*नरेंद्र मोदी के संकल्पों में नौकरी- रोजगार और देश के गंगा जमुना संस्कृति पर कोई बातें नहीं,11 संकल्पों में खोखले वादे के अलावा कुछ नहीं : एजाज
पटना : बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में अपने संबोधन में 11 संकल्पों की चर्चा तो की ,लेकिन उसमें कहीं भी जनता और जनता के हितों की बात नहीं की गई। सिर्फ खोखले 11 संकल्पों को दोहराया गया, देश के अंदर गंगा -जमुना संस्कृति को मजबूती करने की बात नहीं की। और ना ही उनके भाषण में भ्रष्टाचार पर लड़ने का संकल्प दिखा । अगर भ्रष्टाचार पर लड़ने का संकल्प होता तो अडानी के मुद्दे पर पार्लियामेंट में बहस की जाती जो नहीं हो रही है। नोटबंदी के समय कहा था कि इससे भ्रष्टाचार समाप्त होगा और माफिया पर अंकुश लगेगा। अगर नहीं हुआ तो झोला उठाकर चल देंगे लेकिन प्रधानमंत्री जी ना तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और ना ही माफिया को रोका जा सका। स्पष्ट रूप से जुमलेबाजी की बात जो नरेंद्र मोदी जी ने किया उसके संबंध में भी प्रधानमंत्री जी ने नहीं बताया की हर के खाते में 15 लाख देने की बातें और हर साल नौजवानों को दो करोड़ नौकरी और रोजगार देने की बातें किसने की थी।और किसने कहा था कि यह जुमलेबाजी चुनाव के लिये थी।अगर सच और सच्चाई इनके संकल्पों में होता तो देश में नौकरी और रोजगार के साथ-साथ देश के गंगा- जमुना संस्कृति पर भी बात प्रधानमंत्री जी अपने संबोधन में बातें किए होते। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता जो देश की खूबसूरती रही है उसे पर भी प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में तुषारापात किया। पटना से मनीष प्रसाद

पटना : बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में अपने संबोधन में 11 संकल्पों की चर्चा तो की ,लेकिन उसमें कहीं भी जनता और जनता के हितों की बात नहीं की गई। सिर्फ खोखले 11 संकल्पों को दोहराया गया, देश के अंदर गंगा -जमुना संस्कृति को मजबूती करने की बात नहीं की। और ना ही उनके भाषण में भ्रष्टाचार पर लड़ने का संकल्प दिखा । अगर भ्रष्टाचार पर लड़ने का संकल्प होता तो अडानी के मुद्दे पर पार्लियामेंट में बहस की जाती जो नहीं हो रही है। नोटबंदी के समय कहा था कि इससे भ्रष्टाचार समाप्त होगा और माफिया पर अंकुश लगेगा। अगर नहीं हुआ तो झोला उठाकर चल देंगे लेकिन प्रधानमंत्री जी ना तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और ना ही माफिया को रोका जा सका। स्पष्ट रूप से जुमलेबाजी की बात जो नरेंद्र मोदी जी ने किया उसके संबंध में भी प्रधानमंत्री जी ने नहीं बताया की हर के खाते में 15 लाख देने की बातें और हर साल नौजवानों को दो करोड़ नौकरी और रोजगार देने की बातें किसने की थी।और किसने कहा था कि यह जुमलेबाजी चुनाव के लिये थी।अगर सच और सच्चाई इनके संकल्पों में होता तो देश में नौकरी और रोजगार के साथ-साथ देश के गंगा- जमुना संस्कृति पर भी बात प्रधानमंत्री जी अपने संबोधन में बातें किए होते। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता जो देश की खूबसूरती रही है उसे पर भी प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में तुषारापात किया। पटना से मनीष प्रसाद

