तहसील मुख्यालय में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया अधिवक्ता दिवस

खजनी गोरखपुर। तहसील परिसर में स्थित बार एसोसिएशन सभागार में अधिवक्ताओं के द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन किया। इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में उपस्थित अधिवक्ताओं ने अपने पेशे के महत्व और जिम्मेदारियों पर विस्तृत चर्चा की।

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अधिवक्ता समाजिक न्याय व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।बार के पूर्व अध्यक्ष महेश प्रसाद दूबे ने बताया कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार राज्य के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता दिवस न्याय प्रशासन में कानूनी पेशेवरों की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ ही कानून के शासन को बनाए रखने के लिए उनके समर्पण की याद दिलाता है।

अधिवक्ताओं को अपने पेशे के प्रति निष्ठावान और ईमानदार होना चाहिए तथा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करनी चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। मौके पर सभी अधिवक्ताओं ने वादकारियों को सुगम न्याय दिलाने का सामूहिक संकल्प लिया।

इस अवसर पर बार के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह, ईश्वर सिंह, रामवृक्ष यादव, रामप्रीत यादव, यदुवंश लाल, विनोद कुमार पांडेय, के.के. सिंह, अनूप सिंह, कामेश्वर प्रसाद, संजय पांडे, कृष्णानंद शुक्ला, दीपक मिश्र, अच्युतानंद मिश्र, प्रमोद तिवारी सहित बार के सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।

ज्ञान नगरी गोरखपुर की ख्याति में नींव का पत्थर है एमपी शिक्षा परिषद

गोरखपुर, 3 दिसंबर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में आज विकास के पैमाने पर चमक रहे गोरखपुर की पहचान ज्ञान नगरी (नॉलेज सिटी) के रूप में भी है। 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर इस ज्ञान नगरी की नींव रखी थी योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने। उसकी संरचना को विस्तारित किया वर्तमान पीठाधीश्वर के पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार से राष्ट्रीयता, मूल्यपरकता और स्वावलंबन को मजबूत करने के दादागुरु और अपने गुरुदेव के संकल्पो को विभिन्न प्रकल्पों के विस्तार से पूरा करने का बीड़ा उठा रखा है योगी आदित्यनाथ ने।

ज्ञान के मंदिर के रूप में साकार कर रहा पीठ की तीन पीढ़ियों का संकल्प

गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों के सतत संकल्पित प्रयास का सुफल है कि आज महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की अगुवाई में गोरखपुर ज्ञान नगरी की ख्याति अर्जित कर चुका है।

सर्वविदित है कि गोरखपुर जनपद पूर्वी उत्तर, पश्चिमी बिहार तथा नेपाल की तराई तक करीब पांच करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है। एजुकेशन हब के रूप में विकसित गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद नौ दशक से अधिक समय से प्रकाश स्तम्भ की भूमिका में है। गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने इस स्तम्भ से प्रकाश पुंज का फैलाव निरंतर विस्तारित किया है। महाराणा प्रताप परिषद का प्राथमिक शिक्षा से लेकर निजी विश्वविद्यालय तक हो चुका विस्तार इसकी शैक्षिक सेवा यात्रा का साक्षी है।

उच्च व तकनीकी शिक्षा के लिए तीन क्रियाशील विश्वविद्यालय, आयुष चिकित्सा शिक्षा पद्धति के नियमन के लिए प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा के लिए एम्स और मेडिकल कॉलेज, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान, आईटीआई, नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज और प्राथमिक से लेकर महाविद्यालयों की फेहरिस्त इतनी लंबी की गिनने वाला थक जाए। किसी भी ज्ञान नगरी की यही तो पहचान होती है। यही पहचान आज गोरखपुर की है। इस पहचान को गढ़ने की शुरुआत नौ दशक पहले ही हो गई थी।

गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के लिए गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने 92 साल पहले महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के रूप में बीजारोपण किया था। वह उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और तदनुक्रम में वर्तमान पीठाधीश्वर एवं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में वटवृक्ष बन चुका है। इस साल एमपी शिक्षा परिषद का 92वां स्थापना वर्ष है और गोरक्षपीठ का यह शैक्षिक प्रकल्प स्थापना के प्रथम वर्ष से ही ज्ञान की मशाल को अहर्निश प्रज्ज्वलित किए हुए है। आयुर्वेद कॉलेज से लेकर मेडिकल कॉलेज को समेटे महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय खुद महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का विस्तृत पड़ाव है तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस अंचल में स्थापित पहले विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में भी इस परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ द्वारा 1932 में बक्शीपुर में किराए के मकान में स्कूल खोलने के साथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की यात्रा प्रारंभ हुई। 1935 में जूनियर हाईस्कूल की मान्यता मिली और 1936 से हाईस्कूल तक की भी पढ़ाई शुरू हो गई। इस बीच महंत दिग्विजयनाथ के प्रयास से सिविल लाइंस में जमीन मिल गई और यह हाईस्कूल यहां शिफ्ट हो गया। महाराणा प्रताप के नाम शुरू हुआ शैक्षिक जागरण का प्रकल्प इंटर कॉलेज होते हुए 1949-50 तक डिग्री कॉलेज तक पहुंचा। भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के अनुरूप शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध इस संस्था के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ को गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना का भी श्रेय जाता है जिन्होंने 1958 में अपने द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज को विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु समर्पित कर दिया। उनके बाद उनके शिष्य तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ ने इस शिक्षा परिषद के जरिये ज्ञान के प्रसार का क्रम आगे बढ़ाया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का प्रबंधकीय दायित्व संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इसके ज्ञानदायी कार्यक्षेत्र को कई आयामों से विस्तार दिया है। वर्तमान में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा, अंग्रेजी, संस्कृत, तकनीकी शिक्षा (पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेज), मेडिकल (एमबीबीएस और बीएएमएस) पैरामेडिकल (नर्सिंग) के दर्जनों संस्थान संचालित हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रकल्प है महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय। परिषद द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों का कार्यक्षेत्र गोरखपुर के अलावा महराजगंज, कुशीनगर, देवीपाटन और वाराणसी तक है।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर व्हीलचेयर रेस, ट्राईसाइकिल रेस, लेमन रेस, बैलून रेस आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें सोनू मिश्रा, संजीव कुमार, कृष्णा सिंह, अनुष्का गौड़, आशुतोष सिंह, निष्ठा सिंह तथा वंदना आदि विजेता रही।आज आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में दिव्यांगजनों का उत्साह दर्शनीय था। इस अवसर पर दिव्यांगजनों हेतु ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर जैसे सहायक उपकरणों का वितरण भी किया गया।

सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने बताया कि एक समता मूलक समाज के निर्माण में सभी का प्रतिभाग होना आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस शायद उसी का प्रतीक है कि हम दिव्यांगजनों को विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित करते हैं। आज के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आरईसी लिमिटेड की निदेशक डॉ दुर्गेश नंदिनी ने कहा कि हम सभी को दिव्यांगजनों के पुनर्वास हेतु अपने हिस्से की भागीदारी का निर्वाह करना चाहिए तथा दिव्यांगजनों को भी अपने को किसी से काम नहीं आंकना चाहिए बल्कि अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक विजय गुप्ता, राजेश कुमार यादव और सुश्री संध्या सिंह सहित सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे। राजेश कुमार ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

मैरेज हॉल के उद्घाटन में सपा के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा,पूर्व एमएलसी ने फीता काट कर किया उद्घाटन

खजनी गोरखपुर। बांसगांव मार्ग पर हरदीडीह चौराहे के निकट सरयां तिवारी गांव में सपा के पूर्व एमएलसी संतोष यादव उर्फ सन्नी भैया एवं वयोवृद्ध हाजी इम्तियाजअली सिद्धिकी ने देव गंगा मैरिज ग्रिन्स मैरिज हॉल का फीता काट कर उद्घाटन किया। पूर्व एमएलसी ने कहा कि यह विशाल मैरेज हॉल स्थानीय लोगों के मांगलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों को यादगार बनाने के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण स्थान होगा। इसका निर्माण स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

आयोजन में क्षेत्रीय समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं और कार्यकतार्ओं का जमावड़ा रहा। जिसमें सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहम्मद फहद महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी जिला अध्यक्ष राहुल यादव पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव, विनय शंकर तिवारी, यशपाल रावत, जिला अध्यक्ष बृजेश कुमार गौतम, पूर्व जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी, जिला सचिव आनंद राय जिला उपाध्यक्ष गिरीश यादव, हरी यादव, रूपावती बेलदार पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजमन यादव युवा नेता अरविंद शुक्ला मनोज यादव मास्टर दुर्गेश आदि का आयोजक सर्वेश राम त्रिपाठी ने आभार जताते हुए धन्यवाद दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों में देवेश राम त्रिपाठी,लालमन तिवारी, तरंग यादव, गोरख बेलदार, श्रीप्रकाश मिश्रा, ध्यानचंद चौरसिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान सभी ने आयोजन की सराहना करते हुए आयोजकों को बधाई दी।

