छत्तीसगढ़ के चार शहरों में चलेंगी ई-बसें : मुख्यमंत्री साय ने कहा – लोगों को मिलेगी इको-फ्रेंडली, किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा
रायपुर- छत्तीसगढ़ के चार शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में नागरिकों को जल्द ही इको-फ्रेंडली, किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत इन चारों शहरों में कुल 240 ई-बसें संचालित की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत रायपुर के लिए 100, बिलासपुर और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 व कोरबा के लिए 40 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की है। राज्य स्तर पर इसके लिए सुडा को नोडल एजेंसी और संबंधित जिलों में गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण का संरक्षण होगा। कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता के साथ ही नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी। इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।
उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। सार्वजनिक परिवहन की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो एवं बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी अधोसंरचना विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएगी। शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने सड़कों पर इन ई-बसों को उतारने की तैयारियां तेज करते हुए चारों शहरों में बस डिपो और बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कुल 67 करोड़ 40 लाख रुपए मंजूर करते हुए निविदा आमंत्रण की भी अनुमति दे दी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के राज्य शहरी विकास अभिकरण ने चारों शहरों में ई-बस सेवा के संचालन के लिए अलग-अलग गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को दोनों कार्यों के लिए राशि स्वीकृत करते हुए निविदा आमंत्रित करने कहा है।
सुडा द्वारा रायपुर में बस सेवा प्रारंभ करने के लिए बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रायपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को 14 करोड़ 33 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। इसमें आठ करोड़ 60 लाख रुपए का केन्द्रांश और पांच करोड़ 73 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। सुडा ने बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी 12 करोड़ 90 लाख रुपए मंजूर किए हैं। दुर्ग-भिलाई में ई-बसों के लिए बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दुर्ग-भिलाई अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को छह करोड़ 73 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति सुडा द्वारा जारी की गई है। इसमें चार करोड़ चार लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 69 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए करोड़ों रुपए मंजूर
बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 करोड़ दो लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। बिलासपुर में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बिलासपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को आठ करोड़ 37 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें पांच करोड़ दो लाख रुपए का केन्द्रांश और तीन करोड़ 35 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए तीन करोड़ आठ लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इसी तरह कोरबा में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कोरबा अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को सात करोड़ 19 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इसमें चार करोड़ 31 लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 88 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वहां तीन करोड़ 78 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।
चार श्रेणियों में शहरों को बांटा, जनसंख्या के आधार पर स्वीकृत हुई बसें
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।
वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने किया 'महतारी शक्ति ऋण योजना' लॉन्च, माताओं-बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण की नई पहल
रायपुर- वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने महतारी शक्ति ऋण योजना का अपने निवास कार्यालय से लांचिंग की। इस अवसर पर राज्य ग्रामीण बैंक के चेयरमैन विनोद अरोरा भी उपस्थित थे।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "यह योजना माताओं और बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।"
राज्य ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री अरोरा ने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत, जिन बहनों का खाता ग्रामीण बैंक में है और जिनमें महतारी वंदन योजना की राशि जमा होती है, उन्हें स्वरोजगार के लिए 25 हजार रुपए तक का ऋण बिना किसी औपचारिकता के उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य ग्रामीण बैंक द्वारा शुरू की गई महतारी शक्ति ऋण योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह योजना महिलाओं को न केवल वित्तीय मदद प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के माध्यम से अपने परिवार और समाज के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करने में भी सहायक होगी।
