शिक्षा निदेशालय बना भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा-युवा मंच
विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज। सूबे के मुखिया भले ही प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की मुखालफत करने में कोर कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन सरकार के नाक के नीचे बैठे आलाधिकारी धन उगाही से बाज नहीं आ रहे हैं ऐसा इसलिए कि अभी तक किसी भी ऐसे अधिकारी पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई जिससे भ्रष्टाचार व धन उगाही करने वालों को भय हो ,सरकार लीपापोती कर अपनी छवि साफ सुथरी बताने व प्रोपोगेंडा फैलाने में ही व्यस्त है।
प्रेस को जारी बयान में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह का कहना है कि शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों से लेकर बाबू तक भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं 12460 प्राथमिक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से 2 से 3 लाख रुपए घूस मांगा जा रहा है जो घूस देता है उसकी फाइल ज्वाइनिंग के लिए स्वीकृति कर ली जाती है और जो पैसा नहीं दे रहे उन्हें यह कहकर वापस कर दिया जा रहा है कि शासन से अभी कोई निर्देश नहीं आया है सैकड़ों चयनित अभ्यर्थी निदेशालय का चक्कर लगा रहे है पर कोई सुनने वाला नहीं है।
श्री सिंह ने कहा कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के 2004 के विज्ञापन से चयनित शिक्षकों से भी पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए लगातार घूस मांगा जा रहा है जो घुस दे दिया उसकी पुरानी पेंशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई और जिसने घूस नहीं दिया कार्य हो रहा है जल्द ही हो जाएगा कह कर घुमाया जा रहा है जबकि आदेश आए छ: महीने से ऊपर हो गये अधिकारी सही व स्पष्ट कहने से कतरा रहे हैं जिससे स्पष्ट है कि घूस लेने में उच्च अधिकारियों की भी मिली भगत है जिसकी जांच होनी चाहिए और जांच में यह सवाल पूछा जाए कि कुछ नाम चीन फाइलों पर ही कार्यवाही क्यों हुई जबकि एक साथ सभी फाइलें तैयार कर जिलेवार कार्यवाही करनी चाहिए थी।
Dec 12 2024, 17:17