हिमाचल प्रदेश: 80 घंटों से धधक रहा कुल्लू का जंगल,कई पशु-पक्षियों की मौत, ग्रामीणों में दहशत।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के जंगल धधक रहे हैं. कई दिनों से यहां आग लगी हुई है. आए दिन यह आग विकराल होती जा रही है. लेकिन आग बुझाने के लिए अभी तक वन विभाग आगे नहीं आ पा रहा है. आग की घटना में लाखों रुपयों का नुकसान हो गया है. कई पशु-पक्षियों की जलकर मौत हो चुकी है. आग बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. आग की एक अन्य घटना में एक गांव में चार मकान जलकर खाक हो गए.

कुल्लू के पार्वती वन मंडल शमशी के अंतर्गत आने वाली भुईन नरोगी जंगल में सोमवार रात में आग लगते देखी गई. यह आग बढ़ती गई और इसने विकराल रूप धर लिया. दो दिन गुजरने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका. यह आग देखते ही देखते विकराल हो गई और इसने एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया. वन विभाग की ओर से आग बुझाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन वह नाकाफी साबित हुए.

सर्दी के मौसम आग की घटना

पहाड़ी इलाकों में अक्सर आग लगने की घटनाएं गर्मी के मौसम में देखने की मिलती हैं. सर्दी के मौसम में कुल्लू जिले में हुई आग की अलग-अलग घटनाओं से लोग हैरत में हैं. वन विभाग भी इस आपदा से अनजान रहा और आग की घटना बड़ी हो गई. हालांकि, आग लगने का कारण तीन महीने का सूखा बताया जा रहा है. आग ने पीज और भेखली के जंगलों के साथ अब पार्वती वन मंडल शमशी के अंतर्गत आने वाली भुईन नरोगी जंगल में तांडव मचाया है.

खुल गई वन विभाग के दावों की पोल

कुल्लू जिले के तियून गांव में आग की एक घटना में चार घर जलकर खाक हो गए. प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सूखे के कारण लोग जंगलों में आग लगा रहे हैं. आग लगने से हुए नुक्सान की रिपोर्ट मांगी गई है. आग की घटना में वन संपदा को भारी नुक्सान हुआ है. यहां रहने वाले जीव-जंतु और पक्षियों के जानमाल की भारी क्षति हुई है. जंगलों में लगी आग ने वन विभाग के दावों की पोल खोल दी है.

संभल हिंसा: उपद्रवियों के पास मिले 'दोधारी खंजर' जैसे हथियार, पुलिस भी हैरान!

पुलिस का मानना है कि रविवार को संभल में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी। इसके लिए न सिर्फ ईंट पत्थर एकत्र कर रखे गए थे, बल्कि ऐसे हथियार भी तैयार किए गए थे, शायद अब कहीं नजर नहीं आते। समझा जाता है कि यह तैयारी कुछ दिन पहले ही की गई होगी। हिंसा के दौरान खदेड़े गए उपद्रवियों के जूते चप्पल व अन्य सामान के साथ ही पुलिस को दोधारे खंजर जैसे हथियार मिले हैं। इसके दोनों ओर चाकू की तरह तेज धार और बीच में पकड़ने के लिए मूठ बनाई गई है।

कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाते हुए पथराव किया था। इसके साथ फायरिंग भी की गई थी। इसमें पांच लोगों की मौत भी हो गई थी। उपद्रवियों के पास ऐसे हथियार भी थे, जिन्हें भीड़ में प्रयोग कर चंद मिनट में ही तमाम लोगों को घायल किया जा सकता था।

पुलिस को दंगाइयों से मिले इस अजीब से हथियार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग दोधारी खंजर बता रहे हैं तो कुछ ने इसे हलाड़ी खंजर भी बताया है। पुराने जमाने के इस हथियार का पहले इस्तेमाल होता था, लेकिन अब यह लुप्त हो चुका है। पुलिस का मानना है कि इसे घर में तैयार किया गया है। इसमें बीच में पकड़ने के लिए मूठ भी होती है जो इसमें नहीं लगी है।

डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को सौंपी गई मजिस्ट्रीयल जांच

संभल बवाल को लेकर डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मजिस्ट्रीयल जांच के निर्देश दिए हैं। जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर चल रहे सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद लोगों की मौत हुई थी, जिसमें अब जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को जांच अधिकारी नामित किया है। इसमें जांच अधिकारी ने भी घटना के संबंध में वीडियो, फोटो और अन्य प्रस्तुत करने के लिए 28 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक का समय दिया है।

