बेटे व्योम को कार गिफ्ट करने वाला था अतुल सुभाष, रुला देगी लेटर में लिखी हर लाइन

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष केस में पत्नी समेत चारों आरोपी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. रातोरात निकिता का परिवार जौनपुर में अपना घर छोड़कर कहीं भाग गया है. अतुल ने मौत से पहले अपने बेटे (Son Vyom) के नाम जो खत लिखा वो रुला देने वाला है. इसकी हर एक लाइन में पिता का दर्द साफ-साफ दिख रहा है. हर एक शब्द दिल को कचोट देने वाला है. मासूम को तो शायद पता ही नहीं होगा कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, जो उस पर अपनी जान छिड़कते थे.

अतुल ने अपने साढ़े चार साल के बेटे व्योम के लिए पत्र में लिखा- बेटा मुझे उम्मीद है कि एक दिन तुम मुझे जरूर समझोगे. पहली बार जब मैंने तुम्हें देखा तो सोचा कि तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. अपनी जान तक दे सकता हूं. लेकिन दुख की बात है कि यह बात सच हो गई. मैं अब तुम्हारी वजह से अपनी जान दे रहा हूं. तुम्हें इतने साल से देखा नहीं, इसलिए फोटो देखकर ही तुम्हारा चेहरा याद आता है. मैं अब ऐसा हो गया हूं कि तुम्हारे बारे में कुछ भी मुझे फील नहीं होता. बस एक दर्द सा महसूस होता है. तुम्हारा इस्तेमाल मेरे खिलाफ एक औजार की तरह किया जा रहा है.

व्योम के लिए अतुल ने आगे लिखा- मुझे अब तुम एक गलती की तरह महसूस होते हो. ये शर्मनाक व्यवस्था एक बच्चे को उसके पिता के लिए बोझ बना देती है. जब तक मैं जिंदा हूं और पैसे कमाता हूं, तुम्हारी मम्मी (निकिता सिंघानिया) मेरा इस्तेमाल करती रहेंगी. लेकिन ऐसा मैं होने नहीं दूंगा. मैं तुम्हारे लिए खुद को 1000 बार कुर्बान कर सकता हूं. मुझे यकीन है कि तुम कभी न कभी यह समझ पाओगे कि पिता क्या होता है.

कोई भी भरोसे के लायक नहीं

अतुल ने बेटे के लिए आगे लिखा- मेरे जाने के बाद कोई पैसा नहीं रहेगा. एक दिन तुम अपनी मां और उसके लालची परिवार का असली चेहरा जरूर जान पाओगे. मुझे अक्सर हंसी आती है जब याद करता हूं कि मैंने तुम्हारी खातिर एक कार खरीदने का भी सोचा था. उसके लिए मैंने पैसे भी जोड़ना शुरू कर दिया था. कितनी मूर्खता थी मेरी. बेटे, न समाज पर भरोसा करना, न व्यवस्था पर. क्योंकि ये दोनों तुमसे अपना पेट भरना चाहती है.’

बेटे की नहीं देखी सूरत

अतुल के भाई विकास सुभाष ने बताया कि अतुल की शादी 2019 में हुई थी. उसकी पत्नी और उसके पूरे परिवार ने उन्हें कई संगीन झूठे मामलों में फंसाया था. साल 2021 में ही भाभी निकिता अपने बेटे अपने साथ लेकर चली गई थी. उसके बाद से अतुल ने कभी अपने बेटे को नहीं देखा. अंतिम समय तक वो बेटे से मिलने के लिए तरसता रहा. इससे अतुल बहुत परेशान रहने लगे थे. डिप्रेशन की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली.

पुलिस ने अतुल के परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है. जब पुलिस निकिता के घर पहुंची तो उसका परिवार फरार था. बताया जा रहा है कि निकिता दिल्ली में है. जल्द ही सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, उनमें निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा शामिल हैं.

राहुल गांधी हाथरस रवाना, 2020 रेप पीड़िता के परिवार से मिलेंगे,डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया हमला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाथरस रेप पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस के लिए रवाना हो गए हैं. कुछ समय बाद राहुल पीड़िता के परिवार से मुलाकात करेंगे. पीड़िता के परिवार के तरफ से ही राहुल गांधी से मिलने की इच्छा जताई गई थी. जिसके बाद आज राहुल गांधी मुलाकात करने जा रहे हैं. राहुल के हाथरस दौरे पर उत्तरप्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि राहुल गांधी लोगों को भड़काना चाहते हैं.

