भारत और दक्षिण कोरिया के संबंध: समय के साथ कैसे विकसित हुआ यह सहयोग
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भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में पिछले कुछ दशकों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, और यह संबंध अब मजबूत और विविधतापूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है, और यह सहयोग दोनों देशों के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
शुरुआत के वर्ष
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच आधिकारिक संबंधों की शुरुआत 1973 में हुई थी, जब दोनों देशों ने पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए। पहले दशक में, यह संबंध काफी सीमित थे, और दोनों देशों के बीच प्राथमिक रूप से व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान ही होते थे। हालांकि, दक्षिण कोरिया के आर्थिक विकास और भारत में उदारीकरण की प्रक्रिया ने इन संबंधों को और अधिक बढ़ावा दिया।
1990 और 2000 के दशक में वृद्धि
1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में, भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों में तेज़ी से वृद्धि हुई। भारत के आर्थिक सुधारों और वैश्विक बाजार में उसकी बढ़ती भूमिका के साथ, दक्षिण कोरिया ने भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और निवेश साझीदार के रूप में देखा। 2000 में, भारत और दक्षिण कोरिया ने "समग्र रणनीतिक साझेदारी" की दिशा में कदम बढ़ाया। इस साझेदारी के तहत दोनों देशों ने आपसी व्यापार, निवेश, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए।
वर्तमान स्थिति और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग
व्यापार और निवेश
आज के समय में, भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापारिक संबंध अत्यधिक विस्तारित हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का वॉल्यूम 2023 में लगभग 24 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जो निरंतर बढ़ रहा है। दक्षिण कोरिया भारत में भारी निवेश कर रहा है, विशेष रूप से उच्च तकनीकी, निर्माण और ऑटोमोटिव उद्योगों में। भारतीय कंपनियां भी दक्षिण कोरिया में अपने कदम बढ़ा रही हैं, खासकर सूचना प्रौद्योगिकी और सेवाओं के क्षेत्रों में।
रक्षा सहयोग
रक्षा क्षेत्र में भी भारत और दक्षिण कोरिया के संबंध मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की खरीद-फरोख्त और सहयोग बढ़ा है। दक्षिण कोरिया भारत को आधुनिक रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करता है, और दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास भी आयोजित होते हैं। इसके अलावा, दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाया है।
सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बहुत बढ़ा है। कोरियाई संस्कृति, विशेष रूप से कोरियाई ड्रामा (K-dramas) और कोरियाई संगीत (K-pop), भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जबकि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और संगीत भी दक्षिण कोरिया में प्रसिद्ध हो रहा है। दोनों देशों में शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो आपसी समझ और दोस्ती को बढ़ावा देते हैं।
तकनीकी और विज्ञान क्षेत्र में सहयोग
दक्षिण कोरिया की तकनीकी क्षमता और भारत की शोध एवं विकास (R&D) क्षमता के बीच सहयोग में भी वृद्धि हुई है। दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में साझेदारी की है, जिसमें अंतरिक्ष, रोबोटिक्स, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी और स्मार्ट शहरों के निर्माण में भी सहयोग बढ़ा है।
भविष्य की दिशा
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों की दिशा भविष्य में और अधिक प्रगति की ओर बढ़ रही है। दोनों देशों के नेता और सरकारें आपसी सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2024 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यू एन-ओक के बीच उच्चस्तरीय बैठक में रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गहरा करने पर चर्चा की गई। भारत और दक्षिण कोरिया के लिए आने वाले वर्ष महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि दोनों देश आपसी संबंधों को वैश्विक स्तर पर और अधिक विस्तारित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक दूसरे के साथ काम करने, आंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने, और एक दूसरे के देशों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में कड़ी मेहनत जारी है।
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुए हैं। व्यापार, रक्षा, विज्ञान, तकनीकी सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बढ़ता हुआ सहयोग यह दर्शाता है कि इन दोनों देशों का भविष्य एक दूसरे के साथ और भी गहरे संबंधों का है। यह संबंध न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी रणनीतिक महत्व रखते हैं।
Dec 07 2024, 14:35