नांदेड़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण की रोमांचक जीत, हारते-हारते आखिर में BJP से जीत दर्ज की।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे कल सामने आए, इसके साथ ही देश की कई विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के भी नतीजे आए. महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रविन्द्र वसंतराव चव्हाण ने 1457 वोटों से जीत हासिल की है. बीजेपी के प्रत्याशी संतुकराव हंबर्डे एक समय तक 35000 वोटों की लीड लिए हुए थे, लेकिन आखिरी के कुछ राउंड ने पूरे चुनाव का पाला ही पलट गया. कांग्रेस को 586788 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी हंबर्डे को 585331 वोट प्राप्त हुए.

दरअसल यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन से खाली हो गई थी. लोकसभा चुनाव के 2 महीनों के बाद ही कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया था. उपचुनाव में कांग्रेस ने यहां से उनके बेटे को मैदान में उतारा था. बीजेपी ने यहां से संतुकराव मारोतराव को अपना प्रत्याशी बनाया था. हालांकि दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला.

पीएम मोदी के दावे के बाद हार गई बीजेपी

दिल्ली बीजेपी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने भाषण के दौरान दावा कि महाराष्ट्र की नांदेड़ में जीत के साथ महाराष्ट्र में बीजेपी के लोकसभा सीटों का आंकड़ा 9 से बढ़कर 10 हो गया है. हालांकि तब तक इस सीट का फाइनल रिजल्ट सामने नहीं आया था. पीएम की स्पीच की कुछ समय बाद रिजल्ट आया जिसमें बीजेपी यह सीट हार चुकी थी, पीएम मोदी के दावे के पीछे की वजह ये भी थी कि इस सीट पर बीजेपी एक समय पर बड़े मार्जिन से आगे चल रही थी.

कैसा था वसंतराव चव्हाण का राजनीतिक सफर

नांदेड़ जिले के नायगांव में जन्मे वसंतराव चव्हाण लंबे समय तक ग्राम पंचायत सदस्य रहे और बाद में 1990 और 2002 में जिला परिषद सदस्य बने थे. वे 2002 में महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए चुने गए और नायगांव विधानसभा सीट से राज्य विधानसभा के सदस्य बने. वे 2009 से 2014 तक विधायक भी रहे, वे 2021 से 2023 तक नांदेड़ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रहे.69 साल की उम्र में साल 2024 के लोकसभा चुनाव में नांदेड़ लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे, लेकिन चुनाव के दो महीने बाद ही किडनी की बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था. अब इस लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उनके बेटे रवींद्र चव्हाण ने जीत दर्ज की है.

नांदेड़ में घट गया कांग्रेस के जीत का मार्जिन

लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस ने वसंतराव चव्हाण को मैदान उतारा था, उस चुनाव में चव्हाण ने बीजेपी उम्मीदवार प्रतापराव चिखलीकर को 59 हजार से अधिक वोटों से चुनाव में शिकस्त दी थी, लेकिन यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का मार्जिन सिमट गया. इस सीट से वसंतराव चव्हाण के बेटे रविन्द्र चव्हाण महज 1457 वोटों से चुनाव जीत पाए. मतगणना के दौरान एक समय ऐसा माना जा रहा था कि यह सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गईं, लेकिन शाम होते होते यहां से कांग्रेस ने मामूली अंतर से जीत दर्ज कर ली.

क्या है नांदेड़ लोकसभा सीट का इतिहास

साल 2014 में नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी के निवर्तमान सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत चह्वाण के बीच मुकाबला था. वसंत चह्वाण ने 59,442 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. वसंत को चुनाव में 5,28,894 वोट मिले थे, जबकि प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 4,69,452 वोट आए थे. नांदेड़ राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक होने के साथ एक जिला भी है.

साल 2019 के संसदीय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई और प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर सांसद बने. चिखलीकर को 486,806 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 4,46,658 वोट मिले.

नांदेड़ के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. इस सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव टेलकीकर को जीत हासिल हुई थी. फिर 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने देवराव नामदेवराव कांबले को टिकट दिया और वो विजयी हुए. 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव को जीत हासिल हुई. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला और वेंकटराव तिरोडकर को मैदान में उतारा और वह भी विजयी रहे.