डीआईजी ने पुलिस बल के साथ किया पैदल मार्च

बता दें, बवाल के बाद सोमवार को डीआईजी ने पुलिस बल के साथ पैदल मार्च किया। जहां पर उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी। वहीं दोपहर बाद आरएएफ (त्वरित कार्रवाई बल) ने भी संभल में अपनी दस्तक दे दी। जहां जवानों ने पैदल मार्च कर लोगों को बिना किसी डर या खौफ के रहने का भरोसा दिलाया।

शहर में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से लगताार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसी भी प्रकार की अशांति न फैल सके। इसके लिए कई अन्य जिलों के पुलिस बल के साथ साथ आरआरएफ, पीएसी को पहले से ही तैनात किया गया था।

एक महीने डिजिटल अरेस्ट रही बुजुर्ग महिला, 3.8 करोड़ की ठगी; डराने वाली है साइबर ठगी की ये कहानी

मुंबई में एक 77 साल की बुजुर्ग महिला के साथ साइबर ठगी हुई है. इस वारदात में महिला को जालसाजों ने करीब एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा. इस दौरान 24 घंटे वीडियो कॉल से निगरानी की और कई बार में महिला से 3.8 करोड़ रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए. परेशान होकर पीड़ित महिला ने अपनी बेटी को मामले की जानकारी दी. इसके बाद राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन में शिकायत दी गई. इसके बाद पुलिस ने जालसाजों के छह बैंक एकाउंट सीज करते हुए मामले की जांच शुरू की है. पुलिस के मुताबिक वारदात की कहानी ना केवल हैरान करने वाली है, बल्कि डराने वाली भी है. पीड़ित महिला के दोनों बेटे विदेश में हैं.

महिला अपने पति के साथ घर में रहती हैं. कुछ दिन पहले इस महिला के पास वॉट्सऐप कॉल आई. कॉलर ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया. कहा कि उन्होंने जो पार्सल ताइवान भेजा था, उसे एयरपोर्ट पर ही रोक लिया है. इस पार्सल में ड्रग्स के अलावा कई पासपोर्ट और अन्य संवेदनशील चीजें मिली हैं. पीड़ित महिला ने जब कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा तो जालसाजों ने कहा कि उनके ही आधार कार्ड से इसका रजिस्ट्रेशन हुआ है और वह मनी लॉन्डरिंग के मामले में फंस चुकी हैं.

30 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट

इसके बाद आरोपी ने एक दूसरे जालसाज से महिला की बात कराई. इस जालसाज ने अपना परिचय ईडी के अफसर जॉर्ज मैथ्यू के रूप में दिया. उसने महिला को गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए स्काइप डाउनलोड कराया और 30 दिनों तक उन्हें लगातार वीडियो कॉल पर रखते हुए निगरानी की.इस दौरान आरोपी ने महिला से कई बार 3.8 करोड़ रुपये अपने खाते में मंगा लिए. भरोसा दिया कि जांच के दौरान यदि वह बेकसूर होंगी तो पैसे वापस आ जाएंगे. आरोपी ने पीड़िता का भरोसा जीतने के लिए उन्हें वाट्सऐप पर ही क्राइम ब्रांच मुंबई का एक फर्जी नोटिस भी भेजा.

छह बैंक खाते सीज

पीड़िता का आरोप है कि उसने वीडियो कॉल बंद करने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसे खूब डराया, धमकाया और तुरंत आकर अरेस्ट करने की बात कही. आखिरकार परेशान होकर पीड़िता अपनी बेटी को पूरा घटनाक्रम बताया. इसके बाद उनकी बेटी ने ही पुलिस को सूचना दी और राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्प लाइन में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद आरोपियों के छह बैंक खातों को सील कर दिया गया है. पुलिस के मुताबिक इन बैंक खातों के जरिए जालसाजों की पहचान कर उन्हें अरेस्ट करने की कोशिश की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में एनसीपी नेता रामावती जग्गी की हत्या के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी अभय गोयल और फिरोज सिद्दीकी को मिली जमानत !

छत्तीसगढ़ में एनसीपी नेता की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी अभय गोयल और फिरोज सिद्दीकी को राहत देते हुए जमानत दे दी. कोर्ट ने मुख्य आरोपी याह्या ढेबर की जमानत याचिका खारिज कर दी. अन्य आरोपियों की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी.