सुरेश अग्रवाल मेमोरियल क्रिकेट कॉर्पोरेट टूर्नामेंट 2025: हीरा ग्रुप स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन ने 15वां सीजन किया लॉन्च
रायपुर- राजधानी रायपुर में हीरा ग्रुप स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सुरेश अग्रवाल मेमोरियल कॉर्पोरेट क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत इस बार 4 जनवरी 2025 होगी। इस टूर्नामेंट के आयोजन में अभी एक महीने का समय बचा है, जिसकी तैयारी जोरों पर है। शनिवार को हीरा ग्रुप स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टूर्नामेंट के 15वें सीजन को लॉन्च किया।
बता दें कि हीरा ग्रुप स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन द्वारा कॉर्पोरेट निकायों के बीच आयोजित इस सीमित के ओवर क्रिकेट टूर्नामेंट में 32 टीमें भाग लेंगी और सभी मैच टेनिस बॉल से खेले जाएंगे। टूर्नामेंट का आयोजन राजधानी रायपुर के वी.आई.पी रोड स्थित ऊर्जा पार्क के पास मौजूद हीरा ग्रुप स्पोर्ट्स ग्राउंड में किया जाएगा। हीरा ग्रुप के पदाधिकारियों ने बताया कि टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले सभी प्रतिभागियों को शेड्यूल की जानकारी दे दी जाएगी। सभी प्रतिभागियों को टूर्नामेंट से पहले के प्रवेश फॉर्म जमा कराना अनिवार्य है।
हीरा ग्रुप स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता में कहा कि पिछले 14 वर्षों से विभिन्न कॉर्पोरेट निकायों द्वारा किए गए जोशीले योगदान और भागीदारी के साथ यह टूर्नामेंट छत्तीसगढ़ के क्रिकेट इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि बन गया है। हम एक बार फिर आपकी भागीदारी और नकद या प्रचार उपहार कूपन/उपहार वाउचर/उपहार हैम्पर के माध्यम से प्रायोजन को आमंत्रित करते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि आपका प्रायोजन टूर्नामेंट के आकार और पैमाने के अनुरूप होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगे 21 लाख, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
कोंडागांव- छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला ने लाखों की ठगी को अंजाम दिया है. मामला कोंडागांव थाना क्षेत्र को है जहां आरोपी महिला ने कई लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रूपए का चूना लगाया है. इस मामले में पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने आज आरोपी महिला मेवा चोपड़ा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.
21 लाख की ठगी का मामला
पुलिस के मुताबिक, आरोपी मेवा चोपड़ा ने 2019 में महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रार्थिया और उसके रिश्तेदारों से करीब 21 लाख रुपये ठग लिए. मामले में प्रार्थिया की शिकायत पर थाना कोंडागांव में अपराध क्रमांक 293/2024 के तहत धारा 420 और 34 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया.
एसपी के निर्देश पर आरोपी गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोंडागांव पुलिस अधीक्षक वाय. अक्षय कुमार (IPS) ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. पुलिस ने विशेष टीम गठित कर आरोपी की तलाश शुरू की और उसे गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने ठगी की बात स्वीकार की. गिरफ्तारी के बाद आरोपी मेवा चोपड़ा को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.
एक साथ होगा नगरीय निकाय-त्रिस्तरीय चुनाव, भाजपा की बैठक में बनी सहमति, सरकार जल्द करेगी घोषणा
रायपुर- भारतीय जनता पार्टी की बैठक में एक साथ नगरीय निकाय के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर सहमति बनी. लेकिन महापौर और अध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्यक्ष होगा या अप्रत्यक्ष इस पर अभी सस्पेंस बरक़रार है. उप मुख्यमंत्री व नगरीय निकाय मंत्री अरुण साव ने कहा कि इस संबंध में सरकार जल्द फैसला लेगी.
बीजेपी के बस्तर सरगुजा बिलासपुर संभाग के भाजपा सांसद, विधायक और संभाग पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष होगा कि नहीं, इस फैसले के लिए अभी और इंतज़ार करना होगा. बहुत जल्द सरकार इस पर फ़ैसला लेगी.
अरुण साव ने कहा कि गांव व शहरों की विकास अवरूद्ध हो गई थी. राज्य में विष्णु देव साय की सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा किया है. हमने 11 महीने में जो काम किया है, उसको लेकर जनता तक जाएंगे. गांवों और शहरों में हुए विकास के काम को जनता तक लेकर जाएंगे. नगरीय निकाय व त्रि-स्तरीय चुनाव में बीजेपी की परचम लहराएगी.
वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैठक के बाद कहा कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बैठक हुई है. महापौर, अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष एवं त्रि स्तरीय चुनाव एक साथ होगा की नहीं इस पर चर्चा हुई है. कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी तक सभी इस बात पर सहमति हैं कि चुनाव एक साथ हो. बहुत ही जल्द सरकार इसको लेकर घोषणा करेगी.
लोन देने का लालच देकर 40 हजार का मुर्गा खा गया बैंक मैनेजर, पीड़ित किसान ने SDM से की शिकायत
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी में एसबीआई के बैंक मैनेजर ने किसान को 12 लाख रुपए लोन देने का लालच देकर 38 हजार के मुर्गे मंगाकर खा गया. साथ ही उसने 12 लाख का 10 परसेंट कमीशन भी लिया. इसके बाद मैजेजर ने किसान को लोन देने से इंकार कर दिया. पीड़ित किसान ने इसकी शिकायत एसडीएम से की है. कार्रवाई नहीं होने पर किसान ने आत्मदाह की चेतावनी दी है.
