस सर्दी में खांसी, जुकाम एवं श्वांस संबंधी बीमारियाँ हो जायें तो सर्दी का मजा फीका पड़ जाता है। आमतौर पर ये बीमारियाँ तापमान में होने वाले बड़े बदलाव एवं बदलते मौसम में किसी भी व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम हो जाने के कारण होती हैं। ऐसे में हजारों वर्षों से प्रसिद्ध, लाखों-करोड़ों लोगों द्वारा सफलतापूर्वक आजमाया हुआ आयुर्वेदिक उत्पाद च्यवनप्रास काफी राहत देता है। डाबर च्यवनप्राश का सेवन न केवल हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें इस सीजन में प्रायः होने वाली खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचाता है बल्कि हमारे शरीर के अनेक अंगों की क्रियाओं को अच्छा करता हुआ शरीर को बलशाली भी बनाता है। डाबर का प्रमुख हेल्थकेयर ब्रांड डाबर च्यवनप्राश ने आज देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एक मेगा जागरूकता पहल की शुरूआत की घोषणा की। इस पहल के तहत, प्रमुख डॉक्टर के साथ मिलकर डाबर च्यवनप्राश ने परिवर्तनशील मौसम, सामान्य बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर तीन सौ बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा सत्र बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल, पल्टन छावनी शाखा, सेक्टर-ए, सीतापुर रोड योजना में एक विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डाबर इंडिया के दिनेश कुमार, डा. ए.के. पाण्डेय, आयुर्वेद फिजिशियन, श्री एच.एन. जायसवाल, प्रबन्ध निदेशक बाल निकुंज, श्रीमती रश्मि शुक्ला प्रधानाचार्या, पंकज तिवारी - समाजसेवी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे। इस सत्र का उद्देश्य सर्दियों में बीमारी से लड़ने के लिए बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करना था। बच्चों को बुनियादी स्वच्छता और पौष्टिक आहार के माध्यम से अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों में भी शिक्षित किया गया। डाबर इंडिया लिमिटेड के श्री राजीव जॉन, मार्केटिंग हैड, डाबर इंडिया लिमिटेड ने कहा डाबर च्यवनप्राश 100 से अधिक वर्षों से हर भारतीय को सबसे मजबूत प्रतिरक्षा प्राप्त करने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक छलांग है। हम शीत लहर के बारे में चिंतित हैं जो हर साल कई जान ले लेती है। इस पहल के माध्यम से, हम इन बच्चों को च्यवनप्राश प्रदान करने के अलावा प्रतिरक्षा के महत्व को उजागर करके वंचित बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करेंगे। डॉ, पाण्डेय ने कहा मौसम परिवर्तन के चक्रों के दौरान अचानक तापमान परिवर्तन होता है, जो खांसी, ठंड और फ्लू जैसे संक्रमण और बीमारियों का कारण है। सर्दी और खांसी, श्वसन समस्याओं, अल्प प्रतिरक्षा जैसी बीमारियों से लड़ने का एक प्रभावी तरीका प्रतिरक्षा में वृद्धि है। डाबर च्यवनप्राश हमारी अंदरूनी प्रतिरक्षा आवश्यकताओं को बढ़ाने का एक प्रभावी समाधान है। इस अभियान के तहत, डाबर च्यवनप्राश भारत के 22 शहरों आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, उदयपुर, जयपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, गया, इंदौर, रायपुर, पुणे, औरंगाबाद, रांची, बेंगलुरु, मुंबई, नासिक, नागपुर, ग्वालियर और चंडीगढ़ के अग्रणी गैर सरकारी संगठनों के साथ हाथ मिला चुके हैं। च्यवनप्राश लगभग 3000 वर्ष पुरानी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग किया जाता है और खांसी और सर्दी जैसे दैनिक संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध प्रदान करता है। डाबर च्यवनप्राश का मुख्य घटक अमला है जो प्रतिरक्षा वर्धक गुणों के लिए जाना जाता है। गुडुची, पिपाली, शतावरी, विदरिकंद, हरितकी, कंटकारी, ककादाशीनी, भुम्यामाकी, वसाका, पुष्करमुल, प्रिशिपिपर्नी, शालपर्नी आदि जैसे अन्य तत्व सामान्य संक्रमण और श्वसन तंत्र की एलर्जी को कम करने में मदद करते हैं। डाबर च्यवनप्राश इन जड़ी बूटियों और अवयवों का सही मिश्रण है जो सर्दियों के मौसम में बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है।