एनसीपी नेता रामावती जग्गी की 4 जून 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 31 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 28 को कोर्ट ने दोषी करार दिया. दो लोग सरकारी गवाह बने थे, जबकि अमित जोगी को कोर्ट ने बरी कर दिया.

कौन थे रामावती जग्गी?

बिजनेस बैकग्राउंड वाले रामावती जग्गी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता थे. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के करीबी माने जाते थे. जब शुक्ल ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए, तो जग्गी भी एनसीपी में शामिल हो गए. एनसीपी ने उन्हें कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी.

कांग्रेस से अलग होने के बाद विद्याचरण शुक्ल ने एनसीपी को राज्य में विस्तार देने का काम किया और इस कार्य में उनका साथ रामावती जग्गी भी दे रहे थे. राज्य में एनसीपी की एक प्रस्तावित रैली से पहले जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

सीबीआई को सौंपी गई थी जांच

शुरुआत में इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस ने की, लेकिन कुछ दिनों बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने जांच में बताया कि हत्या भाड़े के अपराधियों द्वारा की गई थी और यह भी सामने आया कि राज्य पुलिस ने आरोपी को बचाने के प्रयास किए थे.

सीएम पर लगे थे आरोप

घटना की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना कि यह हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण हुई थी. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि राज्य में एनसीपी के बढ़ते प्रभाव के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री अमित जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी ने हत्या की साजिश रची थी.

हाईकोर्ट ने यह भी माना कि आरोपियों के बीच मुख्यमंत्री के आवास और होटलों में कई बैठकें हुई थीं. इस मामले में तीन पुलिस अधिकारियों वीके पांडे, अमरीक सिंह गील और राकेश चंद्र त्रिवेदी पर आरोप था कि उन्होंने सबूत छिपाने के लिए कुछ लोगों को फंसाया था.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट काटने की रणनीति अपनाई जा रही है!

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा है कि दिल्ली की जनता के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है. आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव लेकर को गलत हथकंडा अपनाया जा रहा है. लोकतंत्र का हनन करने का षडयंतत्र रचा जा रहा है. दिल्ली वालों के वोट काटने की रणनीति अभी से अपनाई जा रही है.

मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि इस क्रम में सबसे पहले 28 अक्टूबर को जारी दिल्ली में 29 SDM बदलने का आदेश है. SDM, ADM की ट्रांसफर और पोस्टिंग GNCTD अमेंडमेंट एक्ट के तहत पूरी तरीके से केंद्र सरकार और एलजी साहब के हाथों में है.

बूथ लेवल ऑफिसर्स का फीड बैक

सीएम का कहना है कि हम पिछले कुछ दिनों में बूथ लेवल के ऑफिसर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स, आशा वर्कर्स और स्कूल टीचर्स से भेंट, मुलाकात कर रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग हिस्से से बूथ लेवल ऑफिसर्स ने हमें संपर्क किया है. सबने हमें बताया है कि उन पर वोट काटने का दबाव बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि एक DM के अंदर 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. आतिशी के दावे के मुताबिक एक SDM ने अपने सभी बूथ लेवल ऑफिसर्स को बुलाकर कहा कि जो वोटर आम आदमी पार्टी के हैं, उनके नामों को वोटर लिस्ट से काटना है.

रिकॉर्डिंग सीधा मुझे भेजें- सीएम

सीएम आतिशी ने कहा कि बीजेपी को पता है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव हार रही है. इसलिए बड़ी साजिश रची जा रही है. अफसरों को डराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज मैं दिल्ली के सभी SDM, ADM, AERO और बूथ लेवल ऑफिसर्स से अपील करना चाहती हूं. दिल्ली में जो सैकड़ों AERO हैं, उनसे अपील है अगर कोई भी अफसर गलत तरीके से वोट काटने को कहे, उनकी रिकॉर्डिंग कर लें और वह रिकॉर्डिंग सीधा मुझे भेज दें.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिश ने कहा कि सभी बूथ लेवल ऑफिसर्स से हमारी अपील है कि वो देश का संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए आगे आएं. हर षड्यंत्र का पर्दाफाश करें.

