*भदोही में 25 गांव के 70 हजार की आबादी पर नहीं है एक भी स्वास्थ्य केंद्र* *ट्रैक के दोनों तरफ है किसानों के खेत,खेती में होती है परेशानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की तमाम प्रयास तो हो रहे हैं, लेकिन अब भी करीब 70 हजार की आबादी ऐसी है। जिन्हें इलाज के लिए करीब 10 से 15 किमी दूर जाना होता है। जिले में प्रयागराज की सीमा से सटे डीघ और ज्ञानपुर ब्लाॅक के करीब 25 गांवों में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं। यहां के लोग उपचार के लिए डीघ व गोपीगंज सीएचसी जाते हैं। जिसके लिए उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।जिले में एमसीएच, एमबीएस और सौ शय्या जैसे तीन बड़े अस्पताल है। इसके अलावा छह सीएचसी, 17 पीएचसी और 183 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जिले की 20 लाख की आबादी के स्वास्थ्य सुविधाओं की जिम्मेदारी है। गांवों में पीएचसी और उप स्वास्थ्य केन्द्र ही लोगों तक प्राथमिक उपचार पहुंचाने का कार्य करतीं हैं। ऊंज क्षेत्र के डीघ और ज्ञानपुर ब्लाॅक के करीब 25 गांवों में इस तरह के एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। स्वास्थ्य केन्द्र न होने की दशा में बीमार पड़ने पर ग्रामीण नीम-हकीम के पास जाते हैं या फिर वहां से लगभग 10 किमी दूर डीघ या फिर 15 किमी दूर गोपीगंज सीएचसी पहुंचते हैं। सबसे अधिक परेशानी तो रात के समय होती है जब किसी की तबियत बिगड़ती है। नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र न होने की दशा में वे नीम-हकीम के पास जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रसूताओं को प्रसव पीड़ा होने पर भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मरीजों को बरसात और ठंड के मौसम में अधिक दिक्कत होती है। रात के वक्त कोहरा अधिक होने के कारण वाहनों की रफ्तार थम सी जाती है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र खुलवाने को लेकर कई बार मौखिक रूप से सांसद, विधायक से मांग की, लेकिन अब तक सकारात्मक पहल नहीं हो सकी। कुरमैचा अैर चौरी कला की आबादी सात से आठ हजार ऊंज के कुरमैचा गांव की आबादी 7000 से 8000 है। चौरी कला की आबादी 6000 से अधिक है। इसी तरह हर गांव की आबादी करीब 2500 से अधिक है। ऐसे में इन गांवों के लोग जब बीमार पड़ते हैं तो इनके पास नीम हकीम के यहां जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। वे इन लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी में भी 150 से 200 रुपये का बिल बना देते हैं। इन गांवों में नहीं स्वास्थ्य केंद्र: ऊंज के कुरमैचा, बनकट खास, सीकी, चौरा कला, भैरवपुर, खरगपुर, कुबी हरद्दोपट्टी, सुबरी, मुंगरी, पुरेभान, विश्वनाथपुर, मोहनपुर, बरईपुर, बेलहुआ, कुरेनगरी आदि गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। ग्रामीणों की प्रतिक्रिया गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, बेहतर उपचार के लिए डीघ, गोपीगंज सीएचसी जाना पड़ता है। गांव की आबादी भी पांच हजार से अधिक है, फिर भी लोग स्वास्थ्य सुविधा से बेदखल है।- सुखराज यादव, चौरी कला ज्ञानपुर। चौरी कला गांव से सटे सीकी चौरा, सोबरी, मुंगरी, चौरहटा में स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। कई मार मौखिक तौर पर जन प्रतिनिधियों से स्वास्थ्य केंद्र खुलवाने की मांग की गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी है। - अरुण कुमार तिवारी, चौराकला ज्ञानपुर। ग्राम सभा की आबादी सात हजार से अधिक है, लेकिन एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। लोग उपचार कराने के लिए डीघ, गोपीगंज सीएचसी पर जाते हैं, लेकिन बारिश और ठंड के मौसम में दिक्कतें होती है। - अंबरीश कुमार चतुर्वेदी, कुरमैचा ऊंज। शासन के निर्देश पर जिले में हर साल किराये के भवन और स्थायी रूप से स्वास्थ्य केंद्र खोले जा रहे हैं। कुरमैचा गांव की आबादी करीब सात हजार से अधिक है। बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि यहां एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। - अंकित सिंह, कुरमैचा ऊंज।
Dec 02 2024, 18:52