धान अधिप्राप्ति में बिहार का यह जिला नंबर वन, पिछले साल की तुलना में अबतक 10 टन अधिक हुई खरीद

* डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव समाप्ति के बाद जिलों में धान खरीद में थोड़ी तेजी आयी है। धान अधिप्राप्ति में संपूर्ण बिहार में रोहतास फिलहाल पहले पायदान पर पहुंच गया है। धीरे-धीरे सभी पैक्स सोसाइटियों ने धान की खरीदारी शुरू कर दी है। अब तक जिले में 30 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है। जबकि पिछले साल अब तक मात्र 20 हजार एमटी धान की खरीदारी हुई थी। यानी पिछले साल से इस बार अबतक 10 हजार एमटी अधिक धान की खरीदारी की गई है। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए लक्ष्य के बाद से धान खरीदारी में तेजी लायी जा रही है। सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी अथवा नोडल पदाधिकारियों द्वारा लगातार धान अधिप्राप्ति की मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रत्येक दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है। धान खरीदारी के लिए चयनित पैक्सों को लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुसार उन्हें शत प्रतिशत धान की खरीदारी करने का निर्देश जारी किया गया है। उधर किसानों के बीच अधिकारी पहुंचकर इच्छुक लघु किसानों को पैक्सों में धान की बिक्री करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके। पिछले साल की तरह भी इस बार भी चार लाख 14 हजार एमटी धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में धान खरीदारी के लिए नये 51 पैक्स समितियों का चयन किया गया है। अब तक जिले में 214 पैक्स समितियों में धान की खरीदारी शुरू कर दी गई है। जिले में अब तक 2920 किसानों से धान की खरीदारी हुई है। जिसमें से 80 प्रतिशत किसानों का निर्धारित समय-सीमा के अंदर भुगतान भी किया गया है। शेष किसानों का भुगतान किया जा रहा है।
धान अधिप्राप्ति में बिहार का यह जिला नंबर वन, पिछले साल की तुलना में अबतक 10 टन अधिक हुई खरीद

* डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव समाप्ति के बाद जिलों में धान खरीद में थोड़ी तेजी आयी है। धान अधिप्राप्ति में संपूर्ण बिहार में रोहतास फिलहाल पहले पायदान पर पहुंच गया है। धीरे-धीरे सभी पैक्स सोसाइटियों ने धान की खरीदारी शुरू कर दी है। अब तक जिले में 30 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है। जबकि पिछले साल अब तक मात्र 20 हजार एमटी धान की खरीदारी हुई थी। यानी पिछले साल से इस बार अबतक 10 हजार एमटी अधिक धान की खरीदारी की गई है। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए लक्ष्य के बाद से धान खरीदारी में तेजी लायी जा रही है। सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी अथवा नोडल पदाधिकारियों द्वारा लगातार धान अधिप्राप्ति की मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रत्येक दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है। धान खरीदारी के लिए चयनित पैक्सों को लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुसार उन्हें शत प्रतिशत धान की खरीदारी करने का निर्देश जारी किया गया है। उधर किसानों के बीच अधिकारी पहुंचकर इच्छुक लघु किसानों को पैक्सों में धान की बिक्री करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके। पिछले साल की तरह भी इस बार भी चार लाख 14 हजार एमटी धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में धान खरीदारी के लिए नये 51 पैक्स समितियों का चयन किया गया है। अब तक जिले में 214 पैक्स समितियों में धान की खरीदारी शुरू कर दी गई है। जिले में अब तक 2920 किसानों से धान की खरीदारी हुई है। जिसमें से 80 प्रतिशत किसानों का निर्धारित समय-सीमा के अंदर भुगतान भी किया गया है। शेष किसानों का भुगतान किया जा रहा है।
BPSC पीटी परीक्षा में उपद्रव करने वाले छात्रों पर होगी कार्रवाई, पटना जिला प्रशासन के जांच रिपोर्ट पर आज होगी बैठक