लैंड फॉर जॉब केस: 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ चलेगा केस, CBI को मिली अनुमति

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले के मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान CBI ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी संबंधित अथॉरिटी से मिल चुकी है. जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने का अभी भी इंतजार है. वहीं इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पहले ही CBI को मिल चुकी है. मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी.

लालू प्रसाद यादव को जमीन के बदले नौकरी के जिस मामले में आरोपी बनाया गया है वह साल 2004 से 2009 का मामला है. उस समय लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. लालू के अलावा मामले में उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियां (मीसा भारती और हेमा यादव) के अलावा 12 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए थे. सीबीआई के आरोप के मुताबिक लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए बड़े पैमाने पर रेलवे में नौकरी देने में गड़बड़ी की गई थी.

क्या है मामला

आरोप के मुताबिक लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे. आरोप यह भी लगा कि आवेदकों से जो जमीनें ली गई हैं उसे लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारत के नाम पर लिया गया.केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी.

आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी

राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को सुनवाई के दौरान सक्षम प्राधिकारी को लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़े मामले में आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह के भीतर मंजूरी देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया था जब उन्हें सीबीआई ने बताया था कि मंजूरी रेलवे बोर्ड में सक्षम प्राधिकारी के पास लंबित है. मंजूरी मिलने में दो हफ्ते लग सकते हैं.

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें सूचित किया गया है कि मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने में दो सप्ताह और लग सकते हैं. उस दौरान कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सक्षम प्राधिकारी पर दबाव डाला गया है. कोर्ट में तीन आरोपपत्र और दो पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए थे. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सक्षम प्राधिकारी एक सप्ताह के भीतर मंजूरी दे दें. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर के लिए तय की थी.

शहीद की बेटी की शादी में सीआरपीएफ जवानों ने किया कन्यादान,जिसने भी देखा हो गया भावुक

हरियाणा के जींद का एक छोटा सा गांव छातर… यहां रहने वाले CRPF के जवान सतीश कुमार साल 2015 को देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे. 9 साल बाद जब उनकी बेटी की शादी हुई तो CRPF के जवान गांव पहुंचे. उन्होंने सतीश कुमार की बेटी का कन्यादान किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है. जिसने भी इस वीडियो को देखा वो भावुक हो उठा.

इंटरनेट पर यूजर्स CRPF के जवानों की जमकर तारीफ कर रहे हैं. जवानों का कहना था कि सतीश कुमार उनके साथी थे. वो कभी भी उनकी शहादत को नहीं भुला सकते. सतीश की बेटी को पापा की कमी न खले इसलिए CRPF के जवानों ने उसका कन्यादान किया. वीडियो में दिख रहा है कि शहीद की बेटी निशा की शादी में कई CRPF जवान मौजूद हैं.

दुल्हन और दूल्हा सोफे पर बैठकर अपने शहीद पिता की तस्वीर पकड़े हुए हैं. दूल्हा-दुल्हन के पीछे खड़े जवान उन्हें आशीर्वाद देते नजर आ रहे हैं. शादी में मौजूद सभी लोगों की आंखें भी उस वक्त भर आईं जब उन्होंने कन्यादान का दृश्य देखा.

जानकारी के मुताबिक, सतीश कुमार 20 मार्च 2015 को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में शहीद हो गए थे. वह उचाना के छातर गांव के रहने वाले थे. शनिवार को शहीद सतीश कुमार की बेटी निशा की शादी हुई. वधू पक्ष की ओर से सीआरपीएफ जवानों ने ही बारात का जोरदार स्वागत किया. सीआरपीएफ अफसर ने पिता का फर्ज निभाते हुए कन्यादान किया और पूरे गांव ने अपनी बेटी को आशीर्वाद देकर विदा किया.

शहीद सतीश की बेटी को शादी में अपने पिता की कमी महसूस न हो, इसकी जवानों ने पूरी कोशिश की. ग्रुप सेंटर सोनीपत से डीआईजी कोमल सिंह, डिप्टी कमांडेंट वेदपाल, अस्सिटेंट कमाडेंट कृष्ण कुमार और अन्य जवान पहुंचे थे.

क्या बोले शहीद के साथी?

सुबह से ही सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. इन्होंने गांव वालों के साथ मिलकर शादी की पूरी तैयारी की. सीआरपीएफ के डीआइजी कोमल सिंह ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘निशा हमारे शहीद सतीश की बेटी है. उससे हमारा खून का रिश्ता तो नहीं है मगर वह हमारे परिवार की बेटी है. वह सीआरपीएफ फैमिली का हिस्सा है. हम लोग यहां पर उसका सम्मान बढ़ाने के लिए आए हैं. हम उसे इस बात पर गर्व महसूस कराने आए हैं कि उसके पिता ने सर्वोच्च बलिदान दिया है.

