लैंड फॉर जॉब केस: 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ चलेगा केस, CBI को मिली अनुमति
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले के मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान CBI ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी संबंधित अथॉरिटी से मिल चुकी है. जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने का अभी भी इंतजार है. वहीं इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पहले ही CBI को मिल चुकी है. मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी.
लालू प्रसाद यादव को जमीन के बदले नौकरी के जिस मामले में आरोपी बनाया गया है वह साल 2004 से 2009 का मामला है. उस समय लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. लालू के अलावा मामले में उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियां (मीसा भारती और हेमा यादव) के अलावा 12 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए थे. सीबीआई के आरोप के मुताबिक लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए बड़े पैमाने पर रेलवे में नौकरी देने में गड़बड़ी की गई थी.
क्या है मामला
आरोप के मुताबिक लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे. आरोप यह भी लगा कि आवेदकों से जो जमीनें ली गई हैं उसे लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारत के नाम पर लिया गया.केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी.
आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी
राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को सुनवाई के दौरान सक्षम प्राधिकारी को लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़े मामले में आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह के भीतर मंजूरी देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया था जब उन्हें सीबीआई ने बताया था कि मंजूरी रेलवे बोर्ड में सक्षम प्राधिकारी के पास लंबित है. मंजूरी मिलने में दो हफ्ते लग सकते हैं.
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें सूचित किया गया है कि मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने में दो सप्ताह और लग सकते हैं. उस दौरान कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सक्षम प्राधिकारी पर दबाव डाला गया है. कोर्ट में तीन आरोपपत्र और दो पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए थे. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सक्षम प्राधिकारी एक सप्ताह के भीतर मंजूरी दे दें. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर के लिए तय की थी.
Nov 26 2024, 17:53