राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी, देखें लिस्ट…

रायपुर-    एक बार फिर से राज्य सरकार सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों तबादला आदेश जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रालय में पदस्थ उप सचिव और अवर सचिव लेवल के अधिकारियों को इधर से उधर किया है. संयुक्त सचिव विमला नावरिया को पशुधन विकास तथा मछली पालन विभाग से हटाकर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में पदस्थ किया गया है. वहीं उपसचिव शैलाभ साहू को वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया है.

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छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : चार सत्रों के हंगामे के बाद अनिश्चितकाल तक के लिए सदन स्थगित

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया। इस बार पूरा सत्र काफी गहमागहमी से भरा रहा। 16 दिसंबर से 20 दिसंबर के दौरान सत्र में कई मुद्दों पर जांच के आदेश भी सरकार की तरफ से दिये गये।आज सत्र के आखिरी दिन आदिवासी बच्चों की मौत का मामला उठा। वहीं ध्यानाकर्षण में दवा खरीदी में गड़बड़ी की गूंज सुनायी पड़ी। शीतसत्र के आखिरी दिन आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। कवासी लखमा ने कहा कि छात्रावास में भूख से भी बच्चों की मौत हुई है।

भूपेश बघेल ने लॉ एंड ऑर्डर पर स्थगन प्रस्ताव लाकर बिगड़ते कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग की। प्रदेश में लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे लोग डरे-सहमे हैं। अपराधियों के हौसले बढ़े हुए है। चाकूबाजी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। पुलिस के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। कस्टोडियल डेथ भी हुए हैं। वहीं चरणदास महंत ने कहा कि इस सरकार में आम लोग परेशान है तो वहीं, चोर, अपराधी, भ्रष्टाचारी सुखी हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने की डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि  आपके 15 साल में भी ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुई। 15 साल में हत्या, लूट की घटनाएं नहीं होती थी,बाहर से आकर किसी की गोली चलाने की हिम्मत नहीं थी। 1 साल में घटनाएं लगातार बढ़ी है, इस पर चर्चा होनी चाहिए।

विपक्ष के स्थगन पर आसंदी ने मंत्री से जवाब मांगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सदन में वक्तव्य देते हुए बताया कि अपराध की घटनाओं को रोकने में सरकार गंभीर है। प्रदेश में हुई घटनाओं में कार्रवाई का ब्यौरा दिया। मंत्री के वक्तव्य के बाद स्थगन अग्राह्य कर दिया गया। स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होते ही गर्भगृह में विपक्षी सदस्य आ गये। विपक्षी विधायकों ने गर्भगृह में नारे लगाये। 

IPS जीपी सिंह ने बहाली के बाद दी ज्वाइनिंग, डीजीपी की रेस हुई रोमांचक…

रायपुर-  केंद्रीय गृह मंत्रालय के बाद राज्य के गृह मंत्रालय द्वारा बहाली आदेश जारी करने के बाद एक दिन बाद आईपीएस जीपी सिंह ने ज्वाइनिंग दे दी है. इसके साथ ही प्रदेश में डीजीपी की रेस भी रोमांचक हो गई है. तमाम बाधाओं के बावजूद इस रेस में एक बार फिर से जीपी सिंह शामिल हो गए हैं. हालांकि, आखिरी निर्णय राज्य सरकार का होगा.

गौरतलब है कि, 1994 बैच भापुसे अफसर के आईपीएस गुरजिंदर पाल सिंह को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान उनके खिलाफ एक्सटॉर्शन, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा था. इस प्रस्ताव के बाद केंद्र ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : स्वास्थ्य मंत्री की सदन में बड़ी घोषणा, 660 करोड़ की रिएजेंट खरीदी की ईओडब्ल्यू करेगी जांच…

रायपुर- दवा खरीदी में गड़बड़ी मामले की गूंज आज विधानसभा में खूब सुनायी पड़ी। ध्यानाकर्षण में भाजपा के सीनियर विधायक धरमलाल कौशिक ने सीजीएमएससी की तरफ से की गयी दवा व रीएजेंट खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि CGMSC  की तरफ से 660 करोड़ की दवा खरीदी की गयी थी। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। वैसी दवाई और सामानों की खरीदी की गयी, जिसकी ना तो जरूरत थी और ना ही डिमांड की गयी थी।

धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि दवा खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, इसकी जांच की जानी चाहिये। जवाब में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रीएजेंट खरीदी मामले में जांच की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि EOW से रीएजेंट खरीदी की जांच करायी जायेगी। मोक्षित कंपनी की तरफ से रीएजेंट की सप्लाई की गयी है, सदन में इस मामले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया गया। जिस पर मंत्री ने कहा कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा।

दवा खरीदी को लेकर सत्ता पक्ष के ही विधायक लगातार स्वास्थ्य मंत्री को घेरते रहे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि बिना जरूरत और बिना डिमांड के ही रीएजेंट की सप्लाई की गयी। जवाब में मंत्री ने इस बात का स्वीकार किया कि 28 करोड़ का रीएजेंट बर्बाद हुआ है, आने वाले दिनों में ये और भी खराब हो सकता है। भाजपा विधायकों ने दवा खरीदी को लेकर पिछली सरकार में इसे सुनियोजित भ्रष्टाचार बताया। भाजपा विधायकों की मांग पर सदन में मंत्री ने ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : शून्यकाल में उठा कानून-व्यवस्था का मुद्दा, विपक्ष ने की चर्चा की मांग

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को शून्यकाल में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष स्थगन लाते हुए चर्चा की मांग की. आसंदी के अग्राह्य करते ही कांग्रेस विधायक गर्भ गृह में पहुंचकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया. इस पर आसंदी ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों को निलंबित किया.

शून्यकाल में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शांति का टापू छत्तीसगढ़ अशांति का टापू बन गया है. पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. इस पर चर्चा के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ. पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई. स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए. समझाने के बाद भी शांत नहीं होने पर आसंदी ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों को निलंबित कर दिया.

सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि लगातार हमारे विधायकों के खिलाफ एफआईआर हो जाते हैं. सारंगढ़ में एक विधायक के खिलाफ एफआईआर हो जाता है. उसके 10 दिन पहले उनके पति के खिलाफ एफआईआर हो जाता है. लगातार भाजपा कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ, वो भी खासतौर पर सतनामी विधायकों के खिलाफ, एफआईआर क्यों कर रही है. अपराधियों के खिलाफ ये एफआईआर नहीं करते हैं.

विपक्ष ने भाजपा के मन में सतनामी समाज के प्रति द्वेष भावना का आरोप लगाया. इस दौरान विपक्षी दल के सदस्य लगातार जय भीम, जय सतनाम के नारे लगाते रहे. विपक्ष के सदस्य कानून व्यवस्था को लचर बताया. सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा संसद में की गई धक्का-मुक्की का जिक्र किया. राहुल गांधी को लेकर बयान पर जोरदार हंगामा मचा. विपक्ष ने भी जमकर नारेबाजी की. इस पर आसंदी ने कहा कि सदन के सदस्य नहीं हैं, उनके ऊपर लगाए गए आरोप के नाम को विलोपित किया.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : वन अधिकार पट्टा वितरण में शिकायत पर मंत्री से हुआ सवाल…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन वन अधिकारी पट्टा वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया गया. मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि अधिकार पत्र के दुरुपयोग की शिकायत नहीं आई है. वहीं लंबित प्रकरणों का अतिशीघ्र निवारण करने का भरोसा दिलाया. 

विधायक अम्बिका मिश्रा ने प्रश्नकाल में विधानसभा क्षेत्र सिहावा में वन अधिकारी पट्टा वितरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 2021-22 से जिन 2024 तक कितने पट्टे वितरित किए गए है? इसका रकबा भी बताए? कितने को पट्टा वितरित की जाना प्रक्रियाधीन है? कितने अपात्र होने के कारण अस्वीकृत है? पट्टा वितरण का लक्ष्य कब तक पूरा किया जाएगा?

इस पर मंत्री राम विचार नेता ने बताया कि अब तक 519 सामुदायिक वन अधिकार पर वितरित किए जा चुके है. अब तक कोई भी प्रक्रियाधीन वन अधिकार पत्र दिए जाने के लिए नहीं है. अपात्र कारण कोई भी प्रकरण अस्वीकृत नहीं है. इसमें अलग से कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, और समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है.

