डिप्टी सीएम के पद पर बैठकर सफेद झूठ बोल रहे सम्राट चौधरी, शर्म से डूब मरना चाहिए : तेजस्वी यादव

* डेस्क : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि उपमुख्यमंत्री के पद पर रहकर सम्राट चौधरी झूठा बयान दे रहे हैं। सम्राट चौधरी को ऐसा झूठा और असत्य बयान देने से पहले शर्म से डूब मरना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सम्राट चौधरी ने कल कहा था कि 1990 से 2004 तक हमलोगों (राजद) ने आरक्षण नहीं दिया। सम्राट चौधरी जी हमलोग की ही पार्टी में थे.. मंत्री भी बनाए गए थे क्या क्या हंगामा हुआ सब जान रहा है। लेकिन उनको जानकारी होना चाहिए कि लालू जी और राबड़ी जी की सरकार ने कितना आरक्षण लोगों को दिया। तेजस्वी ने बताया कि, 1978 में जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अतिपिछड़ों को 12 प्रतिशत, पिछड़ों को 8 प्रतिशत आरक्षण दिया था। उस समय भाजपा के लोग कर्पूरी जी के खिलाफ क्या क्या नारा लगाते थे। वहीं जब 1990 में लालू जी सरकार ने आए तो उन्होंने अतिपिछड़ों के 12 प्रतिशत आरक्षण को 14 प्रतिशत कर दिया। वहीं ठीक 10 साल बाद जब राबड़ी देवी 2000 में बिहार की पहली मुख्यमंत्री बनी तो उन्होंने 14 प्रतिशत के आरक्षण को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज वाला कहते हैं वो तो राबड़ी सरकार ने ही प्रस्ताव रखा था कोर्ट से निरस्त हुआ तो उसे सीएम नीतीश ने लागू किया। जो पंचायतों में अतिपछिड़ों का आरक्षण था और सच्चाई जान जानी चाहिए की आज जिसके दम पर राजनीति में हैं सम्राट चौधरी। मंडल कमीशन लागू कराने में लालू जी का योगदान नहीं भूलना चाहिए। लालू जी के चक्कर में बीपी सिंह को गाली खाना पड़ा। शर्म आना चाहिए इन मंत्रियों को जिनको इतिहास नहीं पत्ता। तेजस्वी ने कहा कि 2005 में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने उसके बाद से एसएसटी, ओबीसी आरक्षण की सीमा को कभी नहीं बढ़ाई गई। और फिर ये आरक्षण कब बढ़ी हमारे 17 महीने की सरकार में...हमलोगों ने पिछड़ों का अतिपिछड़ों के आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा कि कर्पूरी जी ने शुरुआत की फिर लालू राबड़ी जी ने आगे बढ़ाया फिर महागठबंधन की 17 महीने की सरकार बनी तो हमने उसे 65 प्रतिशत करने का काम किया।
बिहार विधान मंडल शीतकालीन सत्र : अपनी ही सरकार की एक योजना का लेकर बीजेपी ने उठाया सवाल, विपक्षी राजद ने भी दिया साथ*