कर्नाटक: दहेज उत्पीड़न से तंग आकर गर्भवती महिला ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बता गई दर्द

कर्नाटक के बेंगलुरु में दहेज उत्पीड़न से तंग आकर एक महिला ने आत्महत्या कर ली. महिला ने जिस समय आत्महत्या की, तब वह प्रेग्नेंट भी थी. यानी एक साथ दो जानें चली गईं. महिला की शादी को महज दो साल हुए थे. मामला बेंगलुरु के डोड्डाबल्लापुर से सामने आया है, जहां रूपा नाम की महिला की दो साल पहले तालुक के गुम्मनहल्ली निवासी सुरेश से शादी हुई थी.

रूपा और सुरेश ने पसंद से शादी की थी. शादी के कुछ दिन बाद ही रूपा के ससुराल वालों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था. बार-बार उससे अपने घर से पैसे मांगने के लिए कहा जाता. रूपा को उसके सास-ससुर के साथ साथ उसका पति भी पैसों के लिए प्रताड़ित करता था. रूपा से उसका पति सुरेश कहता था कि अगर किसी और से शादी की होती तो ज्यादा दहेज मिलता.

महिला का पति गिरफ्तार

रूपा ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट लिखा और फोटो खींचकर अपने भाई को भेजी, जिसमें उसने दहेज उत्पीड़न की बात लिखी. उसने लिखा कि उसकी मौत के जिम्मेदार उसके ससुराल वाले हैं, जिन्होंने उसे इतना तंग किया कि उसने अपनी कोख में पल रहे बच्चे समेत अपने आप को खत्म कर लिया. मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रूपा के पति सुरेश को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है. रूपा के ससुर एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं और उन्होंने दहेज उत्पीड़न के आरोप से इनकार कर दिया.

मेरी जिंदगी नरक…”

रूपा ने सुसाइड नोट में लिखा, “नमस्कार भाई, मैंने आपकी बात न मानकर गलती की और शादी कर ली. मेरी शादी को 2 साल हो गए हैं. मैं यहां सही नहीं हूं. मेरी जिंदगी नरक हो गई है. मैं अब जीना नहीं चाहती. हो सके तो मुझे माफ कर देना. अगले जन्म में, मैं आपका कर्ज चुकाऊंगी. मेरे पिता, माता और दादी को मेरा आखिरी प्रणाम. मेरी मौत के लिए मेरी सास, ससुर, मेरे पति और मेरे पति का परिवार जिम्मेदार है. मेरी सास देवम्मा, चाचा नरसिम्हा मूर्ति और पति सुरेश को सजा मिलनी चाहिए.”

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में भालुओं की बढ़ती संख्या से ग्रामीणों में दहशत, रात में गांवों में घूमने वाले भालूओं से ग्रामीण परेशान।

राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगर के साथ पैंथर, लेपर्ड और भालुओं की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. रणथंभौर से सटे गांवों में जहां कई बार टाइगर मूवमेंट देखी जाती है. वहीं अब टाईगर के बाद पैंथर, लेपर्ड और भालुओं की मूवमेंट भी आबादी वाले क्षेत्रों देखी जाने लगी है. रणथंभौर से सटे खंडार क्षेत्र के तलावड़ा , गोठ बिहारी, निमली, जैतपुर, बहरावंडा, नायपुर समेत कई गांवों में भालू रात के समय रणथंभौर के जंगलों से निकल कर आबादी वाले क्षेत्र में घुस आते हैं, जिससे गांव वालों में दहशत बनी रहती है.

पिछले करीब 10-15 दिनों से रणथंभौर से सटे खंडार क्षेत्र के तलावड़ा के गोठ बिहारी गांव में भालू के भ्रमण से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है. तलावड़ा और गोठ बिहारी गांव में तकरीबन हर रात भालू आ जाता है और दुकानों, घरों के दरवाजे तोड़ने की कोशिश करता है. गांव के आबादी वाले क्षेत्र में भालू की मूवमेंट की ग्रामीणों ने कई बार वन अधिकारियों को जानकारी दी है, लेकिन फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

गांव की गलियों में घूम रहा भालू

नीरज, कैलाश, मुकेश और बाकी गांव वालों ने बताया कि रात होते ही भालू रणथंभौर के जंगलों से निकलकर गांव के आबादी वाली क्षेत्र में आ जाता है और गांव की गलियों में घूमता रहता है. इससे गांव वालों में हर वक्त भय का माहौल बना रहता है. यही नहीं भालू रात को खाने पीने की तलाश में लोगों के घरों के दरवाजे तोड़ने की भी कोशिश करता है. भालू ने गांव के मुकेश योगी की दुकान का दरवाजा तोड़ दिया था और दुकान में रखी मिठाईयां, गुड़ समेत खाने का बाकी सामान खा गया था.

