*सपा कार्यालय पर मनाया गया भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस, जिलाध्यक्ष बोले - समाज सुधारक के रुप में जाने जाते थे डॉ भीमराव अंबेडकर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। समाजवादी पार्टी द्वारा जिला कार्यालय ज्ञानपुर मे बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की परिनिर्वाण दिवस मनाया गया।जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने बाबा साहेब के मूर्ती पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा की, बाबासाहब डॉ० भीमराव अंबेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता थे। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हु बाबासाहेब के मिशन को पूरा करने के लिए और विभेदों को मिटाकर समतामूलक समाज के निर्माण के लिए विभाजनकारी शक्तियों के ख़िलाफ़ हम सब एक हों।जिलामहासचिव ह्रदय नारायण प्रजापति, श्यामला सरोज,कल्लन यादव, संतोष यादव, केशनारायण यादव, लालचन्द बिंद,शलाऊद्दीन अंसारी,सरिता बिंद,उमाशंकर पटेल,महेन्द्र गोड,काशीनाथ पाल,भीम कनौजिया,,छबिनाथ यादव,इमरान खान,रमाकान्त प्रजापति,सुभाष यादव, जिला मिडिया प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार मिश्र पप्पू आदि
बीते साल की अपेक्षा इस बार गर्म रही दिसंबर की शुरुआत* *पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव इस बार अभी तक कम रहा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही । पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने के कारण बीते साल की अपेक्षा इस साल दिसंबर का शुरुआती सप्ताह गर्म है। इस कारण तापमान में उतार - चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। हालंकि सुबह-शाम पछुआ हवा चलने के कारण धीरे-धीरे को गलन का एहसास होने लगा है। माह के पहले सप्ताह में अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम तापमान 10.9 डिग्री के आसपास है। मौसम विभाग ने बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में अभी तक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने के कारण तापमान में कमी आई है। इससे यह सप्ताह काफी गर्म रहा। इसकी अपेक्षा का नवंबर का अंतिम सप्ताह ठंडा रहा। तापमान में उतार - चढ़ाव होने के कारण लोगों को दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है। वहीं सुबह-शाम पछुआ हवा चलने से ठंड में वृद्धि हुई है। इससे परेशानी बढ़ गई है। शाम छह बजे के बाद हवाएं तेज हो जाती है। शाम आठ बजे के बाद बाजारों में सन्नाटा पसरने लगता है।
*झाड़ियों में छिपे संकेतक, 9 ब्लैक स्पॉट और अवैध कट*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हाईवे को छोड़ जिले के अधिकतर मार्गों पर संकेतक नहीं हैं। इससे ठंड में कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाएंगी। वैसे तो नौ ब्लैक स्पॉट चिह्नित हैं, लेकिन जहां-तहां बने अवैध कट हादसे का मुख्य कारण बनते हैं। कई स्थानों पर संकेतक या तो झाड़ियों में छिप गए हैं या मिट गए हैं।जिले में धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। आने वाले दिनों में कोहरा बढ़ना तय है। ऐसे में रोड पर बनी सफेद पट्टी चालकों के लिए वाहन संचालन में सहायता करती है। नेशनल हाईवे पर तो ठीक है, लेकिन जिले की अधिकतर सड़कों से सफेद पट्टी गायब है।सबसे खराब हालत लिंक मार्ग से जुड़ने वाली ग्रामीण सड़कों की है। जहां पर संकेतक ही नहीं लगे हैं। कई सड़कों पर तो सफेद पट्टी तक धुंधली हो चुकी हैं। इसके अलावा जानकारी देने वाले सांकेतिक चिह्न गायब हो चुके हैं। कुछ चिह्न के बोर्ड तो बड़ी-बड़ी झाड़ियों में छुप गए हैं। चौरी-ममहर मार्ग पर लठियां नहर के पास चौराहे पर कोई संकेतक नहीं है। यहीं हाल वहिदानगर से धनतुलसी मार्ग, ज्ञानपुर- दुर्गागंज मार्ग से कठौता मार्ग समेत कई सड़कों का है।