दिल्ली के वसंत विहार में छात्र की संदिग्ध मौत पर मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने जांच के दिए आदेश , परिजनों से की मुलाकात

दिल्ली के वसंत विहार के चिन्मय स्कूल में मंगलवार (3 दिसंबर) को छठी क्लास के 12 वर्षीय एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जिसके बाद आज मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं, गुरुवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री ने मृतक बच्चे के परिजनों से मुलाकात कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही दो तरीकों की जांच का आदेश भी दिया है. बच्चे के पिता सागर ने आरोप लगाया कि पुलिस जिस हिसाब से जल्दबाजी कर रही है, उससे लगता है कि वे आरोपियों को बचा रहे हैं.

मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि 2 दिन पहले वसंत विहार के एक स्कूल में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है. ये एक संदिग्ध मामला है, ऐसा क्या हुआ जोकि बच्चे की मौत हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं, अगर स्कूल की लापरवाही से मौत हुई, तो सख्त कार्रवाई होगी.

पूरे मामले की होगी दो तरीके से जांच

आतिशी ने कहा कि पूरे मामले की जांच होगी आखिर क्या हुआ था, CCTV मौजूद है, हमनें 2 तरह की जांच के आदेश दिए हैं. एक शिक्षा विभाग स्कूल की भूमिका पर जांच करेगा. दूसरी जांच SDM करेंगे कि अस्पताल ले जाने में तो देरी नहीं हुई. जो इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने बच्चे की मौत पर कहा कि ऐसा क्या हो रहा है कि छठवीं क्लास के बच्चे ऐसी हिंसल लड़ाई कर रहे हैं ? इसकी जांच करनी होगी, इसके लिए सभी दिल्ली वालों को एक साथ आना पड़ेगा. आज बच्चे हिंसा की खबरें रोज देख रहे हैं.पूरे समाज में क्राइम की खबरें हैं. इसका असर बच्चों पर हो रहा है.

पुलिस आरोपियों को बचा रही- बच्चे का पिता

बच्चे के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमें शक है पुलिस स्कूल को और 5 बच्चों को बचाना चाह रही है. वीडियो में दिख रहा है, बच्चे उसका गला दबा रहे हैं. 10-11 वीं का बच्चा आया था उसने गला दबाया. बच्चे के पिता ने कहा कि उस दिन भी पुलिस ने अंतिम संस्कार की जल्दबाजी की, कल सुबह सुबह जल्दबाजी में पुलिस ने जबरदस्ती और वहां लाठीचार्ज भी हुआ. एंबुलेंस में बच्चे को डाला और अंतिम संस्कार हुआ.

पिता सागर ने बताया कि मंगलवार को एनुअल फंक्शन के लिए 1000 रुपए लेकर गया था, सब ठीक था. बाद में मुझे फोन आया कि आपके बेटे को फोर्टिस अस्पताल ले गया, जहां मैंने उसे मृत पाया.

पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी AAP में शामिल, अरविंद केजरीवाल ने किया स्वागत

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक के बाद एक नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम रहे हैं. आज पद्म श्री जितेन्द्र सिंह शंटी AAP में शामिल हुए. अरविंद केजरीवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. मैं तो राजनीति से बहुत दूर जा चुका था. वैसे तीन बार इलेक्टेड रहा लेकिन जब से सेवा में लगा और कोविड में परमात्मा ने मौका दिया. मान सम्मान मिला.

उन्होंने कहा कि लावारिस लाशों का दाह संस्कार करते हुए उस दिन जब केजरीवाल जी का फोन आया तो मैंने सोचने का वक्त लिया. मेरे कुछ लोगों ने कहा कि केजरीवाल जी और आपके कामों में समानता है. केजरीवाल जी लोगों के जीने का इंतजाम कर रहे हैं और हम लोगों के अंतिम घड़ी में जाने का इंतजाम करते हैं. दिल्ली में जब जीने से जाने तक इंतजाम हो जाए तो हमारा मिशन वैसे ही सफल हो जाएगा.

शंटी के शामिल होने पर केजरीवाल ने क्या कहा?