* डेस्क : बीते 13 दिसंबर को बीपीएससी पीटी परीक्षा के दौरान राजधानी पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा परिसर में उपद्रव करने वाले छात्रों पर बीपीएससी कार्रवाई करेगा। पटना जिला प्रशासन की ओर से परीक्षा केंद्र पर हंगामे की जांच रिपोर्ट आयोग को भेज दी गई है। इस मामले को लेकर आज सोमवार को आयोग के वरीय अधिकारी इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को लेकर बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि उपद्रवी छात्रों को बीपीएससी की परीक्षा से डिबार करने का निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, जिला प्रशासन की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि कुछ उपद्रवियों ने बीपीएससी की परीक्षा रद्द कराने के लिए हंगामा किया था। सोची समझी साजिश के तहत बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में ऐसा किया गया था। प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट को परीक्षा केंद्र से बाहर ले जाने की कोशिश की गई। एक परीक्षार्थी ट्रंक से प्रश्न पत्र का पैकेट लूटकर हाथ में लहराते हुए छात्रों के समूह के साथ गेट तोड़कर बाहर निकल गया। इससे परीक्षा केंद्र पर विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हंगामे की सूचना पर डीएम और एसएसपी पहुंचे तब स्थिति नियंत्रण में हुआ। अन्यथा भारी तोड़फोड़ के साथ साथ आगजनी भी हो सकती थी। परीक्षा केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट सह वरीय उपसमाहर्ता ब्रजकिशोर लाल और केंद्राधीक्षक मृत्युजय कुमार सिंह ने संयुक्त रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने बीपीएससी को भविष्य में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर हंगामे में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका हो सकती है, इसकी जांच करानी चाहिए। हंगामे में परीक्षार्थियों के अलावा बाहर के लोग भी थे। परीक्षार्थियों ने कई कमरों में जाकर उपस्थिति पत्रक आदि प्रपत्रों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बावजूद वहां तैनात मजिस्ट्रेट ने बगैर बल प्रयोग कराए परीक्षा को संपन्न कराया। यहां कुल 5671 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है।
प्रेमी का साथ मिलकर बहू ने कराई थी ससुर की हत्या, पुलिस ने हत्या में शामिल पांच को दबोचा

* डेस्क : बिहार के नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के अरपा गांव में बीते चार दिसंबर को घर से बुलाकर विमलेश शर्मा उर्फ लाला सिंह नामक व्यक्ति की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बहू ने अपने प्रेमी व परिजनों की मदद से ससुर की हत्या करवायी थी। बहू एभी देवी, उसका प्रेमी चंदन कुमार, भाई मनीष कुमार उर्फ रजनीश व लाइनर का काम कर रहे अनिल सिंह उर्फ टुनटुन सिंह को गिरफ्तार किया गया है। टुनटुन, विमलेश का चचेरा भाई है। शूटर दीपक अभी फरार है। डीएसपी सुमीत कुमार ने बताया कि विमलेश की पत्नी कामती देवी ने अपने बेटे की पहली पत्नी एभी देवी समेत पांच को नामजद आरोपित बनाया था। शनिवार को गुप्त सूचना पर एभी, चंदन और मनीष कुमार को पटना जिला के नासरीगंज से पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर टुनटुन को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में बहू ने बताया कि उसने ही प्रेमी की मदद से ससुर की हत्या करवायी थी। घटना में इस्तेमाल किया गया स्कॉर्पियो व मोबाइल बरामद किया गया है। बताया कि आरोपित एभी की शादी वर्ष 2011 में विमलेश के बड़े बेटे आशुतोष कुमार के साथ हुई थी। आशुतोष दिमाग से थोड़ा कमजोर था। शादी के कुछ दिनों बाद ही एभी अपने मायके में रहने लगी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा कर दिया। मामला न्यायालय में चल रहा है। कुछ समय पहले आशुतोष ने दूसरी शादी कर ली। एक बच्चा भी हुआ। उसके बाद एभी को महसूस हुआ कि वह ससुराल में नहीं रह पाएगी और संपत्ति में भी हिस्सा नहीं मिलेगा। इसी कारण ने एभी ने अपने ब्यायफ्रेंड चंदन की मदद से हत्या की साजिश रची। इसमें अपने भाई के साथ चचेरे ससुर को भी शामिल कर लिया। टुनटुन लाइनर का काम कर रहा था। वह विमलेश के पल-पल की खबर उन्हें दे रहा था। इसके बाद रेकी की गयी और घटना को अंजाम दिया गया। छापेमारी टीम में थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार, राकेश कुमार, दिलीप कुमार, अभिषेक कुमार आदि शामिल थे।
शिक्षा विभाग को अबतक 1.75लाख शिक्षकों के स्थानांतरण के मिले आवेदन, अभी और बढ़ने की है संभावना