कौलापुर से सेमराध जाने वाली 13 किमी लंबी सड़क के दोनों किनारों पर करीब 15 से अधिक गांव बसे हैं। संकेतक आदि न होने से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। यहीं नहीं हाईवे पर कई स्थानों पर बने अवैध कट भी हादसे का मुख्य कारण हैं। वहिदानगर, जंगीगंज, महराजगंज में भी कई स्थानों पर अवैध कट पर अक्सर दुर्घटनाओं में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। सर्दी में कोहरा छाने के बाद दृश्यता काफी कम हो जाती है। दिन में यह 20 से 50 मीटर तक रहती है तो रात को 20 मीटर से भी कम हो जाती है। इससे सड़कों पर बने अंधे मोड़ वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन सकते हैं। ग्रामीण सड़कों पर संकेतक की व्यवस्था नहीं है। लिंक मार्ग पर संकेतक लगे हुए हैं। कुछ स्थानों पर वाहनों की आवाजाही से मिट गए हैं। जिन्हें जल्द ही सही करवाया जाएगा। जैनूराम एक्सईएन पीडब्ल्यूडी
*सौ शैय्या अस्पताल में लगेगी सीटी स्कैन की मशीन, काम शुरु* *31 दिसंबर से पहले शुरू होगा संचालन,10 लाख की आबादी को मिलेगा लाभ*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले को पहली सीटी स्कैन मशीन की सौगात जल्द मिल जाएगी। 100 शैय्या अस्पताल में इसको स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है। साल के अंत तक इसको आम जन के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी। इससे 10 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। ओपीडी भवन के एक कमरे की अंदर की एक दीवार को तोड़कर सीटी स्कैन मशीन लगाने का काम शुरू किया गया है। सरपतहां स्थित 100 बेड समेत जिले में तीन बड़े अस्पताल है, इसके अलावा छह सीएचसी है। 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित 200 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित है। एक्सरे और अल्ट्रासाउंड तो कुछ केंद्राें पर होता है, लेकिन कई केंद्रों पर मशीनें अब भी रखी हुई हैं। किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर सीटी स्कैन की व्यवस्था नहीं है। सरकारी अस्पताल में एक भी सीटी स्कैन मशीन नहीं है। जिले के एक निजी अस्पताल में ही यह सुविधा मौजूद है, लेकिन वहां जांच कराने के लिए मरीजों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। सामान्य परिवारों के लिए इतना खर्च उठाना मुश्किल होता है। जिससे उन मरीजों को वाराणसी-प्रयागराज का रुख करना पड़ता है। यह जिले की पहली सरकारी सीटी स्कैन मशीन होगी। जहां मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सकीय लाभ मिलेगा। 31 दिसंबर से पूर्व सीटी स्कैन मशीन को शुरु करने की उम्मीद है। 100 बेड के ओपीडी भवन के एक कमरे में मशीन लगाई जाएगी। ज्ञानपुर में सीटी स्कैन कराने पर तीन से पांच हजार खर्च करना पड़ता। सौ शय्या अस्पताल में धीरे-धीरे व्यवस्थाएं बेहतर हो रही है। सीटी स्कैन की जरूरत पड़ने पर मरीजों को अन्य जनपदों के निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। जहां मरीज को परेशानी के साथ आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ती है। जिले के एक निजी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन है। एक सीटी स्कैन कराने के लिए करीब तीन से पांच हजार रुपये का खर्च आता है, मरीज व तीमारदारों की परेशानी ऊपर से बढ़ जाती है। पीपीपी मॉडल के तहत सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी। इसके लिए काम शुरु हो गया है, उम्मीद है कि नए साल से पहले लोगों को सुविधाओं का लाभ मिलने लगे। अस्पताल में व्यवस्थाएं धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। -- डॉ. सुनील कुमार पासवान, सीएमएस 100 बेड सरपतहां ।
*केंद्रो पर नहीं बंट रहा पोषाहार, 13 हजार मासूम कुपोषण के शिकार* *तीन महीने से केंद्रों पर पोषाहार न आने से बढ़ी परेशानी आक्रोश*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। बच्चों को स्वस्थ और खुशहाल बचपन देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके बाद भी जिले में पिछले तीन माह से आंगनबाड़ी केंद्रों पर न तो पोषाहार बंट रहा है, न ही अन्य कोई आहार। ऐसे में बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों पर आते हैं और लौट जाते हैं। कुपोषण से ‘जंग’ सिर्फ कागजों में और जुबानी चल रही है। इससे कुपोषित