पीयू-एलएनएमयू को शोध विवि का दर्जा मिलने का रास्ता साफ, मिलेगा 100-100 करोड़ रुपये

डेस्क : बिहार के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य के दो विश्वविद्यालयों ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (एलएमएनयू) और पटना विवि (पीयू), पटना को अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत यह दर्जा मिलेगा। इसके बाद यहां शोध कार्य और बढ़ेंगे।

दिल्ली में परियोजना अनुमोदन बोर्ड की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। शीघ्र ही इसको लेकर स्वीकृति का पत्र भारत सरकार से प्राप्त होने की उम्मीद है। अनुसंधान विवि का दर्जा मिलने पर अब बिहार के इन दोनों विश्वविद्यालयों को 100-100 करोड़ दिये जायेंगे। देशभर के 35 विश्वविद्यालयों को इस वर्ष यह दर्जा दिया जाना है।

पीएम उषा के तहत मिलने वाली 100 करोड़ की राशि से विश्वविद्यालयों के बुनियादी ढांचे, अनुसंधान सुविधाएं, आधुनिक लैब उपकरण, स्मार्ट क्लास समेत अन्य शैक्षणिक गतिविधियों-कार्यक्रमों को बढ़ाने में सहयोग मिलेगा। विश्वविद्यालयों में सरकारी राशि की बेहतर उपयोगिता, शोध कार्य, उसके इतिहास आदि के आधार पर अनुसंधान विश्वविद्यालयों का चयन किया जाता है।

बिहार के तीसरे विश्वविद्यालय, बीआरए विवि, मुजफ्फरपुर को शोध विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने का मामला भी विचाराधीन है।

पटना और मिथिला दोनों विश्वविद्यालयों का समृद्ध इतिहास रहा है। यहां शोधकार्यों को अपने संसाधनों से भी पहले से प्रमुखता दी जाती रही है। अनुसंधान कार्य, विश्वविद्यालय का इतिहास तथा केन्द्र सरकार तथा अन्य एजेंसियों से मिली राशि का समुचित उपयोग के मानकों पर खड़ा उतरने के कारण इन्हें पीएम उषा के तहत चयनित किया गया है।

फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए सीएम नीतीश कुमार, सोशल मीडिया पर लिखा यह पोस्ट

डेस्क : बीते गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह का भव्य आयोजन हुआ। इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ एनडीए के कई दिग्गज भाई शामिल हुए।

शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं आपके नेतृत्व में महाराष्ट्र के विकास कार्यों को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा भी महाराष्ट्र सरकार के गठन के मौके पर मुंबई पहुंचे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अन्य नेताओं के साथ दोपहर में विशेष विमान से पटना से मुंबई के लिए रवाना हुए थे।

शिक्षा विभाग के ACS का बड़ा निर्देश : सेवाकालीन प्रशिक्षण के दौरान बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर ही मिलेगा प्रमाणपत्र

डेस्क : बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए एक और बड़ा निर्देश जारी हुआ है। राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की सेवाकालीन प्रशिक्षण के दौरान रोज तीन बार बायोमेट्रिक हाजिरी बनेगी। बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर ही शिक्षकों को प्रशिक्षण पूरी करने का प्रमाणपत्र मिलेगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस आदेश को सुनिश्चित करने का निर्देश राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद को दिया है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को कम से कम एक सप्ताह पूर्व में सूचना दी जाएगी।

विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि हर शिक्षक अपना पूरा प्रशिक्षण सहूलियत से प्राप्त करें, इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मालूम हो कि सभी शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है।

मालूम हो कि परिषद की ओर से शिक्षकों को चरणवार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। परिषद के निदेशक को लिखे पत्र में अपर मुख्य सचिव ने और भी कई निर्देश दिये हैं। इसमें कहा गया है कि शिक्षकों को प्रशिक्षण उनके वर्तमान पदस्थापन वाले जिले में ही आयोजित किए जाएंगे।

*संजीव हंस के करीबियों के कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, तलाशी में विदेशी मुद्रा, नगद समेत कई दस्तावेज बरामद*


