राज्य स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

गोरखपुर/लखनऊ। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर, लखनऊ में राज्य स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों को आगे ले जाना, और छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना था। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को वैज्ञानिक सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप में समझने और प्रयोगात्मक विधि से सीखने के लिए प्रेरित किया गया। यह प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की गई – जिला, मंडल और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता । राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में, प्रत्येक मंडल से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों के साथ-साथ सांत्वना पुरस्कार विजेताओं द्वारा तैयार किए गए कुल लगभग 90 मॉडलों का प्रदर्शन किया गया। इन मॉडलों ने प्रतिभागी छात्रों की रचनात्मकता, तार्किक सोच और समस्या-समाधान क्षमता को प्रदर्शित किया।

कार्यक्रम ने न केवल नवोदित वैज्ञानिकों के प्रयासों को मान्यता और पुरस्कार देने का मंच प्रदान किया, बल्कि उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी किया। यह कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान का एक जीवंत मंच साबित हुआ, जिसने जिज्ञासा और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित किया। प्रतियोगिता ने सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोग से जोड़ने के महत्व को रेखांकित किया और विज्ञान के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक नई पीढ़ी के विचारकों और नवप्रवर्तकों का मार्ग प्रशस्त किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, उत्तर प्रदेश, अनिल कुमार ने छात्रों के प्रदर्शन की सराहना की और उनके द्वारा प्रस्तुत मॉडलों की प्रशंसा की। उन्होंने सीएसटीयूपी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाए ताकि अधिक से अधिक छात्र इसमें भाग ले सकें। अपने वक्तव्य में उन्होंने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा, जिसका लाभ लंबे समय तक छात्रों को मिलेगा।

विशिष्ट अतिथि, राज्य मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश, अजीत सिंह पाल ने भी छात्रों को बधाई दी और उनके प्रयासों और नवाचारी विचारों की सराहना की। विभाग के प्रमुख सचिव एवं परिषद के महानिदेशक, पंधारी यादव ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन और उनकी समर्पण भावना की प्रशंसा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वे समाज में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

विशेष सचिव एवं परिषद के सचिव एवं निदेशक, शीलधर सिंह यादव ने मुख्य अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया और युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति के लिए युवाओं के मनोबल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि परिषद एक ऐसा माहौल तैयार करने के लिए निरंतर प्रयासरत है जो अनुसंधान, नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम का संचालन परिषद की संयुक्त निदेशक, डॉ. हुमा मुस्तफा ने कुशलतापूर्वक और गरिमामय ढंग से किया।

अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. राजेश कुमार गंगवार, डॉ. डी.के. श्रीवास्तव, राधे लाल, डॉ. पूजा यादव और डॉ. एस. रहमान ने भी कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला और छात्रों को विज्ञान के प्रति अपने जुनून को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उनकी प्रेरणादायक बातें दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ने में सफल रहीं।

सीएसटीयूपी के मीडिया प्रभारी एवं वैज्ञानिक अधिकारी, सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि निदेशक परिषद की टीम के प्रयासों के माध्यम से यह कार्यक्रम एक प्रेरणादायक वातावरण में आयोजित किया गया, जिसने छात्रों में सीखने, रचनात्मकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्यक्रम की सफलता के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम किया। सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में 50,000 का नकद पुरस्कार बस्ती मंडल के श्री सुमित भट्ट को उनके प्रोजेक्ट स्मार्ट बाइक के लिए दिया गया। द्वितीय पुरस्कार 40,000 का नकद पुरस्कार कानपुर मंडल के श्री रुद्र प्रताप सिंह को ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए और तृतीय पुरस्कार 30,000 का नकद पुरस्कार बांदा मंडल के श्री कुलदीप को वेस्ट टू प्लांट के लिए प्रदान किया गया। इसके अलावा, पांच छात्रों को 5,000 का सांत्वना पुरस्कार दिया गया।

यह प्रतियोगिता राज्य में छात्रों की वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई है ।

