राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव किया पेश, जानिए क्या हैं उनपर आरोप?


डेस्क: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण और 'पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली' का आरोप लगाया है। विपक्ष ने दावा किया कि वह सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष का पक्ष लेते हैं। विपक्ष की आवाज दबाते हैं।

कल ही विपक्षी नेताओं के करा लिए गए थे हस्ताक्षर
इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए विपक्ष को 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत थी। विपक्षी नेताओं का कहना है कि उन्होंने विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर कल (सोमवार) ही एकत्र कर लिए थे।

धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद यह राज्यसभा के किसी सभापति के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव है। पिछले सत्र में विपक्ष ने इसी तरह की चिंताएं जताई थीं, लेकिन प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में तृणमूल कांग्रेस (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी पार्टी (SP) सहित विपक्षी दलों ने सामूहिक रूप से प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत पेश गया है।

बता दें कि मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस कारण दोनों सदनों की पूरे दिन की कार्यवाही बाधित हुई।
संजय मल्होत्रा होंगे RBI के नए गवर्नर, शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जानें पूरी बात

डेस्क: सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को अगला रिजर्व बैंक गवर्नर नियुक्त किया है। सूत्रों के हवाले से पीटीआई की तरफ से जारी खबर के मुताबिक, 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा, शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को समाप्त हो रहा है। मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर होंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को 11 दिसंबर 2024 से तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक का अगला गवर्नर नियुक्त किया है। संजय मल्होत्रा की नियुक्ति आरबीआई के लिए ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुई है, जब अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण चुनौतियों और सुधारों से गुजर रही है।

संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। वह आईआईटी, कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और प्रिंसटन विश्वविद्यालय, यूएसए से सार्वजनिक नीति में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। अब तक अपने 33 वर्षों से अधिक के करियर में नेतृत्व और उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए, संजय मल्होत्रा ने बिजली, वित्त और कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी, खान आदि सहित विविध क्षेत्रों में काम किया है।

अपने पिछले कार्यभार में, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला था। मल्होत्रा को राज्य और केंद्र सरकार में वित्त और कराधान में व्यापक अनुभव है।

मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। दास ने आठ केंद्रीय बजटों पर काम किया। वह 15वें वित्त आयोग के सदस्य और G20 में भारत के लिए शेरपा भी थे। दास ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी भूमिका निभाई। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। दास ने द्विमासिक नीति पेश करते हुए कहा था कि आरबीआई का प्रयास मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखना है।
जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर राज्यसभा में जबरदस्त बवाल, सोनिया गांधी के साथ कनेक्शन पर चर्चा की मांग

डेस्क: सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों के बीच सोमवार को राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। एनडीए ने कांग्रेस पर विदेशी संगठनों के जरिए देश की सरकार और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का आरोप लगाया।

बीजेपी ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध एक ऐसे संगठन से है, जिसे अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर से वित्तपोषित किया जाता है, जिसने कश्मीर को भारत से अलग करने के विचार का समर्थन किया है। इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए बीजेपी के नेताओं ने जोरदार नारेबाजी की, जिसकी वजह से राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 3:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे के बीच, बीजेपी के नेता जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता विदेशी संगठनों और जॉर्ज सोरोस जैसे उद्योगपतियों के साथ मिलकर देश की सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि 'फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसेफिक' जैसे संगठन जम्मू-कश्मीर को अलग सत्ता के रूप में देखते हैं और इसका वित्तीय सहयोग राजीव गांधी ट्रस्ट से जुड़ा है।

इसके बाद विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने जेपी नड्डा के आरोपों को पूरी तरह से असत्य करार देते हुए पलटवार किया और कहा कि सत्ताधारी दल के लोग खुद 'गद्दारी' कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का यह हंगामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों को छिपाने और मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।

सभापति जगदीप धनखड़ ने बार-बार दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा जारी रहा। इस बीच, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं, ताकि अदाणी और जॉर्ज सोरोस जैसे विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा से बचा जा सके।
पीएम मोदी आज बीमा सखी योजना शुरू करेंगे, जानें इस स्कीम के बारे में जिसमें महिलाओं को मिलेगा मंथली 7000 रुपये

डेस्क: पीएम मोदी आज पानीपत से बीमा सखी योजना की शुरुआत करेंगे। देशभर की 18-70 वर्ष की आयु की 1 लाख महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस स्कीम की शुरुआत की जा रही है। इस स्कीम में 10वीं पास महिलाओं को एलआईसी एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा और पहले साल 7000 रुपये का स्टाइफेन दिया जाएगा। वहीं, दूसरे साल 6,000 रुपये और तीसरे साल 5,000 रुपये का मासिक स्टाइफेन दिया जाएगा। इस स्कीम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है।