पटना केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बयान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा पर सवाल खड़े करने पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग जनता के बीच नहीं जाते हैं उन्हें शिकायत होती है कि वह जनता के बीच क्यों जा रहे हैं? मुख्यमंत्री की यात्रा पर सवाल खड़े करना विपक्ष की घबराहट को दर्शाता है।क्योंकि जब वे सत्ता में रहे ना तो वह जनता के बीच गए और ना ही उन्होंने कोई संवाद किया।उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में थे तो उनके अंदर इतना अहंकार भरा था कि वे या उनकी कोई परिवार के सदस्य जनता के बीच जाना उचित नहीं समझा। अब नेता प्रतिपक्ष द्वारा सवाल खड़े करना या निजी टिप्पणी करना इसका कोई औचित्य नहीं है यह घबराहट में दिया हुआ बयान है। वहीं कांग्रेस द्वारा संवैधानिक पद या संवैधानिक संस्था पर सवाल खड़े करने पर उन्होंने कहा कि यह कतई उचित नहीं है आप चुनाव पर टिप्पणी करते हैं चुनावी संस्थान पर टिप्पणी करते हैं और उस पर सवाल खड़े करते हैं यह कतई उचित नहीं है।वहीं उन्होंने कहा कि जब झारखंड में वे लोग जीते तो उन्होंने वहां EVM पर दोष नहीं मढा। लेकिन जब हम महाराष्ट्र में जीते तो लगातार हुए कभी चुनाव आयोग कभी EVM पर दोषारोपण करते हैं।वही 2030 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि मेरा राजनीति में आने का कारण ही बिहार एवं बिहार रहे हैं।मेरी शुरू से ही यह इच्छा रही है एक बिहारी होने के नाते मैं बिहार में ही रहूं और बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन को आगे बढ़ाऊँ। वही नेता प्रतिपक्ष के द्वारा आरोप लगाना कि जिस तरह से नीतीश कुमार को भाजपा ने डुबो दिया है उसी तरीके से चिराग पासवान को भी डुबो देने वाले बयान पर उन्होंने कहाकि वह इसलिए बयान देते हैं कि एनडीए के घटक दलों में अविश्वास उत्पन्न हो या अभिवाद उत्पन्न हो। मनीष पटना
पटना केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बयान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा पर सवाल खड़े करने पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग जनता के बीच नहीं जाते हैं उन्हें शिकायत होती है कि वह जनता के बीच क्यों जा रहे हैं? मुख्यमंत्री की यात्रा पर सवाल खड़े करना विपक्ष की घबराहट को दर्शाता है।क्योंकि जब वे सत्ता में रहे ना तो वह जनता के बीच गए और ना ही उन्होंने कोई संवाद किया।उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में थे तो उनके अंदर इतना अहंकार भरा था कि वे या उनकी कोई परिवार के सदस्य जनता के बीच जाना उचित नहीं समझा। अब नेता प्रतिपक्ष द्वारा सवाल खड़े करना या निजी टिप्पणी करना इसका कोई औचित्य नहीं है यह घबराहट में दिया हुआ बयान है। वहीं कांग्रेस द्वारा संवैधानिक पद या संवैधानिक संस्था पर सवाल खड़े करने पर उन्होंने कहा कि यह कतई उचित नहीं है आप चुनाव पर टिप्पणी करते हैं चुनावी संस्थान पर टिप्पणी करते हैं और उस पर सवाल खड़े करते हैं यह कतई उचित नहीं है।वहीं उन्होंने कहा कि जब झारखंड में वे लोग जीते तो उन्होंने वहां EVM पर दोष नहीं मढा। लेकिन जब हम महाराष्ट्र में जीते तो लगातार हुए कभी चुनाव आयोग कभी EVM पर दोषारोपण करते हैं।वही 2030 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि मेरा राजनीति में आने का कारण ही बिहार एवं बिहार रहे हैं।मेरी शुरू से ही यह इच्छा रही है एक बिहारी होने के नाते मैं बिहार में ही रहूं और बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन को आगे बढ़ाऊँ। वही नेता प्रतिपक्ष के द्वारा आरोप लगाना कि जिस तरह से नीतीश कुमार को भाजपा ने डुबो दिया है उसी तरीके से चिराग पासवान को भी डुबो देने वाले बयान पर उन्होंने कहाकि वह इसलिए बयान देते हैं कि एनडीए के घटक दलों में अविश्वास उत्पन्न हो या अभिवाद उत्पन्न हो। मनीष पटना
Dec 15 2024, 14:11
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