डेस्क : बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। आज सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश होंगे। साथ हीं विधायकों के वेतन और भत्तों से संबंधित नियमावली में संशोधन पर चर्चा की जाएगी। वहीं सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही विपक्ष का भारी हंगामा देखने को मिल रहा है। आज सदन के बाहर विपक्ष के नेता आंखों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे। सदन के गेट पर विपक्ष के नेता तख्ती लेकर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वही सदन के अंदर आज एक और बड़ी बात हुई। सदन की कार्यवाही के दौरान भाजपा अपनी ही सरकार के एक योजना के खिलाफ राजद के साथ एकजुट हो गई। ग्राम पंचायतों में सफाई कार्य में लगे स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान नहीं होने और स्वच्छता कार्य में उपयोग किए जाने वाले ठेला किस्म की गाड़ियों की जर्जर स्थिति के मुद्दे पर भाजपा और राजद दोनों दलों के विधायक एकसुर में विरोध में उतर गए। भाजपा के अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने इस मुद्दे को उठाया। इस पर ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा पंचायतों में स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान एक वर्ष तक विभाग द्वारा किया जाता है। उसके बाद पंचायत अपने स्तर पर उनका भुगतान करती है। इसके लिए 30 रुपए प्रति महीना प्रति घर लेती है। हालाँकि श्रवण कुमार के इस जवाब पर भाजपा के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। राजद की ओर से सूर्यकान्त पासवान सहित कई सदस्यों ने एक सुर में कहा कि पंचायतों में स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान कई महीनों से शेष है। हालाँकि श्रवण कुमार ने कहा कि ऐसे स्वच्छता कर्मियों का नाम बताया जाए हम उनका मानदेय भुगतान 15 दिनों में कराएंगे। इस पर राजदस सदस्यों ने फिर से कहा कि यह संख्या कोई एक दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में है। ऐसे में स्वच्छता कर्मियों के मानदेय भुगतान के मुद्दे पर भाजपा और राजद के सदस्य एक सुर में सदन में नीतीश सरकार के विभाग के खिलाफ एकजुट दिखे।
बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र आज तीसरा दिन, काली पट्टी बांधकर विधान सभा पहुंचे विपक्षी सदस्य

* डेस्क : बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। आज सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश होंगे। साथ हीं विधायकों के वेतन और भत्तों से संबंधित नियमावली में संशोधन पर चर्चा की जाएगी। वहीं सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही विपक्ष का भारी हंगामा देखने को मिल रहा है। सदन के बाहर विपक्ष के नेता आंखों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे हैं। सदन में विपक्ष के नेता तख्ती लेकर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। एक ओर जहां राजद विधायक आखों पर काली पट्टी लगाकर पहुंचे हैं तो वहीं दूसरी ओर लिफ्ट के विधायक सामाजिक सुरक्षा पेंशन केरल के तर्द पर प्रति माह 3 हजार रुपए देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही जीविका आशा कर्मी और ममता को स्थायी कर 25000 वेतन देने की भी मांग कर रहे हैं। लिफ्ट विधायकों को कहना है कि बिहार सरकार जो पैसा दे रही है वो अपर्याप्त है। विधवा, विकलांग और वृद्धजनों को सरकार द्वार दिए गए 400 रुपए से कोई मदद नहीं मिल रहा है। इसलिए इस मंहगाई में बिहार सरकार को भी केरल के तर्ज पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3 हजार प्रति माह देना चाहिए। साथ ही लिफ्ट विधायकों की मांग है कि जीविका आशा कर्मी और ममता कर्मियों को स्थायी की जाए और 25000 हजार पेंशन दें। लिफ्ट विधायकों ने कहा कि सरकार केवल अडानी-अंबानी के बारे में सोचती है, सरकार बहरी हो गई है। राजद विधायक आंख पर काली पट्टी लगाकर सदन पहुंचे हैं। साथ ही उनके हाथों में तख्ती भी है जिसपर लिखा है कि 'मैं सुशासन बाबु हूं, मैं अंधा हो गया हूं, मुझे कुछ नहीं दिख रहा है"। दूसरे तख्ती पर लिखा गया है कि शराब नहीं किताब दो मदिरालय नहीं पुस्तकालय दो। दोनों तख्ती पर सीएम नीतीश का कार्टून भी बनाया गया है। राजद विधायक का कहना है कि, बिहार में अफसरशाही का बोलबाला है। बिहार में लूट-खसोट जारी है। राजद विधायक ने कहा कि बिहार में जिस तरह से घटनाएं घट रही है और सभी लोग कह रहे हैं कि सुशासन की सरकार है उनको मैं आइना दिखाना चाहता हूं कि यहां जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं है, बैग में शराब ले जाया जा रहा है, हर तरफ अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है। राजद विधायक मुकेश रौशन सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले बिहार विधानसभा के बाहर भारी बवाल काटा है।
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवन निर्माण कार्य और जिला अतिथि गृह का किया निरीक्षण, जल्द कार्य पूरा करने का दिया निर्दे


* डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते मंगलवार की शाम विधानमंडल की कार्यवाही खत्म होने के बाद वे आला अधिकारियों के साथ बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवन निर्माण कार्य और जिला अतिथि गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का निर्माण जल्द पूरा करने को कहा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिला अतिथि गृह के पुराने कमरों को तोड़कर यहां जो 55 कमरे का नया अतिथि गृह भवन बना है, उसके अनुरूप नया निर्माण कराया जाये। अतिथि गृह के इस नये निर्माण से आने वाले अतिथियों को काफी सुविधा होगी। उन्होंने जिला अतिथि गृह के अंदर के रास्तों को भी ठीक कराने और परिसर में पौधरोपण का भी निर्देश दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय भवन परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विवि भवन के बचे हुए निर्माण कार्य में तेजी लाकर जल्द पूर्ण कराएं। इसके पहले भवन निर्माण सचिव कुमार रवि ने निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
लैंड फॉर जॉब स्कैम : रेलवे के 30 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चलेगा मुकदमा, सीबीआई को गृह मंत्रालय से मिली मंजूरी*

डेस्क : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के कार्यकाल में हुए बहुचर्चित नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बड़ी खबर सामने आई है। अब इस मामले में रेलवे के 30 अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलेगा। मामले की जांच कर रही सीबीआई को गृह मंत्रालय से इस अनुमति मिल गई है। हालांकि, इसमें कुछ रेल अधिकारी सेवानिवृत हो गए हैं। जबकि कुछ अभी भी कई स्थानों पर तैनात हैं। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले में बीते मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने स्पेशल जज विशाल गोगने की अदालत में बताया कि मामले में आरोपी 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। यह भी बताया कि मामले में एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने का अभी इंतजार है। वहीं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 23 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया है। रेलवे के सभी नामजद कर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले में चार्जशीट दायर करने के बाद ही मांगी थी। इस मामले की जांच तकरीबन पूरी हो गई है। सीबीआई ने 6 मार्च 2024 को इस मामले में अंतिम चार्जशीट दायर की थी, जिसमें 78 नामजद आरोपी बनाए गए हैं। 38 वैसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने गलत तरीके से नौकरी प्राप्त की थी। जबकि, 30 सरकारी मुलाजिम हैं, जो रेलवे में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न पदों पर तैनात हैं। बताते चले कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के कार्यकाल में जमीन लेकर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी देने का फर्जीवाड़ा बड़े स्तर हुआ था। मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच सीबीआई को सितंबर 2021 को सौंपी गई थी। सीबीआई ने मई 2022 में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत उनके परिवार के सदस्य और करीबियों समेत 15 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। इस मामले की जांच में अब तक दो चार्जशीट दायर की जा चुकी है। पहली चार्जशीट 7 अक्टूबर 2022 और दूसरी चार्जशीट 3 जुलाई 2023 में दायर की गई थी। दोनों चार्जशीट राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर की गई थी।
बीपीएससी 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी, सीतामढ़ी के उज्जवल बने टॉपर