सरकार ने बीमा सखी योजना के लिए 100 करोड़ की शुरुआती फंडिग दी है। इस योजना का मकसद महिलाओं में वित्तीय साक्षरता लाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनना है। बीमा सखी योजना का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को नौकरी के अवसर और फिक्स इनकम सुनिश्चित करना है। इससे ग्रामीण आबादी जहां रोजगार के विकल्प सीमित हैं, उन्हें बेहतर जिंदगी मिल पाएगी।

महिलाओं को वित्तीय रूप से साक्षर और मजबूत बनाने के लिए बीमा सखी योजना के तहत तीन साल स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही महिलाओं को तीन साल तक स्टाइफेन भी दिया जाएगा। आपको बता दें कि ट्रेनिंग के बाद 10वीं पास महिलाएं एलआईसी एजेंट के रूप में काम करेंगी। वहीं, ग्रेजुएट बीमा सखियों को LIC में डेवलपमेंट ऑफिसर की भूमिका में काम करने का भी अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भावी बीमा सखियों को नियुक्ति प्रमाण पत्र भी वितरित करेंगे।
मुख्यमंत्री बनते ही देवेंद्र फडणवीस का बड़ा फैसला, मरीज के इलाज के लिए जारी किया फंड

डेस्क: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को अपना कार्यभार संभालने के बाद पहली बार एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने अस्थि मज्जा प्रतिरोपण के लिए प्रतीक्षा कर रहे एक मरीज को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। यह सहायता पुणे के निवासी चंद्रकांत कुरहाडे के इलाज के लिए दी गई। चंद्रकांत की पत्नी ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद की अपील की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने तुरंत स्वीकार किया। देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करने से पहले इस फाइल पर हस्ताक्षर किए।

वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रशासन को और अधिक तेजी एवं जोश के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अब हमें और अधिक तेजी से काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को अपने फैसलों में गहराई तक जाने की जरूरत है। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि सतत विकास की दिशा में अच्छे और प्रभावी फैसले लिए जाएं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार शाम शपथ लेने के बाद राज्य सचिवालय 'मंत्रालय' में अपनी नई आधिकारिक जिम्मेदारियां संभाल लीं। फडणवीस राज्य के 20वें मुख्यमंत्री बने हैं और यह उनका तीसरा कार्यकाल है। इस दौरान तीनों नेताओं का मंत्रालय पहुंचने पर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। फडणवीस, शिंदे और पवार ने राज्य सचिवालय में पहुंचने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज, जीजाबाई, बी आर आंबेडकर और महात्मा फुले की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक भी उपस्थित थीं।

बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के तीनों नेताओं ने आजाद मैदान में एक भव्य समारोह में शपथ ली थी। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, उद्योग जगत के नेता और फिल्मी सितारे भी शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस का यह तीसरा कार्यकाल है। इससे पहले शंकरराव चव्हाण, विलासराव देशमुख और अशोक चव्हाण ने दो-दो बार मुख्यमंत्री पद संभाला था, जबकि वसंत दादा पाटिल और शरद पवार ने चार-चार बार यह पद संभाला है।
विनेश फोगाट ने किसानों के ‘दिल्ली कूच’ का किया समर्थन, सरकार से पूछे कई तीखे सवाल


डेस्क: कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट भी किसान आंदोलन के समर्थन में मजबूती से उतर आई हैं। हरियाणा के जींद जिले की जुलाना सीट से विधायक विनेश फोगाट ने 6 दिसंबर को प्रस्तावित ‘दिल्ली कूच’ के लिए किसानों का समर्थन किया है। फोगाट ने कहा है कि यह सिर्फ प्रदर्शन नहीं बल्कि अन्याय के खिलाफ आंदोलन है। उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि किसान इस बार चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि वे अडिग हैं और आंदोलन अभी भी जारी है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर किसानों की MSP की मांग को अनसुना क्यों किया जा रहा है।

X पर अपनी पोस्ट में विनेश फोगाट ने कहा, ‘पिछले 9 महीने से किसान हमारे देश का सड़कों पर है। भारतीय जनता पार्टी मानी हुई मांगों को क्यों पूरा नहीं कर रही है? भारत के किसानों का संघर्ष केवल उनकी आजीविका का नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के भविष्य का सवाल है। फसल का मूल्य तय करने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के बिना हमारे अन्नदाता हर साल घाटे और कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं।’ कांग्रेस विधायक ने BJP को चेतावनी देते हुए कहा कि अब किसान चुप नहीं बैठने वाले हैं क्योंकि वे अडिग हैं इसलिए आंदोलन जारी है।