बागेश्वर बाबा पर हमले की खबरों का खुद बाबा ने किया खंडन, बताया घटना का कारण

मशहूर कथावाचक बाबा बागेश्नर पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों 9 दिवसीय पदयात्रा पर निकले हैं. हिंदुओं को जागरूक करने के लिए यह यात्रा निकाली गई है. लेकिन यात्रा के दौरान झांसी में किसी ने बाबा बागेश्वर पर हमला कर दिया. फूलों से स्वागत करने के दौरान किसी ने उनके ऊपर मोबाइल फेंक दिया. इस कारण उनके चेहरे पर चोट आई. लेकिन अब इस पर बाबा बागेश्वर ने सफाई दी है.

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- मुझ पर किसी प्रकार का हमला नहीं हुआ. किसी से भक्त के द्वारा फूल फेंकने के साथ मोबाइल जाकर के चेहरे पर लगा था, भक्त को उसका मोबाइल वापिस दे दिया गया है. बाबा पर हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जानकारी के मुताबिक, पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा झांसी से ओरछा की ओर जा रही थी. तभी किसी ने फूलों के साथ उनके ऊपर मोबाइल फेंक दिया. इसे लेकर बागेश्वर बाबा की सुरक्षा पर कई सवाल उठने लगे. लेकिन बाबा ने खुद इस पर सफाई दी है. बोले- मोबाइल गलती से फेंका गया था.

पदयात्रा का छठवां दिन

आज बागेश्वर बाबा की यात्रा का छठवां दिन है. हिंदू एकता यात्रा बागेश्वर धाम से ओरछा तक जारी है. यात्रा को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. हजारों लोग बाबा के साथ पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं. जहां-जहां से यात्रा गुजर रही है, वहां फूलों से स्वागत किया जा रहा है. इस दौरान बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी बागेश्वर बाबा के साथ जुड़े थे. इसके अलावा द ग्रेट खाली भी शामिल हुए थे.

9 दिवसीय पदयात्रा

9 दिनों तक चलने वाली बागेश्वर बाबा की इस यात्रा में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होकर जिस रास्ते से निकल रहे हैं वह भगवामय होता जा रहा है. एमपी, यूपी से लेकर बिहार, राजस्थान और दिल्ली तक से श्रद्धालुओं का जमघट बाबा बागेश्वर के समर्थन में पहुंच रहा है.

JMM छोड़ने वाले नेता एक बार फिर फ्लॉप, बाबूलाल सोरेन और सीता सोरेन समेत इन नेता हारे!

झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 में JMM के कई बागी नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. इसमें सीता सोरेन से लेकर बाबू लाल सोरेन तक शामिल हैं. शिकस्त झेलने वालों में कुल 4 नेता हैं. इन नेताओं को चुनाव से पहले JMM से इस्तीफा देना भारी पड़ा है.

बाबूलाल सोरेन- ये पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बेटे हैं. घाटशीला सीट से बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था. उन्हें JMM के रामदास सोरेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा. बाबूलाल को 75 हजार 910 वोट मिले तो रामदास को 98 हजार 356 वोट मिले. यानी बाबूलाल को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

सीता सोरेन- सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को जामताड़ा सीट पर कांग्रेस के इरफान अंसारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इरफान अंसारी को 1 लाख 33 हजार 266 वोट मिले तो सीता सोरेन को 89 हजार 590 वोट मिले.

सूरज मंडल- ये कभी शिबू सोरेन का दाहिना हाथ हुए करते थे. बीजेपी में अपना सियासी भविष्य देख रहे थे, लेकिन कुछ कर नहीं पाए.

लोबिन हेम्बर्म- लोबिन JMM से बीजेपी में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें बोरियो से टिकट मिला था. लेकिन वो उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. उन्हें JMM के धनंजय सोरेन के हाथों शिकस्त मिली. लोबिन के खाते में 78 हजार 044 वोट आए तो धनंजय को 97 हजार 317 वोट मिले.