शंटी के पार्टी में शामिल होने पर केजरीवाल ने कहा कि उन्हें ‘एंबुलेंस मैन’ के नाम से जाना जाता है. खासकर जिस तरह से उन्होंने मृत लोगों का सम्मान दिया है, उनके बारे में कोई नहीं सोचता क्योंकि उनसे तो वोट तो नहीं मिलते हैं. अगर कोई आदमी मर जाए उनसे वोट थोड़े न मिलता है. जहां तक मुझे बताया गया है कि शंटी जी ने अब तक 70 हजार से ज्यादा डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कराया है.

खासकर कोरोनाकाल में जब लोग अपने घर के लोगों की डेड बॉडी लेने में कतराते थे, उस वक्त शंटी जी ने मृत शरीर को स्वीकार करके अंतिम संस्कार किया. उस समय उनके पूरे परिवार को कोरोना हो गया था. अपने परिवार की चिंता किए बगैर उन्होंने अने मिशन को जारी रखा.

शाहदरा से विधायक रह चुके हैं शंटी

जितेंद्र सिंह शंटी पिछले करीब 26 सालों से शहीद भगत सिंह सेवा दल नामक संस्था चला रहे हैं. यह संस्था निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराती है. शंटी को केंद्र सरकार ने समाजेसवा के लिए पदमश्री सम्मानित किया है. शंटी खुद 102 बार रक्तदान का रिकार्ड कायम कर चुके हैं. झिलमिल वार्ड से दो बार पार्षद और शाहदरा से विधायक रह चुके हैं.

एकनाथ शिंदे का युग खत्म, कभी नहीं बन पाएंगे मुख्यमंत्री: संजय राउत

महाराष्ट्र में आज देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे. इसके पहले शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोला है, राउत ने कहा कि शिंदे युग का अंत हो चुका है. उनकी जरूरत थी वो अब पूरी हो चुकी है. इसीलिए अब उन्हें फेंक दिया है. राउत ने कहा कि अब शिंदे जीवन में कभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे.

संयज राउत ने कहा कि बीजेपी कभी भी शिंदे की पार्टी को तोड़ सकती है, क्योंकि राजनीति में बीजेपी हमेशा यही करती आई है. उनकी नीति ही यही रही है. जो उनके साथ काम करेगा वे उनको ही तोड़ने का काम करेंगे.

महायुति की गड़बड़ी जल्द आएगी सामने-राउत

संजय राउत ने कहा कि आज से राज्य के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होगें. बीजेपी के पास बहुमत है, इसके बाद भी वे 15 दिनों तक सरकार नहीं बना पाए हैं. इसका मतलब साफ है कि महायुति में कुछ न कुछ गड़बड़ है. ये गड़बड़ सबको कल से दिखने भी लगेगी. ये लोग महाराष्ट्र या फिर देश के हित के लिए काम नहीं कर रहे हैं. ये सभी अपने स्वार्थ के लिए एकसाथ आए हैं.

राउत ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में जो भी नतीजे सामने आए हैं, उसके खिलाफ गांव-गांव की जनता सडक पर आई है. जनता को ये नतीजे मंजूर नहीं हैं. फिर भी मैं उनको बधाई देता हूं कि आने वाला समय आपको मिलेगा. आप महाराष्ट्र के हित में काम करें.

राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू-मुसलमान- प्रियंका

असम सरकार ने होटल रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस की बिक्री पर बैन लगाया है, इस मामले पर शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सरकार का निर्णय है. इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. मुख्यमंत्री विपक्ष के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों के आधार पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में हैं, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि झारखंड के प्रभारी के रूप में उन्हें किस तरह का हार का सामना करना पडा है. जहां इन्होंने हिंदू-मुसलमान ही किया है.

दिल्ली में लापता हुआ 8 साल का बच्चा 2 साल बाद मिला, बर्थडे पर परिवार से मिलकर खुशी में नहीं रुके आंसू

दिल्ली में एक परिवार की खुशी का तब ठिकाना नहीं रहा जब 2 साल पहले गायब हुआ उनका आठ साल का बेटा मिल गया. मानसिक रूप से अस्थिर आठ साल का बच्चा दो साल पहले लापता हो गया और अपने बर्थडे पर परिवार से मिला. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चा 15 फरवरी 2023 की रात को अपने घर से लापता हो गया था. वहीं उसकी मां ने 17 फरवरी को एनआईए थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.

पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) निधिन वलसन ने कहा, “एनआईए पुलिस स्टेशन का पूरा स्टाफ अडिग दृढ़ संकल्प के साथ मामले को आगे बढ़ा रहा. डीसीपी ने कहा, “आस-पास के इलाकों, बस टर्मिनलों, रेलवे स्टेशनों, अस्पतालों और आश्रय गृहों में व्यापक तलाशी ली गई. हालांकि इन सभी प्रयासों के बावजूद, उस समय बच्चे के ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिल सका.”

गाजियाबाद में मिला बच्चा

निधिन वलसन ने कहा कि पूरी टीम को सफलता 3 दिसंबर को मिली जब बच्चे को पड़ोसी गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित घरोंदा स्पेशलाइज्ड अडॉप्शन एजेंसी में पाया गया. लड़के की पहचान उसके माता-पिता ने की तथा सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे उनके पास वापस भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि यह भावनात्मक क्षण 3 दिसंबर को बच्चे के जन्मदिन के अवसर पर आया, जिससे यह अवसर और भी खास हो गया.

परिवार से मिलेगा 24 साल पहले लापता हुआ बच्चा

गुजरात के अमरेली में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. अमरेली में 24 साल पहले लापता हुआ बच्चा आखिरकार अपने परिवार को ढूंढ लिया है. परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चा जल्द ही अपने घर पहुंचने वाला है.पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जानकारी के मुताबिक साल 2000 में अमरेली के मणिनगर निवासी जितेंद्र अधिया का 4 वर्षीय बेटा अपने चाचा के पास ही जाने के लिए जिद करने लगा. उसकी जिद को देखते 10 मार्च 2000 को बच्चे की पिता ने उसे भेज दिया. आरोप है कि इस बच्चे को रास्ते में ही कहीं से अगवा कर लिया गया था.

एकनाथ शिंदे बनेंगे डिप्टी सीएम, PWD मंत्रालय भी मिला

एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री होंगे. साथ ही उन्हें PWD मंत्रालय भी मिला है. आजाद मैदान में आज (गुरुवार) होने वाले शपथग्रहण समारोह में शिंदे शपथ लेंगे. शिंदे के अलावा अजित पवार भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शपथ को लेकर सवाल भी किया गया था. तब उन्होंने कहा था कि सब्र रखिए. सब मालूम पड़ जाएगा.

एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. राज्यपाल ने नई सरकार के गठन तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया.

विधायकों ने की थी मांग

शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी और बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनने वाली महाराष्ट्र की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने का आग्रह किया था. पार्टी विधायकों ने कहा कि वे पिछले दो दिन से कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात कर रहे हैं ताकि उन्हें नई सरकार का हिस्सा बनने के लिए मना सकें. दिनभर विधायक निवर्तमान मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पहुंचते रहे.

पार्टी के विधायक भरत गोगावले ने कहा, ‘हमने उनसे नई सरकार का हिस्सा बनने का आग्रह किया है क्योंकि इससे पार्टी और सरकार दोनों को फायदा होगा. हमें उम्मीद है कि वह हमारे अनुरोध का सम्मान करेंगे. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में शिवसेना के 57 सीट जीतने के बावजूद पार्टी प्रमुख शिंदे उपमुख्यमंत्री बनने के बहुत इच्छुक नहीं हैं. शिंदे करीब ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं.

फडणवीस भी चाहते थे शिंदे सरकार में रहें

बुधवार को फडणवीस को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी. विधान भवन में आयोजित विधायक दल की बैठक में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक विजय रूपाणी ने घोषणा की कि फडणवीस (54) को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया है.