लखनऊ। सर्दी का मौसम किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन जब इस सर्दी में खांसी, जुकाम एवं श्वांस संबंधी बीमारियाँ हो जायें तो सर्दी का मजा फीका पड़ जाता है। आमतौर पर ये बीमारियाँ तापमान में होने वाले बड़े बदलाव एवं बदलते मौसम में किसी भी व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम हो जाने के कारण होती हैं। ऐसे में हजारों वर्षों से प्रसिद्ध, लाखों-करोड़ों लोगों द्वारा सफलतापूर्वक आजमाया हुआ आयुर्वेदिक उत्पाद च्यवनप्रास काफी राहत देता है। डाबर च्यवनप्राश का सेवन न केवल हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें इस सीजन में प्रायः होने वाली खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचाता है बल्कि हमारे शरीर के अनेक अंगों की क्रियाओं को अच्छा करता हुआ शरीर को बलशाली भी बनाता है। डाबर का प्रमुख हेल्थकेयर ब्रांड डाबर च्यवनप्राश ने आज देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एक मेगा जागरूकता पहल की शुरूआत की घोषणा की। इस पहल के तहत, प्रमुख डॉक्टर के साथ मिलकर डाबर च्यवनप्राश ने परिवर्तनशील मौसम, सामान्य बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर तीन सौ बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा सत्र बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल, पल्टन छावनी शाखा, सेक्टर-ए, सीतापुर रोड योजना में एक विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डाबर इंडिया के दिनेश कुमार, डा. ए.के. पाण्डेय, आयुर्वेद फिजिशियन, श्री एच.एन. जायसवाल, प्रबन्ध निदेशक बाल निकुंज, श्रीमती रश्मि शुक्ला प्रधानाचार्या, पंकज तिवारी - समाजसेवी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे। इस सत्र का उद्देश्य सर्दियों में बीमारी से लड़ने के लिए बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करना था। बच्चों को बुनियादी स्वच्छता और पौष्टिक आहार के माध्यम से अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों में भी शिक्षित किया गया। डाबर इंडिया लिमिटेड के श्री राजीव जॉन, मार्केटिंग हैड, डाबर इंडिया लिमिटेड ने कहा डाबर च्यवनप्राश 100 से अधिक वर्षों से हर भारतीय को सबसे मजबूत प्रतिरक्षा प्राप्त करने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक छलांग है। हम शीत लहर के बारे में चिंतित हैं जो हर साल कई जान ले लेती है। इस पहल के माध्यम से, हम इन बच्चों को च्यवनप्राश प्रदान करने के अलावा प्रतिरक्षा के महत्व को उजागर करके वंचित बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करेंगे। डॉ, पाण्डेय ने कहा मौसम परिवर्तन के चक्रों के दौरान अचानक तापमान परिवर्तन होता है, जो खांसी, ठंड और फ्लू जैसे संक्रमण और बीमारियों का कारण है। सर्दी और खांसी, श्वसन समस्याओं, अल्प प्रतिरक्षा जैसी बीमारियों से लड़ने का एक प्रभावी तरीका प्रतिरक्षा में वृद्धि है। डाबर च्यवनप्राश हमारी अंदरूनी प्रतिरक्षा आवश्यकताओं को बढ़ाने का एक प्रभावी समाधान है। इस अभियान के तहत, डाबर च्यवनप्राश भारत के 22 शहरों आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, उदयपुर, जयपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, गया, इंदौर, रायपुर, पुणे, औरंगाबाद, रांची, बेंगलुरु, मुंबई, नासिक, नागपुर, ग्वालियर और चंडीगढ़ के अग्रणी गैर सरकारी संगठनों के साथ हाथ मिला चुके हैं। च्यवनप्राश लगभग 3000 वर्ष पुरानी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग किया जाता है और