* डेस्क : विशेष समस्या के आधार पर शिक्षकों के स्थानांतरण के आवेदन में शिक्षा विभाग को उम्मीद से बहुत अधिक आवेदन मिले है। राज्य के पौने दो लाख से अधिक शिक्षकों ने रविवार की शाम तक सरकार को अपने तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। जबकि शिक्षा विभाग को उम्मीद थी कि अधिकतम एक लाख तक आवेदन आएंगे, पर यह संख्या काफी अधिक हो गई। राज्य में कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या साढ़े पांच लाख है। एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक आवेदन का मौका दिया गया था। विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि 15 दिसंबर की मध्य रात्रि तक ई शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदनों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है, जिसकी पूरी रिपोर्ट 16 दिसंबर तक आएगी। विभाग ने कहा था कि विशेष समस्या के कारण जो शिक्षक अपना तबादला चाहते हैं, वो आवेदन करेंगे। इसके लिए सात तरह की समस्याएं भी विभाग के द्वारा चिह्नित की गयी थीं। इनमें असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, विधवा एवं परित्यक्ता, पति-पत्नी का पदस्थापन, पदस्थान से ऐच्छिक स्थान की लंबी दूरी आदि तय किये गये हैं। पौने दो लाख में करीब डेढ़ लाख शिक्षकों ने लंबी दूरी की समस्या के कारण आवेदन किया है। इस तरह देखें तो 85 प्रतिशत आवेदन लंबी दूरी में पदस्थापन के कारण ही आये हैं। अर्थात ये सभी शिक्षक जहां पर पदस्थापन चाहते हैं, वहां से वर्तमान पदस्थापन स्थल दूरी पर है। दूसरी सबसे अधिक संख्या उन शिक्षकों की है, जो पति-पत्नी के पदस्थापन के आधार पर तबादला चाहते हैं। शिक्षा विभाग ने जनवरी के प्रथम सप्ताह तक शिक्षकों के तबादले कर देने का लक्ष्य रखा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने दस दिसंबर मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी थी।
पटना कलेक्ट्रेट के नए भवन में सभी कार्यालय पूरी तरह शिफ्ट, आज सोमवार से शुरु होगा कामकाज

* डेस्क : पटना कलेक्ट्रेट के नए भवन में सभी कार्यालय पूरी तरह शिफ्ट हो गए हैं। आज सोमवार से सभी अधिकारी नये भवन में ही कामकाज करेंगे। बैठकें भी अब नये भवन में ही होने लगी है। हिंदी भवन में कलेक्ट्रेट के कुछ कार्यालय के दस्तावेज हैं, जिसे इस सप्ताह पूरी तरह से नए भवन में रख दिया जाएगा। कलेक्ट्रेट के नये भवन में डीएम समेत अन्य अधिकारियों का कार्यालय का संचालन शुरू हो गया है। इसीलिए छज्जूबाग स्थित हिंदी भवन, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, वीरचंद पथ स्थित अनुमंडल कार्यालय, डीसीएलआर कार्यालय, खनन विभाग को नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सोमवार से कलेक्ट्रेट का कामकाज पूरी तरह नए भवन में होगा। भू-सर्वेक्षण के लिए जिला बंदोबस्त पदाधिकारी का कार्यालय गुलजारबाग में है। उसे भी नये भवन में शिफ्ट किया जाएगा। एक सप्ताह में हिंदी भवन खाली कर दिया जाएगा।
राजद पर जमकर बरसे केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह, तेजस्वी के माई-बहन मान योजना के एलान पर इस कहावत के जरिए कसा तंज