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आज हाथरस जाने पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, राहुल गांधी, आपमें निराशा की भावना है, आप हताशा के शिकार हैं. आपको यह भी नहीं पता कि हाथरस मामले की जांच सीबीआई ने कर दी है. मामला कोर्ट में चल रहा है. आज उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, कानून व्यवस्था के मामले में नंबर 1 राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पूरे देश में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की चर्चा होती है.

डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि आज हम कह सकते हैं. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति आ रही है, जबकि आप उत्तर प्रदेश को अराजकता की आग में, दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं,लोगों को भड़काना चाहते हैं. कृपया ऐसा न करें, मेरा आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर 1 राज्य बनने के लिए तैयार हो रहा है. आप पहले मनन करें, अध्ययन करें,विपासना करें और सोचे की क्या करना है. आए दिन आपकी ऊल जलूल हरकतों से जनता तं आ चुकी है.

राहुल के दौरे पर प्रशासन अलर्ट

हाथरस के बूलगढी़ गांव में राहुल गांधी पहुंच रहे हैं. इसी गांव की एक दलित युवती के साथ सितंबर 2020 के महीने में दरिंदगी हुई थी और फिर दिल्ली के एक अस्पताल में इस युवती की मौत हो गई थी. तब यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. उस दौरान भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने परिवार से मुलाकात की थी. राहुल के इस दौरे को लेकर सुबह से ही प्रशासन काफी सतर्क है.

क्या है केस का अपडेट?

हाथरस की घटना के बाद पूरे देश में विरोध देखने को मिला था. विरोध के कारण उस समय प्रदेश सरकार एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था. जिसके बाद पूरे मामले की जांच सीबीआई ने की थी. CBI ने 18 दिसंबर 2020 अपनी चार्जशीट पेश की थी. लेकिन पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपियों को बरी कर दिया गया था.

राजस्थान के दौसा में बोरवेल में गिरे 5 साल के आर्यन की मौत

राजस्थान के दौसा में 5 साल के आर्यन को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया है. 9 दिसंबर को लगभग 3.30से 4 बजे शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन 11 दिसंबर को देर रात खत्म हो गया. सरकारी जिला अस्पताल दौसा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू किए गए आर्यन की मौत हो गई है. बच्चे को यहां इसलिए लाया गया था ताकि, अगर संभव हो तो हम उसे बेहतर इलाज दे सकें. हमने दो बार ईसीजी किया, जिसमें बच्चा मृत पाया गया.

5 साल के आर्यन को बोरवेल में गिरे हुए 50 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका था. उसे बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें आर्यन तक पहुंचाने के लिए एक सुरंग बना रही थीं. मौके पर मौजूद अधिकारियों के मुताबिक, बीती रात के बाद से कमरे में आर्यन की तरफ से किसी भी तरह की हरकत को नहीं देखा गया था.

खराब हो गई थी मशीन

पहले पीईलिंग मशीन खराब होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी देरी हो गई थी. पीईलिंग मशीन में तकनीकी खराबी के कारण करीब 5 घंटे तक गड्डढा खुदाई और रेस्क्यू ऑपरेशन का काम रुक गया था. दौसा के जिला कलेक्टर ने कहा कि आर्यन को बचाने के लिए हर तरह संभव कोशिश की जा रही थी. दौसा कलेक्टर देवेंद्र यादव ने पीटीआई से बातचीत के दौरान बताया कि बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है. डॉक्टर उसका इलाज कर रहे.

बोरवेल में कैसे गिरा आर्यन?

