अपने वादा के अनुरूप महिलाओं को 2500 रुपये देने के लिए हेमन्त सरकार बना रही एक्शन प्लान,लिए गए कई निर्णय
झारखंड डेस्क
रांची : हेमंत सरकार को सत्ता में दोबारा लाने में जिन बड़ी योजनाओं की चर्चा है, उसमें मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना सबसे महत्वपूर्ण है। इसी साल अगस्त माह में शुरू योजना के तहत महिला लाभुकों को 1000 रुपए दिए जाने निर्णय लिया गया। बाद में चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने राशि को बढ़ाकर 2500 करने का फैसला किया। अब सरकार सत्ता में आ चुकी है, तो इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को दिसंबर माह से ही 2500 प्रतिमाह दिया जाएगा।
बता दें कि 14 अक्तूबर की कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने 59 लाख पंजीकृत महिला लाभुकों को 2500 रुपए देने का निर्णय लिया था। इसके लिए महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने सैद्धांतिक रूप से आगामी बजट में योजना के वित्तीय प्रावधान के लिए कई शर्तों पर फैसला किया था। इसमें सबसे प्रमुख फैसला राजस्व स्रोतों को बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान बनाने का है। सरकार बनने के बाद की पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने जो दो अहम फैसले लिए हैं, वे भी उसी एक्शन प्लान की तरफ जाता है। इसका उद्देश्य यही है कि योजना पर खर्च बढ़ने से सरकार पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़े।
दो अहम निर्णय
1.केंद्र सरकार और केंद्रीय उपक्रम पर बकाया 1.36 लाख करोड़ की वसूली के लिए विधिक कार्रवाई करना।
2.राजस्व बढ़ाने के उपाय-वित्त विभाग में एक विशेष कोषांग का गठन होगा, राज्य की आय में बढ़ोतरी के लिए नए स्त्रत्तेत तलाशना, खनन क्षेत्र में लागू पुराने करों में वृद्धि करने, न्यायिक मामलों में लंबित वसूली में तेजी लाना।
पूर्व की कैबिनेट बैठक में जो दिए गए थे प्रमुख निर्देश
● प्रस्तावित चालू योजना का वित्तीय आकार बढ़ाए जाने से पहले पर्याप्त बजटीय प्रावधान की व्यवस्था की समीक्षा करना।
● अन्य सब्सिडी आधारित योजनाओं की समरूपता को देखते हुए ऐसी योजनाओं को रेशनलाइज करना, उसे अन्य विभागों से पुनर्विनियोग करना।
● प्रस्तावित योजना पर वर्तमान में 6000 करोड़ के अतिरिक्त लगभग 9000 करोड़ की और वित्तीय भार पड़ेगा। अतिरिक्त राशि का प्रावधान अगले अनुपूरक बजट के माध्यम से करना।
● पिछले मानसून सत्र में पारित झारखंड खनिज धारी भूमि उपकर अधिनियम, 2024 के माध्यम से राजस्व संग्रहण में वृद्धि कैसे होगी, इस पर विचार करना।
● उपरोक्त सभी शर्तों की समीक्षा के लिए प्रशासी विभाग द्वारा एक अन्तर्विभागीय समिति का गठन करना। समिति में प्रशासी विभाग सहित सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अन्य विभाग एवं राजस्व प्राप्ति से जुड़े विभागों को शामिल करना।
Nov 30 2024, 14:59