* डेस्क : बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी)ने 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। इस परीक्षा में सीतामढ़ी के रायपुर गांव के उज्ज्वल कुमार उपकर टॉपर बने हैं। वह आंगनबाड़ी सेविका के बेटे हैं। उज्ज्वल अभी वैशाली में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी हैं। दूसरे स्थान पर सर्वेश कुमार और तीसरा स्थान शिवम तिवारी को मिला है। शीर्ष-10 में छठे स्थान पर आई क्रांति कुमारी एक मात्र महिला हैं। शीर्ष-10 में पहला स्थान बनाने वाले बीसी कैटेगेरी के छात्र हैं। इसमें ईबीसी, ओबीसी और ईडलल्यूएस के उम्मीदवार भी जगह बनाने में सफल हुए हैं। अंतिम रूप से 470 उम्मीदवारों को सफलता मिली है। पांच पद खाली रह गए। साक्षात्कार में 972 उम्मीदवार उपस्थिति हुए थे, वहीं 33 अनुपस्थित थे। वहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के लिए 10 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इसमें साक्षात्कार के लिए 26 उम्मीदवार उपस्थति हुए। वित्तीय प्रशासनिक पदाधिकारी एवं समकक्ष 100 रिक्तियों के विरुद्ध 98 को सफल घोषित किया गया। दो पदों के लिए उम्मीदवार नहीं मिले। इन 100 पदों के लिए साक्षात्कार में 253 शामिल हुए और 9 अनुपस्थित रह गए। डीएसपी के तीन रिक्तियों के विरुद्ध एक उम्मीदवार का अंतिम रूप से चयन किया गया है।
बिहार पैक्स चुनाव : छिटपुट हिंसक घटनाओं को छोड़कर पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न, आज होगी मतो की गिनती

* डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव के पहले चरण का मतदान बीते मंगलवार को कुछ जगहों पर छिटपुट हिंसक घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। मंगलवार को 1346 पैक्सों में प्रबंध कार्यकारिणी के पदों के लिए वोट डाले गए। पहले दिन करीब 62 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं जिन पैक्सों में बीते मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ है, वहां आज बुधवार को मतगणना होगी। पटना जिले के आठ पंचायतों में करीब 63 फीसदी मत पड़े। रोहतास जिले के शिवसागर प्रखंड के पड़री मतदान केंद्र पर मतदान के दौरान मंगलवार की शाम असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की। यहां दो पक्षों के बीच दिन में तीन बार आपस में झड़प हुई थी। उधर, पूर्वी चंपारण के दरपा व कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र में जमकर बवाल हुआ। दरपा थाना क्षेत्र के तिनकोनी बूथ पर दो पक्ष आपस में भिड़ गए। इस दौरान एक मतदाता घायल हो गया। समझाने के दौरान उपद्रवी पुलिस से भी उलझ गए। इसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने दो राउंड हवाई फायरिंग की। मामले में पुलिस ने पैक्स उम्मीदवार रणविजय कुमार, वर्तमान पैक्स अध्यक्ष के पुत्र अशोक कुमार व सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, कुंडवा चैनपुर थाना के बलुआ गुआबारी में भी पुलिस से नोकझोंक हुई। औरंगाबाद के देव और कुटुंबा में भी झड़प और मारपीट हुई। पहले चरण में 179 पैक्सों में निर्विरोध निर्वाचन हो गया।
बिहार विस उपचुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज का प्रदर्शन प्रदेश के सत्ताधारी जदयू-बीजेपी के साथ राजद के लिए खतरे की घंटी !

डेस्क : बिहार में 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में चारों सीटों पर NDA ने जीत हासिल की है। यह चुनाव अगले साल 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले सत्ताधारी एनडीए और महागठबंधन के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। जिसमें एनडीए को बड़ी सफलता मिली। एनडीए ने राजद के कब्जे वाले दो सीटों पर जीत हासिल करते हुए चारों सीटों पर कब्जा कर यह साबित किया कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव में उसे बड़ी जीत हासिल हो सकती है।

हालांकि एनडीए भले ही इसे जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत मान रहा हो, लेकिन इस चुनाव में एक बड़ी बात देखने को मिली है। महज एक महीने पहले बनी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई हो और उसके तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। लेकिन जिस तरह से जनसुराज के प्रत्याशियों को वोट मिले है वह प्रदेश के तीनों बड़ी पार्टियों जदयू, बीजेपी और राजद के लिए खतरे की घंटी है। जनसुराज के प्रत्याशियों के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो यह बात साबित हो जाती है। वहीं प्रशांत किशोर ने भी कहा है कि वे इस तरह से चुनाव परिणाम से काफी खुश है और अगले चुनाव में जन सुराज प्रदेश के सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