बैठक में बीजेपी की केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य और केंद्र में डबल इंजन सरकार विकास को बढ़ावा देगी. फडणवीस ने उन पर भरोसा जताने के लिए बीजेपी विधायकों को धन्यवाद दिया और कहा कि 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की भारी जीत प्रधानमंत्री मोदी के एक हैं तो सेफ हैं मंत्र के कारण हुई.

फडणवीस ने राजभवन में पत्रकारों से कहा, मैंने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी और उन्हें बताया कि शिवसेना और महायुति दोनों की इच्छा है कि वह इस सरकार में हमारे साथ रहें.मुझे पूरा भरोसा है कि वह हमारे साथ रहेंगे.

शिंदे स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए ठाणे गए हुए थे, जिससे महायुति गठबंधन में आंतरिक कलह की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि, वह मंगलवार को मुंबई लौट आए.

शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगे 42 हजार लोग

बीजेपी नेता प्रसाद लाड ने कहा कि शपथग्रहण समारोह में करीब 42,000 लोग शामिल होंगे. उन्होंने कहा,प्रधानमंत्री मोदी, नौ से दस केंद्रीय मंत्री और 19 मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समारोह में शामिल होंगे.

उन्होंने कहा कि 40,000 बीजेपी समर्थकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है तथा विभिन्न धर्मों के नेताओं समेत 2,000 अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई है. एक अधिकारी ने बताया कि शपथग्रहण समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए कम से कम 3,500 पुलिसकर्मियों और 520 अधिकारियों को तैनात किया गया है.

नया फोन लेने के बाद करें ये 3 सेटिंग, डेटा लीक की टेंशन हो जाएगी खत्म

जब भी नया फोन लेते हैं तो उसमें पुराने फोन का डेटा डाल लेते हैं. लेकिन डेटा ट्रांसफर करने के प्रोसेस में एक टेंशन हमेशा रहती है कि कहीं डेटा लीक तो नहीं हो जाएगा? इस प्रोसेस में थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशन की मदद ली जाती है जिसमें डेटा लीक के चांस हमेशा बने रहते हैं. ऐसे में हम आपको 3 ऐसी सेटिंग के बारे में बताएंग जिन्हें फॉलो करके डेटा लीक के चांस कम हो जाते हैं. इससे आपका पर्सनल डेटा भी सेफ रहता है और आपका काम भी हो जाता है.

इसमें नए फोन में फाइल, फोटो, वीडियो शेयरिंग से लेकर नए ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करने और सिस्टम अपडेट करने से पहले की सेटिंग बताई गई हैं. इन सेटिंग को पहले ही करले ताकि आप डेटा लीक की टेंशन से बच जाएं.

ये तीन सेटिंग हैं जरूरी

इसके लिए जब भी कोई फाइल, फोटो या वीडियो शेयर या रिसीव करें तो क्विक शेयर में जाना है, इसमें बाई डिफॉल्ट कॉन्टैक्ट्स सलेक्ट होता है, इसे हटाकर योर डिवाइस का ऑप्शन सलेक्ट करें. अगर कोई फाइल रिसीव करनी है तो एव्रीवन पर टिक करें.

नए फोन में ऐप इंस्टॉल करने से पहले करें सेटिंग

अब नया फोन लिया है तो उसमें ऐप्स की भी जरूरत पड़ेगी, तो नए ऐप्स इंस्टॉल कपने से पहले सेटिंग में जाएं. सेटिंग में सर्चबार में अननोन लिख कर सर्च करें, अननोन पर क्लिक करने के बाद नीचे स्क्रॉल करें और इंस्टॉल अननोन ऐप्स पर जाएं. यहां पर लिस्ट में आपको क्रोम, ड्राइव, फाइल्स, जीमेल और वॉट्सऐप शो होंगे इन सब को नॉट अलाउड करें.

टाइम टू टाइम सिस्टम अपडेट

ऊपर बताए गए स्टेप्स के बाद आपका फोन सेटअप हो जाएगा. आखिरी में आपको फोन की सेटिंग में जाना है और अपडेट लिख कर सर्च करना है. आपके सामने सिस्टम अपडेट का ऑप्शन दिख जाएगा इस पर क्लिक करें. इससे टाइम टू टाइम सिस्टम अपेडट होता रहेगा.