बच्चों की संख्या भी पहले से करीब एक हजार अधिक बढ़ गई है। करीब 20 लाख की आबादी वाले जिले में शून्य से पांच वर्ष के तक के बच्चों की संख्या एक लाख 25 हजार के करीब है। इन बच्चों का बचपन स्वस्थ रखने के लिए भोजन के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पूरक आहार देने की योजना है। जिले में संचालित कुल 1496 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण के साथ ही हाटकुक्ड योजना लागू है। जहां से बच्चों संग गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषण आहार दिया जाता है। इसके बावजूद भी कुपोषण पर लगाम नहीं लग पा रही है। कुपोषण पर लगाम भी कैसे लगे पिछले तीन महीने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार भी नहीं आ रहा है। इससे बच्चों संग धात्री महिलाओं को केंद्रों पर आकर बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अभिभावकों का विवाद भी अक्सर हो जाता है। आईसीडीएस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अक्तूबर 2024 में आयोजित वजन दिवस में 1111 बच्चे मैम, 5054 सैम और सात हजार के करीब कुपोषित बच्चे मिले हैं। यही नहीं 1800 किशोरियों में खून की कमी भी पाई गई। 10 बेड का एनआरसी, भर्ती सिर्फ दो बच्चे बच्चों के कुपोषण को खत्म करने के लिए जिला अस्पताल ज्ञानपुर में पोषण पुनर्वास केंद्र बनाया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों से गंभीर अति कुपोषित बच्चों को भर्ती किया जाता है। 10 बेड का केंद्र कभी कभार ही भरता है। कभी दो तो कभी तीन बच्चे ही यहां पहुंचते हैं। बुधवार को केंद्र की पड़ताल हुई तो सिर्फ दो बच्चे भर्ती मिले। यहां पर मार्च 2023 से 2024 तक 170 बच्चे और अप्रैल 2024 से चार दिसंबर तक 124 बच्चे भर्ती हुए। केंद्र के चिकित्सक डॉ. मुजम्मिल ने बताया कि गंभीर कुपोषित बच्चे को 21 दिन और नार्मल को 14 दिन रखा जाता है। तीन महीने में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा माह मैम सैम अति कुपोषित अगस्त 4520 1520 4500 सितंबर 4859 1740 4999 अक्तूबर 5054 1111 7021 एक नजर आईसीडीएस विभाग आंगनबाड़ी केंद्र- 1496 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- 1320 बच्चों की संख्या - 1,25, 805 पूर्व के वर्षों की अपेक्षा कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है। एक दशक पहले यह संख्या 30 से 35 हजार तक रहती थी, लेकिन अभी काफी कम है। पोषाहार भेजने वाली फर्मों में विवाद के कारण आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिले में ही नहीं पूरे प्रदेश की यही स्थिति है।- मंजू वर्मा , डीपीओ
*भदोही में हाईटेक नर्सरी में तैयार हो रहे 2.50 लाख सब्जी के पौधे*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की पहली हाईटेक नर्सरी औराई ब्लाॅक के बेजवां में 1.28 करोड़ से बनकर तैयार है। नर्सरी में 2.50 लाख सब्जी के पौधे उगाए जा रहे हैं। यह पौधे गुणवत्ता पूर्ण और उत्तम क्वालिटी के होंगे। जो किसानों को दो रुपये में एक पौधा मिलेगा। नर्सरी में 3.50 लाख पौधे उगाने का लक्ष्य उद्यान विभाग का है।किसानों का एक तबका परंपरागत खेती को छोड़ कर सब्जी की खेती की ओर कदम उठा चुके हैं। तकनीकी खेती में लागत कम लेकिन आमदनी अधिक है। सब्जी के बीज की गुणवत्ता न होने के कारण अमूमन किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होता है। किसानों को उत्तम क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराने के लिए 1.28 करोड़ से हाईटेक नर्सरी तैयार किया गया है। जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने बताया कि नर्सरी में 3.50 लाख विभिन्न प्रकार के सब्जी के पौधे उगाने का लक्ष्य है। वर्तमान में 2.50 लाख पौधे उगाए गए है। इसमें सबसे अधिक टमाटर के 1.50 लाख पौधे हैं, इसके बाद मिर्च 50 हजार, शिमला मिर्च 20 हजार है। अमूमन किसान सब्जी की नर्सरी डालते हैं, लेकिन तापमान अनुकूलित न होने के कारण बीज सही से अंकुरित नहीं होते हैं। इससे किसानों को नुकसान होता है। नर्सरी में समुचित तापमान के बीच पौधे उगाए जाते हैं। बीज