सट्टेबाजी का सरगना और एजेंट गिरफ्तार, हर महीने सैलरी देकर चलाते थे अवैध कारोबार, ऐसे हुआ खुलासा

बिलासपुर-  बिलासपुर पुलिस ने शहर के सट्टा कारोबारी पर शिकंजा कसा है. पुलिस ने सट्टा किंग दिनेश टेकवानी और एक एजेंट को गिरफ्तार किया है. टेकवानी अपने अवैध कारोबार को चलने के लिए बाकायदा सैलरी पर एजेंट रखकर काम कर रहा था. मुखबिर से मिली सूचना के बाद एजेंट को धरदबोचा है. वहीं उसके पास से लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, लाखों रुपए की सट्टा पट्टी जब्त की है.

एसपी रजनेश सिंह के निर्देश के बाद लगातार सट्टेबाजी के सरगना को पकड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही थी. तोरवा थाना पुलिस ने अनिल गंगवानी से पूछताछ में पता चला कि वह दिनेश टेकवानी के लिए सट्टा लिखता है. इसके लिए दिनेश उसे प्रति 20 हजार रुपए सैलरी देता है. जिसके बाद पुलिस ने स्वर्ण जयंती नगर स्थित पत्रकार कॉलोनी निवासी दिनेश टेकवानी (59) पिता लक्ष्मणदास टेकवानी को भी पकड़ लिया.

दोनों आरोपियों के विरुद्ध बीएनएस की धारा 112 और 6 क ,6 ख , 7(1), 7(2) छ.ग. जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रकर्रण दर्ज किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर हवाई सेवा का स्वामी विवेकानंद विमानतल पर किया शुभारंभ

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर हवाई सेवा का स्वामी विवेकानंद विमानतल पर आज शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि आज छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर विमान सेवा का शुभारंभ हमारे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार का प्रतीक है। इस सेवा का आरंभिक किराया मात्र 999 रुपये है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आम जनता भी हवाई यात्रा का लाभ उठा सके।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में जो परिवर्तन आया है, उसका यह एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की सवारी करेगा और आज वह सपना साकार हो रहा है। सरगुजा और बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों की एयर कनेक्टिविटी से न केवल नागरिकों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि इन क्षेत्रों में टूरिज्म और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। राज्य सरकार ने 80 करोड़ की लागत से अंबिकापुर के एयरपोर्ट का विकास किया है। माँ महामाया एयरपोर्ट, अंबिकापुर को थ्री सी वीएफआर श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त हुआ है । यह एयरपोर्ट 72-सीटर एटीआर-72 विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अंबिकापुर को वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता से जोड़ने की योजना पर भी काम जारी है।हमारे छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरें, और इको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व, रामगढ़ की पहाड़ियां, और एशिया का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात जैसे स्थलों तक अब देश-विदेश के पर्यटकों की पहुंच आसान होगी। इसके साथ ही, एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से निवेश का माहौल भी बेहतर होगा। हमारी सरकार ने नई उद्योग नीति में होम स्टे और रिसॉर्ट्स जैसे उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन दिया है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि अगले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ को विमानन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नया साल आने वाला है, और मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इस नई विमान सेवा का लाभ उठाएं और सरगुजा की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें। फ्लाई बिग चार्टर कंपनी 19-सीटर ट्विन औटर विमानों के माध्यम से इन शहरों के लिए सेवाएं देगी।

विमान टेकऑफ़ को वाटर सेल्यूट दिया गया। आज प्रारंभ हुई विमान सेवा के पहले यात्री के रूप में सांसद चिंतामणि महाराज सपत्नीक सवार हुए, जिनको मुख्यमंत्री श्री साय ने बोर्डिंग पास देकर कहा कि आज आपने इतिहास बना दिया। आप इस रूट के पहले यात्री है, आपको शुभकामनाएं। इस अवसर विधायक राजेश अग्रवाल, प्रबोध मिंज, रामकुमार टोप्पो, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजु, संचालक विमानन विभाग संजीव झा, फ्लाई बिग कंपनी के सीएमडी संजय मांडविया उपस्थित थे।

आज और कल वर्षा की आशंका, ठंड में आएगी कमी

रायपुर-  प्रदेश के लोगों को ठंड से राहत मिल रही है. बीते दो दिनों में प्रदेश का न्यूनतम औसत तापमान चार से पांच डिग्री तक बढ़ गया है. यही नहीं अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में और वृद्धि हो सकती है. 