वन अधिकारियों से शिकायत

इसी तरह भालू गांव के भैरूजी के मंदिर का दरवाजा तोड़ कर मंदिर में घुस गया और मंदिर में रखा घी, गुड़ और मिठाईयां चट कर गया. गांव वालों का कहना है कि उन्होंने वन अधिकारियों से भालू को पकड़कर कहीं और छोड़ने की कई बार मांग की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसी तरह रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर परिसर में बनी दुकानों में भी रात के समय भालू आ जाते हैं. कई बार दुकानों और गोदामों का दरवाजा तोड़कर भालू मिठाईयां, घी और अन्य खाद्द सामग्री खा जाता है.

दुकानों के अंदर घुस रहा भालू

दुकानदार रोज रात को रणथंभौर दुर्ग स्थित मिठाइयों और प्रसाद की दुकानों के दरवाजे मजबूती से बंद करते हैं. ऐसे में अगर किसी भी दुकान का दरवाजा थोड़ा भी कमजोर रह जाता है, तो रात को भालू उसे तोड़ देता है और मिठाईयां और घी चट कर जाता है. इतना ही नहीं भालू घी और मिठाईयां खाने के लिए कई बार कच्ची दुकान और गोदाम की दीवार में भी छेद कर देता है.

लोहे के ड्रम में रख रहे मिठाइयां

रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर परिसर में भालुओं का मूवमेंट हमेशा बना रहता है. इससे परेशान होकर दुकानदार शाम होते ही मिठाईयां ओर घी गुड़ जैसी खाद्द सामग्री को लोहे के बक्सों, आलमारियों या लोहे के ड्रम में रखकर जाते हैं. ताकी भालुओं से बचाई जा सके. रणथंभौर दुर्ग में तो यह सिलसिला इसी तरह सालों से चल रहा है लेकिन रणथंभौर से सटे ग्रामीण इलाकों में अब धीरे धीरे भालूओं का मूवमेंट बढ़ने लगा है, जिससे ग्रामीणों में हमेशा दहशत बनी रहती है.

नीतीश कुमार ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के दो भवनों का किया शिलान्यास

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और शैक्षणिक भवन का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने शिलापट्ट का अनावरण किया. बताया जा रहा है कि इसकी लागत 212.86 करोड़ रुपये है. इस परियोजना का कुल क्षेत्रफल करीब छह लाख सात हजार छह सौ वर्ग फीट है. इसकी कार्य अवधि करीब 24 महीने है. परियोजना का क्रियान्वयन बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है.

इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने नीतीश कुमार को गुलदस्ता भेंट किया. इसके साथ ही उनका अभिनंदन किया गया. इस दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के साथ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह उपस्थित रहे. इसके अलावा मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक, एसएसपी राजीव मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

नीतीश कुमार को दी गई सारी जानकारी

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय बख्तियारपुर, पटना के प्रशासनिक भवन और शैक्षणिक भवन से जुड़ी सभी जानकारियां सीएम नीतीश कुमार को दी गईं. इसके लिए साइट प्लान मैप की मदद ली गई. बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के आसपास के इलाकों का सर्वे किया गया. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को कुछ निर्देश भी जारी किए हैं.

यातायात को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा ये काम

नीतीश कुमार ने कहा कि इस मार्ग पर यातायात को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि इस जगह को फोरलेन से जोड़ा जाएगा. इसके लिए निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड और सर्विस रोड के निर्माण में तेजी लाई जाएगी. इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया. काम के पूरा होने के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ बख्तियारपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय परिसर में आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना 18 मार्च 2018 को हुई थी. पटना और नालंदा के सभी कॉलेज इस विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. हालांकि, पटना विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज इसमें शामिल नहीं हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी की ऐतिहासिक प्रचंड जीत पर पीएम मोदी ने दिया बड़ा संदेश

महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है. गठबंधन ने 228 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. 6 सीटों पर बढ़त बना रखी है. इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस जीत पर पीएम मोदी ने पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पीएम ने कहा, महाराष्ट्र में पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूटा है. तुष्टिकरण की हार हुई है. विकासवाद और सुशासन की जीत हुई है. सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है.आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है. विभाजनकारी ताकतें हारी हैं. आज परिवारवाद की हार हुई है.