जानकारी के मुताबिक, मस्तूरी क्षेत्र के सरगंवा में रहने वाले किसान रूपचंद मनहर ने पोल्ट्री व्यवसाय के लिए एसबीआई मस्तूरी में 12 लाख रुपए लोन का आवेदन दिया था. उनका आरोप है कि बैंक मैनेजर सुमन कुमार चौधरी ने लोन पास करने के लिए 10 परसेंट कमीशन की मांग की थी. किसान ने अपनी मुर्गियां बेचकर मैनेजर को कमीशन एडवांस में दे दिए. किसान ने अपनी शिकायत में बताया कि उक्त प्रबंधक द्वारा बैंक लोन में राशि का कमीशन 10 प्रतिशत मांगा गया था. उस राशि को मैं मुर्गी बेचकर 2 माह के भीतर दे दिया हूं.
हर शनिवार किसान से देसी मुर्गा खाता था मैनेजर
पीड़ित किसान ने बताया, लोन देने के बहाने हर शनिवार को मैनेजर देसी मुर्गा खाता था. मैनेजर 38,900 रुपए का मुर्गा खा गया है, जिसकी रसीद भी मेरे पास है. अब मुझे मुर्गा की राशि भी वापस नहीं कर रहा है न ही मुझे लोन दे रहा है. इससे वह परेशान है. किसान रूपचंद ने पूरे मामले की शिकायत एसडीएम कार्यालय में की है. किसान ने कलेक्टर के नाम सौंपे अपने शिकायत में बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई और अपने रुपये वापस दिलाने की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर उसने आत्मदाह की चेतावनी दी है.
लोक निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, देखें लिस्ट…
रायपुर- राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला किया है. लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे इंजीनियरों को इधर से उधर किया गया है. इसका आदेश आज लोक निर्माण विभाग के अवर सचिव केएम अग्रवाल ने जारी किया है.
कोर्ट ने SGST के दो अधिकारियों को 14 दिन की रिमांड पर भेजा जेल, सीबीआई ने रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार
रायपुर- छत्तीसगढ़ में विशेष कोर्ट ने SGST के 2 अधिकारीयों को 14 दिन की जुडिशियल रिमांड में जेल भेज दिया है. रायपुर में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक को CBI ने रिश्वत मांगने के मामले मेंगिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने आज दोनों आरोपियों को विशेष न्यायालय में पेश किया, जिसमें कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
बता दें, छत्तीसगढ़ में CGST के कर्मचारियों की गिरफ्तारी पहली बार हुई है. रायपुर में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक जीएसटी की राशि में गड़बड़ी की सेटलमेंट करने और पेनल्टी से बचाने के नाम पर घूस मांग रहे थे. दोनों आरोपियों ने दवा कारोबारी राहुल वर्मा को 3 लाख रुपए की पेनल्टी का डर दिखाया. इसके सेटलमेंट के लिए उसने पहले 75 हजार रुपए मांगे थे. इसे लेकर प्रार्थी मेडिकल व्यापारी राहुल वर्मा ने सीबीआई में दोनों आरोपियों के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत की थी. जिसके बाद सीबीआई ने शुक्रवार को 20 लोगों की 3 टीम बनाकर दोनों अफसरों को दवा कारोबारी से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. अब सीबीआई दोनों आरोपियों से 14 दिनों तक जेल में पूछताछ करेगी
बैंक सुरक्षा और साइबर ठगी पर अंकुश लगाने SSP ने ली बैठक, बैंक अधिकारियों को दिए निर्देश
रायपुर- SP डॉ. संतोष कुमार सिंह ने आज सिविल लाइन स्थित सी-04 भवन के सभाकक्ष में विभिन्न बैंकों के ब्रांच मैनेजरों और अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक के दौरान शहर में बैंक सुरक्षा और साइबर अपराध रोकने के उपायों पर चर्चा की गई. बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले, नगर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार और थाना प्रभारी रोहित मालेकर भी मौजूद रहे।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
1. बैंक सुरक्षा उपाय:
- बैंकों में अलार्म सिस्टम हमेशा चालू रखने और समय-समय पर इसकी जांच करने के निर्देश दिए गए.