अपनी पोस्ट में विनेश फोगाट ने कहा, ‘6 दिसंबर को लाखों किसान अपने हक और सम्मान की लड़ाई के लिए दिल्ली कूच करेंगे। यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ एक जनांदोलन है।’ उन्होंने पोस्ट में केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार से पूछा, ‘कर्ज से दबे किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?, एमएसपी की मांग क्यों अनसुनी की जा रही है?, अन्नदाता आज भी मेहनत का दाम क्यों नहीं पा रहे हैं?’ कांग्रेस नेता ने किसानों को समर्थन देने के साथ जनता से भी इस आंदोलन से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सम्मान और हक की लड़ाई है।
संभल हिंसा के दोषियों से की जाएगी सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई, एसपी केके बिश्नोई का बड़ा बयान

डेस्क: संभल हिंसा के दोषियों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी। यह कहना है कि संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई का। एसपी केके बिश्नोई ने गुरुवार को कहा कि अलग-अलग तरीके से एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। उपद्रवियों के द्वारा कई कारें जलाई गईं। कई ट्रांसफार्मर जलाए गए। सार्वजनिक संपत्तियों के कैमरे भी तोड़ दिये गये हैं। यह सब उपद्रवियों से वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार आरोपपत्र तैयार हो जाए तो उचित कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

एसपी केके बिश्नोई ने कहा कि 24 नवंबर की घटना के मामले में 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जल्द ही हम बाकी लोगों को भी गिरफ्तार कर लेंगे। करीब 83 लोग के नाम प्रकाश में आ चुके हैं। हमारे पास लगभग 400 से अधिक लोगों की तस्वीरें हैं। मैं उन सभी से अपील करता हूं जो इस घटना में शामिल थे, वे पुलिस के सामने सरेंडर कर दें। हमारे पास सभी फुटेज हैं, इसलिए आपको कबूल करने के लिए पुलिस स्टेशन आना चाहिए। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

एसपी ने कहा कि जिले में जो पहले शांति समिति थी उसे भंग करके जनपद के जो चुनिंदा लोग है जिनकी लोगों में पहुंच है। उन लोगों ने एक नई समिति बनाई है। हम जिले के मौलानाओं से बातचीत कर रहे हैं कि जिस तरह से पिछले शुक्रवार को नमाज पढ़ी गई थी, इस बार भी उसी तरह से नमाज पढ़ी जाए। मैं उम्मीद करता हूं कि शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस पैदल भी गश्त करेगी।

बता दें कि संभल में हिंसा 24 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मुगलकालीन मस्जिद का सर्वे करने के दौरान भड़क उठी थी। हिंसक झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस संबंध में पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों में सपा के स्थानीय सांसद और विधायक भी शामिल हैं।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे संसद में ऐसा क्या बोल गए जो माफी मांगने को कह रही कांग्रेस, जानिए पूरा मामला

डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे की बयानबाजी पर बवाल मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को संसद के स्थगित होने के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि पार्टी निशिकांत दुबे पर माफी मांगने का दबाव बनाएगी। दुबे ने संसद के शून्यकाल में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को घेरने की कोशिश की थी और कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसी वजह से कांग्रेस पार्टी चाहती है कि दुबे अपने बयान के लिए माफी मांगें।

निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की संसद, सरकार और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया। दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछने के लिए कुछ सवाल उठाए जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच सदन की बैठक दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

निशिकांत दुबे ने कहा, ‘‘विपक्षी दल सरकार को अस्थिर करने के लिए तरह-तरह के मंसूबे पालते रहते हैं। मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि विदेशी फंडिंग के माध्यम से (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और उनकी सरकार के खिलाफ किस तरह काम होता है।’’ उन्होंने फ्रांस की एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि अमेरिका की सरकार और वहां के एक कारोबारी द्वारा संचालित फाउंडेशन की मदद से काम करने वाले एक विदेशी संस्थान का मकसद भारत की संसद को बंधक बनाना और उसकी कार्यवाही को ठप करना है।

दुबे ने अमेरिका के एक कारोबारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि वह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना चाहता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उक्त संस्थान कोई रिपोर्ट जारी करता है तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सदस्य प्रियंका गांधी और विपक्षी दलों के कुछ राज्यसभा सदस्य तुरंत उसे ट्वीट (सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर) करते हैं।

दुबे ने पेगासस रिपोर्ट, हिंडनबर्ग और कुछ अन्य मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी ये मामले सामने आए, विपक्षी सदस्यों ने ‘एक्स’ पर तुरंत पोस्ट किया और संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष (राहुल गांधी) से मेरे दस सवाल हैं।’’

दुबे ने उक्त विदेशी कारोबारी के एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति के राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का जिक्र करते हुए पूछा कि नेता प्रतिपक्ष के उनसे क्या संबंध हैं? भाजपा सांसद ने कुछ अन्य विदेशी लोगों के नाम लेकर पूछा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता के इन लोगों से क्या संबंध हैं जो अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम का विरोध करते हैं।