डेस्क : आय से अधिक संपत्ति मामले मे जेल मे बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस की परेशानी बढ़ती जा रही है। जांच एजेंसी ईडी संजीव हंस पर अपनी दबिश बढ़ाती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को आरोप लगाया कि बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस ने राज्य और केंद्र में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित की और इस धन को सफेद करने में पूर्व राजद एमएलसी गुलाब यादव ने उनकी मदद की। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने दोनों के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच में नए सिरे से तलाशी ली और मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में संजीव हंस के करीबी और उनकी काली कमाई का निवेश करने वाले कुछ व्यवसाय्यियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। दिल्ली, गुड़गांव, जयपुर, कोलकाता और नागपुर में इन ठिकानों पर मंगलवार से शुरू हुई छापेमारी बुधवार तक चली। गुड़गांव स्थित इनके एक करीबी के घर से तलाशी के दौरान 16 लाख की विदेशी मुद्रा और 23 लाख रुपये नकद पकड़ी गई है। सभी स्थानों पर तलाशी के दौरान कई डिजिटल साक्ष्य, दर्जनों बैंक खाते समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि करोड़ों के निवेश या खपाने के प्रमाण भी मिले हैं। कहा जा रहा है कि इसमें अधिकांश राशि संजीव हंस और उनके कुछ करीबियों की है। कुछ दूसरे लोगों के निवेश के भी प्रमाण मिले हैं, जिसकी जांच चल रही है। छापेमारी में मिले दस्तावेजों की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि संजीव हंस के करीबी व्यक्ति ने हाल में कई डीमैट खाते खोलकर 60 करोड़ रुपये विभिन्न कंपनियों के शेयर में निवेश किया है। इन 13 ठिकानों से करीब 70 बैंक खाते बरामद किए गए हैं। ये सभी अलग-अलग शहरों में विभिन्न बैंकों के हैं। इनमें करोड़ों रुपये घूमाने के प्रमाण मिले हैं। अब तक कुछ खातों की जांच की गई, जिनमें 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि है। हालांकि, सभी बैंक खातों की जांच के बाद ही कुल लेनदेन का खुलासा होगा। इन सभी खातों को सील करके जांच की जा रही है। वहीं दिल्ली और गुड़गांव के ठिकानों से निवेश से जुड़े कुछ दस्तावेज मिले हैं। इनकी जांच से पता चला है कि दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में कुछ रियल एस्टेट कंपनियों में 20 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश संजीव हंस के एक करीबी के जरिए किया गया है। इस मामले में रियल एस्सेट में बड़े निवेश का पता चला है। यह राशि विभिन्न प्रोजेक्ट में लगी है। इसे कई कंपनियों के माध्यम से लगाया गया है।
सीएचओ परीक्षा मामले में बड़ा खुलासा : परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी ने करोड़ो में बेच दिया था परीक्षा केन्द्र

* डेस्क : बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की भर्ती परीक्षा में व्यापक फर्जीवाड़े की जांच में बड़ा खुलासा हुआ हैं। परीक्षा आयोजित कराने का ठेका लेने वाली पुणे की वी-साइन कंपनी ने परीक्षा केंद्र संचालकों और सेटरों से करोड़ों रुपये लेकर परीक्षा केंद्र ही बेच दिए थे। जांच के बाद मंगलवार को दर्ज प्राथमिकी में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 46 लोगों को अभियुक्त बनाया है। वैशाली के जंदाहा थाने के भाटंडीपुर गांव के विश्वजीत कुमार को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, परीक्षा आयोजित कराने का ठेका पुणे की वी-साइन कंपनी को दिया गया था। इसी कंपनी ने परीक्षा केंद्र संचालकों और सेटरों से करोड़ों रुपये लेकर परीक्षा केंद्र ही बेच दिए थे। कंपनी की इस करतूत की वजह से परीक्षा के लिए बनाए गए 12 परीक्षा केंद्रों में तकरीबन सभी में कुछ न कुछ अभ्यर्थियों की सेटिंग थी। इन केंद्रों पर एक अलग लीज लाइन से जुड़ा एक लैपटॉप मिला है, जिसकी मदद से चिह्नित अभ्यर्थियों के प्रश्न को दूर बैठे सॉल्वर ऑनलाइन माध्यम से हल कर रहे थे। हालांकि, अब तक ईओयू ने नौ अभ्यर्थियों को आशोपुर स्थित एकम इवॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड परीक्षा केंद्र से पकड़ा है। इस केंद्र का मालिक अमित कुमार भी गिरफ्त में है, जबकि अन्य केंद्रों के भी कई अभ्यर्थी रडार पर हैं। केस के आईओ आर्थिक अपराध इकाई के डीएसपी वीर धीरेंद्र कुमार बनाये गए हैं।
बिहार की एक और बड़ी उपलब्धि : मिलेगा इस साल का वाटर ट्रांसवर्सैलिटी ग्लोबल अवॉर्ड