आईए आपको बताते है आखिर ऐसा क्यों है। दरअसल उपचुनाव में करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। मीडिया से बातचीत करते हुए जनसुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को जिस सरकार में भरोसा है वह सरकार चलती रहे लेकिन हम आगे प्रयास करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी को घर-घर पहुंचने में 2 साल का समय लगा है। एक महीना पहले जन सुराज पार्टी बनी है और 10% वोट हासिल कर लिया। जबकि भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 30% के करीब वोट मिला है। जदयू को 11% वोट मिला है। राजद को 20% वोट मिला है। जनसुराज नई पार्टी थी और कार्यकर्ता भी नये थे और जिन जगहों पर चुनाव हुआ वहां हमने प्रचार ही नहीं किया था। जिस चार सीटों पर उपचुनाव हुए वहां जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई थी। एक प्रतिशत वोट भी अगर मुझे मिलता तो मुझे आश्चर्य नहीं होता। मेरा प्रयास आगे जारी रहेगा। 10% वोट जन सुराज को मिला है आगे वह 40% भी करने की जिम्मेवारी मैं लूंगा। राजद 30 साल पुरानी पार्टी है। हर जगह हारने के बाद दूसरे पर दोषारोपन कर रही है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बेलागंज के मुस्लिम वोटरों ने जदयू और भाजपा को वोट दिया। इमामगंज में हम चुनाव नहीं लड़ते हैं तो और बड़े अंतर से आरजेडी हारती। प्रशांत किशोर हारे या जीते यह चिंता की बात नहीं है। चिंता की बात यह है नीतीश कुमार को जनता फिर चुन रही है जिन्होंने बिहार का विकास ही नहीं किया। उन्होंने ऐलान किया कि जन सुराज 2025 में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष के बेटे तीसरे नंबर पर आए हैं। आरजेडी मेरे लिए कभी चुनौती नहीं रहेगा। एनडीए मेरे लिए चुनौती है।

नीतीश कुमार का चेहरा मेरे लिए चुनौती नहीं है। कैसे उम्मीदवार बेलागंज में दिया है यह सबको पता है। EVM को लेकर मुझे कोई शंका नहीं है। यह बेकार की बात है। अब बिहार में होने वाले एमएलसी चुनाव की तैयारी में लगने जा रहे हैं। मेरी ताकत वैसी नहीं थी इसलिए जनता ने मुझे 10% समर्थन दिया है। आगे फिर मजबूती से ताकत लगाएंगे। जनसुराज काफी मजबूती से चुनाव लड़ा और आगे और भी मजबूती से चुनाव लड़ेगा।

प्रशांत किशोर के इस दावे में कही न कही मजबूती दिखती है। महज एक महीने पहले बनी पार्टी के प्रत्याशियों को जिस तरह से वोट मिले है प्रत्याशियों के जमानत जब्त होने के बाद भी बड़ी उपलब्धि है। जन सुराज ने जिन चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था वहा प्रशांत किशोर ने पदयात्रा भी नहीं किया था। प्रशांत किशोर ने दो साल तक जो पद यात्रा कर जनता के बीच अपनी पैठ बनाई है वह उत्तर बिहार तक सीमित रहा था। ऐसे में यदि इन क्षेत्रों में पीके का कार्यक्रम हुआ रहता तो संभव है परिणाम चौकाने वाले हो सकते थे। ऐसे यह मानना अतिसोयक्ति नहीं होगा की जन सुराज अगले चुनाव में बिहार की बड़ी पार्टियों के लिए खतरे की घंटे हो सकती है।

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का नेता प्रतिपक्ष पर तीखा प्रहार, कहा-गुंडा राज चलाना चाहते है तेजस्वी, संवैधानिक पद पर रहने के योग्य नहीं है