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की वृद्धि हो सकती है. इसके बाद कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, दो मौसमी तंत्र के प्रभाव से प्रदेश हवा की दिशा में परिवर्तन हो सकता है. सर्वाधिक अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री दंतेवाडा में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया गया.

बना हुआ है सिस्टम

दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना सुस्पष्ट निम्न दबाव का क्षेत्र तथा इससे सम्बद्ध ऊपरी चक्रवाती परिसंचरण, औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर बना हुआ है. अगले 24 घंटों के दौरान इस सिस्टम के उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने की संभावना है. इसके बाद, अगले 24 घंटों में इसके आंध्र प्रदेश तट के साथ उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है. एक पश्चिमी विक्षोभ निचले और मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक द्रोणिका के रूप में बना हुआ है.

दो दिन बारिश के आसार

19 दिसंबर से 20 दिसंबर को बस्तर संभाग और उससे लगे जिलों में, रायपुर संभाग के जिले, उड़ीसा से लगे बिलासपुर संभाग के जिले (सारंगढ़, रायगढ़, सक्ती, जांजगीर, कोरबा और उससे लगे सरगुजा संभाग के जिलों में) हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : अस्पतालों में फायर सेफ्टी का उठा मुद्दा

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदस्यों ने अस्पतालों में फायर सेफ्टी का मुद्दा उठाया. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में फ़ायरसेफ्टी सिस्टम का ऑडिट चल रही है. सरकार ने हर जिले में जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल का आज एक साल पूरा होने पर सदस्यों ने उन्हें बधाई दी है. इसके बाद भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल किया कि प्रदेश में कितने सरकारी और प्राइवेट अस्पताल है. इन अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम के क्या प्रावधान है. फायर सेफ्टी सिस्टम का आडिट कब-कब हुआ. जिन अस्पतालों में फायर सिस्टम अपडेट नहीं है, या सिस्टम नहीं है, उन पर क्या कार्रवाई हुई?

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम विहारी जैसवाल ने सदन को बताया कि प्रदेश में 1129 प्राइवेट अस्पताल हैं. सरकारी अस्पतालों के पंजीकरण का कोई प्रावधान नहीं है. छत्तीसगढ़ सरकार की 29 नवंबर 2022 की अधिसूचना के अनुसार, 30 से अधिक बिस्तर वाले और क्रिटिकल केयर यूनिट वाले अस्पतालों को फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है. जिन अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है, उनके लायसेंस सस्पेंड और निरस्तीकरण के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.

राजेश मूणत ने अधूरे पड़े हमर क्लिनिक का मामला उठाया. इस पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विस्तार के लिए ‘हमर अस्पताल, हमर क्लिनिक’ योजना चलाई गई. 15वें वित्त आयोग ने 38 करोड़ से ज्यादा विभाग को भेजा है. वित्त विभाग ने विलंब किया, जिसके बाद राशि नहीं भेजी गई. इस पर जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं पटाने तक अगली राशि नहीं मिलेगी.

मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बार बजट में यह राशि रखी गयी है, दूसरी-तीसरी किस्त इसके बाद आ जाएगी. वहीं मूणत की हमर क्लिनिक में राज्य सरकार की क्या भूमिका है, कितने ड्रा होने चाहिए वाले सवाल पर मंत्री ने बताया कि हमर क्लिनिक में पांच मानव संसाधन होते हैं, जहां पूरा सेटअप होता है, वहां संचालित हो रहा है.

