क्या महाविकास अघाड़ी छोड़ देंगे उद्धव ठाकरे? अपने बना रहे प्रेशर
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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश की नई सरकार को संशय का दौर बना हुआ है। चुनाव में जीत हासिल करने वाला महायुति गठबंधन अभी सीएम के पद पर मंथन ही कर रहा है तो शिकस्त का सामना करने वाले महा विका आघाड़ी हार से उबर नहीं सका है। आघाड़ी में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। महायुति की प्रचंड जीत के बाद अब विपक्षी गठबंधन एमवीए पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। अंदरखाने खबरें मिल रही हैं कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से बाहर हो सकते हैं।
अपमानजनक हार के बाद एमवीए के प्रमुख दल शिवसेना(यूबीटी) के भीतर कलह का दौर तेज हो गया है। कहा जा रहा है कि ये वो लोग हैं, जिन्होंने पहले भी आवाज उठाई थी, लेकिन तब उनकी आवाज दबा दी गई। इन लोगों को कांग्रेस का साथ पहले भी पसंद नहीं था लेकिन उद्धव के आगे तब किसी की नहीं चली और मजबूरी में नाम जपते हुए मुंह बंद करके बैठे रहे। महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं को मुंह खोलने का मौका मिल गया। सूत्रों के मुताबिक अब यही नेतागण उद्धव ठाकरे पर अघाड़ी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे जल्द ही एमवीए छोड़ने का यह फैसला ले सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित एक बैठक में शिव सेना (यूबीटी) के 20 विधायकों में से अधिकांश ने कथित तौर पर उद्धव ठाकरे से जल्द से जल्द महाविकास अघाड़ी का साथ छोड़ने की अपील की। शिवसेना (यूबीटी) आगामी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ने की तैयारी कर रही है। उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता ने कहा है कि वह महानगरपालिका के चुनाव अलग लड़ने पर सोच रही है। शिवसेना भविष्य में सभी चुनाव अपने दम पर लड़ सकती है।
हालांकि, उद्धव ठाकरे ने अभी तक कोई फ़ैसला नहीं किया है। कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के कारण एकनाथ शिंदे और उनके साथ चालीस विधायक बग़ावत कर उद्धव को झटका दे चुके है ऐसे में अब उद्धव क्या फ़ैसला लेते है यह देखना होगा।
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