डेस्क : जदयू के वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने राजद पर जोरदार हमला बोला है। वहीं उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के माई-बहन मान योजना के एलान पर भी तीखा तंज कसा है।

आज नालंदा के बिहारशरीफ स्थित श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में आयोजित जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद पर जोरदार हमला बोला और उन्होंने लोगों को लालू-राबड़ी के शासन काल की बात की। ललन सिंह ने कहा कि याद कर लीजिए 2005 से पहले बिहार की क्या दशा थी। बिहार में अपहरण उद्योग था और गुंडों का राज कायम था। लेकिन आज 2005 के बाद से पूरा बिहार बदल चुका है। आज बिहार में किए जा रहे विकास के कार्य और गरीबों के कल्याणकारी योजनाओं का देश भर में डंका बज रहा है।

वहीं उन्होंने तेजस्वी यादव के माई-बहन मान योजना को लेकर भी तीखा तंज कसा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि मेरी सरकार बनी तो महिलाओं को पेंशन समेत कई तरह की योजनाएं लाएंगे तो हम उनको कहना चाहते है कि गांव देहात में आज भी एक कहावत है कि सिक्का डाल कर लोग दही जमाते है और उसके नीचे खड़ी बिल्ली सोचती है कि दही गिरेगा और हम सब कुछ चट कर जायेंगे। लेकिन बिहार में अब ऐसा नहीं होने वाला है।

ललन सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कारण एक दो बार मौका मिल गया था। अब बटेर के हाथ में बिहार को जाने नहीं देगे। लालू जी के राज में मुख्यमंत्री आवास से मोटी रकम लेकर अपहरण का कारोबार और ट्रांसफर पोस्टिंग का काम होता था। यह लोग जो बिहार की सत्ता पर काबिज होने का मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं उनके सपनों को पूरा नहीं होने देंगे।

रणक्षेत्र बना जदयू का कार्यकर्ता सम्मेलन, मंत्रियों के सामनी ही आपस में ही भिड़े जदयू कार्यकर्ता

डेस्क : बिहार के सत्ताधारी जदयू से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक कार्यक्रम के दौरान कई मंत्रियों के मौजूदगी के बीच जदयू कार्यक्रता आपस में ही भिड़ गए। खबर यह भी है कि इसबीच कार्यकर्ताओं के बीच जमकर जूतम पैजाड़ हुआ। 

दरअसल अगले वर्ष 2025 में बिहार मे विधानसभा चुनाव होने है। जिसे लेकर अभी से सभी दलों द्वारा तैयारी शुरु कर दी गई। इसी कड़ी में आज पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी में जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। लेकिन इस सम्मेलन में कार्यकर्ता एकजुटता दिखाने के बजाय आपस में ही भिड़ गए। उनके बीच आपस में जमकर लतम जूतम हो गया। सम्मेलन में उपस्थित मंत्री के सामने ही कार्यकर्ताओ के बीच जमकर लात घुसे चले। कुछ देर के लिए मोतिहारी गांधी प्रेक्षा गृह का बापू सभागार रणभूमि बन गया। मंत्री के समक्ष स्टेज पर ही जमकर लात घुसे चलने लगे। थोड़ी देर के लिए अफरा तफरी मच गया। 