5 सेशन और 40 सिविल जजों का हुआ तबादला, 42 सीनियर जजों को मिला प्रमोशन, देखें पूरी लिस्ट

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सिविल जजों के तबादला और प्रमोशन का आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, हाईकोर्ट ने 5 सेशन जजों और 40 सिविल जजों का ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा 42 सीनियर सिविल जज जो सीजेएम रैंक के थे, उन्हें प्रमोट कर डिस्ट्रिक्ट एंड एडिशनल सेशन जज बनाया गया है। प्रमोशन के साथ इनका तबादला भी कर दिया गया है।

देखें आदेश –

सुकमा जिले के चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र ने राष्ट्रीय स्तर पर रचा इतिहास, भारत सरकार से मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणपत्र सम्मान

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र स्वास्थ्य केन्द्र चिंतागुफा ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में वह कर दिखाया है, जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी। वर्षों तक दहशत और चुनौतियों का पर्याय रहे, इस क्षेत्र ने अब अपनी सेवा भावना, मेहनत और प्रतिबद्धता से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को 28 नवंबर 2024 को भारत सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया, जिसमें इसे 89.69 प्रतिशत का उत्कृष्ट स्कोर प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि सुकमा जिले में प्रथम स्थान पर आने के साथ ही पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है।

गौरतलब है कि चिंतागुफा स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत पांच उप-स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जिसमें 45 घोर नक्सल प्रभावित गांव आते हैं। भारत के सबसे बड़ी नक्सल घटना, जहां 76 जवान शहीद हुए थे, वह ताड़मेटला गांव भी इसी सेक्टर में आता है। सुकमा कलेक्टर के अपहरण के बाद रिहाई का क्षेत्र हो या बुरकापाल में शहीदों की याद, सब इसी इलाके की घटना है। कोंटा विकासखण्ड अंतर्गत स्थित यह क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित है, जिसके अंदरूनी गांवों में आज भी माओवादियों की दहशत है।

चिंतागुफा का सफर: संघर्ष से सफलता तक

चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र, वर्ष 2009 में आरएमए मुकेश बख्शी की पदस्थापना से अस्तित्व में आया। उस समय यह क्षेत्र भवन विहीन, नेटवर्क विहीन, रोड विहीन था। स्टॉफ में सिर्फ एक आरएमए और एक वार्ड व्वाय के साथ स्कूल के एक कमरे में इसका संचालन होता था। जिसक कमरे में इलाज होता था, उसी कमरे ही प्रभारी सोते थे। नक्सलियों के खौफ और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने हर कदम पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चुनौती थी। वर्ष 2011 में 11 अप्रैल को एक घटना के दौरान नक्सलियों ने एंबुलेंस पर हमला किया, जिसमें आरएमए मुकेश बख्शी और कई बच्चे मौजूद थे। श्री बख्शी बच्चों को बेहतर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र दोरनापाल एम्बुलेंस में ले जा रहे थे, तभी नक्सलियों ने एम्बुस लगाकर गोलीबारी की। एम्बुलेंस में 8 गोलियां लगी। किस्मत से किसी को गोली नहीं लगी। नक्सलियों ने सबको नीचे उतार कर जमीन में पेट के बल लेटाकर हाथ पीछे कर बंदूक टिका दिया था। आरएमए मुकेश बख्शी के बार-बार निवेदन और सेवाभाव को देखकर नक्सलियों ने सभी को छोड़ दिया। इसके बावजूद, बख्शी ने अपनी सेवा भावना से लोगों का दिल जीतकर इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की नींव मजबूत की। वर्ष 2017 में स्वास्थ्य केन्द्र चिंतागुफा के प्रभारी आरएमए मुकेश बख्शी को चिकित्सा सेवाभाव के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा धन्वंतरी सम्मान दिया गया। वर्ष 2017 में ही राज्य टीम के साथ मलेरिया अनुसंधान हेतु श्री बख्शी, श्रीलंका जाने हेतु चयनित हुए। वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री द्वारा हेल्थ आइकॉन सम्मान से नवाजा गया।