36 साल बाद जेल से रिहा, हुए 104 साल के रक्षित मंडल, बताई एक-एक पल की कहानी

पश्चिम बंगाल के मालदा में 36 साल से जेल की सजा काट रहे रक्षित मंडल को आखिरकार हाईकोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिया गया है. इस समय वह 104 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं. उन्हें साल 1988 में जमीनी विवाद में अपने ही भाई की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उस समय उनकी उम्र 72 साल थी. इस दौरान वह कुछ दिन जमानत पर बाहर रहे तो कुछ दिन पैरोल पर भी जेल से बाहर रहे हैं. हालांकि जेल में इनके अच्छे बर्ताव और आचरण को ध्यान में रखते हुए अब उन्हें फाइनली रिहा कर दिया गया है.

जेल से बाहर निकलकर रक्षित ने मीडिया से भी बात की. कहा कि उन्होंने अपने भाई की हत्या नहीं की, बल्कि वह तो परिस्थितियों के शिकार होकर 36 साल जेल में गुजारे हैं. अब वह बाहर आ गए हैं तो अपना पूरा समय परिवार के साथ बिताएंगे और बागवानी करेंगे. 104 साल की उम्र में भी काफी चुस्त दुरुस्त दिख रहे रक्षित मंडल ने कहा कि वह जेल में इतने दिन रह गए कि अब उन्हें ये भी याद नहीं कि वह कब जेल में आए और कितने दिन यहां रहे. एक बार तो उन्हें लगा कि यह कभी खत्म ही नहीं होगा. कहा कि जेल में उन्हें अपने परिवार और पोते-पोतियों की खूब याद आती थी. लेकिन वह विवश थे.

जमीनी विवाद में हुई थी भाई की हत्या

जानकारी के मुताबिक मालदा जिले के मानिकचक में रहने वाले रक्षित मंडल का अपने ही भाई के साथ जमीनी विवाद था. 1988 में इसी झगड़े में इनके भाई की मौत हो गई थी. उस समय पुलिस ने इन्हें अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. इसके बाद साल 1992 में मालदा की जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने इन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.बाद में इन्होंने हाईकोर्ट में अपील कर जमानत तो ले ली, लेकिन हाईकोर्ट में भी दोष साबित हो गया तो इन्हें फिर से जेल जाना पड़ा.

हाईकोर्ट से मिली राहत

इसके बाद साल 2020 में ये पैरोल पर बाहर आए थे. इस दौरान रक्षित ने रिहाई के लिए कोलकाता हाईकोर्ट में कई बार अर्जी लगाई, लेकिन कामयाब नहीं हुए. हालांकि लगातार प्रयास के बाद आखिरकार अब इन्हें हाईकोर्ट से ही राहत मिली है. जेल से छूटते समय उनसे पूछा गया कि वह कितने साल के हैं, तो उन्होंने अपनी उम्र 108 साल बताई. हालांकि उनके बेटे ने सुधार करते हुए बताया कि वह 104 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं. जेल प्रबंधन ने भी दस्तावेजों के आधार पर उनकी उम्र 104 साल ही बताई है.

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अशोक कुमार के पूर्वज थे डकैत, जानें उनकी जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से

बॉलीवुड जगत के तमाम ऐसे किस्से हैं जिन्हें फिल्मी दुनिया से लगाव रखने वाले जानना चाहते हैं. अक्सर फिल्मी सितारे भी अपने इंटरव्यूज में कुछ ऐसे दिलचस्प किस्से सुनाते हैं, जिन्हें लोग जानकर हैरान रह जाते हैं. ऐसा ही किस्सा अशोक कुमार से जुड़ा है, जब एक्टर ने खुद एक इंटरव्यू में अपने फैमिली बैकग्राउंड के बारे में बताया था.

एक्ट्रेस और एंकर तबस्सुम के साथ बातचीत के दौरान अशोक कुमार ने कई किस्से सुनाए थे. अशोक कुमार ने इस इंटरव्यू में बताया था कि एक दौर था जब उनके पूर्वज डाकू हुआ करते थे, लेकिन बाद में पीढ़ी बदली जो सिंगर और एक्टर बनी.

