*मानव तस्वरी मामले में जांच के लिए पहुंची एनआईए की टीम, आरोपी के घर को पांच घंटे खंगाला*
गोरखपुर- लगभग 17 वर्ष पहले 2007 में अपना देश छोड़ कर कंबोडिया कमाने गए खजनी थाना क्षेत्र के सतुआभार गांव के निवासी अभयनाथ दूबे मानव तस्करी के आरोप में बीते 4 माह से कंबोडिया की जेल में बंद हैं। गुरूवार को सबेरे लगभग 5 बजे स्थानीय प्रशासन के तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल तिवारी और थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा के साथ गांव में उनके निवास पर पहुंची केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी पत्नी मनोरमा दूबे और बड़े भाई सिद्धनाथ दूबे की मौजूदगी में घर में तलाशी ली। इस दौरान टीम अपने साथ कई जरूरी कागजात ले गई।
अपने साथ उनकी पत्नी के नाम पर जमा किए गए लगभग 6 लाख रुपए मूल्य के पुराने फिक्स डिपॉजिट के कागजात और बैंक पासबुक इत्यादि प्रपत्र लेकर चली गई है। बड़े भाई सिद्धनाथ धर दूबे ने बताया कि जांच एजेंसी के अधिकारियों ने जब अपने साथ गहने ले जाने का प्रयास किया तो मौके पर मौजूद तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल तिवारी ने स्त्री धन को सूपुर्दगी में देने के लिए किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। लगभग 5 घंटे तक चली जांच में टीम के सदस्यों ने दिन में 10 बजे तक घर के सभी कमरों और आलमारियों की सघन तलाशी ली और औपचारिक पूछताछ के बाद चली गई।
पत्नी मनोरमा दूबे ने बताया कि मायके वालों परिवार और रिश्तेदारों के सहयोग से गुजर बसर चल रहा है। पति विदेश में जेल में बंद हैं उनका कोई समाचार नहीं मिल पाता है। बड़े भाई सिद्धनाथ दूबे ने बताया कि अभयनाथ की दो बेटियां हैं जो कि दिल्ली में रहकर एमसीए और बीसीए की पढ़ाई करती हैं। बेटियों के पास खाने पीने के लिए पैसे नहीं थे तो उन्होंने दो दिन पहले ही उनके बैंक खाते में 4000 भेजे हैं, लेकिन जांच एजेंसी द्वारा बेटियों के बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं।
कंबोडिया में रह कर अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे अभयनाथ बिहार के रहने वाले मुन्ना सिंह के संपर्क में आए थे। मुन्ना सिंह ने उन्हें प्रलोभन देकर बताया था कि जितने अधिक लोगों को विदेश में नौकरी और मजदूरी करने के लिए बुलाओगे तुम्हें हर व्यक्ति के बदले में अच्छा कमीशन मिलेगा।
Nov 30 2024, 15:59