की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, पौधे लगाने के बाद इसमें फल भी अच्छे होते हैं। किसान अपनी पसंद के सब्जी के बीज को उगवा सकते हैं, उन्हें बीज का नाम बताना होगा। किसान खुद को बीज देकर पौधे उगा सकते हैं। उनसे एक रुपये लिया जाएगा। नर्सरी में कौन कौन से पौधे हो रहे तैयार : टमाटर- 1.50 लाख मिर्च- 50 हजार शिमला मिर्च- 20 हजार पत्ता गोभी- 15 हजार फूल गोभी- 15 हजार हाईटेक नर्सरी बेजवां में करीब 2.50 लाख सब्जी के पौधे तैयार किया जा रहा है। किसान को दो रुपये शुल्क पर सब्जी के पौधे मिलेगे। गुणवत्ता पूर्ण उत्तम क्वालिटी के पौधे होंगे।-- ममता सिंह यादव, डीएचओ भदोही
*भदोही में प्री-बोर्ड की तैयारी में जुटा माध्यमिक शिक्षा विभाग* *बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी होने के बाद बढ़ी गहमागहमी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी होने के बाद अब प्री-बोर्ड परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हो गई है।माध्यमिक विद्यालयों में इसके संबंध में रणनीति बनाई जा रही है। डीआईओएस ने प्रधानाचार्यों को जरूरी विषयों का कोर्स समय से पूर्ण कराने का निर्देश दिया। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पिछले दिनों बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया। जिसमें 24 फरवरी से 12 मार्च तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है। जिले में केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है।इस दौरान प्री-बोर्ड और प्रायोगिक परीक्षा भी होनी है। यूपी बोर्ड की ओर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाओं का आयोजन जनवरी में होने की संभावना है। इसके पहले ही प्री-बोर्ड परीक्षा कराई जानी है। जिसको लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया गया है।राजकीय हाईस्कूल सदौपुर के प्रधानाचार्य इंद्रमणि मिश्रा ने कहा कि स्कूलों में पढ़ाई के साथ ही नोट्स बनाकर छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि परीक्षा को लेकर वह तैयार हो सकें। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि दिसंबर के आखिर में या फिर जनवरी की शुरुआत में बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। उससे पहले प्रयोगात्मक विषयों का भी रिवीजन करवा लिया जाएगा। 15 दिसंबर से प्री बोर्ड परीक्षाएं शुरू होनी हैं। छात्राओं को अधिक से अधिक लिखने के अभ्यास के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिला उद्यान विभाग की ओर से अनुदान और आधुनिक बीज पाकर किसान उत्तम खेती कर रहे हैं। इससे न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ेगी सरकार की मंशा को भी बल मिलेगा। जिला उद्यान अधिकारी ममता यादव ने बताया कि केंद्र एवं प्रदेश सरकारें अन्नदाताओं की आय को बढ़ाने का काम कर रही है। सरकार की मंशा के अनुसार जिले जिले के किसानों को लाभांवित कराने का काम किया जा रहा है। कहा कि अब तक सौ कुंतल आलू डेढ़ सौ किसानों में वितरित किया गया है। इसके अलावा 396 किसानों में ब्याज बीज को रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसके सापेक्ष सभी को बीज दिया गया। 54 किसानों को मिर्च कर दिया गया। 750 किसानों ने लहसुन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। प्रत्येक अन्नदाता को पांच किलो लहसुन का बीज दिया गया है। कार्यालय पर आकर योजनाओं के बारे में जानकारी लेने का आह्वान ग्रामीणों से किया। कहा कि आधुनिक बीज पाकर खेती करने पर ग्रामीणों को अच्छा उत्पादन मिलेगा।