दुबे के इन बयानों के बीच कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे। वे भाजपा सांसद के बयानों पर आपत्ति जता रहे थे। इससे पहले जब विपक्ष के सदस्य संभल हिंसा के मुद्दे पर अपनी बात रखना चाह रहे थे तो अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें दुबे के बाद बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया।

दुबे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए अपने दस सवाल पूछ रहे थे, लेकिन वह अपनी बात पूरी नहीं कर सके और बिरला ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई को शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाने को कहा। कांग्रेस सदस्यों के शोर-शराबे के बीच गोगोई ने कुछ कहने का प्रयास किया लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। हंगामा जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
उन्नाव रेप केस: पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को मिली अंतरिम जमानत, दो सप्ताह के लिए जेल से बाहर, जानें वजह


डेस्क: उन्नाव रेप केस मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक और नेता कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेंगर को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाएगा, चिकित्सा अधीक्षक अदालत को सुझाव देंगे कि क्या उनका इलाज एम्स  में संभव है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें दी गई 10 साल की जेल की सजा को चिकित्सा आधार पर निलंबित कर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कुलदीप की याचिका को लेकर मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा था।

उच्च न्यायालय ने जेल अधिकारियों से सेंगर की चिकित्सा स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा और याचिका को अगले साल 13 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कहा, ‘‘नोटिस केवल चिकित्सा आधार तक ही सीमित है।’’ सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने इस वर्ष जून में सेंगर की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने तक उनकी सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था।

सेंगर के वकील ने कहा कि वह चिकित्सा आधार पर सजा को निलंबित करने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और यह चिकित्सा के लिहाज से एक गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा के आदेश को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील पर लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है और वह पिछले आठ वर्ष से जेल में है, जबकि इस मामले में सेंगर को अधिकतम 10 साल की सजा दी गई थी।

सेंगर को पहले ही पीड़ित की नाबालिग बेटी से बलात्कार का दोषी ठहराया जा चुका है और उस मामले में उसे जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाई गई है। मुख्य उन्नाव बलात्कार मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने 16 दिसंबर, 2019 को निचली अदालत के उस फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है, जिसमें उन्हें बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने 20 दिसंबर, 2019 को उन्हें जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाए जाने के आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया है।

सेंगर ने 2017 में पीड़ित का अपहरण कर उससे बलात्कार किया था। घटना के वक्त वह नाबालिग थी। 13 मार्च, 2020 को निचली अदालत ने सेंगर को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। निचली अदालत ने कहा था कि परिवार के ‘‘एकमात्र कमाने वाले’’ की हत्या के लिए ‘‘कोई नरमी’’ नहीं बरती जा सकती।

अदालत ने बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या में भूमिका के लिए सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और पांच अन्य लोगों को भी 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। लड़की के पिता को सेंगर के इशारे पर शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और पुलिस के उत्पीड़न के कारण नौ अप्रैल, 2018 को हिरासत में उनकी मौत हो गई थी।
पप्पू यादव के करीबी ने ही दी थी जान से मारने की 'धमकी', हुआ बड़ा खुलासा, सुरक्षा बढ़ाने के लिए रची गई थी साजिश

डेस्क: सांसद पप्पू यादव को हाल ही में एक शख्स ने जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपी ने वीडियो बनाकर धमकी दी थी। वहीं अब पुलिस ने सांसद पप्पू यादव को धमकी दिए जाने के मामले का खुलासा कर दिया है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस मामले में बड़ी जानकारी दी है। इस मामले में पुलिस ने भोजपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ने कुबूल किया है कि सांसद के कुछ करीबी लोगों ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाने के लिए वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देने के लिए कहा था। इस काम के लिए सांसद के लोगों ने रुपये भी दिए थे। साथ ही पार्टी में पद देने का भी प्रलोभन दिया था। पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी पहले सांसद पप्पू यादव का करीबी रह चुका है और यह उनकी पार्टी का सदस्य भी रह चुका है। उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से कोई संबंध नहीं है। पूरा मामला सांसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किए गए षड़यंत्र का हिस्सा है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम राम बाबू है।

पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आरोपी द्वारा दो वीडियो बनाए गए थे, जिसमें एक वीडियो रिलीज किया गया था जबकि दूसरा वीडियो उसके पास था। दूसरे वीडियो को भी जल्द ही रिलीज किया जाना था। उन्होंने बताया कि आरोपी राम बाबू के संबंध पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के पूर्व में बनी जाप पार्टी से रहे हैं। वहीं लगातार धमकी दिलवाने के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति का नाम पुलिस अधीक्षक ने नहीं बताया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि सांसद के करीबी के द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह कृत्य किया गया था। इसके अलावा पुलिस इस मामले के अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।