नवभारत निर्माण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान संस्कृति कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गोरखपुर। विश्व दिव्यांग दिवस उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृत संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व नवभारत निर्माण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में नवभारत केंद्र (नार्मल पुलिस चौकी, गोरखपुर ) में आज विश्व दिव्यांग दिवस पर सौ से ज्यादा मूक बधिर बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं (कुर्सी दौड़, बैडमिंटन, चित्रकला ) आयोजित हुई े कार्यक्रम में चित्रकला थकाता एवं विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं कई घंटों तक चली । दोपहर 1 बजे कार्यक्रम के अतिथि कर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करने के पश्चात कार्यक्रम के संचालक सरिता सिंह द्वारा ई अतिथिगण का सम्मान हेतु सशक्त मंच पर आमंत्रित किया गया ।

कार्यक्रम के संरक्षक- नितेश शुक्ला व नवभारत निर्माण ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी विक्रमादित्य नारायण सिंह समेत अभिषेक तिवारी गोलू, पूजा गुप्ता द्वारा कार्यक्रम के अतिथियों -

०मुख्य अतिथि युवा कल्याण विभाग के उप निदेशक अजय त्रिवेदी

०विशिष्ट अतिथि गोरखपुर के डाइट प्रिंसपल अभिषेक पांडेय

०सुधा मोदी,

०मूक बधिर विद्यालय के प्रिंसिपल श्रवण कुमार संग नीलम कुरि, विनय व अन्य का सम्मान किया गया ।

कृतिका गुप्ता , महेंद्र यादव व अंजली गुप्ता द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया ।

कुर्सी दौड़, बैडमिंटन संग सांस्कृतिक कार्यक्रम के कलाकारों को पुरस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि युवा कल्याण विभाग के उप निदेशक अजय त्रिवेदी ने कहा उन्हें इस बात का हर्ष हो रहा की युवा कल्याण विभाग द्वारा स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित विक्रमादित्य इतने कम उम्र में दिव्यांग जनों के नि:श्वार्थ सेवा भाव से लगे हुए हैं ।

उन्होंने कहा की दिव्यांग जनों के अनुकूली खेलों में भाग लेने के लाभ के बारे में बताया की ऐसे खेल दिव्यांग जनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार जिसमें मनोदशा और स्वास्थ्य भी शामिल है लाते हैं , मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में वृद्धि ,अवसाद और चिंता के लक्षणों में कमी व सामाजिक जीवन और पारिवारिक जीवन में सुधार लाते हैं ।

संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की मौत पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव की निवासी विवाहिता बबिता पत्नी विवेकानंद 28 वर्ष की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। बबिता की बहन के लड़के संगम प्रजापति के द्वारा मौत की सूचना पुलिस को दी गई। सोमवार को मौके पर जांच के लिए पहुंचे थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा और क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिवारजनों से पूछताछ के बाद शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार बीती रात लगभग 7 बजे मृतका अचानक गिर पड़ी उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार में मृतका की  देवरानी कुसुम श्वसुर रामवृक्ष प्रजापति 70 वर्ष रहते हैं। जबकि पति दुबई में रह कर मेहनत मजदूरी करता है तथा देवर दिल्ली में पेंट पॉलिश का काम करता है। मृतका 6 वर्ष के बेटे अंकुर तथा 3 वर्ष की बेटी आस्था की मां थी तथा अपनी देवरानी श्वसुर व बच्चों के साथ गांव में रहती थी।

मायके के लोगों ने फंदा लगाकर हत्या किए जाने का आरोप लगाया है किन्तु खजनी थाने में अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है। वहीं पुलिस के अनुसार प्रथमदृष्टया घटनास्थल पर गले में फंदा लगाए जाने जैसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है।थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत की वजह स्पष्ट होगी।
आशिकी में प्रेमिका के घर पहुंचे युवक की पिटाई

खजनी गोरखपुर।बांसगांव थाना क्षेत्र के एक गांव का निवासी मनचला युवक ज्यादातर खजनी थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली अपनी मौसी के घर आता जाता रहता है। उसी गांव की निवासी एक युवती के साथ एक तरफा आशनाई के फेर में युवक बीती रात उसके घर जा पहुंचा, युवती के परिवारजनों ने देर रात घर में खटपट की आवाज सुनी तो बाहर निकल पड़े और युवक को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी। मामला खजनी थाने में पहुंचा युवक ने अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत की तो युवती के परिजनों ने छेड़खानी का आरोप लगाया।