आर्यन दौड़ते हुए कहीं जा रहा था, अचानक से उसका पैर फिसल गया और बोरवेल में गिर गया. सामने से आ रही एक महिला ने उसे बोरवेल में गिरते हुए देखा तो वो जोर से चीखने लगी. महिला ने जल्दी से इसकी सूचना आर्यन के घरवालों को दी. उसके बाद आर्यन के रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएएफ की टीमों को मौके पर बुलाया गया

वॉट्सऐप स्टोरेज की टेंशन खत्म, ये ट्रिक आएगी काम

इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप अब ज्यादातर लोगों के फोन में मिल जाता है. ऑफिस हो या स्कूल सब काम इसके जरिए पूरे होते हैं. इस पर दिन रात इतनी चैट होती है कि स्टोरेज इशू आना लाजमी है. फोटो-वीडियो शेयरिंग में और चैट्स में हर चीज के लिए स्टोरेज की जरूरत पड़ती है. ऐसे में अगर स्टोरेज खत्म हो जाए तो क्या करें? इस के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना होगा. हम आपको जो ट्रिक्स बता रहे हैं इन्हें स्टेप बाय स्टेप फॉलो करें. इसके बाद मजे से वॉट्सऐप यूज कर सकेंगे.

इन स्टेप्स को करें फॉलो

इसके लिए सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में वॉट्सऐप ओपन करें. एंड्रॉयड और आईफोन दोनों के लिए सेम प्रोसेस है. दोनों फोन में स्टोरेज क्लीयर करने के लिए, ये तरीके अपनाएं.

अपने वॉट्सऐप की सेटिंग के ऑप्शन में जाएं. इसके बाद स्टोरेज और डेटा पर क्लिक करें. स्टोरेज मैनेज करें के ऑप्शन पर क्लिक करें. डेटा को सॉर्ट करे, फिल्टर और हटाएं.

कोई चैट या चैनल सलेक्ट करें. इसके बाद आइटम डिलीट करें पर क्लिक करें. अगर किसी फोटो-वीडियो की कई सारी कॉपी हैं, तो स्पेस बनाने के लिए सभी कॉपी डिलीट करें.

वॉट्सऐप से बिना जरूरत की मीडिया फाइल डिलीट करें. ये ऑप्शन आपको फोन गैलरी में मिल जाएगा. इसके अलावा आप इसे गैलरी से भी हमेशा के लिए डिलीट कर सकते हैं.

चैट हिस्ट्री करें डिलीट

वॉट्सऐप स्टोरेज क्लीयर करने के लिए आप चैट हिस्ट्री डिलीट कर सकते हैं. इसके लिए रिलेटेड चैट ओपन करें. ऊपर दिए गए थ्री डॉट या चैट में सेटिंग्स के ऑप्शन पर क्लिक करें. मोर पर क्लिक करें. ‘क्लियर चैट हिस्ट्री’ का ऑप्शन शो होगा. चैट हिस्ट्री डिलीट कर दें. ज्यादातर स्पेस ग्रूप चैट्स का होता है. आप अपने ऑफिस ग्रूप और फ्रेंड्स ग्रूप की चैट को टाइम टू टाइम डिलीट कर सकते हैं.

मोहन बाबू के मैनेजर वेंकट किरण कुमार गिरफ्तार, CCTV फुटेज को लेकर लगाया आरोप

मांचू परिवार में चल रहा विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, जब मोहन बाबू के मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने अब इस मामले में मोहन बाबू के मैनेजर, वेंकट किरण कुमार कंडुला को गिरफ्तार कर लिया है. मोहन बाबू के बेटे मनोज ने कंडुला पर हमला करने और CCTV फुटेज को लेकर आरोप लगाए हैं. वहीं पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है पुलिस की जांच में नए खुलासे हो सकते हैं.

ये पूरा मामला मोहन बाबू और उनके बेटे मनोज के बीच बढ़ते मतभेदों के बाद सामने आया है. रविवार को परिवार में गंभीर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद मनोज ने शिकायत की कि दस लोगों ने उन पर हमला किया. मोहन बाबू ने भी आरोप लगाया कि उनकी जान को खतरा था और यह सब उनके बेटे और बहू के कारण हुआ.

मनोज के खिलाफ मोहन बाबू का ऑडियो वायरल

इसके बाद सोमवार को मनोज को अस्पताल में भर्ती किया गया, जिससे स्थिति और साफ हो गई. मनोज के खिलाफ मोहन बाबू का एक ऑडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि मनोज ने अपनी पत्नी की बात मानी और शराब की लत में डूब गए हैं. ऑडियो में मोहन बाबू की आवाज सुनाई दे रही थी, जिसमें उन्होंने अपने बेटे को जिम्मेदार ठहराया.