एचआरपी की पहचान कर करें प्रबंधन, गर्भवती का सरकारी अस्पताल में ही प्रसव सुनिश्चित हो

गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में मंगलवार की देर शाम तक चली। विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सभी ब्लॉक में उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली (एचआरपी) महिलाओं की पहचान कर निर्धारित प्रबन्धन करने और गर्भवती का सरकारी अस्पताल में संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करवाने का निर्देश दिया । साथ ही समीक्षा के दौरान अलग अलग कार्यक्रमों में अपेक्षित प्रदर्शन न करने वाले ब्लॉक के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन कटौती और उनसे स्पष्टीकरण लेने के लिए भी कहा।

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने परिवार नियोजन कार्यक्रमों, मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम और टेलीकंसल्टेशन कार्यक्रम की विस्तृत समीक्षा की ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सभी ब्लॉक को निर्देश मिला है कि वह आशा कार्यकर्ता के माध्यम से गर्भवती को प्रसव पूर्व चार जांचों के लिए प्रेरित करें। जांच के दौरान जो महिलाएं उच्च गर्भवस्था वाली मिलती हैं उनका नियमित फॉलो अप किया जाए । सुनिश्चित हो कि ऐसी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव सरकारी अस्पताल में ही हो। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती को प्रत्येक माह की एक, नौ, सोलह और चौबीस तारीख को 102 नंबर एम्बुलेंस के जरिये प्रसव पूर्व जांच की सुविधा दिलवाई जाए।

सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक को निर्देश दिया गया है कि मातृ और शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग अवश्य करें। अगर उनके क्षेत्र में कोई मृत्यु नहीं हुई है तो इसका प्रमाण पत्र दें। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत छूटे हुए सत्रों का टीकाकरण दो से तीन दिन के भीतर कराने और एमआर एक व एमआर दो टीके से वंचित बच्चों का टीकाकरण शीघ्र सुनिश्चत करवाने को कहा गया। जिले की सभी टीबी यूनिट पर टीबी की जांच दर बढ़ाने के लिए कहा गया। प्रत्येक टीबी यूनिट से कम से कम 2000 संभावित मरीजों की टीबी जांच कराने का निर्देश दिया गया है।

इस मौके पर महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ बीके सुमन, एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डीटीओ डॉ गणेश यादव, डीआईओ डॉ नंदलाल कुशवाहा, डीएमओ अंगद सिंह, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन, क्वालिटी प्रभारी विजय श्रीवास्तव, डीईओ आदिल फखर, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और सीफार के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

अभियानों को सफल बनाएं

मुख्य विकास अधिकारी ने जिले में चल रहे पुरुष नसबंदी पखवाड़े को सफल बनाने को कहा । उन्होंने आठ दिसम्बर से प्रस्तावित पल्स पोलियो अभियान के दौरान नियमित सांध्यकालीन बैठकें करने का निर्देश दिया। टेलीकंसल्टेशन कार्यक्रम के तहत बेहतर सेवा देने और सक्षम पोर्टल पर नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) संबंधित दस्तावेज शीघ्र अपलोड करने का निर्देश भी दिया गया।

ऐतिहासिक उपलब्धि: एम्स गोरखपुर में पहली बार सफल लैप्रोस्कोपिक रेडिकल कोलेसिस्टेक्टॉमी

गोरखपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। संस्थान में पहली बार लैप्रोस्कोपिक रेडिकल कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न की गई। यह सर्जरी एक बुजुर्ग महिला मरीज पर की गई, जिन्हें उच्च रक्तचाप और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव की समस्या थी।

इस जटिल सर्जरी को सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता के निर्देशन में डॉ. हरिकेश यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, सर्जरी विभाग ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। मरीज को एनेस्थीसिया देने की जिम्मेदारी डॉ. गणेश, एसोसिएट प्रोफेसर ने निभाई, जो एनेस्थीसिया विभाग के प्रॉफेसर और कार्यवाहक विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में कार्यरत थे। मरीज के जटिल चिकित्सीय इतिहास को देखते हुए सर्जरी से पहले गहन योजना और अत्याधुनिक मॉनिटरिंग तकनीक का उपयोग किया गया।