फिलहाल दिनभर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चलती रही, पिटने वाले युवक की स्थिति एक तरफ कुंआं तो दूसरी ओर खाई जैसी हो गई। यदि मारपीट की शिकायत दर्ज कराए तो छेड़खानी का मामला भी दर्ज होना था। ऐसे में दोनों पक्षों से स्थानीय लोगों ने लड़की की बदनामी का हवाला देते हुए सुलह समझौते का प्रयास शुरू कर दिया। थाने में दिनभर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चलती रही।थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि तहरीर मिलने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
सिकरीगंज पुलिस को मिली कामयाबी 2 बाइक चोर धराए

सिकरीगंज गोरखपुर।पुलिस के हांथ बड़ी सफलता लगी मुखबिर की सूचना पर चोरी की बाइक के साथ दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों की शिनाख्त गुड्डू प्रसाद पुत्र पड़ोही प्रसाद निवासी ग्राम अहिरौली खुर्द थाना सिकरीगंज तथा
विनोद कुमार पुत्र पुण्य देवराम निवासी ग्राम पादरी बाजार मोहनापुर यादव टोला थाना शाहपुर के रूप में की गई। थानाध्यक्ष कमलेश कुमार के निर्देश पर दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 527/2024 में बीएनएस की धारा 317(2) में केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई की गई।
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस की पूर्व संध्या पर जन-जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन

गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस की पूर्व संध्या पर सीआरसी गोरखपुर द्वारा एक जन-जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जन-जागरूकता रैली सीआरसी गोरखपुर से शुरू होकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज होते हुए सीआरसी गोरखपुर वापस आई। इसमें तीन जगह  सीआरसी गोरखपुर के मुख्य द्वार, बीआरडी कॉलेज के मुख्य द्वार और बीआरडी कॉलेज के पिछले द्वार पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।

दिव्यांगता जागरूकता को लेकर आयोजित इस नुक्कड़ नाटक में बताया गया कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है, अपितु दिव्यांगजनों की क्षमता को पहचान करके उनको समाज में समावेशित करना है। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि दिव्यांगता की जागरूकता के संदेश को समाज के अंतिम व्यक्ति तक  पहुंचाने के लिए इस रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उनके अभिभावक गण और मानव संसाधन विकास के प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया है। कार्यक्रम समन्वयक विजय गुप्ता, राजेश कुमार यादव और सुश्री संध्या सिंह ने कार्यक्रम की तैयारी में अग्रणी भूमिका निभाई। इस अवसर पर सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
सिर्फ रक्त और यौन सम्पर्क से फैलता है एड्स, मरीज के साथ रहने में खतरा नहीं-सीएमओ


गोरखपुर। एड्स का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसार सिर्फ रक्त और यौन सम्पर्क से होता है । इस बीमारी के मरीज के साथ रहने में कोई खतरा नहीं है । लोगों को एड्स मरीजों के साथ भेदभाव का बर्ताव नहीं करना चाहिए बल्कि उनके साथ सामान्य जीवन जीना चाहिए। अगर आसपास कोई एचआईवी मरीज है तो उसे टीबी की जांच के लिए अवश्य प्रेरित करें, क्योंकि ऐसे मरीजों में टीबी के कारण जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहीं। उन्होंने एक दिसम्बर को मनाये गये विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को जनजागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया । इस मौके पर हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने हस्ताक्षर कर जन जागरूकता का संकल्प लिया। रैली जब टाऊहाल स्थित गांधी प्रतिमा पहुंची तो वहां नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर समुदाय में जनजागरूका का संदेश दिया गया। रैली में स्कूली शिक्षकों, विद्यार्थियों, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े कर्मियों, किन्नर समाज के लोगों और स्वयंसेवी संगठनों ने भी हिस्सा लिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एड्स के प्रति समाज में कई तरह के मिथक व भ्रांतियां हैं। इस कारण लोग मरीजों के साथ भेदभाव करते हैं। समाज में इन भ्रांतियों का खंडन कर जागरूकता संदेश देना जरूरी है। लोगों को बताना होगा कि एड्स मरीज के साथ बैठने, सामान्य मेल मिलाप, हाथ मिलाने, एक ही बर्तन में खाना खाने व पानी पीने, मच्छर या खटमल काटने से, एक दूसरे का कपड़ा एवं एक ही शौचालय का इस्तेमाल करने से, एक ही सवारी गाड़ी का इस्तेमाल करने से, एक साथ खेलने से, एक ही तरण ताल में नहाने से, चुम्बन करने से, एक ही फोन व आॅफिस का इस्तेमाल करने से, खांसने या छींकने से, पैसे एवं सामान के आदान प्रदान से और गले मिलने से एड्स का संक्रमण नहीं होता है  इस बीमारी का संक्रमण संक्रमित पुरुष के वीर्य, महिला के योनि स्राव, रक्त व मां के दूध के सम्पर्क में आने से होता है। कंडोम के साथ सुरक्षित यौन सम्बन्ध और संक्रमित के रक्त को शरीर में प्रवेश से रोकने के उपायों के जरिये इसके वायरस से बचा जा सकता है।