पीएम मोदी ने कहा,यह लगातार तीसरी बार है जब बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. यह ऐतिहासिक उपलब्धि है.यह जीत बीजेपी के शासन मॉडल पर मुहर है.महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी को कांग्रेस और उसके सहयोगियों से भी ज्यादा सीटें दी हैं. इससे पता चलता है कि जब सुशासन की बात आती है तो देश सिर्फ बीजेपी और एनडीए पर भरोसा करता है.

महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है ‘एक हैं तो सेफ हैं’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम ने सोचा था कि संविधान और आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर एसटी-एसटी और ओबीसी को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे.कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है.महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है ‘एक हैं तो सेफ हैं’.

इस धरती ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए

पीएम ने कहा, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव ने एकजुटता का संदेश दिया है. ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ ये आज देश का महामंत्र बन चुका है. छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू जी महाराज, महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहब ठाकरे… ऐसे महान व्यक्तित्व की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी भी प्री-पोल अलायंस के लिए सबसे बड़ी जीत है.

वोटर, ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इंडिया गठबंधन वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं. ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते. ये लोग आज भी देश के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं. देश का वोटर, ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ है, जो ‘कुर्सी फर्स्ट’ का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता.

बिहार के छपरा में सेना के जवान की शादी में हाई वोल्टेज ड्रामा: प्रेमिका के दावे के बाद पुलिस ने कराई शादी

बिहार के छपरा जिले में सेना के जवान की शादी में हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया. जवान की शादी की तैयारी चल रही थी. बारात निकलने ही वाली थी कि अचानक से जवान के घर पर उसकी प्रेमिका पहुंच जाती है. प्रेमिका दावा करने लगती है कि हम दोनों की शादी 8 साल पहले ही हो चुकी है. जब परिवार वाले और जवान खुद इस बात को मानने से तैयार नहीं हुआ, तो प्रेमिका ने पुलिस की मदद लेते हुए जवान के साथ शादी रचाई.

छपरा जिले के माझी थाना क्षेत्र में रहने वाले सेना के जवान पप्पू की शादी उत्तर प्रदेश की एक युवती से तय हुई थी. दोनों ही परिवार में शादी समारोह को लेकर तैयारी जोरों-शोरो से चल रही थी. शुक्रवार को जवान की बारात निकलने को तैयार हो रही थी कि जवान की प्रेमिका अचानक से उसके घर पहुंच गई. इस दौरान प्रेमिका दावा करने लगी कि पप्पू और उसकी शादी 8 साल पहले ही हो गई है. आगे वह कहता है कि मैं इस को नहीं होने दूंगी.

पुलिस ने कराई शादी

दूल्हे और उसके परिवार वालों ने जब युवती की बात नहीं मानी, तो उसने माझी थाने में जाकर दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. मामले की जानकारी होते ही जवान पप्पू की होने वाली पत्नी भी छपरा पहुंच गई. पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और शुक्रवार देर शाम सेना के जवान की शादी आठ साल पुरानी प्रेमिका से कराई. दोनों की शादी मांझी रामघाट में स्थित हनुमान गढ़ी मन्दिर में हुई है.

जवान को दी कानूनी कार्रवाई की धमकी

इस शादी समारोह में मांझी नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि बिट्टू राय समेत कई दर्जन लोग गवाह बने. जवान पप्पू की शादी उत्तर प्रदेश जिस लड़की के साथ तय हुई थी, उसने पप्पू को प्रेमिका से शादी करने के बाद कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है. माझी थाना अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों के समझौते के बाद शादी कराई गई है.

सीएम नीतीश कुमार ने बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण

बिहार की चार विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजों पर आज सबकी निगाहें टिकी हैं. इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को मीठापुर में निर्माणाधीन बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ प्रतिमा एस वर्मा और भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने इस परियोजना से जुड़ी तमाम जानकारियां दीं. विस्तृत जानकारी देने के लिए रेखाचित्र का सहारा लिया गया. इसके जरिए बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य से जुड़ी तमाम बातों पर चर्चा की गई.