फिलहाल मरीज को हाल ही में उद्घाटन किए गए एनेस्थीसिया इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती किया गया है, जहां उनकी स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। आईसीयू की टीम मरीज की सुरक्षा और शीघ्र स्वस्थ होने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

एम्स गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीम के इस अद्वितीय प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि एम्स गोरखपुर की आधुनिक और उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उत्पन्ना एकादशी के अवसर पर नवभारत निर्माण ट्रस्ट द्वारा मानसरोवर मंदिर पर किए गए विभिन्न कार्यक्रम

गोरखपुर। उत्पन्ना एकादशी के उपलक्ष्य में नवभारत निर्माण ट्रस्ट गोरखपुर के द्वारा संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से दीपोत्सव एंव सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मानसरोवर मंदिर प्रांगण निकट गोरखनाथ पुल गोरखपुर में किया गया । जिसमें सर्व प्रथम 11 ब्राह्मणों के शंखनाद के संग प्रथम दीपक कार्यक्रम की मुख्य अतिथि (पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति) पूनम टंडन के दीप प्रज्वलित करने के साथ 11 पंडित जी द्वारा गंगा आरती करायी गयी । मानसरोवर परिसर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं द्वारा दीप के प्रज्वलन का कार्यक्रम न चलता रहा ।

तत्पश्चात कार्यक्रम में कार्यक्रम के अतिथिगण के सम्मान के क्रम में कार्यक्रम कि संरक्षक मंडली- पूजा गुप्ता, रश्मि सिंह के संग कार्यक्रम अध्यक्ष नितेश शुक्ल के द्वारा मुख्य अतिथि के पश्चात, विशिष्ट अतिथि - रीना तिवारी अंतर्राष्ट्रीय लोकगायक एवं सदस्य-संतकबीर अकादमी, उत्तर प्रदेश- हरि प्रसाद सिंह, राकेश उपाध्याय • विजय श्रीवास्तव व अनूप अग्रवाल, मधु अग्रवाल, सुधा मोदी, जेके पांडेय, प्रमोद व सभी अतिथी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया तत्पश्चात कलाकारों द्वारा लोक पारंपरिक गीत संघ सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति क्रमशः दी गई । कलाकारों एवं कार्यक्रम में लगे कार्यकर्ताओं को अतिथिगण द्वारा सम्मानित किया गया ।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो॰ पूनम टंडन जी ने कार्यक्रम की तारीफ़ करते हुए कहा कि दीपोत्सव कार्यक्रम बहुत ही भव्य होने के साथ ही साथ सांस्कृतिक नृत्य एवं गायन पूरे परिसर में उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध करा, इस कार्यक्रम में आकर ट्रस्ट के द्वारा कई वर्षों से किए जा रहे सेवा कार्यों को जाना जोकि अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी है । मुख्य ट्रस्टी विक्रमादित्य नारायण सिंह ने उत्पन्ना एकादशी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि - हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। कार्तिक माह के बाद ये मार्गशीर्ष मास आता है जिसे अगहेन भी कहते हैं । इसके कृष्णपक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है, उत्पन्ना एकादशी इस लिए क्यूँकि यह प्रथम एकादशी है इस दिन एकादशी का प्रादुर्भाव हुआ था,वे प्रकट हुई थी, उत्पन्न हुई थी इसलिए इसका नाम है उत्पन्ना एकादशी । दीप दान करना शुभ माना जाता है। इसलिए आज के दिन दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम के संग सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया ।कार्यक्रम की संचालिका सरिता सिंह जी ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा यह कार्यक्रम पिछले 5 वर्षो से आयोजित कराया जारहा है |

संविधान दिवस पर ‘‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘‘ विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