डेस्क : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन हंगामेदार रहा। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण और जहरीली शराब से मौत के मुद्दे पर नीतीश सरकार और बीजेपी पर जमकर प्रहार किया। वहीं सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला।

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह वही लोग हैं जो जंगल राज को गुंडा राज के रूप में तब्दील करने में लगा था। अपने परिवार की जमींदारी बढ़ाने के लिए लोगों को भ्रमित करता है। लोगों के बीच अराजकता पैदा करता है। जातीय उन्माद पैदा करते हैं सच को नहीं स्वीकार करता है। जो अपने दल के अंदर लोकतंत्र नहीं ला सका। अपने दल के अंदर आरक्षण का सम्मान नहीं कर सका।

सदन की कार्यवाही के दौरान आरक्षण के कोटे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह व्यक्ति आरक्षण विरोधी संविधान विरोधी है। तेजस्वी यादव जमींदारी को चलाना चाहते हैं। इनको ना आरक्षण से मतलब है और ना ही संविधान से मतलब है। यह जनता को भ्रमित कर अपनी जमींदारी चलाने में लगे हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाकर उसका अपमान करें। संविधान के तहत दिए गए फैसले पर उंगली उठाकर लोगों के बीच भ्रम पैदा करें। ऐसे लोग संवैधानिक पद पर रहने के योग्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण के कोटे को बढ़ाने की बात तो दूर जब बिहार में जातीय गणना हो रही थी उसे वक्त महागठबंधन की सरकार नहीं थी बल्कि एनडीए की सरकार थी और फैसला एनडीए की सरकार ने ही लिया था। विजय सिंह ने तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था आखिर वह सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए इस पर उन्हें जवाब देना चाहिए। विजय सिन्हा ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता एक पार्टी का नाम लेकर बार-बार लोगों को बीच भ्रम पैदा करते हैं कि इस पार्टी के आ जाने से संविधान खत्म हो जाएगा।

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे बंधुआ मजदूर की तरह हाथ जोड़कर कांग्रेस के युवराज के सामने खड़ा रहते हैं। जो युवराज बोलते हैं उतना ही मल्लिकार्जुन खड़गे बोलते हैं। दुर्भाग्य है कि बाबा भीमराव अंबेडकर संविधान में इतनी ताकत दी है फिर भी कांग्रेस संविधान विरोधी मानसिकता की है। आरक्षण सिर्फ कांग्रेस गांधी परिवार नेहरू परिवार के लिए नहीं है बल्कि हर देशवासियों के लिए है।

विधान सभा में उठा जहरीली शराब से मौत का मामला तो भड़के मंत्री श्रवण कुमार, विपक्ष पर लगाए यह गंभीर आरोप

डेस्क : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई। दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सुबह-सुबह बिहार विधानसभा पहुंच गए हैं। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ सदन के बाहर खुद हाथ में पोस्टर लेकर खड़े हो गए। विपक्ष सदन के बाहर और अंदर आरक्षण को लेकर जमकर हंगामा किया। वहीं विधानसभा के अंदर जहरीली शराब से मौत के मामले को लेकर जोरदार हंगामा हुआ।

दरअसल बिहार के अंदर 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर हर दिन शराब से लोगों की जान जा रही है। ऐसे में आज शराबबंदी को लेकर बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र में विपक्ष के विधायक के तरफ से सवाल उठाया गया। उसके बाद विपक्ष के विधायक ने पूरक सवाल पूछने को कहा गया और उन्होंने अपना सवाल पूछा।

सोनपुर के विधायक रामनुज प्रसाद ने सरकार से सवाल किया कि हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र में दिनांक 24 सितम्बर, 2024 को प्रकाशित शीर्षक "जहरीली शराब से अबतक 156 मौत, सारण में सर्वाधिक 75 की गई जान" के आलोक में क्या मंत्री, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि क्या यह बात सही है कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अबतक प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 156 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि राज्य सरकार द्वारा की गई है, जिसमें से सर्वाधिक 75 मौतें सारण, पूर्वी चम्पारण में 55 तथा गोपालगंज में 33 मौतें हुई है, यदि हाँ, तो इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के बावजूद राज्य में शराबबंदी का क्या औचित्य है?