इस पर विधायक मरकाम ने सवाल किया कि 519 पत्रों के दुरुपयोग की कितनी शिकायत प्राप्त हुई है, और उनमें क्या कार्यवाही हुई है? मंत्री ने बताया कि वन अधिकार के संबंध में पूरी जानकारी दे दी है. दुरुपयोग के बारे में इसकी शिकायत नहीं आई है, शिकायत देंगे तो उसे दिखावा लेंगे.

इसके साथ विधायक मरकाम ने सवाल किया कि कितने समूह और समितियों से वर्षवार पत्र प्राप्त है कितने लम्बित है? इस पर मंत्री ने बताया कि नगरीय सिहावा में 30 जून 24 तक कुल आवेदन 9 लाख 39 हजार 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं. अभी धमतरी जिले में अनिश्चित जनजाति के 4 हजार 313 दावे निरस्त हुए हैं. वन अधिकार के संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई हैं.

इसके साथ ही अम्बिका मरकाम ने सवाल किया कि लंबित प्रकरण का निराकरण कब तक होगा? इस पर मंत्री ने अतिशीघ्र निराकरण करने की बात कही.

हिस्ट्रीशीटर रंजन गर्ग के सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए फार्म हाउस पर चला बुलडोजर…

बिलासपुर-  कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रंजन गर्ग के मस्तूरी हाईवे के पास सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए फार्म हाउस पर आज सुबह से बुलडोजर चलना शुरू हो गया है. जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच कार्रवाई कर रही है.

मस्तूरी हाईवे के पास ग्राम पंचायत ढेका के पास एक एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया गया फार्म हाउस शराब, जुआ जैसे अवैध धंधों का अड्डा बना गया था.

कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व और पुलिस टीम कार्रवाई कर रही है. हत्या सहित कई गंभीर अपराधों में आरोपी रंजन गर्ग फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद जेल से बाहर है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार पर पांच अधिकारियों का सदन में हुआ निलंबन…

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने जिला निर्माण समिति दंतेवाड़ा के तहत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़कों का मामला उठाते हुए सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या इस सड़क के निर्माण में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इसमें किस तरह की गड़बड़ियां पाई गई और जो दोषी पाए गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.

सवालों के बीच उन्होंने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों के तहत भुगतान को लेकर सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या ठेकेदार को अधिक भुगतान किया गया है. इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यह कार्य पीएम ग्राम सड़क के तहत डीएमएफ में स्वीकृत ही नहीं है. बल्कि जिला निर्माण समिति समिति के विशेष केन्द्रीय सहायता मद में स्वीकृत है.

उप मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि इस मामले में शिकायत मिली थी. दंतेवाड़ा कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित कर प्रथम स्तरीय जांच कराई गई. इसके भीतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जीएसबी डामरीकरण कार्य, डब्लूबीएम और सोल्डर कार्य, रिटनिंग वॉल में अनियमितता का उल्लेख है.

डिप्टी सीएम ने जांच रिपोर्ट में ठेकेदार से 2 करोड़ की वसूली का जिक्र किया. तब चंद्राकर ने पूछा कि जब भुगतान ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात की वसूली कर रही है. इस पर डिप्टी सीएम एक द्वारा माप पुस्तिका के आधार पर कम भुगतान और वसूली के आदेश होने की बात कही.

इस पर चंद्राकर बिफर पड़े. उन्होंने डिप्टी सीएम पर का आरोप लगाए कि आप भ्रष्टाचार को छिपा रहे हैं. भ्रष्टाचार को उजागर क्यों नहीं कर रहे, संरक्षण क्यों दे रहे हैं. इस बात इस पर सदन में विपक्ष ने भी हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच दोनों में तीखे लहजे में बहस और टकराव की स्थिति बन गई.

टकराव पर आसंदी की समझाइश

सदन में डिप्टी सीएम और भाजपा सदस्य के बीच टकराव और तीखे लहजे में बहस के दौरान आसंदी ने मामला संभाला. उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि इतनी ऊंची आवाज में न बोलें. माइक लगा है इसलिए सब धीरे बोलने से भी सुन लेते हैं. इसलिए टोन नीचे करें. आरोप-प्रत्यारोप की जरूरत नहीं है. संसदीय तरीके से समझाने का प्रयास करें.