गोरखपुर। संविधान दिवस के अवसर पर संग्रहालय सभागार में ‘‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘‘ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के वक्ता प्रो0 (डाॅ0) रामप्रताप सिंह, दयानन्द वैदिक कालेज, उरई, प्रो0 अनिल यादव, वाणिज्य संकाय, दीन दयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं सुभाष चन्द्र चैधरी, पूर्व उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर एवं बसन्त लाल, पूर्व पुलिस अधिकारी, गोरखपुर रहे। कार्यक्रम की शुरूआत संविधान की उद्देशिका का पठन/शपथ ग्रहण के साथ किया गया।

संगोष्ठी की निर्धारित विषय-वस्तु पर सम्बोधित करते हुए सभी वक्ताओं द्वारा अपने संविधान के सम्बन्ध में काफी रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की गयी।

वक्ताओं की कड़ी में प्रो0 अनिल यादव ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का अर्थ अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना है। संविधान महिलाओं की स्वतंत्रता हेतु विशेष अधिकार प्रदान करता है। हमारा संविधान हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हुए हमें सुरक्षा भी प्रदान करता है। संविधान एक तरफ जहाॅं प्रत्येक धर्म-भाषा, जाति के लोगों को रहने की आजादी देता है इस देश की विविधता में एकता को समाहित किए हुए है। श्री बसन्त लाल ने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। जो पूरे विश्व में अद्भुत एवं अद्वितीय है। हमारा संविधान समस्त नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान करता है।सुभाष चन्द्र चैधरी ने कहा कि डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर ने एक बार कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे मानने वाले तथा उसको लागू करने वाले अच्छे न हो तो एक अच्छा संविधान भी व्यर्थ हो जायेगा। वक्ता प्रो0 राम प्रताप सिंह ने कहा कि संविधान हमें समता, स्वतंत्रता, बन्धुत्व व न्याय पर आधारित समाज व राष्ट्र निर्माण का संदेश देता है। हमारा संविधान हमें सामाजिक चेतना व राजनैतिक एकता के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता का अधिकार भी प्रदान करता है।

संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा संविधान ही हमारा स्वाभिमान है। संविधान के प्रति जागरूकता के माध्यम से देश के विकास में योगदान दिया जा सकता है। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए सभी अतिथियों को आभार ज्ञापित किया।

उक्त अवसर पर डाॅ0 जितेन्द्र कुमार, अमरपाल सिंह यादव, एड0 कमलेश कुमार कचेर, भास्कर विश्वकर्मा, कुलवंत सिंह, भालचन्द्र मिश्रा, शिवम यादव, ओम यादव, बृज बिहारी दूबे, अनीता मांझी, रेनू मिश्रा, दीपाली मिश्रा, सुप्रिया रावत, आदित्य, अनिल कुमार अर्चना राय आदि सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

संक्रमण मुक्त होता है मां का दूध, टीबी उपचाराधीन माताएं करा सकती हैंसंक्रमण मुक्त होता है मां का दूध, टीबी उपचाराधीन माताएं करा सकती हैं स्तनपान

गोरखपुर।मां का दूध हर प्रकार से संक्रमण मुक्त होता है । ऐसे में अगर किसी माता को टीबी है और उनका उपचार चल रहा है तो वह भी मास्क लगा कर सावधानी के साथ बच्चे को स्तनपान करवाना जारी रखें। ऐसी माताओं द्वारा बच्चे को स्तनपान न कराना बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर सकता है।

 साथ ही अगर किसी भी गर्भवती और धात्री महिला में टीबी का लक्षण दिखे तो अधिक सतर्कता बरतते हुए त्वरित जांच और इलाज करवाना चाहिए। यह कहना है जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव का । उन्होंने अपील की है कि अगर किसी गर्भवती या धात्री को लगातार दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही है तो वह टीबी जांच जरूर करावें।

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि गर्भवती में समय से टीबी की पहचान न होने से बच्चे के समय से पहले जन्म, कम वजन वाले बच्चे के जन्म, अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध और प्रसवकालीन मृत्यु में छह गुना वृद्धि का जोखिम बना रहता है। इसके ठीक विपरीत समय से जांच और इलाज शुरू हो जाने से मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हो जाते हैं।