लगातार दूसरी बार सीएम बनेंगे सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन 81 सदस्यीय विधानसभा की 56 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार झारखंड की सत्ता पर काबिज हुआ. वहीं, चुनाव अभियान के दौरान एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाला NDA महज 24 सीटें हासिल कर सका. विधानसभा चुनावों में JMM और कांग्रेस ने आदिवासी बेल्ट की 27 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि बीजेपी महज सरायकेला में जीत दर्ज करने में सफल रही, जहां उसने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को मैदान में उतारा था.

चंपई विधानसभा चुनावों से पहले JMM छोड़ BJP में शामिल हो गए थे. उन्होंने हेमंत सोरेन नीत पार्टी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था. हालिया विधानसभा चुनावों में आदिवासी बेल्ट की 20 सीटें अकेले JMM की झोली में गईं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पार्टी को लोकलुभावन योजनाओं के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कथित अन्याय का मुद्दा उठाने से पैदा हुई सहानुभूति लहर का फायदा मिला.

वहीं, JMM की सहयोगी कांग्रेस सात सीटों पर विजयी रही. जबकि, 2014 के विधानसभा चुनावों में पार्टी आदिवासी बेल्ट में खाता तक खोलने में नाकाम रही थी. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनावों में उसने छह सीटों पर कब्जा जमाया था.

सपा नेताओं का डेलिगेशन आज नहीं जाएगा संभल, राहुल गांधी जल्द करेंगे दौरा

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा की घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अगले एक-दो दिन के अंदर हिंसा की आग में झुलसे संभल का दौरा करने वाले हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने अपना आज (मंगलवार) का संभल दौरा स्थगित कर दिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी जल्द ही संभल जाने की योजना बना रहे हैं. उत्तर प्रदेश से सहारनपुर से लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने बताया कि वह (राहुल गांधी) कल या परसों संभल जाएंगे. इस बीच संभल जाने वाला समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने का कार्यक्रम टल गया है. पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, सपा के प्रतिनिधिमंडल को आज संभल जाना था.

अखिलेश से मुलाकात के बाद संभल की यात्रा

लेकिन प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्य अब दिल्ली के लिए रवाना होंगे. राजधानी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सलाह मशविरे के बाद ही प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा. नई तारीखों का अभी ऐलान नहीं किया गया है.

इससे पहले समाजवादी पार्टी के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “हम वहां पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार को देखने जाएंगे. हम घटना में मारे गए युवाओं के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे. क्या पुलिस कभी अपने किए की जिम्मेदारी लेती है?. आजकल पुलिस के पास अवैध हथियार और सरकारी हथियार दोनों होते हैं. पुलिस फायरिंग के लिए दूसरे (अवैध) हथियार का इस्तेमाल करती है.”

सांसद बर्क समेत कई पर केस दर्ज

दूसरी ओर, संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. अब तक कुल 7 केस दर्ज किए जा चुके हैं जबकि 25 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

संभल के पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार विश्नोई ने कल सोमवार को जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ बताया कि हिंसा में घायल दारोगा दीपक राठी ने करीब 800 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है जिनमें सांसद बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को भी नामजद किया गया है. उन्होंने बताया, “केस में इन पर ऐसे आरोप लगे हैं कि इन लोगों ने भीड़ को भड़काकर हिंसा भड़का दी.”

आज हालात में सुधार, स्कूल-दुकानें खुलीं

विश्नोई ने बताया कि संभल हिंसा मामले में पुलिस की ओर से अब तक कुल 7 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 6 नामजद किए गए हैं जबकि 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही 5 केस कोतवाली थाने में और 2 नखासा थाने में दर्ज कराए गए हैं.

इस बीच संभल की जामा मस्जिद परिसर में 2 दिन पहले रविवार को सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद आज मंगलवार को हालात में थोड़ा सुधार दिखा. स्कूल भी खुले. रविवार की हिंसा के बाद सोमवार को संभल में बाजार बंद था लेकिन कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं. आज सुबह भी स्थिति सामान्य नजर आ रही है. आज स्कूल भी खुले हैं और रोजमर्रा की जरूरतों की दुकान खुली नजर आ रही है, हालांकि जिले में इंटरनेट सेवा आज भी बंद है. इसकी वजह से लोगों की खासी दिक्कत हो रही है.

संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान स्थिति बेहद खराब हो गई, जिसमें पत्थरबाजी और आगजनी की घटना में चार लोगों की जान चली गई और करीब 20 लोग घायल हो गए.