मीडिया से भिड़ गए थे मोहन बाबू

मनोज के अस्पताल जाने के बाद परिवार के अन्य सदस्य भी विवाद में कूद पड़े. वहीं, मंगलवार रात को मोहन बाबू के घर पर फिर से विवाद हुआ, जब मनोज ने घर में जाने कोशिश की तो इस दौरान उनका एक झगड़ा हुआ, जिसमें मनोज का कपड़ा फट गया और मीडिया से भिड़ने के बाद मोहन बाबू अस्पताल में भर्ती हो गए.

बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल शुभाष की खुदकुशी के बाद परिवार का दर्द, मां की हालत बिगड़ी

बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल शुभाष की खुदकुशी के बाद उनके परिवार का रो-रोकर हाल बुरा हो रहा है. उनकी मां बुधवार शाम को परिवार के साथ पटना एयरपोर्ट पहुंची हैं और वहां पर उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह रोते-रोते बेहोश हो गईं. उनके परिवार से मिलने के लिए पटना एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मी इंतजार कर रहे थे. जैसे ही अतुल सुभाष का परिवार बाहर आया उनकी मां रो रही थीं. अचानक रोते-रोते वह बेहोश होकर गिर पड़ीं.

बेंगलुरु में एआई इंजीनियर सुभाष अतुल का परिवार बिहार के समस्तीपुर के पूसा का रहने वाला है. अतुल ने 9 नवंबर को खुदकुशी कर ली थी जिसके बाद उनका परिवार बेंगलुरु पहुंचा था और उनके अंतिम संस्कार के बाद उनका अस्थि कलश लेकर लौटा है. इस दौरान उनका परिवार रो रहा था. उनकी मां अचानक रोते-रोते बेहोश हो गईं. हालांकि परिजनों ने उन्हें तुरंत संभाला और ढांढस बंधाया जिसके बाद उन्हें होश आया.

बिहार सरकार ने नहीं किया संपर्क

पटना एयरपोर्ट से उनका परिवार समस्तीपुर के लिए रवाना हो गया है. एयरपोर्ट पर मौजूद उनके रिश्तेदार प्रकाश चंद्र मोदी ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया है कि इस पूरे मामले में उन्हें न्यायपालिका से पूरी उम्मीदें हैं. 2019 में दोनों की शादी हुई थी जिसके बाद एक बच्चा हुआ और वह बच्चा अभी भी मां के पास ही है. उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है. इस हालात में उनके परिजनों से अभी तक बिहार सरकार ने संपर्क नहीं किया है.

न्याय के बाद ही गंगा में ले जाएंगे अस्थियां

सुभाष अतुल के परिजनों ने कहा कि उनकी सुसाइड नोट की पहली लाइन है ‘जस्टिस इज ड्यू’. उन्होंने कहा कि अब उन्हें किसी भी कीमत पर न्याय चाहिए. उन्होंने मीडिया से भी सपोर्ट करने को कहा है. वह अतुल सुभाष का अंतिम संस्कार करने के बाद अस्थि कलश अपने साथ लाए हैं. परिजनों ने बताया कि वह अस्थियां तभी गंगा में ले जाएंगे जब उन्हें न्याय मिलेगा. परिजनों ने कहा कि लड़कों के लिए भी कानून बनने चाहिए. कानून का मजाक बनाकर फायदा उठाया जा रहा है.

दिल्ली में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से की मुलाकात

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है. सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की कोशिश में लगी है. इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार को पत्र लिखकर मांग की है कि हाल ही में वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने के विवाद के बीच चुनावी प्रक्रिया की अखंडता की रक्षा की जाए. साथ ही किसी भी विधानसभा क्षेत्र में वोटर्स के नाम नहीं हटाए जाएं.

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और अन्य नेताओं के साथ बीजेपी के वोट काटने के खिलाफ चुनाव आयोग से मुलाकात की. आयोग से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमने आयोग के सामने 3 हजार पेज के सबूत रखे कि किस तरह से बीजेपी दिल्ली के मौजूदा लोगों के वोट कटवाने का षड्यंत्र रच रही है और यह संख्या हजारों की है. जिन वोट कटवाए जा रहे हैं वो गरीब लोगों, दलितों और झुग्गियों में रहने वाले लोग हैं. हमारी मांग है कि इस प्रक्रिया को बंद किया जाए.”

