संत सम्मेलन में आह्वान, धर्म प्रचार के साथ करें जागरूक भी
संतो भरी हूंकार हिंदू समाज को एकजुट कर छुआछूत भेदभाव मिटाकर सनातन की रक्षा के लिए करेगे तैयार
गोरखपुर। विश्व हिंदू परिषद के गोरक्ष प्रांत के धर्माचार्य संपर्क विभाग द्वारा गोरखनाथ मंदिर में विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य संत स्वामी जितेंद्रानंद जी महाराज पूज्य संत राम नयन दास जी महाराज पूज्य संत भरत दास जी महाराज एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी द्वारा संयुक्त रूप से भगवान श्री राम के सम्मुख दीप प्रज्वलं कर किया गया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए प्रांत संगठन मंत्री राजेश जी ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा भारत को तोड़ने का जो कुचक्र चल रहा है लव जिहाद धर्मांतरण की गतिविधियां अनेक प्रकार के जिहादी इस्लाम के द्वारा संचालित किया जा रहे हैं कम्युनिस्ट के द्वारा भ्रामक लेख सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदू संस्कृति पर लगातार प्रहार किया जा रहा है इन विषयों को पूज्य संतो माध्यम से किस प्रकार से रोका जाए और सामाजिक समरसता हिंदू समाज के अंदर स्थापित हो। इसके लिए पूज्य संतो को समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए।
इन सब विषयों पर राजेश जी द्वारा प्रस्तावना रखी गई जिस पर आगे
उपस्थित संतो अपने उद्बोधन में विचार रखे।
उपस्थित को संबोधित करते हुए जितेंद्रानंद जी महाराज ने कहा सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है। हम सबको 492 वर्षों से जिसकी प्रतीक्षा थी। लाखों लोगों ने संघर्ष किया बलिदान दिया। वह संघर्ष अब सफल हुआ और यह संतों के मार्गदर्शन में सफल हुआ। संतों की बड़ी जिम्मेदारी है कि आतंकवाद, लव जिहाद जैसे मुद्दे पर लोगों को जागरूक करें। हमको सतर्क रहना होगा ताकि दुर्जन शक्तियां अपने कार्यों में सफल न हो पाए। उन्होंने कहा की प्राचीन काल से ही जब भी सनातन पर खतरा आया है तो संतों ने ही आगे बढ़कर समाज का मार्गदर्शन किया है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार एवं मठ मंदिरों को क्षतिग्रस्त किए जाने के ऊपर भी समाज को जागृत करने की आवश्यकता है। क्योंकि हिंदू वह विश्व में कहीं भी निवास करने वाला हो हमारा भाई है उसके लिए हम सबको चिता करने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे समाज में छुआछूत जातपात का भेदभाव पुरातन काल में नहीं था यह मुगलों के आने के बाद प्रारंभ हुआ इसका हिंदू समाज में कहीं स्थान नहीं है इसको भी समाप्त करने के लिए संतों को ही आगे आना पड़ेगा।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी जी ने संतो से आह्वान किया कि जिस प्रकार प्राचीन काल से ही संत समाज का मार्गदर्शन करते रहे हैं आज भी उन्हें अपने मठों से निकलकर समाज के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कुटुंब प्रबोधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परिवारों में जो संस्कारों का क्षरण हो रहा है उसको रोकना और संस्कारों को प्रदान करना में भी पूज्य संतों का योगदान होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है। और आंकड़ों के अनुसार जिस समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.3 से ज्यादा रहती है वहीं समाज जिंदा रहता है और हिंदू समाज की वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर 1.9 है।
हिंदू समाज से लव जिहाद के हाथ में प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख बहने शिकार होती है। उनके लिए भी संत समाज को चिंता करने और समाज को जागृत करने की आवश्यकता है। हिंदू से मुसलमान या इसाई बने लोगों को वापस लाना चाहिए और वह हिंदू समाज का हिस्सा बने ऐसे समाज को जागृत करना चाहिए।
उन्होंने संतो को छुआछूत भेदभाव लव जिहाद जैसे समाज में व्याप्त समस्याओं का सामना करने के लिए करने के लिए समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राम नयन दास जी महाराज एवं संचालन प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से काशी दास जी महाराज श्री हरवंश जी महाराज रामेश्वर जी सुदामा दास जी विजय दास भीम दास शंकर दास कामेश्वर दास जयप्रकाश दास रामप्यारी दास महंत अवध बिहारी दास स्वामीनाथ आदि संतों के साथ विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र धर्म प्रसार प्रमुख प्रदीप पांडेय प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख वंशराज पांडेय प्रांत मंत्री नागेंद्र सिंह प्रांत सह संगठन मंत्री दीपेश प्रांत प्रचार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी विभाग संगठन मंत्री मनीष जी विभाग मंत्री शीतल जिला संगठन मंत्री अभिषेक जिला संगठन मंत्री सोमेश धर्माचार्य प्रमुख सत्य प्रकाश तारकेश्वर दुबे राजेश नारायण जी शनि जी महाराज अतुल शुक्ला जी संजय धर दुबे समेत गोरखपुर प्रांत के 21 जिलों से आए भारी संख्या में संत समाज उपस्थित रहे।
Dec 13 2024, 19:38