पूर्वजों के डाकू होने का अशोक कुमार ने सुनाया किस्सा

जब तबस्सुम ने अशोक कुमार से पूछा कि आप अपने पूर्वजों के बारे में कुछ बताइए. तब अशोक कुमार ने कहा, “पूर्वजों के बारे में एक दिलचस्प बात है मेरे पिता जी कहते थे कि करीब 150 साल पहले बंगाल में हमारे पूर्वज डकैती करते थे.” इसपर एंकर हैरान होकर पूछती हैं, ‘डकैती?’

अशोक कुमार ने हंसते हुए कहा था, ‘जी हां…उनका नाम था रोहू डकैत और वो बहुत प्रसिद्ध थे. बंगाल के उसी इलाके में वो डकैती करते थे. लेकिन वो अमीरों को लूटकर गरीबों को पैसे देते थे, इसलिए लोग उन्हें बहुत चाहते थे. यहां तक कि रवींद्रनाथ टैगोर ने उनके बारे में कुछ लिखा है.’ इसके बाद अशोक कुमार एक किताब निकालते हैं और पूर्वज की तारीफ में कुछ लाइने पढ़ने लगते हैं.

अशोक कुमार के दोनों भाई भी थे फेमस

अशोक कुमार ने 1936 में आई फिल्म जीवन नईया से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. अशोक कुमार ने कई फिल्मों में उस दौर में रैप गाने गाए जब कोई इसके बारे में जानता भी नहीं था. वहीं अशोक कुमार के दो छोटे भाई किशोर कुमार और अनूप कुमार भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे.

किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के दिग्गज सिंगर और अभिनेता थे. वहीं अनूप कुमार ने एक्टिंग के साथ कुछ फिल्में प्रोड्यूस कीं. अशोक कुमार और किशोर कुमार की लेगेसी आज भी याद की जाती है. दोनों भाईयों ने कई दशक तक हिंदी सिनेमा पर राज किया और किशोर कुमार ने हिंदी के अलावा कई अलग-अलग भाषाओं में गाने गाए.

बेजुबानों का क्या कसूर? बंगाल में 15 से अधिक बंदरों की मौत

पश्चिम बंगाल के कटवा जिले के केतुग्राम शाखा गांव में बीते शनिवार को बंदरों के शव मिले, जिन्हें जमीन पर पड़े हुए वन विभाग के कर्मचारियों ने देखा. स्थानीय लोगों का दावा है कि अब तक 15 से अधिक बंदरों की मौत हो चुकी है. इन्हें इरादतन मारा गया है. लोगों ने बंदरों को जहर खिलाने का आरोप लगाया, जिसमें कथित तौर पर केले में जहर मिलाकर मारने का आरोप लगाया. स्थानीय लोगों ने कहा कि फसलों को बचाने के लिए बंदरों को जहरीला केला खिलाया गया है.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बंदरों की हत्या सीताहाटी पंचायत के उप प्रधान के भाई सागर दास ने की, जो बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी से जुड़ा हुआ है. मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग की टीम ने घटना की सूचना के बाद सागर दास के खिलाफ कटवा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई में जुट गई.

मृत बंदरों में से एक मादा बंदर गर्भवती थी

वन विभाग द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में यह खुलासा हुआ कि मृत बंदरों के शरीर में अत्यधिक जहर पाया गया, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उन्हें जानबूझकर जहर दिया गया. वन विभाग ने इस मामले में फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल भी भेजे हैं. जांच में यह भी सामने आया कि मृत बंदरों में से एक मादा बंदर गर्भवती थी, जिससे मामला और गंभीर हो गया. वन अधिकारियों ने कहा कि गर्भवती बंदर की हत्या करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

जिला वन अधिकारी सौगत मुखर्जी ने बीते मंगलवार को घटनास्थल का दौरा किया और कहा, “हम दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.” उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बरता को किसी भी हालत में सहन नहीं किया जा सकता. वहीं, सागर दास ने आरोपों से पूरी तरह से किनारा करते हुए कहा कि उसने फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल किया था, लेकिन बंदर उसकी जमीन पर नहीं मरे.