खांसी और सर्दी जैसे दैनिक संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध प्रदान करता है। डाबर च्यवनप्राश का मुख्य घटक अमला है जो प्रतिरक्षा वर्धक गुणों के लिए जाना जाता है। गुडुची, पिपाली, शतावरी, विदरिकंद, हरितकी, कंटकारी, ककादाशीनी, भुम्यामाकी, वसाका, पुष्करमुल, प्रिशिपिपर्नी, शालपर्नी आदि जैसे अन्य तत्व सामान्य संक्रमण और श्वसन तंत्र की एलर्जी को कम करने में मदद करते हैं। डाबर च्यवनप्राश इन जड़ी बूटियों और अवयवों का सही मिश्रण है जो सर्दियों के मौसम में बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है।




लखनऊ। अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने क्षेत्र की पहली सफल रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी कर एक नई उपलब्धि हासिल की है। यह ऐतिहासिक रोबोटिक स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी सर्जरी गंभीर मोटापे से पीड़ित 38 वर्षीय एक मरीज पर की गई। सर्जरी का नेतृत्व डॉ. अंकुर सक्सेना, डायरेक्टर, रोबोटिक, मिनिमल एक्सेस एंड बैरियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट ने अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ किया।
लखनऊ। महामना मालवीय मिशन द्वारा मालवीय जी की 163वीं जयंती एवं भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती का आयोजन किया गया। मालवीय मिशन, लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डा० ए.के. त्रिपाठी पूर्व निदेशक, डा राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि महामना मालवीय मिशन का उद्देश्य शिक्षा, सेवा तथा संस्कृति की रक्षा करना है जिसके लिए संस्था पूरी तरह कटिबद्ध है।
लखनऊ। स्वास्थ्य सहायक उपकरण,कृत्रिम अंग व कंबल वितरण अभियान की श्रंखला के अंतर्गत नेत्र जाँच शिविर में बुजुर्गों महिलाओं की नेत्र जांच आज दिनांक 29/12/2024 ममता चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ के तत्वाधान में मिधानी द्वारा प्रायोजित अटल बारात घर ग्वारी में निशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गयाI
लखनऊ। मध्यांचल (डिस्कॉम) के समस्त वितरण कार्यालयों में एक मुश्त समाधान योजना में 23.12.2024 तक कुल 2,11,263 विद्युत उपभोक्ताओं ने अपना पंजीकरण करवाया योजना के तहत रुपये पांच हजार से पच्चीस हजार तक के बकायेदारों की श्रेणी में 91,620 विद्युत उपभाक्ताओं ने अपना पंजीकरण कराया तथा इसी क्रम में पांच लाख तक के बकायेदारों के पंजीकरण की संख्या 20,639 थी।
लखनऊ। बीते दिनों सदन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विषय में की गई टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश इकाई की तरफ से प्रदेश कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसको पार्टी के बौद्ध प्रांत अध्यक्ष इंजीनियर इमरान लतीफ ने संबोधित किया।
प्रांत स्तर पर यह प्रतियोगिता स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गयी थी। जिसमें उत्तर प्रदेश जोन के 18विश्वविद्यालयों के लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं 'प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन' विषय पर अपने विचारों को रखा। प्रांत स्तर पर चयनित बीबीएयू के सत्यम पाण्डेय एवं विदुषी सक्सेना 24 - 25 जनवरी को राजस्थान की विधानसभा में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2025 में लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश जोन का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस अवसर पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने दोनों ही प्रतिभागियों को उनकी इस सफलता पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
Jan 01 2025, 19:53
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