60 दिनों में फरक्का रेप केस के दरिंदे को मौत की सजा, मृत्युदंड पर क्या बोलीं ममता
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की युवा डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला अभी तक सीबीआई नहीं सुलझा पाई है, वहीं दूसरी ओर, 60 दिनों के अंदर जंगीपुर की नाबालिग लड़की के परिजनों को न्याय मिल गया. जंगीपुर के फरक्का में बलात्कार और हत्या के दोषी दीनबंधु हलदर को फांसी की सजा सुनाई गई. न्यायाधीश ने दूसरे दोषी शुबो हलदर को आजीवन कारावास की सजा देने का आदेश दिया. इससे पहले एक दूसरे मामले में दक्षिण 24 परगना के जयनगर में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म-हत्या के मामले में बारुईपुर कोर्ट ने 62 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी कर आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोर्ट की राय पर संतोष जताया है.
कोर्ट की राय के बाद ममता बनर्जी ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर कहा कि बमुश्किल एक सप्ताह पहले पश्चिम बंगाल पुलिसऔर हमारी न्याय प्रणाली ने जॉयनगर में एक नाबालिग के साथ क्रूर बलात्कार-हत्या के अपराधी को केवल 62 दिनों के भीतर मौत की सजा दिला दी. आज 13.10.24 को फरक्का में एक और नाबालिग के साथ जघन्य बलात्कार-हत्या के दो आरोपियों में से एक को मौत की सजा दी गई है, जबकि उसके सह-आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.
कोर्ट के फैसले पर ममता ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि मैंने यह पहले भी कहा है, और मैं इसे फिर से कहूंगी: प्रत्येक बलात्कारी कठोरतम सजा-मृत्युदंड से कम का हकदार नहीं है. एक समाज के तौर पर हमें इस घृणित सामाजिक द्वेष को मिटाने के लिए एकजुट होना होगा. मेरा मानना है कि त्वरित, समयबद्ध परीक्षण और दंड एक शक्तिशाली निवारक के रूप में काम करेंगे, जिससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मैं इस उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं, जबकि मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित के परिवार के साथ हैं.
दुर्गा पूजा के दौरान नाबालिक की हुई थी हत्या
पिछले 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान नाबालिग लड़की अपने दादा के घर घूमने आई थी. वह घर के सामने खेल रही थी. उसी दौरान नाबालिग गायब हो गयी. करीब तीन घंटे बाद नाबालिग का शव पड़ोसी दिनबंधु हलदर के घर से बरामद किया गया. नाबालिग का शव बरामद होने के बाद उत्तेजित भीड़ ने दीन बंधु की पिटाई कर दी.
कुछ दिनों तक अस्पताल में इलाज के बाद फरक्का थाने की पुलिस ने दीनबंधु हलदर को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें हत्या, सबूतों से छेड़छाड़ और POCSO अधिनियम की धारा 6 के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दीनबंधु हलदर को पुलिस हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई.
तभी पुलिस को पता चला कि इस हत्या में शुबो हलदर नाम का एक और युवक शामिल है. 19 अक्टूबर को पुलिस ने उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इसी लाइन के तहत शुबो के खिलाफ मामला दर्ज किया.
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद 21 दिन में दाखिल हुई चार्जशीट
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, दीनबंधु और हत्याकांड के आरोपी शुब्रो के बीच उम्र का अंतर भले ही काफी है, लेकिन वे ज्यादातर दिन साथ ही रहते थे. वे भांग और शराब के आदी थे. यह भी आरोप है कि शुभ ने दीनबंधु को हत्या और नाबालिगों का यौन शोषण करने में मदद की. नाबालिग की मौत के बाद जांच में पता चला कि शुबो ने उसके शव को बैग से उठाने में भी दीनबंधु की मदद की थी.
इस हत्या के बाद जंगीपुर पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था. टीम में अपर पुलिस अधीक्षक, फरक्का थाना आईसी नीलोत्पल मिश्रा समेत कई वरीय अधिकारी शामिल थे. 21 दिन बाद पुलिस ने 622 पेज की चार्जशीट दाखिल की. 52 दिन बाद 31 लोगों की गवाही खत्म हो गई. 59 दिन बाद कोर्ट ने दीनबंधु और शुबो को दोषी पाया. शुक्रवार को जज ने दीनबंधु को फांसी और शुबो को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया.
Dec 13 2024, 21:17