महाराष्ट्र में बाकी है सस्पेंस! कब होगा मंत्रिमंडल विस्तार, मुख्यमंत्री फडणवीस और अजित पवार दिल्ली पहुंचे, नहीं आए शिंदे
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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। वहीं, अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने उपमंत्री की कमान संभाल ली है। हालांकि, कैबिनेट विस्तार को लेकर मंथनों का दौरा जारी है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जारी चर्चा के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार दोनों दिल्ली में हैं। जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नहीं गए। आज मंत्रालय बंटवारे और कैबिनेट विस्तार की तस्वीर साफ हो सकती हैं।
महायुति में अब मंत्रिमंडल को लेकर गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बुधवार देर रात को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और फडणवीस ने अमित शाह से उनके घर पर मुलाकात की। विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद पिछले सप्ताह महायुति सरकार के सत्ता में आने के बाद विभागों के आवंटन को लेकर अटकलों के बीच यह मुलाकात हुई। हालांकि इस मीटिंग में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार मौजूद नहीं थे।
पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बनी!
सूत्रों के मुताबिक पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है। सूत्रों की मानें तो भाजपा 20 पोर्टफोलियो अपने पास रखेगी। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच बराबर का बंटवारा हुआ है। 10-10 पोर्टफोलियो शिवसेना और एनसीपी अपने पास रखेगी। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अपने पुराने मंत्रियों को ही पोर्टफोलियो देगा। वहीं, एनसीपी भी अपने पुराने मंत्रियों पर ही ज्यादा भरोसा कर रही है। मगर शिवसेना शिंदे कैंप अपने नए लोगों को मंत्री बना सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के हिस्से के सिर्फ दो से तीन विभाग सहयोगी दलों के पास जा सकते है। बीजेपी अपने सहयोगी दलों को सिर्फ राजस्व और आवास हाउसिंग विभाग और पीडब्ल्यूडी देने की तैयारी में है। बीजेपी गृह विभाग के साथ ही शहरी विकास विभाग भी अपने पास रखना चाहती है और बदले में शिवसेना को राजस्व और पीडब्ल्यूडी देने को तैयार है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे नहीं माने तो अर्बन डेवलपमेंट शिवसेना और राजस्व बीजेपी के पास रहेगा।
किसके कोटे में कौन सा विभाग
बीजेपीः-गृह-शहरी विकास/ राजस्व (दोनों में से एक), लॉ एंड ज्यूडिशियरी, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास-बिजली ऊर्जा, सार्वजनिक लोक निर्माण, पर्यावरण, वन, आदिवासी जैसे सभी महत्वपूर्ण विभाग बीजेपी के पास रह सकते हैं।
शिवसेनाः- राजस्व, शहरी विकास दोनों में से एक, सार्वजनिक कार्य (PWD), श्रम, स्कूल शिक्षा, राज्य उत्पाद शुल्क, जल आपूर्ति और स्वच्छता, परिवहन विभाग शिवसेना को मिलने की संभावना है।
एनसीपीः- वित्त और योजना, हाउंसिंग आवास, चिकित्सा शिक्षा ( मेडिकल एजुकेशन), खाद्य और नागरिक आपूर्ति, महिला और बाल कल्याण, राहत और पुनर्वास, खाद्य और औषधि प्रशासन जैसे विभाग एनसीपी के पास बने रहने की संभावना है।
गृह विभाग को लेकर तकरार
बता दें कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। महायुति में पोर्टफोलियो को लेकर ही तकरार है। महायुति में असल झगड़ा भाजपा और शिवसेना के बीच था। पहले सीएम पद को लेकर खींचतान हुई। अब होम मिनिस्ट्री पद को लेकर गतिरोध रहा। एकनाथ शिंदे शिवसेना के लिए गृह विभाग मांग रहे थे, मगर भाजपा इसके लिए तैयार नहीं थी।
10 hours ago