यह क्षेत्र आज भी बुनियादी संसाधनों से दूर है। सड़कें, नेटवर्क और बाजार जैसी सुविधाएं सीमित हैं। लंबे समय तक नक्सल प्रभाव ने विकास कार्यों और भवन निर्माण को रोके रखा था। बारिश के मौसम में क्षेत्र टापू में बदल जाता है, जिससे पहुंचना कठिन हो जाता है। वर्ष 2020 में स्वास्थ्य भवन और आवासीय सुविधाओं का निर्माण हुआ, जिससे सेवाओं का विस्तार हुआ। राज्य और जिला अधिकारियों, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट्स, और स्थानीय लोगों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर के मानकों को पूरा करने की तैयारी हुई। 15-16 नवंबर 2024 को भारत सरकार की एनक्वॉस टीम ने चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया। ओपीडी,आईपीडी लैब, लेबर रूम और प्रशासनिक कार्य जैसे सभी विभागों की समीक्षा में उच्च रैंक हासिल किया।

आज चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र प्रतिमाह औसतन 20 संस्थागत प्रसव, 1000 से अधिक ओपीडी, और 100 से अधिक भर्ती मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। यह उपलब्धि केवल एक स्वास्थ्य केंद्र की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की दृढ़ता, संघर्ष और सेवा भावना की कहानी है। डॉ. अनिल पटेल, महेंद्र काको, सीमा किसपोट्टा, रीना कुमारी, पार्वती कुहरम, अनिता सोढ़ी सहित पूरी टीम ने एकजुट होकर इस सफलता को संभव बनाया। आयुष्मान आरोग्य मंदिर चिंतागुफा अब इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक बन चुका है, और अपने स्वास्थ्य मानकों और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। यह सफलता अन्य घोर प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक उदाहरण है कि कैसे समर्पण और टीम वर्क से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।

पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, 186 पुलिसकर्मी हुए इधर से उधर, देखें जंबो लिस्ट …
सरगुजा-    सरगुजा पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें 186 से अधिक पुलिसकर्मियों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया है. यह ट्रांसफर लिस्ट एसपी योगेश कुमार पटेल ने जारी किया है.
बाबा गुरु घासीदास का संदेश आज भी प्रासंगिक: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने मनखे-मनखे एक समान, समरसता का संदेश दिया। हमारी सरकार उनके बताये रास्ते पर चलते हुए सभी वर्गों के विकास के लिए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय आज बाबा गुरू घासीदास की 268वीं जयंती के अवसर पर मुंगेली जिले के मोतिमपुर-अमरटापू धाम में आयोजित एक दिवसीय गुरु पर्व मेला को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने गुरू घासीदास मंदिर में बाबा की पूजा-अर्चना कर प्रदेश के नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों का अभिवादन करते हुए बाबा गुरू घासीदास जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जिले के ग्राम कंतेली में नवीन महाविद्यालय खोलने और मोतिमपुर में उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने मोतिमपुर-अमरटापू धाम के सौंदर्यीकरण का भी आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 को गिरौदपुरी में हुआ था। उस समय समाज में छुआछूत और भेदभाव व्याप्त था। ऐसे समय में बाबा गुरू घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया। देश और प्रदेश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र के साथ सभी वर्गों का विकास हो रहा है। 13 दिसंबर को हमारी सरकार के 01 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में जनादेश परब मनाया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवास की स्वीकृति दी गई। धान के 02 साल के बकाया बोनस की राशि किसानों के खाते में अंतरित की गई। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रूपए की राशि दी जा रही हैं। पीएससी घोटाला की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई होना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमेशा खुशहाली हो, इसके लिए कार्य करने के लिए हमारी सरकार हमेशा तत्पर है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बाबा गुरू घासीदास जयंती हर साल 18 दिसंबर को राज्य में उत्सव के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने बाबा गुरु घासीदास के जीवन दर्शन और समरसता के संदेश का उल्लेख करते हुए सभी लोगों से बाबा के बताए रास्ते पर चलने का आग्रह किया। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास सतनाम पंथ के संस्थापक थे। उन्होंने मनखे-मनखे एक समान, आपसी भाईचारा एवं समरसता का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने मंच के माध्यम से सेतगंगा मेला के आयोजन के लिए 05 लाख रुपए देने की घोषणा की।