निरीक्षण के दौरान नीतीश कुमार ने इस परियोजना से जुड़े सभी बिंदुओं को सामने रखा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के मुख्य भवन, प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन, परीक्षा और मूल्यांकन भवन, ऑडिटोरियम, स्टाफ क्वार्टर समेत सभी संरचनाओं का निर्माण सही तरीके से होना चाहिए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि परिसर अच्छा दिखना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने प्रमुख शिक्षण संस्थानों के निर्माण पर भी प्रकाश डाला.

नीतीश कुमार ने क्या कहा ?

नीतीश कुमार के मुताबिक मीठापुर इलाके में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, निफ्ट, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी और मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय जैसे बड़े शिक्षण संस्थान बनाए जाने चाहिए. सीएम का कहना है कि ये इलाका काफी अच्छा हो गया है और जब दो विश्वविद्यालयों से संबंधित निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तो यह इलाका पहले से भी बेहतर हो जाएगा.

तमाम अधिकारी थे मौजूद

सीएम नीतीश कुमार के इस निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस वर्मा मौके पर थे. इसके अलावा बिहार स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति एसएन सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, पटना एसएसपी राजीव मिश्रा, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश कांत वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई 2022 को हुई. इसकी स्थापना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के बच्चों को उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा के लिए की थी. इसके निर्माण के लिए पटना के मीठापुर में 05 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी.

पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक सदस्य को किया गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने 30 लाख की फिरौती मांगने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपी की तलाश साल 2021 से कर रही थी, लेकिन आज यानी शनिवार को पुलिस को इस मामले में बड़ी सफलता मिली है. बताया जा रहा है कि पकड़ा गया आरोपी बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में फरार चल रहे जीशान अख्तर का साथी है. पुलिस का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी कई अपराधिक मामले में शामिल रह चुका है

पंजाब के जालंधर से पुलिस ने सितंबर 2021 में 30 लाख की फिरौती मांगने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी ने दर्शन लाल नाम के एक व्यक्ति से व्हाट्सएप कॉल करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. आरोपी ने कॉल पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा होने का दावा किया था. वहीं, उसने दर्शन लाल को पैसा नहीं देने पर बेटे शेर कुमार को जान से मारने की धमकी भी दी थी. पीडित शख्स ने तुरंत इस बात की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी.

2021 से फरार चल रहा था आरोपी

पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करके पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अब पकड़ा गया यह आरोपी 2021 से ही फरार चल रहा था. इस मामले में मुख्य आरोपी विशाल सभरवाल उर्फ भरथू अभी भी चल रहा है, जिसकी तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हुई है. मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने बताया कि आरोपी को नाकेदार पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले 30 लाख रुपये की फिरौती के मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तार हो चुकी है.

आरोपी का बड़ा आपराधिक इतिहास

पकड़े गए आरोपियों की पहचान अंकुश उर्फ भैया, गगनदीप सिंह उर्फ बब्बू, मुहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जेसी, करनैल सिंह उर्फ बॉबी और रोहित के तौर पर हुई है. एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच एसपी जसरूप कौर बाठ कर रही हैं. आरोपी का एक लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है. पुलिस अदालत से आरोपी की रिमांड लेकर मामले की जांच पड़ताल करेगी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम: महायुति की जीत के बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने क्या कहा? जानें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. कई सीटों पर जीत-हार का ऐलान हो चुका है. कई जगह अभी काउंटिंग जारी है. महायुति (बीजेपी, शिवसेना ‘एकनाथ शिंद’, एनसीपी ‘अजित पवार’) 220 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए ये ऐतिहासिक जीत है. चुनाव परिणाम को लेकर महायुति के तीनों दलों (देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, एकनाथ शिंदे) के बड़े नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आइए जानते हैं किस नेता ने क्या कहा…

चुनाव परिणाम पर अजित पवार ने कहा, लोकसभा में हमसे जो भी गलतियां हुई थीं, हमने उनको दुरुस्त करने की कोशिश की. हमने कुछ योजनाएं शुरू कीं. इसमें लाडली बहन योजना भी थी, जो निर्णायक साबित हुई. जब से मैं राजनीति कर रहा हूं, मैंने कभी नहीं देखा कि राज्य में किसी गठबंधन को 2 सौ से ज्यादा सीटें मिली हों. इस चुनाव में हमारी विरोधी पार्टियां पस्त हो गईं.