* डेस्क : बिहार के नाम एक और उपलब्धि हो गया है। इस साल का वाटर ट्रांसवर्सैलिटी ग्लोबल अवॉर्ड बिहार को मिलेगा। जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन के लिए राज्य का इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। इंडिया वाटर वाटर फाउंडेशन संस्थान की ओर से नई दिल्ली में छह दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में बिहार को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से बिहार के सभी जिलों के पांच-पांच गांवों में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम का क्रियान्वयन बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (बीसा), बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जलवायु अनुकूल प्रावैधिकियों का उपयोग कर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए छोटे एवं सीमान्त किसानों को सशक्त बनाना है।
लोजपा (आर) की 'समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी' (बिहार) का हुआ गठन, सांसद शांभवी चौधरी को मिली यह बड़ी जिम्मेवारी

कटिहार : केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), बिहार की संगठनात्मक मजबूती और नीतिगत कार्यक्रमों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए 'समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी' (बिहार) का गठन किया है। यह कमिटी प्रभारी टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, संगठनात्मक बदलाव, और आगामी कार्य योजनाओं को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। यह कमिटी प्रत्येक प्रमंडल में संगठनात्मक गतिविधियों का कार्यान्वयन करवाएंगे और अपने सदस्यों के बीच प्रमंडल की जिम्मेदारी आवश्यकतानुसार रोटेशनल आधार पर तय करेगी।

समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी का गठन करने के साथ ही पार्टी के 9 नेताओं को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। वहीं समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी को बड़ी जिम्मेवादी देते हुए समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी" का अध्यक्ष बनाया गया है। यह कमिटी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।

समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी के सदस्य :

शांभवी, सासंद (अध्यक्ष), अरविन्द सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, पवन राज, कोमल सिंह, संजय सिंह, सुरेंद्र विवेक, अंशू प्रियंका और मनीष सिंह इस कमेटी के सदस्य हैं।

कमेटी की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ

1. प्रभारी टीम द्वारा प्रस्तुत समीक्षा रिपोर्ट को लागू करवाना और सख्ती से पालन करवाना।

2. प्रभारी टीम द्वारा प्रस्तावित संगठन में नई नियुक्तियों और बदलावों को प्रभावी बनवाना।

3. प्रभारी टीम द्वारा समीक्षा की गई जिला अध्यक्षों और संभावित उम्मीदवारों के आगामी 3 महीनों के कार्यक्रमों को तैयार करवाना और लागू करवाना।

4. इन कार्यक्रमों को समयबद्ध और प्रभावी तरीके से लागू करवाना।

5. रैली तैयारी के लिए जिला अध्यक्षों और संभावित उम्मीदवारों के विधी-व्यवस्वथा की दैनिक बुकिंग की रिपोर्ट लेना और व्यवस्था सुनिश्चित करवाना।

6. प्रभारी टीम द्वारा समीक्षा की गई जिलों में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाना।

7. पार्टी के विकास और संगठनात्मक मजबूती के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाना।

पार्टी ने सभी संबंधित कार्यकर्ताओं और जिला अध्यक्षों से अनुरोध किया है कि वे इस कमेटी को पूर्ण सहयोग प्रदान करें। बताया जा रहा है कि यह कमेटी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएगी। साथ ही यह कमेटी सिर्फ प्रभारी (बिहार) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को रिपोर्ट करेगी।

मुंगेर में प्रदेश की एनडीए सरकार पर जमकर बरसे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कहा-नीतीश कुमार सिर्फ मुखौटा, सरकार चला रहे यह लोग

डेस्क : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एकबार फिर बिहार की एनडीए सरकार और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार सिर्फ एक मुखौटा है। बिहार में सरकार अधिकारी और उनके इर्द-गिर्द के लोग चला रहा है।

दरअसल तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार यात्रा पर हैं। अपने इस यात्रा के दौरान वे मुंगेर पहुंचे। जहां उन्होंने मुंगेर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश की एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सरकार में सिर्फ एक मुखौटा है। सरकार तो नीतीश कुमार के बाद इर्द गिर्द लोग और अधिकारी सरकार चला रहे है। नीतीश कुमार 20 साल तक शासन कर चुके है अब उनका कोई विजन नहीं है । अब वे थक चुके है उनको मुखौटा बना कुछ अधिकारी सिर्फ अपनी जेब गर्म कर रहे है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि पेपर लीक मामले में हर बार एक ही जिले का नाम क्यों आता है और आज तक किसी पे कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई । लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा , माफिया के साथ मिल सरकार चलाया जा रहा है। शिक्षा माफिया का बोलबाला है। कौन सरकार चला रहा माफिया ही सरकार चला रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम पर 225 करोड़ रूपए खर्च होगें। ये किसका पैसा। अपने ही जनता मालिकों से मिलने के लिए इतना पैसा खर्च किया जाएगा । तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो 200 यूनिट बिजली फ्री देगें और इस सरकार को भी मजबूर कर देंगे कि वे 200 यूनिट बिजली फ्री दे।

