सीरिया के हालात गंभीर, भारत ने जताई चिंता, देर रात जारी की एडवाइजारी, दी ये सलाह
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सीरिया में इन दिनों जंग की वजह से हालात बहुत खराब हैं।यहां में बिगड़ती हालत पर भारत सरकार चिंतित है। इसे देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है।भारत सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा करने से पूरी तरह बचें।विदेश मंत्रालय की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।एडवाइजरी में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी भी साझा की गई है।
विदेश मंत्रालय ने सीरिया में वर्तमान में सभी भारतीयों से दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की है। इसके अलावा सलाह दी गई है कि जो लोग वहां से निकल सकते हैं, वे जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए सीरिया छोड़ दें। जो लोग ऐसा नहीं कर सकते, वे अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और कम से कम अपने घरों से बाहर निकलें।
एमरजेंसी नंबर और ईमेल आईडी जारी
सोशल मीडिया एक्स पर विदेश मंत्रालय ने पोस्ट किया, "सीरिया के हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सीरिया की यात्रा तक तक न करने की सलाह दी जाती है, जब तक इस बारे में फिर से सूचना नहीं दी जाती। सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सलाह है कि वो भारतीय दूतावास के संपर्क में रहे। दमिश्क में भारतीय दूतावास की इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963993385793 पर संपर्क किया जा सकता है। यही नंबर व्हाट्स एप पर भी उपलब्ध है। इस नंबर से सभी जरूरी सूचनाएं जारी की जा रही हैं। पर आप ईमेल भी कर सकते हैं। अभी जो लोग सीरिया में हैं वो जल्द से जल्द वहां से लौटने की कोशिश करें और जब तक ऐसा नहीं हो पाता अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें।"
सीरिया में क्यों जारी है जंग?
सीरिया इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है, रूस और ईरान समर्थित बशर अल-असद शासन खुद को विद्रोही समूहों और मिलिशिया से घिरा हुआ पा रहा है। इन समूहों को तुर्की का सपोर्ट है। विद्रोही बलों ने पिछले हफ़्ते सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को उखाड़ फेंकने के मकसद से तेज़ गति से हमला किया है।
विद्रोही समूहों का आक्रमण इतना तेज है कि सीरिया का दूसरा शहर अलेप्पो और हमा पहले ही राष्ट्रपति के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। 2011 के गृह युद्ध के बाद पहली बार सीरिया में ऐसा हमला हुआ।
बसर अल असद की सरकार सीरिया में पिछले पांच दशक से सत्ता में है और पहली बार उनकी सरकार पतन होने की कगार पर है। अगर विद्रोहियों ने सीरिया के प्रमुख शहर होम्स पर कब्जा कर लिया तो इससे राजधानी दमिश्क में सत्ता की सीट भूमध्यसागरीय तट से कट जाएगी। दरअसल, इसे बसर अल असद का प्रमुख गढ़ माना जाता है।
Dec 07 2024, 10:26