कई क्षेत्रों में वोटर्स के नाम काटे जा रहे’

केजरीवाल ने कहा, “हमने आयोग के सामने यह पक्ष रखा कि कैसे शाहदरा में बीजेपी के एक पदाधिकारी ने चोरी-छिपे 11 हजार से अधिक वोटर्स की लिस्ट कटवाने के लिए चुनाव आयोग को दी. और आयोग ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया. यह प्रक्रिया दिल्ली के जनकपुरी, तुगलकाबाद समेत कई क्षेत्रों में चलाई जा रही है.”

उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने हमें यह आश्वासन दिया है कि चुनाव से पहले कोई मास डिलीशन नहीं किया जाएगा. अगर किसी का नाम हटवाना है को यह फॉर्म 7 से ही हटेगा. साथ ही आयोग अगर तय करता है कि कोई मास डिलीशन होनी है तो पहले फील्ड अधिकारी इसकी जांच करेंगे. जांच के दौरान अधिकारी अन्य दलों के पदाधिकारियों को साथ लेकर जाएंगे. इस पर पूरी प्रक्रिया किए जाने का आयोग ने भरोसा दिलाया है.

SDM खुद जांच करने जाएंगेः केजरीवाल

उन्होंने बताया कि अगर कहीं पर कोई एक आदमी की ओर से 5 से ज्यादा लोगों के वोट कटवाने को लेकर आवेदन किया गया है तो SDM खुद मौके पर जाकर इसका निरीक्षण करेंगे. चुनाव आयोग ने हमें यह आश्वासन दिया है कि जो लोग भी फर्जी तरीके से वोट कटवाने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज बीजेपी पर अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में हार के डर से 7 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटर लिस्ट से वोटर्स के नाम हटाने के लिए भारी मात्रा में आवेदन जमा करने का आरोप लगाया.

यह बीजेपी की साजिशः मनीष सिसोदिया

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के साथ संवाददाता सम्मेलन में सिसोदिया ने दावा किया, “जब बीजेपी केजरीवाल को रोकने और उन्हें हराने में नाकाम रही, तो अन्य तरीकों से चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के सदस्यों और समर्थकों की ओर से वोटर लिस्ट से 22 हजार वोटर्स के नाम हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अप्लाई किए गए.

उन्होंने निराशा जताते हुए कहा, “यह एक चिंताजनक मुद्दा है, जो यह उजागर करता है कि किस प्रकार 22,000 वोटर्स के नाम हटाए जा रहे हैं और यह बीजेपी की ओर से रची गई एक संभावित साजिश है. यह तथ्य और भी खतरनाक हो जाता है कि चुनाव आयोग इन आवेदनों पर विचार कर रहा है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से की ये मांग

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत में काफी नाराजगी जताई जा रही है. आम लोगों के साथ ही तमाम नेता भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार 11 दिसंबर को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग बांग्लादेश से वापस भारत आना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाए.

मुख्यमंत्री जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की समीक्षा के लिए दीघा के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देनी चाहिए और जो लोग लौटना चाहते हैं उन्हें वापस लाना चाहिए. सीएम ने कहा कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा चाहते हैं. केंद्र को इस मामले में कदम उठाना चाहिए.

‘कुछ लोग जानबूझकर फर्जी वीडियो प्रसारित कर रहे’

इसके साथ ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर फर्जी वीडियो प्रसारित कर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जी वीडियो से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि ठीक नहीं. इससे देश का माहौल खराब होगा.

हिंदू समुयाए के लोगों को बनाया जा रहा निशाना

बांग्लादेश की 17 करोड़ की आबादी में करीब 8 प्रतिशत अल्पसंख्यक हिंदू हैं, जिन्हें पांच अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से 50 से अधिक जिलों में हमलों का सामना करना पड़ा है. लगातार हिंदू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है. उनके धार्मिक स्थलों पर हमले किए जा रहे हैं. अब तक कई मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की कई. इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ की गई. मंदिर में मौजूद मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया.

अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भारत में कई जगह विरोध प्रदर्शन किए. वहीं विदेशों में सुरक्षा का मांग को लेकर आवाज उठाई जा रही है. कनाडा में बांग्लादेश वाणिज्य दूतावास के सामने हिंदू समुदाय के लोग एकत्रित हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने हिंदुओं को बचाने की मांग की.