कांग्रेस का जिलाध्यक्ष है ठेकेदार

सदन में बहस के दौरान विपक्ष के सदस्य टोकाटाकी करते रहे. डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि वो ठेकेदार जिला कांग्रेस अध्यक्ष है, उसका कारनामा है. क्या ठेकेदार के पूरे काम की जांच कराई जाएगी. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि निःसंदेह जांच कराई जाएगी.

इनके निलंबन की घोषणा

- डिप्टी सीएम ने सदन में दोषी अफसरों के निलंबन और कार्रवाई की घोषणा की.

- सेवानिवृत्त हो चुके कार्यपालन अभियंता अनिल राठौर के विरूद्ध जांच की जा रही है.

- कार्यपालन अभियंता दामोदर सिंह सिदार को निलंबित कर विभागीय जांच की घोषणा

- अनुविभागीय अधिकारी तारकेश्वर दीवान को निलंबित कर विभागीय जांच की घोषणा.

- सहायक अभियंता आरवी पटेल को निलंबित कर विभागीय जांच का ऐलान.

- एक उपअभियंता का निधन हो चुका है.

- उपअभियंता रविकांत सारथी को निलंबित किया जा चुका है.

- ठेकेदार के खिलाफ वसूली, जांच के आदेश हो गए हैं, एफआईआर का आदेश हो गया है.

- ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी में ब्लैक लिस्टेड किया गया है.

कर्ज में डूबा धमतरी नगर निगम, गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल के लिए पैसे नहीं
धमतरी-    धमतरी नगर निगम पर संकट के बादल छाए हुए हैं. पेट्रोल-डीजल के 20 लाख रुपए से अधिक के कर्ज में नगर निगम डूबा हुआ है. जिसके चलते कई महीनो से पेट्रोल पंप संचालक को भुगतान नहीं हो पाया है. अब इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्षद लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं.
धमतरी निगम के नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा का कहना है कि इतनी ज्यादा कर्ज और उधारी से निगम की छवि लगातार खराब होती जा रही है. सिर्फ डीजल पेट्रोल नहीं बल्कि अलग-अलग विकास कार्य के ठेकेदारों को भी लंबा चौड़ा भुगतान करना बाकी है.
फंडिंग की कमी से बनी स्थिति
वहीं धमतरी नगर निगम की कमिश्नर ने बताया कि फंडिंग की कमी होने के कारण इतनी ज्यादा कर्ज की स्थिति बनी है. धमतरी निगम अपने आय के स्रोतों का अध्ययन कर रहा है और कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द इस भारी कर्ज के बोझ से मुक्ति पाई जा सके.
बता दें कि 40 वार्ड के 2 लाख लोगों के लिए धमतरी नगर निगम पानी, बिजली, साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने के लिए चार जेसीबी सहित 50 वाहन का इस्तेमाल करता है. टैक्स वसूली में कमजोर, राशियों के व्यवस्थापन और उपयोग में असफल होने से धमतरी नगर निगम शुरूआत से ही सरकार पर निर्भर रहता है. लेकिन खराब प्रबंधन के चलते सीधा प्रभाव जनता पर ही पड़ता है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : भाजपा विधायक ने उठाया राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि में कमी का मामला

भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल किया कि 2020-21 के मुक़ाबले 2021-22 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को राशि कम क्यों दी गई? इस कमी का क्या कारण है? जबकि राशि बढ़नी चाहिए थी. इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि राशि कम और ज़्यादा दी गई है. राशि में कमी होने का प्रमुख कारण था कि सरकार ने किसानों के मेड़ का रकबा काटा और राशि घटाई. विष्णुदेव सरकार किसान हितैषी है. किसानों के बारे में बोलने का इनका मुँह नहीं है.

विधायक साहू ने कहा कि किसानों की संख्या बढ़ी थी फिर भी रक़बा काटकर राशि कम दी गई थी. अटल श्रीवास्तव ने सवाल किया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की आख़िरी किश्त कब देंगे? इस पर नेताम ने कहा कि एक साल के भीतर 17 हज़ार करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है. इसीलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में बूम है.

