PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी ने दिया विवादित बयान, कहा- 'हिंदुत्व नफरत का दर्शन है, यह एक बीमारी है'
डेस्क: पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने हिंदुत्व को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि हिंदुत्व नफरत का दर्शन है।
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, 'हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व नफरत का दर्शन है जिसे वीर सावरकर ने 1940 के दशक में भारत में फैलाया था। जिसका उद्देश्य हिंदुओं का आधिपत्य स्थापित करना था और दर्शन यह था कि भारत हिंदुओं का है और हिंदुओं के लिए है।'
उन्होंने कहा कि इस्लाम की तरह हिंदू धर्म भी एक ऐसा धर्म है जो धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है। इसलिए, हमें जानबूझकर इसे विकृत नहीं करना चाहिए। 'जय श्री राम' का नारा 'रामराज्य' के बारे में नहीं है, बल्कि इसे लिंचिंग से जोड़ा जा रहा है। यह बहुत शर्मनाक है कि हिंदू धर्म को विकृत किया जा रहा है। मैंने हिंदुत्व की आलोचना की क्योंकि यह एक बीमारी है।
इल्तिजा मुफ्ती के बयान की जम्मू बीजेपी ने अलोचना की है। जम्मू बीजेपी के नेता रविंदर रैना ने कहा, 'PDP नेता ने बहुत अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।'
हालही में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के नेताओं ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। दरअसल महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश के हालातों की तुलना भारत से की थी, जिसे लेकर भाजपा ने विरोध जताया था और कार्रवाई की मांग की थी। इसके अलावा भाजपा के नेताओं ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा आतंकवादी संबंधों को लेकर दो सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।





* महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को जोरदार झटका लगा है। अब चुनावी नतीजों में महायुति को जबरदस्त जीत मिलने के बाद विपक्षी गठबंधन में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। महा विकास अघाड़ी में शामिल समाजवादी पार्टी ने अब गठबंधन छोड़ने का फैसला कर लिया है।महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने इस संबंध में बड़ा ऐलान किया है। महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबु आजमी ने शनिवार को कहा कि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर रुख के चलते उनकी पार्टी ने एमवीए को छोड़ने का निर्णय किया है। प्रमुख अबु आजमी ने एमवीए छोड़ने के फैसले पर कहा, "शिवसेना-यूबीटी की तरफ से अखबार में एक विज्ञापन दिया गया था जिसमें बाबरी मस्जिद के विध्वंस में शामिल लोगों को बधाई दी गई थी। उनके (उद्धव ठाकरे के) करीबियों ने इसे एक्स पर भी पोस्ट किया और मस्जिद के गिराए जाने का स्वागत किया।" उन्होंने कहा, "इसलिए हम महा विकास अघाड़ी छोड़ रहे हैं। मैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बात कर रहा हूं।" बता दें कि शिवसेना-यूबीटी के नेता मिलिंद नार्वेकर ने हाल ही में अपने एक्स अकाउंट पर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ी एक तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें बाल ठाकरे का वक्तव्य- 'जिन्होंने ये किया मुझे उन पर गर्व है' भी शामिल था। शिवसेना सचिव ने इसके साथ ही उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अपनी तस्वीर भी इस पोस्ट में इस्तेमाल की थी। इस पर अबु आजमी ने कहा कि अगर महा विकास अघाड़ी में कोई इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है तो उनमें और भाजपा में क्या फर्क रह जाता है? आखिर हम उनके साथ क्यों रहें? वहीं, एमवीए के विधायकों ने ईवीएम में धांधली का आरोप लगाकर आज विधायक पद की शपथ नहीं ली। लेकिन एमवीए के साथ चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी के दोनों विधायक अबू आजमी और रईस शेख ने विधायक पद की शपथ ली। सपा विधायकों का कहना है कि ऐसा लगता है कि एमवीए सिर्फ तीन दलों का गठबंधन है। छोटे दलों का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है। इसलिए हम लोगों ने फैसला किया है कि हम एमवीए का हिस्सा नहीं रहेंगे। सपा विधायक रईस शेख ने कहा कि एमवीए की तरफ से हमें कोई सूचना नहीं दी गई थी कि आज शपथ नहीं लेना है।
Dec 08 2024, 18:32
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