 टीबी ग्रसित गर्भवती और धात्री महिलाओं के उपचार के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निश्चित प्रोटोकॉल तय हैं और इनके जरिये मां बच्चे दोनों का ध्यान रखा जाता है। इन मरीजों को यथाशीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

डॉ यादव ने बताया कि ऐसी महिलाओं को मातृ सूक्ष्म पोषक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आयरन, फोलिक एसिड तथा अन्य विटामिन और खनिज देना जारी रखना चाहिए। ऐसी स्थिति में गर्भावस्था के दौरान जब कैल्शियम का सेवन कम हो, तो प्रसवपूर्व देखभाल के भाग के रूप में कैल्शियम अनुपूरण की सिफारिश भी की जाती है। उपचाराधीन मां को दवा के साथ साथ चिकित्सक के परामर्श के अनुसार संतुलित आहार लेते हुए आराम भी करना चाहिए।

शीघ्र स्तनपान जरूरी

शाहपुर नगरीय स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि टीबी उपचाराधीन गर्भवती को भी प्रसव के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे के स्तनपान के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसी मां का दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। मां को बच्चे के ओरल कांटैक्ट से बचने की सलाह दी जाती है। मास्क लगा कर स्वच्छता व्यवहार अपनाते हुए इन माताओं को भी छह माह तक सिर्फ अपना दूध ही बच्चे को पिलाने के लिए कहा जाता है। उपचाराधीन माता को हाथों की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को टीबी का संक्रमण नहीं होता है, बल्कि यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर उसे टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

देते हैं बचाव की दवा

डीटीओ डॉ गणेश यादव ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चे के जन्म के बाद लगने वाला बीसीजी का टीका उन्हें टीबी समेत कई बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। स्तनपान भी बच्चे को इस बीमारी से बचाव का सामर्थ्य व पोषण प्रदान करता है। टीबी पीड़ित धात्री महिला के बच्चों को बचाव की दवा भी दी जाती है।

यह लक्षण दिखे तो गर्भवती-धात्री कराएं जांच

दो सप्ताह से अधिक की खांसी

शाम को पसीने के साथ बुखार

सीने में दर्द

सांस फूलना 

वजन कम होना

बलगम में खून आना स्तनपान

गोरखपुर।मां का दूध हर प्रकार से संक्रमण मुक्त होता है । ऐसे में अगर किसी माता को टीबी है और उनका उपचार चल रहा है तो वह भी मास्क लगा कर सावधानी के साथ बच्चे को स्तनपान करवाना जारी रखें। ऐसी माताओं द्वारा बच्चे को स्तनपान न कराना बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर सकता है।

साथ ही अगर किसी भी गर्भवती और धात्री महिला में टीबी का लक्षण दिखे तो अधिक सतर्कता बरतते हुए त्वरित जांच और इलाज करवाना चाहिए। यह कहना है जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव का । उन्होंने अपील की है कि अगर किसी गर्भवती या धात्री को लगातार दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही है तो वह टीबी जांच जरूर करावें।

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि गर्भवती में समय से टीबी की पहचान न होने से बच्चे के समय से पहले जन्म, कम वजन वाले बच्चे के जन्म, अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध और प्रसवकालीन मृत्यु में छह गुना वृद्धि का जोखिम बना रहता है। इसके ठीक विपरीत समय से जांच और इलाज शुरू हो जाने से मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हो जाते हैं।

टीबी ग्रसित गर्भवती और धात्री महिलाओं के उपचार के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निश्चित प्रोटोकॉल तय हैं और इनके जरिये मां बच्चे दोनों का ध्यान रखा जाता है। इन मरीजों को यथाशीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

डॉ यादव ने बताया कि ऐसी महिलाओं को मातृ सूक्ष्म पोषक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आयरन, फोलिक एसिड तथा अन्य विटामिन और खनिज देना जारी रखना चाहिए। ऐसी स्थिति में गर्भावस्था के दौरान जब कैल्शियम का सेवन कम हो, तो प्रसवपूर्व देखभाल के भाग के रूप में कैल्शियम अनुपूरण की सिफारिश भी की जाती है। उपचाराधीन मां को दवा के साथ साथ चिकित्सक के परामर्श के अनुसार संतुलित आहार लेते हुए आराम भी करना चाहिए।