हमने आंकड़े देखे और देवेंद्र को फोन किया

अजित ने कहा, जैसे-जैसे हमने आंकड़े देखे और देवेंद्र को फोन किया और कहा कि हमें बहुत काम करना होगा. हमें केंद्र सरकार का सपोर्ट है, ये बड़ा आधार है. आज इन नतीजों को लेकर बहुत सारे लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं. ये वही लोग हैं जो लोकसभा चुनाव में खुश थे. राज्य का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जहां हमें निराशा मिली हो.

उन्होंने कहा, बहुत जगह अभी वोटों की गिनती चल रही है. हमारी सीटें और भी बढ़ सकती हैं. हमें लोगों के लिए बहुत काम करना पड़ेगा क्योंकि लोगों ने इतनी बड़ी जीत दी है. जनता ने जो भरोसा जताया है, उस पर हम खरे उतरेंगे. लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम राज्य को आगे ले जाएंगे.

जनता के भरोसे को हम कायम रखेंगे

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, थोड़ी देर पहले ही मैंने अपनी बात रखी है. मैं राज्य की जनता के सामने नतमस्तक हूं. ये जीत हमारी जिम्मेदारी बढ़ाने वाली जीत है. जनता ने पीए मोदी पर भरोसा जताया है. जनता के भरोसे को हम कायम रखेंगे.

एकनाथ शिंदे ने कहा, आज महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक दिन है. पिछले बहुत सालों से आप चुनाव देख रहे हैं लेकिन यह चुनाव लोगों ने अपने हाथ में लिया था. यह ऐतिहासिक विजय है. लोगों ने हम पर प्रेम और वोटों की बारिश की है. लाडली बहन योजना, लाडला किसान योजना को लेकर लोगों ने बहुत प्रेम जताया है. इसके लिए मैं जनता का आभार व्यक्त करता हूं.

हमने सबके लिए काम किया

उन्होंने कहा, पिछले सवा दो साल में हमने बहुत काम किया है. हमने जो फैसला लिए वो पहले कभी नहीं लिए गए. महाविकास अघाड़ी ने जो काम बंद कर दिए थे, हमने वो शुरू किए. हमने चुनाव में कहा था कि पूरे राज्य का विकास हो और सभी को लाभ मिले. अटल सेतु, मेट्रो जैसे हमने कल्याणकारी काम किए. जिसका हमें लाभ भी मिला.

शिंदे ने कहा, हमने बुजुर्गों के लिए काम किया. किसानों के लिए काम किया. किसानों को हमने 15 हजार करोड़ का मुआवजा भी दिया है. हमारा मकसद राज्य को आगे लेकर जाना है. केंद्र सरकार से हमें इसके लिए मदद मिलती रही. लोग हम पर आरोप लगाते रहे कि हम रेवड़ियां बांट रहे हैं. हमने इन आरोपों का सामना किया. लाडली बहन योजना जैसी योजनाओं का बहनों को लाभ मिला. हमने इसका प्रोसेस भी सरल किया. जिससे लोगों को भरोसा हुआ कि बात करने वाली नहीं काम करने वाली सरकार है.

लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया

उन्होंने कहा, ये आम लोगों की सरकार है. लोगों को इस बात का भरोसा है. हम कॉमन मैन के लिए काम करके उसे सुपरमैन बनाना चाहते हैं. विपक्ष ने लोकसभा के चुनाव में फेक नैरेटिव चलाया था. बावजूद इसके लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया और उनको फिर से पीएम बनाया. हम जब से सत्ता में आए तब से ये लोग सरकार गिरने की बातें कर रहे थे. हमने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया. हमने अपने काम से जवाब दिया. हम लोग जनता के बीच रहने वाले लोग हैं.

शिंदे ने कहा, कार्यकर्ता घर में नहीं लोगों के दरवाजे पर अच्छा लगता है. 2019 में जो सरकार बननी चाहिए थी वो सरकार नहीं बनी, ये चीज लोगों को पसंद नहीं आई. फिर लोगों ने तय कर लिया कि शिवसेना और एनसीपी किसकी है… शिंदे की इस बात पर देवेंद्र और अजित खिलखिलाकर हंस पड़े.