प्रश्नकाल के दौरान आदिम जाति के आश्रम/छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया. उन्होंने सवाल किया कि आदिम जाति विभाग की ओर से संचालित आश्रम/छात्रावास में बच्चों की मौत हो रही है. आदिवासी बच्चों की मौत हो रही है, और सरकार सुशासन की बात करती है, जबकि आदिवासी की सरकार होने की बात की जाती है.

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब में एक साल में आश्रम/छात्रावास के 11 बच्चों के मौत की जानकारी देते हुए कहा कि आश्रम, छात्रावासों में स्वास्थ्य और अन्य जाँच के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी किसी सदस्य को जानकारी है तो दें, जाँच करवा लेंगे. आदिवासी का बेटा मुख्यमंत्री है. आपने जो बिगाड़ा है, हम उसे बना रहे हैं. हमारी सरकार ने कहीं भी शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की है. आपके समय में 25 हज़ार बच्चों की मौत हुई थी, उन क्षेत्रों में ये राज्यभर में जानकारी आई है, इसलिए आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं.

बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, कवासी लखमा ने भी आदिवासी बच्चों की मौत मामले पर सरकार को घेरा. कवासी लखमा ने कहा कि छात्रावास में भूख से भी बच्चे की मौत हुई है. आदिवासी बच्चे मर रहे हैं, जिससे दिनों-दिन इसकी संख्या घट रही है. आसंदी ने कहा कि मामला गंभीर है, सभी अपनी जानकारी दे दें, मंत्री जाँच करवा लेंगे.

विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रश्नकाल में वेलकम डिस्टलरी चेकरबनधा कोटा के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इसे कब तक अनुमति प्रदान की जाएगी? शर्तें क्या-क्या होंगी? 2 वर्षों में और किसके द्वारा क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत को जांच कब कब की गई है. क्या कार्यवाही की गई?

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिल्ली द्वारा 10/03/2024 को पर्यावरण स्वीकृति दी गई थी. इसमें चिमनी में उत्सर्जन उपचारित दूषित की गुदवाता निर्धारित मन के अनुरूप रखने स्पेनबॉश का बायो मिथेनेशन डाइजेस्टर,एक्टिवेट स्लज प्रोसेस और लैंपिटिंग के माध्यम से उपचारित कर प्रयोग किए जाने जल एवं मृदा गुणवत्ता का परिमापन आदि शर्ते शामिल हैं.

मंत्री चौधरी ने कहा कि हमने ग्रामवासियों ओर सरपंचों द्वारा शिकायत दर्ज की थी. वायलेशन के आधार पर उद्योग को 3 लाख 90 हजार की पेनाल्टी की गई है. तीसरी शिकायत पर 9 लाख की पुनः पेनाल्टी की गई है. विधायक श्रीवास्तव ने सवाल किया कि क्या पेनाल्टी से पर्यावरण दूषित होने से प्रदूषण रुक गया रेगुलर बेसिस से क्या जांच होती है? उसे बंद किया जाना चाहिए हमारा अनुरोध है.

मंत्री ने बताया कि निर्धारित फॉर्मूला के आधार पर ही हम फाइन लगा सकते है. जब भी कोई शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें इसी वित्तीय वर्ष में 3 शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें हम नोटिस के साथ एक टाइम देते है. अगर सुधार होता है तो पेनाल्टी के बाद प्रकिया चालू की जाती है.

विधायक ने कहा कि वहां के किसान, स्कूल के बच्चे शिकायत कर रहे है कि अरपा नदी में लगातार पॉल्यूशन हो रहा है. इसे बंद क्यों नहीं किया जा रहा है? लगातार इस मामले पर शिकायत आ रही है? इस पर मंत्री ने कहा कि अगर सदस्य को ऐसा लगा रहा है तो इसमें मुझे लिखित में शिकायत दे दे जांच कराएंगे.

उमेश पटेल ने सुझाव दिया कि विधायक मंत्री जी को साथ लेकर चले जाए, जिससे वे स्वयं जाकर वहा की शिकायत सुन सके? बच्चे लगातार शिकायत करते है समस्या बढ़ती चलाई जा रही है.