शीघ्र स्तनपान जरूरी

शाहपुर नगरीय स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि टीबी उपचाराधीन गर्भवती को भी प्रसव के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे के स्तनपान के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसी मां का दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। मां को बच्चे के ओरल कांटैक्ट से बचने की सलाह दी जाती है। मास्क लगा कर स्वच्छता व्यवहार अपनाते हुए इन माताओं को भी छह माह तक सिर्फ अपना दूध ही बच्चे को पिलाने के लिए कहा जाता है। उपचाराधीन माता को हाथों की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। मां के दूध से बच्चे को टीबी का संक्रमण नहीं होता है, बल्कि यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर उसे टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

देते हैं बचाव की दवा

डीटीओ डॉ गणेश यादव ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चे के जन्म के बाद लगने वाला बीसीजी का टीका उन्हें टीबी समेत कई बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। स्तनपान भी बच्चे को इस बीमारी से बचाव का सामर्थ्य व पोषण प्रदान करता है। टीबी पीड़ित धात्री महिला के बच्चों को बचाव की दवा भी दी जाती है।

यह लक्षण दिखे तो गर्भवती-धात्री कराएं जांच

दो सप्ताह से अधिक की खांसी

शाम को पसीने के साथ बुखार

सीने में दर्द

सांस फूलना

वजन कम होना

बलगम में खून आना

कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओें बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

गोरखपुर। संविधान दिवस के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर 26 नवंबर से 26 जनवरी तक राष्ट्रीय संविधान रक्षक अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान पूरे 60 दिन तक चलेगा इसे आज 26 नवंबर से शुरू किया गया।

आज जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान के निर्देश पर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष महिंद्र नाथ मिश्रा, सत्येंद्र कुमार निषाद के नेतृत्व में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी को माल्यार्पण कर कहे कि संविधान दिवस मनाया गया यह कार्यक्रम मुख्य पांच बिंदुओं पर आधारित है संविधान और समानता की लड़ाई, संविधान द्वारा गारंटी कृत आरक्षण की सुरक्षा, भेदभाव का उन्मूलन एक प्रमुख संवैधानिक मूल्य, गरीबों के संविधान के विरुद्ध पूंजीवादी सरकार, संविधान द्वारा गारंटीकृत लोकतंत्र और स्वतंत्रता को बचाएं कार्यक्रम को का संचालन अनुराग पांडे ने किया लोकतंत्र को या सरकार खत्म करना चाहती है बाबा भीम साहब अंबेडकर के संविधान को बदलाव करके देश में अराजकता फैलाने का काम भाजपा सरकार कर रही है यह कटेंगे और बटन के नारा देकर देश को गुमराह कर रहे हैं या कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेंगे पब्लिक के बीच संविधान का पत्रक बाटा गया।

कार्यक्रम मे मुख्य रुप से दिलीप कुमार निषाद प्रदेश सचिव दयानंद प्रसाद जिला महासचिव विक्रमादित्य सच्चिदानंद तिवारी, जिला सचिव राम नगीना साहनी गब्बू लाल प्रजापति अर्जुन शाही देवेंद्र निषाद राजू पांडे विवेकानंद यादव विनोद प्रमोद पाल त्रिपाठी, सुखराम यादव, दिनेश मौर्या, आदि लोग उपस्थित रहे ।

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी ने मनाया संविधान दिवस

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम की अध्यक्षता में संविधान दिवस मनाया गया। संचालन महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी ने किया। जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि भारत का संविधान देश के नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता व समानता का अधिकार देता है। वोट की ताकत से ही संविधान व आरक्षण की रक्षा किया जा सकता है आज हमारे संवैधानिक मूल्यों पर लगातार प्रहार करके देश के संविधान को कमजोर किया जा रहा है।