- प्रत्येक बैंक में सुरक्षा गार्ड की अनिवार्यता सुनिश्चित करने और उनके हथियारों का सत्यापन कराने की बात कही गई.
- बैंकों और एटीएम बूथ में फायर सिस्टम चालू हालत में रखने, सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त व्यवस्था और नियमित बैकअप डेटा बनाए रखने की हिदायत दी गई.
2. पुलिस सहयोग:
- अपराध संबंधी जानकारी और एटीएम बूथ की फुटेज पुलिस को त्वरित उपलब्ध कराने को कहा गया.
- संदिग्ध गतिविधियों और व्यक्तियों की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में देने की अपील की गई.
3. केवाईसी अपडेट और वेरिफिकेशन:
- ग्राहकों के केवाईसी (KYC) को मजबूत करने और इसे फिजिकल वेरिफाई करने की आवश्यकता पर बल दिया गया.
4. संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर:
- बैंक या एटीएम में मुंह ढककर प्रवेश करने वालों को रोकने के लिए गार्ड को सख्त निर्देश दिए गए.
5. फ्रॉड और ठगी रोकथाम:
- साइबर ठगों द्वारा डिजिटल ठगी की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करने और ठगों के खातों को होल्ड करने की प्रक्रिया तेज करने की बात कही गई.
- फ्रॉड मामलों में पीड़ितों के खाते में धनराशि वापस कराने के लिए बैंकों से सहयोग मांगा गया.
6. ग्राहकों की सुरक्षा:
- साइबर ठगी का शिकार ग्राहक बैंक पहुंचते हैं, तो उनकी हरसंभव मदद करने और तत्काल पुलिस को सूचना देने का निर्देश दिया गया.
पुलिस-बैंक समन्वय की पहल
बैंक के ब्रांच मैनेजरों को पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नवीन कार्य योजना तैयार कर ठगी सहित अन्य प्रकरणों में कार्य करते हुए जानकारियों का त्वरित आदान-प्रदान कर अपराधों को रोकने, पुलिस और बैंक मिलकर कैसे किसी अपराधी को पकड़ सकती है, कैसे किसी भी पीड़ित का पैसा त्वरित वापस कराया जा सकता है, इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है, इसके संबंध में चर्चा किया गया.
पुलिस इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन देने का फैसला बना गया हाई कोर्ट की नजीर, जानिए पूरा मामला…
बिलासपुर- पुलिस इंस्पेक्टर को मिली एक साल की विभागीय लघु सजा पर जस्टिस संजय के अग्रवाल का फैसला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की नजीर बन गया है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विभागीय छोटी सजा से प्रमोशन का सिर्फ एक वर्ष ही बाधित होगा.
दरअसल, रायपुर निवासी एफडी साहू वर्ष 2012-2013 में जगदलपुर, बस्तर में पुलिस विभाग में सब इंसपेक्टर के पद पर पदस्थ थे. पदस्थापना के दौरान एक अपराध की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस महानिरीक्षक ने उन्हें लघुदण्ड से दण्डित किया गया. इसमें एक वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश था, लेकिन एक वर्ष बाद लघुदण्ड का प्रभाव समाप्त हो जाने के पश्चात् भी एफडी साहू को इंसपेक्टर के पद पदोन्नत नहीं किया गया.
इससे क्षुब्ध होकर सब इन्सपेक्टर एफडी साहू ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं पी.एस. निकिता के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की. अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो अलग प्रकरणों में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए बताया कि यदि किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को एक वर्ष की वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के दण्ड से दण्डित किया जाता है, तो दण्ड का प्रभाव समाप्त हो जाने पर उक्त शासकीय अधिकारी/कर्मचारी उच्च पद पर प्रमोशन एवं वेतनवृद्धि का पात्र है.
लेकिन याचिकाकर्ता के मामले में लघुदण्ड का प्रभाव समाप्त हो जाने के पश्चात् भी प्रमोशन नहीं दिया गया. बिलासपुर हाईकोर्ट के सीनियर जस्टिस संजय के. अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में याचिका को स्वीकार कर लघु दण्डादेश का प्रभाव समाप्त हो जाने पर वर्ष 2016 से इंसपेक्टर के पद पर प्रमोशन, सीनियरटी एवं अन्य आर्थिक लाभ प्रदान करने का आदेश किया गया.
Nov 30 2024, 23:25