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ा हादसा: स्कूल की 35 छात्राएं फूड पॉइजनिंग का शिकार, एक की मौत

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के एक स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. माता रुक्मणी आश्रम स्कूल की 35 छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं 9 छात्राओं की हालत गंभीर बनी हुई है. जानकारी के मुताबिक, स्कूल में खराब खाना खाने की वजह से छात्राओं की तबीयत बिगड़ी थी. इससे पहले भी 27 छात्राओं की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया था.

बीजापुर जिले में माता रुक्मणी आश्रम में पढ़ने वाली 35 छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई. खराब खाना खाने की वजह से छात्राों की तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं 9 छात्रों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जगदलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. जबकि एक छात्रा की मौत हो गई है.

जानकारी के मुताबिक, हालात गंभीर होने पर छात्रा को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने के लिए ले जाया जा रहा था. उसी दौरान छात्रा शिवानी तेलाम की मौत हो गई. वहीं इससे एक दिन पहले भी खराब खाना खाने की वजह से 27 छात्राओं की तबीयत खराब हो गई थी. छात्राओं की तबीयत खराब होने के बाद आश्रम की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.

लोगों ने लगाए गंभीर आरोप

छात्राओं की तबीयत बिगड़ने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. लोग आश्रम की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग जिले में आश्रम विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर गंभीर नहीं है. बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ लगातार हो रहा है. ये पहला मामला नहीं है जब छात्राओं की तबीयत बिगड़ी हो. वहीं ये भी सवाल उठ रहा है कि इतने ज्यादा संख्या में बच्चे फूड पॉइजनिंग का शिकार कैसे हो रहे हैं.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

लोगों ने बताया कि आश्रम की जर्जर हालत और खराब व्यवस्था को लेकर शिकायत की जा चुकी है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लोगों ने कहा कि आश्रम में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा जाता है और खाने की हमेशा कमी रहती है. बच्चों को स्वास्थ्य को लेकर हमेशा लापरवाही बरती जाती है. जिससे कई बार छात्राओं की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है.

बिहार की राधा ने तोड़ी दिव्यांगता की बेड़ियां, बनीं जोमैटो की पहली महिला फूड डिलीवरी पार्टनर

शायर निदा फाजली की गजल ‘दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए, जब तक न टूटे सांस जिए जाना चाहिए’ की ये लाइनें बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली राधा के ऊपर एकदम सटीक बैठती हैं. वह दोनों पैर से दिव्यांग और पैरा बैडमिंटन, पैरा रग्बी खिलाड़ी हैं. राधा न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार की जोमैटो की पहली महिला फूड डिलिवरी पार्टनर हैं. बचपन से राधा के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था. उनकी कहानी लोगों के लिए प्रेरणा देती है.

राधा मूल रूप से पटना के दानापुर की रहने वाली हैं. उनकी कहानी बहुत ही अजीब है. वह बताती हैं कि जब उनका जन्म हुआ तब वह बिल्कुल सही सलामत थीं. उनकी आवाज नहीं थी और वह बोल नहीं पाती थी. लेकिन कुदरत ने कुछ ऐसा किया कि एक साल के बाद उनके दोनों पैर पोलियो के कारण खराब हो गए. कुदरत का करिश्मा यह हुआ कि उनके पैर तो खराब जो गए लेकिन आवाज वापस आ गई.

बिहार की पहली महिला फूड डिलिवरी पार्टनर

राधा के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है. राधा न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार की जोमैटो की पहली महिला फूड डिलिवरी पार्टनर हैं. वह दिव्यांग और महिला दोनों श्रेणी की पहली महिला फूड डिलिवरी पार्टनर हैं. राधा बताती हैं, उन्होंने करीब एक साल पहले जोमैटो जॉइन किया था. राजधानी में करीब 6000 से भी ज्यादा जोमैटो के फूड डिलीवरी पार्टनर हैं. अपनी इस अनोखी यात्रा के बारे में राधा बताती हैं कि वह काम तो करती हैं, लेकिन साथ-साथ दिव्यांग भाई बहनों को यह भी संदेश देना चाहती हैं कि अगर कोई भी कुछ करना चाहे तो करने के लिए दृढ़ निश्चय होना चाहिए.