आइये, हम सब मिलकर संवैधानिक मूल्यों की पालना करते हुए संविधान की रक्षा का प्रण लें।एक तरफ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और देशवासियों के लिए घातक है संविधान दिवस के अवसर पर इसके सभी रचनाकारों को सादर नमन। संविधान दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।

इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी अवधेश यादव रजनीश यादव मिर्जा कदीर बेग रामजतन यादव देवेंद्र भूषण निषाद हरेंद्र यादव कृष्ण कुमार त्रिपाठी राघवेंद्र तिवारी राजू अनारकली मौर्य मैना भाई अजय कन्नौजिया इमरान खान गवीश दुबे जावेद सिमनानी रफीउल्लाह सलमानी सेराजुद्दीन रहमानी सच्चिदानंद यादव धन्नजय सिंह सैथवार बबलू अंसारी मुरारी लाल मौर्य मनोज गौतम अनूप यादव ईश्वर आफताब अंसारी पूजा निषाद गोली यादव भवनाथ यादव श्रीकांत यादव संजय सिंह सैथवार स्वतन्त्र सिंह यादव इमरान दानिश तौफीक मुन्नु आफताब निजामी मोहम्मद अली विक्की निषाद सुनील यादव वसीम खान भृगुनाथ निषाद जयप्रकाश दुर्विजय अजय बृजेश लक्ष्मी शंकर विकास अनिल कुमार शुएब मनोज आविद अली रविन्द्र आदि मौजूद रहे।

अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन गोरखपुर में संपन्न


गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 22, 23 व 24 नवम्बर को आयोजित किया गया।

अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन कई ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह बना जिसमें लघु भारत, अनेकता में एकता, तथा विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन करने के अवसर मिले।

अभाविप द्वारा महेश्वर से पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष पर निकाली गई मानवंदना यात्रा प्रयागराज, अयोध्या से होते हुए अधिवेशन स्थल पर पहुंची। यात्रा के माध्यम से लोकमाता द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टता के पुनरुत्थान हेतु किए गए प्रयासों को जनसामान्य तक पहुंचाया गया, 21 नवंबर को गोरखपुर पहुंची इस यात्रा का स्वागत अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही व तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल द्वारा स्वागत किया गया।

अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में महंत अवेद्यनाथ को समर्पित एक विशाल प्रदर्शनी लगाई गयी, विशाल प्रदर्शनी सभागार का नाम ' महंत अवेद्यनाथ मंडप ' रखा गया। महंत अवेद्यनाथ को समर्पित प्रदर्शनी में गोरखपुर का वास्तविक इतिहास, स्वाधीनता आंदोलन की गौरवगाथा, विश्वगुरु भारत, विद्यार्थी परिषद का 75 वर्षों का इतिहास, विविध क्षेत्रों में अभाविप के आयामों के कार्य, राष्ट्रीय एकात्मता, पर्यावरण आदि विषय केन्द्र में रहे, 21 दिसम्बर को प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने किया।

अभाविप के महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने पूरे देशभर में अभाविप द्वारा किये गये क्रियाकलापों पर आधारित महामंत्री प्रतिवेदन रखा, जिसमें देशभर में हुए अभाविप के कार्यक्रम, गतिविधियाँ, आंदोलन तथा 55,12,470 सदस्यता के आकड़े की जानकारी दी।

अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में सत्र 2024-25 हेतु पुनः निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही और नव निर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को चुनाव अधिकारी डॉ. प्रशांत साठे ने पदभार ग्रहण कराया गया।

अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन 22 नवम्बर को जोहो कोर्पोरेशन के सीईओ श्री धर वेम्भू द्वारा किया गया। श्रीधर वेम्बू ने स्वावलंबन, इंटरप्रेन्योरशिप, रोजगार, युवाओं को भविष्य के दिशासूत्र, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि विषयों को अपने भाषण में प्रमुखता से उठाया।

अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अभाविप व विद्यार्थी निधि न्यास के संयुक्त उपक्रम प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार -2024 का वितरण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। इस वर्ष प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार श्रवण दिव्यांगजनों में कौशल विकास व शिक्षा के माध्यम से जीवन उद्देश्य और उत्साह उत्पन्न करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु महाराष्ट्र के ठाणे के दीपेश नायर को को प्रदान किया गया, इस पुरस्कार में ₹ 1,00,000/- की राशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह समाविष्ट हैं।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कुल 5 प्रस्ताव पारित किये गये जिनमें शिक्षा की गुणवत्ता, खाद्यान्न मिलावट, मणिपुर हिंसा जैसे गंभीर सामाजिक विषयों पर प्रस्ताव शामिल है।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन भारत के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है। अभाविप देश में हुए सकारात्मक परिवर्तन का परिचायक रहा है, अभाविप विचारों की प्रतिबद्धता और चरित्रवान विद्यार्थी निर्माण का कार्य करने वाला विश्व का सबसे विराट छात्र संगठन है जो अपने स्थापना के 76वर्ष बाद भी मजबूती से विस्तृत हो रहा है। अभाविप की घोषित यात्रा 'ध्येय यात्रा' है, किंतु हमारा उद्देश्य है सभी को साथ लेकर चलना और यही हमारी पारस्परिकता है। राष्ट्र हित के लिए जो भी निर्णय होगा वह सभी मिल कर करेंगे।

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में संस्कार और मूल्यों से परिपूर्ण गुणवत्तायुक्त शिक्षा की बात विद्यार्थी परिषद करती है। देश एक सुखद दौर से गुजर रहा है भारत रोजगार प्रदान करने का देश बन रहा है, भारत ने आपदा को अवसर में बदलकर विश्व के सामने एक मिशाल प्रस्तुत की है। यह दौर अब भारत का है, यह भारत हमारा है भारत के प्रश्नों का उत्तर हमें ढूंढना है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरक्ष प्रांत मंत्री श्री मयंक राय ने कहा कि भारतीय एकात्मकता के लिए अभाविप कार्यकर्ता निरंतर प्रयास कर रहे हैं। आज 76 वर्षों की अभाविप बहुआयामी वटवृक्ष का रूप ले चुकी है, जो समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए अभाविप कार्यकर्ता अपने रचनात्मक प्रयासों द्वारा परिवर्तन लाने का काम कर रहे हैं। विद्यार्थी परिषद में सामान्य से सामान्य कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। गोरखपुर सौभाग्यशाली है पूरे देश के कार्यकर्ताओं का आतिथ्य सत्कार का अवसर प्राप्त हुआ।

कस्तूरबा स्कूल में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किशोर मंच का आयोजन किया

खजनी गोरखपुर। केंद्र व प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण करने और उन्हें जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया गया है।आज खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने उसवां गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं को बीमारियों से बचाव के तरीके बताए और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किया गया।

इस दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी प्रश्नोत्तरी में छात्राओं से स्वास्थ्य से जुड़े दर्जनों प्रश्न पूछे गए,जिनका सही उत्तर देने वाली छात्राओं दिव्या,साक्षी,कृतिक्षा सिंह, पूजा, प्रियांशी, सपना, प्रिया यादव, सोनिका, मानसी, दिव्यांशी, अर्चना, लक्ष्मी को शील्ड और मेडल देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान पीएचसी की आर.बी.एस.के. टीम के प्रभारी डॉक्टर त्रिवेणी कुमार द्विवेदी, डॉक्टर सी.पी.यादव आॅप्टोमेटिस्ट जितेन्द्र मौर्या, विकास कुमार मेल स्टॉफ नर्स सुबेश राय और स्टॉफ नर्स विजयलक्ष्मी तथा स्कूल की वार्डन सीमा रावत शिक्षिकाएं ऋचा पांडेय, सना शगुफ्ता, निशा सिंह, ममता यादव, निधि सिंह, प्रतिभा चौहान, श्याम किंकर सिंह, गोपालधर दूबे मौजूद रहे।