उन्होंने कहा, इस चुनाव में हमने मिलकर काम किया. मोदी जी ने विकास के लिए एक साथ आने की अपील की थी, लोगों ने इसका गलत अर्थ निकालने की कोशिश की, जिन लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, उन्हें जवाब मिल चुका है. शिंदे ये बात पीएम मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर कही.

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद गौतम अडानी के अच्छे दिन आएंगे? महायुति की जीत के बाद अडानी के शेयरों में तेजी की उम्मीद.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ महायुति की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है. भले ही अभी ये तय ना हो कि राज्य में चीफ मिनिस्टर के तौर पर कौन शपथ लेगा? यहां एक सवाल और भी है, वो ये कि इस जीत के बाद क्या गौतम अडानी के अच्छे दिन आएंगे? ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योकि गौतम अडानी चुनाव के दौरान एक प्रमुख मुद्दा थे. जिसे विपक्ष ने भुनाने की कोशिश की थी. विपक्ष के नेताओं ने तो यहां तक कह डाला था कि अगर उनकी महाराष्ट्र में सरकार बनी तो अडानी के तमाम प्रोजेक्ट्स को कैंसल कर दिया जाएगा. जिसमें धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट काफी अहम हैं.

इसके अलावा अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से आई रिपोर्ट और गिरफ्तारी वॉरंट की खबर के बाद गुरुवार को शेयरों में काफी बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. शुक्रवार को रिकवरी जरूर हुई, लेकिन शेयरों में गिरावट जारी रही. महायुति की सरकार बनने के बाद क्या इन शेयरों में भी इजाफा देखने को मिलेगा? आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर महाराष्ट्र की जीत गौतम अडानी के लिए क्यों अहम बन गई है और इसका फायदा गौतम अडानी को कैसे मिल सकता है?

महाराष्ट्र में महायुति जीत, फोकस में अडानी के शेयर

सोमवार को शेयर बाजार जब ओपन होगा तो अडानी ग्रुप के शेयर फोकस में रहेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है महाराष्ट्र में महायुति यानी बीजेपी की अगुवाई में मिली जीत का असर गौतम अडानी के शेयरों में देखने को मिल सकता है. अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट एंड एसईजेड, अडानी पॉवर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अंबूजा सीमेंट, एसीसी लिमिटेड के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है. उससे पहले गुरुवार को न्यूयॉर्क से आई खबर के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. वहीं शुक्रवार को कंपनियों के शेयरों में रिकवरी तो जरूर देखी गई, लेकिन कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई. सोमवार को अडानी के शेयरों में तेजी का माहौल बनता हुआ दिखाई दे सकता है.

धारावी प्रोजेक्ट पर बड़ी राहत

वहीं महायुति की जीत के बाद अडानी को धारावी प्रोजेक्ट पर बड़ी राहत मिल गई है. जैसा कि हमने आपको बताया कि गौतम अडानी को धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट देने का मुद्दा पूरे चुनाव में गर्माया रहा. राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे लगातार गौतम अडानी को केंद्र में रखकर राज्य और केंद्र सरकार को घेरते हुए नजर आए थे. जिस तरह के नतीजे महायुति के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, उससे साफ हो गया है कि धारावी के मामले में आम लोगों को अडानी से कोई दिक्कत नहीं है. आने वाले दिनों में धारावी प्रोजेक्ट पर गौतम अडानी तेजी के साथ काम शुररू कर सकते हैं. ये कुल प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ रुपए का है. जिसमें 80 फीसदी स्टेक गौतम अडानी का है. जबकि 20 फीसदी की हिस्सेदारी है. जिसके पहले फेज में करीब 5,100 करोड़ रुपए खर्च होगा.

दो दिनों में दौलत में कितनी आई गिरावट

गुरुवार और उसके बाद शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आने की वजह से गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग बिलेलियर्स इंडेक्स आंकड़ों के अनुसार गौतम अडानी को दो दिनों में 14.7 अरब डॉलर यानी 1.24 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जिसके बाद गौतम अडानी की कुल दौलत 70.8 अरब डॉलर हो चुकी है. जिसकी वजह से गौतम अडानी की दुनिया के टॉप 20 अरबपतियों की लिस्ट से भी बाहर हो गए हैं. सोमवार को जब शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलगी तो अडानी की दौलत में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इसका मतलब है कि महायुति की जीत गौतम अडानी के लिए काफी बड़ी हो गई है.