कोरोना से हुआ पिता का निधन, नॉर्मल लड़की से कम नहीं है राधा

राधा कहती हैं कि कोई काम मुश्किल नहीं होता. उनका कहना है कि वह दिव्यांग तो है, लेकिन कहीं से भी किसी नॉर्मल लड़की से कम नहीं है. वह अपनी चुनौती को स्वीकार करती हैं. उम्र के 36वें पड़ाव पर आ चुकी राधा के पिता नहीं हैं. उनके पिता राम खेलावन सहनी कोरोना की पहली लहर की चपेट में आ गए थे.राधा बताती हैं कि जोमैटो को ज्वाइन करने के पीछे भी कहानी है.

करने के पीछे भी कहानी है.

वह कहती हैं, नौकरी के सिलसिले में वह जहां कहीं भी इंटरव्यू देने जाती थी तो उनके साथ कुछ अलग व्यवहार किया जाता था, जो की उनको नापसंद था. उनको कहा जाता था कि आपको कॉल चली जाएगी. उसे बहुत निराशा होती थी. इसके बाद उसने इंटरव्यू देना बंद कर दिया. राधा ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. साथ ही साथ वह कंप्यूटर ऑपरेटिंग भी बहुत अच्छे तरीके से जानती हैं.

जोमैटो में बनी फूड डिलीवर गर्ल्स

राधा कहती हैं, इसी बीच उन्हें जोमैटो की फूड डिलीवरी के बारे में जानकारी मिली. जब इसके बारे में कुछ लोगों से जानकारी ली तो उन लोगों ने भी उसे प्रोत्साहित नहीं किया. उन लोगों ने भी यहीं कहा कि तुमसे यह काम नहीं हो सकता है. मुझे तब बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने लोगों की इन बातों को चलैंज के रूप में लिया. इसके बाद उसने जोमैटो को ज्वाइन किया. राधा कहती है कि मेरी कोशिश यह थी कि मैं अपने पैर पर खड़ी हो जाऊं. क्योंकि वह दिव्यांग थी और कोई भी किसी की भी मदद कितने दिनों तक कर सकता है.

स्कूटी से फूड डिलिवरी, इन्होंने की मदद

राधा बताती हैं कि वह प्रतिदिन आठ से 10 घंटे फूड डिलीवरी पार्टनर के रूप में काम करती हैं. फूड डिलीवरी का काम स्कूटी के माध्यम से करती हैं. वह कहती हैं, अपनी सारी ज्वेलरी को बेच के स्कूटी के लिए पैसे एकत्र किए. स्कूटी को फाइनेंस करने लायक ही पैसे थे. बाकी पैसे ईएमआई में देने थे. इस काम में उनकी मदद सेंट डोमिनिक स्कूल की प्रिंसिपल ने की. उन्होंने दो सालों तक ईएमआई भरने में मदद की. स्कूटी के साइड के पहिए लगवाने में राजधानी के ही होली फैमिली के फादर डे मेलो ने मदद की. इसके लिए उन्होंने 19 हजार रूपये दिए थे.

प्लेयर भी हैं राधा

राधा न केवल फूड डिलिवरी पार्टनर हैं बल्कि वह पैरा बैडमिंटन और पैरा रग्बी भी खेलती हैं. वह बताती है कि झारखंड के जमशेदपुर में जब पैरा खिलाड़ियों का कंपटीशन आयोजित किया गया था तो उसमें उन्होंने बिहार की तरफ से हिस्सा लिया था. वहां तक पहुंचने और वहां रहने की सारी व्यवस्था जोमैटो की तरफ से ही कराई गई थी. गत अक्टूबर में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित कंपीटिशन में भी राधा ने व्हील चेयर रग्बी में बिहार के लिए कांस्य पदक हासिल किया था.

सोच को हमेशा अव्वल रखने की जरूरत

राधा कहती है कि वह दिव्यांग को यह संदेश देना चाहती हैं कि मायूस होने से कुछ नहीं होता. दिव्यांग किसी अंग को खराब कर सकता है लेकिन सोच को नहीं बदल सकता. सोच को हमेशा ऊपर रखने की जरूरत होती है तभी आप जीवन में बदलाव ला सकते हैं. राधा बताती है, उनकी मां की उम्र भी बहुत ज्यादा है और वह हृदय रोग की मरीज हैं. उनकी कोशिश होती है कि वह किसी भी तरह से अपनी मां की मदद कर सकें. तीन बहन और एक भाई वाली राधा के अन्य सभी भाई बहन सामान्य हैं.