बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर भड़के पवन कल्याण, जानें क्या कहा?
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बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। उनके जेल जाने की खबरों के बाद से लगातार हंगामा जारी है।चिन्मय दास के समर्थक सड़कों पर उतर आए है और उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पड़ोसी देश के हालात पर भारत में भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम ने चिंता जताई। उन्होंने बांग्लादेशी सरकार से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने का आग्रह किया।
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने बांग्लादेश पुलिस द्वारा हिंदू धर्मगुरु और इस्कॉन के प्रमुख पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि आइए मिलकर चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करें। हम मोहम्मद यूनुस की बांग्लादेश सरकार से आग्रह करते हैं कि वे हिंदुओं पर अत्याचार रोकें।
कल्याण ने ऐतिहासिक संदर्भ पर प्रकाश डाला और बांग्लादेश के निर्माण के दौरान भारतीय सेना द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया। उन्होंने सेना के जवानों की जान जाने और राष्ट्र के निर्माण में खर्च किए गए संसाधनों का उल्लेख किया और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को तत्काल समाप्त करने का आग्रह किया। इस मुद्दे ने बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस का भी ध्यान खींचा है, जिन्होंने हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने की अपील की है। कल्याण द्वारा एकजुटता का आह्वान क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे व्यवहार के बारे में बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है।
भारत सरकार भी जता चुकी है चिंता
इस मामले में भारत सरकार ने मंगलवार (26 अक्टूबर) को अपनी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम चिन्मय कृष्ण दास, जो ‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता हैं, की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। बयान में कहा गया, ‘यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई। अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवी-देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज किए गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें प्रस्तुत करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। हम दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं। मंत्रालय ने कहा, “हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपील करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।
Nov 27 2024, 20:21