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने समाज में व्याप्त जातिगत विषमताओं को नकारा। उन्होंने गुरू घासीदास जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने लोगों को सत्य, अहिंसा और सामाजिक समरसता का संदेश दिया।

गौरतलब है कि मोतिमपुर-अमरटापू धाम में सन् 1996 से प्रतिवर्ष गुरु घासीदास जयंती पर गुरुपर्व मेला का आयोजन होते आ रहा है। कार्यक्रम के संयोजक मंडल के अध्यक्ष दुर्गा बघेल ने कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, श्रद्धालुओं, संत, महंत, सभी का अभिवादन किया। कार्यक्रम के समापन में समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, संभागायुक्त महादेव कावरे, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर राहुल देव, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

कांग्रेस के पूर्व विधायक पर FIR का मामला गरमाया : प्रकाश नायक के सपोर्ट में आए किसान, एफआईआर पर जताई नाराजगी, आरोपों को बताया झूठा

रायगढ़-  रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लॉक स्थित ग्राम छिछोर उमरिया के धान खरीदी केंद्र में हंगामे को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रकाश नायक के खिलाफ दर्ज एफआईआर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रकाश नायक के समर्थन में अब किसान भी आ गए हैं. किसानों ने एफआईआर दर्ज होने पर नाराजगी व्यक्त की है और उनका कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं, साथ ही पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर उन्हें फंसाने की कोशिश की है.

गांव में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

सारंगढ़-  गुड़ेली क्षेत्र में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने खदान मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर सांठगांठ कर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र में अवैध खदानों की भरमार है, बावजूद इसके खनिज विभाग ने अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा ग्रामीण झेल रहे हैं।

बता दें कि जिले के गुड़ेली क्षेत्र के लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों खदानें हैं और वहाँ चलने वाली क्रेशर मशीनों से क्षेत्र के कई गांव प्रदूषण की चपेट में हैं। जिला गठन के बाद भी इन गांवों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, जिसे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने लगा है। बिगड़ते पर्यावरण प्रदूषण से हजारों ग्रामीणों का विभिन्न बीमारियों के साथ जीना मुश्किल होता जा रहा है। गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र के चारों ओर बड़ी संख्या में अवैध-वैध गिट्टी की खदानें और क्रेशर खदानें हैं। जहां गिट्टी निर्माण के लिए चूना पत्थर तोड़ने से जो धूल और धुआं निकलता है, उससे जन स्वास्थ्य पर खतरा मंडराता रहता है, बावजूद इसके इन क्षेत्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं।

प्रदूषण और बीमारी से परेशान ग्रामीणों ने बुधवार को खदान जाने वाले मार्ग पर चक्काजाम कर घंटों नारेबाजी की और फ्लाई ऐश वाहनों, प्रदूषणकारियों पर कार्रवाई सहित सड़कों पर पानी के छिड़काव की मांग करते रहे। जनप्रतिनिधियों और खदान मालिकों की काफी समझाइश और पर्याप्त आश्वासन के उपरांत ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया और सड़क बहाल हुई।

बहरहाल, ग्रामीणों के घंटों चक्काजाम के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई मौके पर नहीं पहुंचा और न ही कोई प्रतिनिधि भेजा गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और ग्रामीणों की सेहत को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है।