सीएमओ ने बताया कि एचआईवी से एड्स की अवस्था में पहुंचने में पांच से दस साल तक का समय लग जाता है । इस बीच समय से लक्षणों की पहचान कर दवाओं के नियमित सेवन, डॉक्टरी सलाह और खुद की देखभाल से इस समयावधि को बढ़ाया जा सकता है । एड्स के प्रमुख लक्षणों में वजन घटना, एक महीन से अधिक बुखार आना और एक महीने से अधिक दस्त रहना शामिल हैं। लगातार खांसी, चर्म रोग, मुंह एवं गले में छाले होना, लगातार सर्दी एवं जुकाम, लसिका ग्रंथियों में सूजन व गिल्टी होना, याददाश्त खोना, मानसिक क्षमता कम होना और शारीरिक शक्ति का कम होना इसके सामान्य लक्षण हैं ।

जनजागरूकता रैली शास्त्री चौक, टाउनहाल और घोष कंपनी चौराहा होते हुए जिला क्षय रोग केंद्र पर सम्पन्न हुई। रैली में उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, पीपीएम समन्वयक एएन मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, स्वच्छता ब्रांड अम्बेस्डर निशा किन्नर, टीबी एचआईवी कोआर्डिनेटर राजेश, डीपीसी धर्मवीर प्रताप, एसटीएस मयंक, अमित कुमार, गोबिंद, मनीष, संजय सिन्हा, सद्दाम, अमित मिश्रा,आकांक्षा, माधुरी त्रिपाठी, अर्चना, ममता, सरिता सिंह, एडी इंटर कॉलेज से प्रज्ञा सिंह, माया, पल्लवी, शीतल, पूजा, साक्षी, फलक, डीएवी डिग्री कॉलेज के सहायक आचार्य डॉ मनोज, शिक्षिका डॉ प्रतिभा गुप्ता, सम्पूर्ण सुरक्षा क्लिनिक, ज्योति ग्रामीण कल्याण संस्थान, सृष्टी सेवा संस्था, अमर शाहिद संस्थान और सीएससी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे। एडी इंटर कॉलेज, डीएवी डिग्री कॉलेज और जुबिली इंटर कॉलेज के बच्चों ने रैली के दौरान एचआईवी एड्स संबंधित स्वनिर्मित पोस्टर के जरिये जागरूकता का संदेश दिया।

5672 मरीजों का चल रहा है इलाज

सीएमओ ने बताया कि जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ गणेश यादव की देखरेख में जिले में 5672 एचआईवी संक्रमित मरीज दवा लेकर सामान्य जीवन जी रहे हैं ।  कुल 47 एचआईवी संक्रमित गर्भवती हैं जिनके सुरक्षित प्रसव के इंतजाम किये जा रहे हैं। 57 मरीज ऐसे हैं जिन्हें एचआईवी के साथ टीबी भी है । टीबी मरीज के एचआईवी ग्रसित होने की आशंका ज्यादा होती है, इसलिए प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी जांच भी कराई जाती है ।

विभाग करवाता है जांच

सीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी जांच करवाता है। एचआईवी की पुष्टि होने पर टीबी और एचआईवी की दवा साथ साथ चलती है । ऐसा करने से एचआईवी ग्रसित टीबी मरीज ठीक हो जाता है और उसका जटिलताओं से भी बचाव होता है । निजी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले टीबी मरीजों को भी चिकित्सक की सहमति से इस जांच की सुविधा सरकारी अस्पतालों में दी जा रही है । एचआईवी ग्रसित टीबी मरीजों के जीवनसाथी की भी जांच कराई जाती है । प्रत्येक एचआईवी मरीज को टीबी से बचाव की दवा खिलाई जाती है। इस वर्ष 316 एचआईवी मरीजों को टीबी से बचाव की दवा खिलाई गई। जिन टीबी मरीजों को एचआईवी भी है, उनके टीबी का इलाज पूरा होने के बाद उन्हें भी छह माह तक टीबी से  बचाव की दवा खिलाते हैं। लेकिन अगर ऐसे मरीज ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीज हैं तो उन्हें बचाव की दवा नहीं खिलाई जाती है।