बंदरों की मौत से उसका कोई भी लेना-देना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक कारणों से इस गंभीर मामले में फंसाया जा रहा है. वहीं घटना के बाद वन विभाग और पुलिस स्थानीय लोगों की मदद से मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं.

उज्जैन के समाजसेवी अनिल डागर ने किया 114 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार, निभा रहे मानवीय धर्म

आपने अमिताभ बच्चन का एक गाना सुना होगा जिसमे वह ‘जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारो….’ सुनाकर लोगों को यह भरोसा दिलाते हैं कि आज के समय में घबराने की जरूरत नहीं है. आप अपना काम करते रहें बाकी सबका भला ऊपर वाला करेगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल जिंदगी में उज्जैन में एक ऐसे समाजसेवी हैं जिन्हें प्रतिदिन अस्पताल, समाजसेवी संस्थाएं और पुलिस के माध्यम से लावारिस अवस्था में लोगों की लाश मिलने की खबर मिलती है. यह समाजसेवी ऐसी खबरे मिलने पर डरते घबराते नहीं है बल्कि इन लाशों की जाति का पता चलते ही उनका अंतिम संस्कार भी उनके धर्म के आधार पर ही करते हैंं.

जूना सोमवारिया क्षेत्र में रहने वाले समाजसेवी अनिल डागर का नाम एक अलग ही समाज सेवा के लिए प्रसिद्ध है. अनिल लावारिस अवस्था में मिलने वाली लाशों का पूर्ण विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करते हैं. अनिल डागर वैसे तो वर्षों से यह समाजसेवा कर रहे हैं लेकिन इस साल उन्होंने 1 जनवरी 2024 से अब तक लगभग 114 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया है.

26 लावारिश लाशों का किया अंतिम संस्कार

अनिल डागर को शहर हो या जिला कहीं भी हत्या, बीमारी, आत्महत्या, फांसी, जहर खाने, पानी में डूबने, बारिश, बलात्कार सहित अन्य किसी भी कारण से किसी भी व्यक्ति की मौत हुई हो लेकिन लावारिस अवस्था में लाश मिलने पर हमेशा ही याद किया जाता है. बताया जाता है कि इस वर्ष अनिल डागर ने जीआरपी में 26 लावारिश लाशों का अंतिम संस्कार किया, जिनमें ट्रेन से कटे, बीमारी से मरे और आत्महत्या के साथ ही गिरकर मरे, हाइटेंशन लाइन पकड़कर झुलसने के मामले शामिल हैं. थाना चिमनगंज मंडी में 6 लावारिस लाशों में एक्सीडेंट, बीमारी और पानी में डूबने से मौत हुई. महाकाल थाना में 14 लावारिस लाशें जिनमें पानी में डूबने, दुर्घटना, आत्म हत्या से मौत शामिल हैं. देवासगेट में 14 लावारिस लाशें मिली इनमें बीमारी से मौत, ठंड से मौत शामिल हैं.

मौत का कारण

इसके अलावा अनिल ने कोतवाली की 19 लावारिस लाशें, जिनमें मौत का कारण दुर्घटना, बीमारी रहा. थाना खाराकुआं में 5 लोगों की बीमारी से, नीलगंगा में 2 की पानी में डूबने से मौत, जीवाजीगंज में 3 की पानी में डूबने और बीमारी से, माधवनगर में 6 लोगों की बीमारी से, चिंतामन थाना 3 जिनमें फांसी लगाना, बीमारी से मौत, भेरूगढ़ में 4 पानी में डूबने, बीमारी, एक्सीडेंट से मौत शामिल हैं. नानाखेड़ा में 4 बीमारी से मौत, नरवर 1 बीमारी से, पंवासा में 2 फांसी और बीमारी से, नागझिरी में 2 रेल से काटकर, बीमारी से मौत, घटिया थाना में 3 मौत एक्सीडेंट, बीमारी से शामिल लोगों का अतिंम संस्कार किया