अदरी बचाओ आंदोलन यात्रा का आज चौथे दिन हुआ समापन, ग्रामवासियों ने यात्रा को बताया ऐतिहासिक
औरंगाबाद: अदरी बचाओ आंदोलन का आज चौथे दिन की यात्रा खखड़ा ग्राम से प्रारंभ होते हुए कूड़ा, रावल बीघा, कमा बीघा,रघुनाथ बीघा होते हुए शहर के यमुनानगर में पहुंच समापन हुई। ग्राम वासियों ने इस आंदोलन यात्रा को ऐतिहासिक यात्रा बताया है।
ग्रामवासियों ने कहा कि यह यात्रा हम सब की कई पीढियो को सुरक्षित रखने वाली यात्रा है। वही इस यात्रा में औरंगाबाद शहर के स्थानीय विधायक आनंद शंकर शामिल होते हुए इस यात्रा का समर्थन करते हुए कहा कि सामाजिक दृष्टि कौन से बहुत ही बहुमूल्य है। इस आंदोलन के समर्थन में विधानसभा में आवाज उठाऊंगा और सरकार को ध्यान आकर्षित करवाने का काम करूंगा।
विधायक ने कहा कि मानव जीवन के लिए जल ही जीवन है। इस आंदोलन से हम बहुत प्रभावित है। हर संभव इस आंदोलन के समर्थन मैं खड़ा रहूंगा। जब तक अदरी नदी का पानी निर्मल धारा के रूप में प्रवाहित ना हो। पानी संकट के विकराल रूप को देखते हुए यह आंदोलन हम सबको जगाने वाली है। ऐसे अच्छे कार्य के लिए सभी आंदोलनकारी को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
आंदोलन के संयोजक जैक अनिल सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास तब तक जारी रहेगा जब तक अदरी नदी की पानी अविरल रूप में प्रवाहित ना हो जाए। इस आंदोलन के प्रति जिस तरह ग्राम वासियों का समर्थन मिल रहा है। निश्चित रूप में आंदोलन हम सबके लिए सार्थक साबित होगा।
कहा कि इस आंदोलन में ग्राम वासियों का प्रेम पाकर हम सभी भावुक हो जा रहे हैं। जल के लिए गर्मी के वक्त हम लोग एक बूंद के लिए दर-दर भटकते हैं। जल है तो हमारा जीवन सुरक्षित है। यह आंदोलन मानव फरिश्ता के रूप में आंदोलन है। ग्राम वासियों का यह प्रेम और समर्थन इस आंदोलन के प्रति हम सभी को हम सभी को संकल्पित कराता है। हम सभी ने संकल्प लिया है जब तक अदरी को अविरल रूप ना उतार दे तब तक यह संघर्ष हम सब का जारी रहेगा।
भाजपा पूर्व अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह ने कहा अपनी नदियों को बचाने के लिए अब हम सबको एक होने की जरूरत है। यदि नदिया बचेगी तभी हमारा भविष्य बचेगा। पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं है। इसलिए इस आंदोलन में हम सबको एक होने की जरूरत है।
समाजसेवी आदित्य श्रीवास्तव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह अपनी हक की लड़ाई की आंदोलन है इसलिए हम सबको एक होने की जरूरत है। भ्रष्टाचारी लुटेरे लोगों से नदियों को दोहन होने से बचाना है, यदि इसी तरह नदिया का दोहन होता रहा तो हमारा भविष्य एक दिन अंधकार में चला जाएगा। नदियों एवं पर्यावरण को संरक्षित रखने की जिम्मेवारी हर इंसान को है, यदि यह संरक्षित है तभी हमारा जीवन सुरक्षित है।
चर्चित साहित्यकार कालिका सिंह ने अपने काव्य पाठ से ग्राम वासियों को नदी संरक्षण के प्रति जागरूक किया।
इस मौके पर समाजसेवी अनिल सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य कालिका सिंह, समाजसेवी आदित्य श्रीवास्तव ,मुखिया बिजेंद्र यादव,समाजसेवी सुजीत सिंह, पूर्व मुखिया विक्रांत सिंह,चंदन सिंह, शशि सिंह, कैलाश पासवान, शत्रुघ्न सिंह मुन्ना,अरविंद सिंह,मदेशर सिंह, बी के पाठक, प्रिंस सिंह, गुड्डू सिंह, विकाश बारूद, अंकित कुमार, दीपक सिंह,अन्य कई लोग मौजूद थे।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Dec 19 2024, 17:09