बिहार सिपाही भर्ती अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी, सरकार ने उनकी मांग को किया पूरा


* डेस्क : पिछले कई दिनों से बिहार में सिपाही भर्ती अभ्यर्थियों के द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी बीच उनके लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नीतीश सरकार ने इस मामले में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग को पूरा कर दिया है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती ) के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय चयन पर्षद के द्वारा इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। जिसमें आयोग की ओर से साफ कर दिया गया है कि अगर अभ्यर्थियों के पास NCL और EWS का सर्टिफिकेट आज का भी मान्य होगा। बता दें कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पास अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन 9 दिसंबर से शुरु होना है। ऐसे में अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। अभ्यर्थियों की मांग थी कि उनसे 2022 के पहले का दस्तावेज नहीं लिया जाए। वहीं आय़ोग ने उनकी बात मानते हुए कहा है कि, केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) द्वारा विषयांकित विज्ञापन के तहत शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) एवं दस्तावेज सत्यापन का कार्यक्रम दिनांक 09.12.2024 से निर्धारित है। पूर्व प्रकाशित विज्ञापन की कण्डिका 17 में BC एवं EBC आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों से संबंधित Non Creamy Layer (NCL) की कट-ऑफ तिथि एवं EWS आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की काल अवधि एवं कट-ऑफ तिथि अंकित न होने के कारण इन प्रमाण पत्रों के लिए कट-ऑफ तिथि आदि पर मार्गदर्शन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को संदर्भित किया गया है। आयोग ने कहा कि, एतद् द्वारा सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 09.12.2024 से आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) एवं दस्तावेज सत्यापन में उक्त आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों को उक्त प्रमाण पत्रों की काल अवधि अथवा निर्गम तिथि के आधार पर अयोग्य/ असफल घोषित नहीं किया जायेगा। इस पर निर्णय विभाग से प्राप्त निदेश के आलोक में लिया जाएगा। वहीं आयोग के इस फैसले के बाद अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल है।
जनसुराज पार्टी से तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत मे लिया, जानिए क्या है पूरा मामला

डेस्क : बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां जिले की डुमरा थाना पुलिस ने प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज के तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इन्हें पुलिस ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन के उपचुनाव में वोटरों के बीच पैसे बांटने के आरोप पर हिरासत में लिया है। ये तीनों भारत सरकार लिखे कार से सफर कर रहे थे। वहीं इनके पास से रुपयों से भरा बैग भी बरामद हुआ है। पुलिस ने इस कार्रवाई को SP मनोज तिवारी के निर्देश पर अंजाम दिया है।

गौरतलब है कि सीतामढ़ी में तिरहुत स्नातक निर्वाचन का उप चुनाव हो रहा है जिसको लेकर कल गुरुवार 5 दिसंबर को मतदान होना है। इस चुनाव में जन सुराज पार्टी से मुजफ्फरपुर के रहने वाले विनायक गौतम प्रत्याशी हैं। जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर अपने उम्मीदवार के पक्ष में लगातार सीतामढ़ी शिवहर मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले में कैंपेन चला रहे थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने कई सभाएं की और अपने उम्मीदवार को जीताने को लेकर मतदाताओं से अपील की।

बताया जा रहा है कि SP को गुप्त सूचना मिली थी कि एक लग्जरी कार में बैठे लोग मतदाताओं के बीच पैसे बांट रहे हैं। इस कार्रवाई में पुलिस ने नोटों से भरे बैग के अलावा पंपलेट ,चुनाव प्रचार सामग्री समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार कार से 152000 रुपये बरामद किए गए हैं। वहीं इस मामले को लेकर थाने में केस भी दर्ज कर दिया गया है।

वहीं जिस कार को पुलिस ने जब्त किया है वो कार झारखंड के किसी बड़े अधिकारी का है। हालांकि अब तक उस अधिकारी का नाम पुलिस ने साझा नहीं किया है।

बता दें तिरहुत स्नातक निर्वाचन उप चुनाव चार जिलों को मिलाकर होता है, जिसमे स्नातक लोग मतदाता होते हैं। सीतामढ़ी शिवहर वैशाली और मुजफ्फरपुर इन चार जिलों में इस उप चुनाव को लेकर पांच दिसंबर को वोटिंग होना है। देवेश चंद्र ठाकुर के जेडीयू सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हो हुई थी।