विपक्ष के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि जहरीली शराब से 156 मौतें हुई हैं। इसके बाद तेजस्वी यादव खड़े हुए। उन्होंने कहा कि 156 मौतें तो 3 महीने में हुई हैं। बिहार में हर ब्रांड की शराब मिल रही है। पुलिस वाले ट्रकों को मंजिल तक पहुंचा रहे हैं। गरीब लोगों पर कार्रवाई हो रही है। बड़े लोगों को छोड़ दिया जाता है। सरकार ने सदन के अंदर कहा कि 2016 से अब तक बिहार में 156 लोगों की शराब से मौत हुई है। 1998 से 2015 तक बिहार में 108 लोगों को मौत हुई थी। उन्होंने यह कहा कि शराब से जो मौत हो रही है उनके परिजनों के लिए सरकार क्या कर रही है और शराब कारोबारियों को लेकर क्या योजना बना रही है?

वहीं, विपक्षी विधायक के सवाल पर सरकार ने जवाब दिया कि पहले तो हम माननीय सदस्य ने कहा कि हजारों- हजार लोगों की शराब से मौत हो रही है तो उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि 2016 से लेकर अब तक 156 मौत हुई है। सदस्य को मैं बताना चाहता हूं कि जो शराब बेचकर या ताड़ी बेच करके अपनी जिंदगी बसर करते थे जो गरीब लोग थे उनको हमने ग्रामीण विकास विभाग के तहत जीविका के माध्यम से रोजगार का अवसर प्रदान किया है।

सरकार ने कहा लगभग डेढ़ लाख के आसपास लोगों को हमने चयनित किया है जो लोग शराब बेचकर अपना घर चलते थे आज उन लोगों को हमने रोजगार दिया है। इसको लेकर हमने उन्हें दो-दो लाख रुपए भी दिए हैं। इसके अलावा शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए ड्रोन से निगरानी किया जा रहा है और पुलिस टीम भी अपना काम कर रही है

इसके अलावा शराबबंदी में भी शराब बिक्री को लेकर बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि जो लोग आदत से मजबूर हैं और अभी भी शराब बेच रहे हैं जो लोग कानून की जानकारी रखते हुए भी कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं उनको भी चिन्हित कर कर हमने उन्हें जेल में भेजने का काम किया। उनकी संपत्तियों को भी नीलाम किया गया। सरकार की सोच बिल्कुल साफ है कि शराबबंदी जारी रहेगी इसमें कहीं कोई बदलाव नहीं होने वाला है।

इसके बाद नेता विपक्ष तेजस्वी यादव सदन में खड़ा हुए और कहा कि आपने जो डाटा दिया है वह सिर्फ 3 जिलों का है। क्या यह सच नहीं है कि इस कानून के तहत केवल गरीब लोगो पर एक्शन हो रहा है? बड़े ट्रक और कारोबारी पर क्या कोई एक्शन हुआ है ? मुझे तो लगता है कि इसमें किसी बड़े लोगों कि मिलीभगत है।सीएम साहब इसको लेकर समीक्षा करते हैं अच्छी बात है, लेकिन कभी इन बातों को लेकर समीक्षा हुई है क्या?

वहीं सरकार ने उल्टा विपक्ष पर ही सवाल उठा दिया कि इन लोगों ने भी यह शपथ लिया था कि कोई भी शराब बेचने वाले की जानकारी इन्हें मिलेगी तो उसकी जानकारी यह सरकार को देखेंगे, लेकिन अब तक इन्होंने किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।