*भदोही में बोर्ड परीक्षा केंद्रों में फेरबदल के लिए प्रबंधक लगा रहे अफसरों के चक्कर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। शासन की नकलविहीन परीक्षा की मंशा पर अफसर पानी फेरने में जुटे हैं। मानक को दरकिनार कर कई वित्तविहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना दिया गया है। छात्र आवंटन की संख्या में भी गड़बड़ी सामने आई है। सवित्त एवं राजकीय स्कूलों के होने पर भी वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बना दिया गया है। उसके बाद से ही वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधक अफसरों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। भाजपा के पूर्व महामंत्री ने भी सीएम, डीएम और सचिव को पत्र लिखकर केंद्र निर्धारण को पारदर्शी ढंग से कराने की मांग की। फरवरी-मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए परिषद ने पिछले दिनों 85 केंद्रो की अनंतिम सूची जारी की। जिसके बाद प्रधानाचार्यों से आपत्ति मांगी गई। संसाधन की कमी, स्कूलों से दूरी समेत अन्य कमियों के आधार पर 95 विद्यालयों ने आपत्ति दर्ज कराई। डीएम के निर्देश पर गठित टीम ने आपत्तियों का निस्तारण कर रिपोर्ट सौंपा। इसके बाद विभाग की तरफ से संभावित केंद्रों की सूची परिषद को भेजी गई। डीएम की ओर से गठित टीम के अधिकारियों की कसरत काम नहीं आई। अंतत: कई मानकविहीन विद्यालय परीक्षा केंद्रों की सूची में शामिल कर दिए गए। केंद्र बनने से वंचित विद्यालयों के प्रबंधक डीआइओएस कार्यालय की परिक्रमा करने लगे, ताकि विलंब से फॉर्म जमा करने वाले विद्यालयों के छात्रों के लिए बढ़ने वाले परीक्षा केंद्रों की सूची में उनके विद्यालय का नाम आ जाए। इसमें कुछ ऐसे विद्यालय भी शामिल हैं जो पूर्व में धांधली के कारण विवादों में आ चुके हैं। दूसरी तरफ उन प्रबंधकों ने भी चक्कर लगाने शुरू कर दिए, जिनके छात्रों की जुगाड़ वाले विद्यालयों में पोस्टिंग नहीं हुई।बड़ी संख्या में प्रबंधक ऐसे हैं, जो केंद्रों में फेरबदल को लेकर प्रयासरत हैं। अधिकारियों से मुलाकात से लेकर बाबुओं से जोड़तोड़ चल रही है। भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री श्रीनिवास चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और सचिव को पत्र भेजकर केंद्र निर्धारण में पारदर्शी व्यवस्था करने की मांग की। कहा कि वित्तपोषित एवं राजकीय विद्यालय होने के बाद भी शिक्षा विभाग के अफसरों ने साठगांठ कर वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बना दिया है। जबकि इनमें सुविधाओं की कमी है। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने कहा कि प्रस्तावित केंद्रो की सूची परिषद को भेजी जा चुकी है। वहां से ही केंद्रो का निर्धारण होगा।
*भदोही में 49.88 लाख से पांच समितियों का होगा जीर्णोद्धार*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की पांच सहकारी समितियों का 49.88 लाख रुपये से जीर्णोद्धार किया जाएगा। सहकारिता विभाग ने इस्टीमेट बनाकर शासन को भेज दिया है। स्वीकृति मिलने पर काम शुरू होगा। इससे समितियों को कंप्यूटरीकृत करने के साथ ही अन्य सुविधाओं से लैस किया जाएगा।जिले में कुल 52 समितियां हैं। इसमें से 43 से 44 समितियां सक्रिय हैं। यहां से किसानों को उर्वरक, ऋण आदि सुविधाएं मिलती है। केंद्र में सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद सरकार ने इसका नाम बदलकर बी पैक्स कर दिया है। हर समितियों पर 250-250 सदस्य भी बनाए जा चुके हैं। जिले की अधिकतर समितियां ढाई से तीन दशक पूर्व बनाई गई हैं। निगरानी न होने से पूर्व में बनी अधिकतर समितियां जर्जर हो चुकी हैं। इससे खाद-बीज वितरण के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित समितियों के जीर्णोद्धार के साथ ही केंद्र सरकार की केंद्र पुरोनिधानिक योजना के तहत कंप्यूटरीकरण करने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे में जर्जर समितियों पर आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है।अब सहकारिता विभाग ने पांच समितियों के जीर्णेाद्धार के लिए शासन को पत्र लिखा है। एक-एक समिति पर 9.96 लाख से 10 लाख तक का खर्च आएगा। पांचों समितियों पर कुल 49.88 लाख रुपये खर्च होंगे। एआर सहाकारिता राम प्रकाश ने बताया कि पांच समितियों के जीर्णेाद्धार के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।स्वीकृति मिलने पर काम शुरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में समितियों पर लोगों को उर्वरक, ऋण के साथ-साथ सीएचसी, दवा आदि की सुविधाएं मिल सकेंगी।
Dec 06 2024, 17:33