बता दें की बिहार सरकार के कई मंत्री कार्यक्रम में पहुंचे थे। जिसमें मंत्री अशोक चौधरी, विज्ञान  प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री पहुंचे थे। हालांकि विवाद का कारण तो स्पष्ट नहीं है लेकिन किसी नेता के भाषण ना दिलवाने के कारण पूछे जाने पर एक नेता के पुत्र द्वारा कार्यकर्ताओ से मारपीट करने की बात कही जा रही है।

जमीन विवाद में सगे चाचा ने दो भतीजों को मारी गोली, एक की हालत गंभीर

डेस्क : बिहार के जमुई जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां जमीन विवाद मे अपने ही सगे चाचा ने दो भतीजों को गोली मार दी। घटना में घायल एक की गंभीर हालत को देखते हुए पटना रेफर किया गया है।

घटना के संबंध में बताया गया है कि जमुई के सिकंदरा थाना क्षेत्र के टाल सहरसा गांव में आज रविवार की सुबह जमीन विवाद में सगे चाचा और भतीजा के बीच विवाद हुआ। मामला इतना बढ़ गया की चाचा ने अपने ही दो भतीजे को गोली मार दी है। दोनों घायलों की पहचान टाल सहरसा निवासी स्वर्गीय राजेश्वर महतो का 23 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार तथा 18 वर्षीय पुत्र सत्यम कुमार के रूप में की गई है। जिसमें एक भतीजे सत्यम की हालत गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है।

घायल राहुल कुमार ने बताया कि एक कट्ठा जमीन को लेकर उनके चाचा राजेंद्र महतो के साथ विवाद चल रहा था। कुछ दिन पहले ही बैठक हुई थी और आपस में सुलह के साथ स्थानीय लोगों ने बंटवारा कर दिया था। लेकिन उसके बावजूद रविवार की सुबह उसके सगे चाचा राजेंद्र महतो उसका पुत्र सहित अन्य पहुंचे और हंगामा करने लगे। जब इसका विरोध राहुल ने किया तो उसके साथ मारपीट करने लगा। उसे बचाने पहुंचे उसका पुत्र सत्यम कुमार को पहले राजेंद्र महतो ने गोली मार दी। फिर राहुल के ऊपर भी गोली चला दी। जिससे दोनों युवक घायल हो गए।

दोनों घायल युवकों को जमुई सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। एक युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना रेफर कर दिया गया है।

घटना की सूचना मिलते ही सिकंदरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंच मामले की छानबीन में जुट गई है। सिकंदरा थानाध्यक्ष मिंटू सिंह ने बताया कि मौके से सिकंदरा पुलिस ने राजेंद्र महतो की पत्नी को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है। मुख्य आरोपी राजेंद्र महतो मौके से फरार हो गया है। जिसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। पीड़ित पक्ष का अभी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। आवेदन प्राप्त होने पर मुकदमा दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।

मणिपुर में दो बिहारी मजदूरों की गोली मारकर हत्या पर सीएम नीतीश ने जताया गहरा दुख, मुआवजे का किया एलान

डेस्क : मणिपुर में उपद्रवी हिंसा में बीते शनिवार को अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की जान चली गई। इनमें से दो बिहार के मजदूर थे जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों बिहारी मजदूरो, सुनेलाल कुमार (18 वर्ष) और दशरथ कुमार (17 वर्ष) की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों गोपालगंज जिले के रहने वाले थे और काकचिंग के मैतेई बहुल इलाके में रहते थे।

इधर इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गहरा दुख प्रकट किया हैं। उन्होंने इस घटना को काफी दुखद बताया है। मुख्यमंत्री ने मणिपुर में बिहार निवासियों की हत्या पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की है।

वहीं मुख्यमंत्री ने इस घटना में मृत लक्ष्मण कुमार और दशरथ कुमार के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 02-02 लाख रूपये देने की घोषणा की है। साथ ही श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया है।