महाराष्ट्र में बीजेपी ने अकेले पार किया 100 का आंकड़ा, क्यों है दोस्त शिंदे और अजित के लिए टेंशन?

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महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है। शुरुआती दो घंटों में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच टक्कर दिखी, लेकिन ढाई घंटे बाद यानी सुबह 10.30 बजे के बाद भाजपा गठबंधन रुझानों में एक तरफा जीत की ओर आ गया। उसे 200 से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं। उधर, कांग्रेस गठबंधन पिछड़ गया है। वह 54 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 

इस चुनाव में भाजपा 149 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इनमें 124 सीटों पर आगे है, यानी भाजपा 86% सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में अगर शुरुआती रुझान नतीजों में तब्दील हुए तो इसका सीधा असर एनडीए के घटक दलों यानी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के एनसीपी पर पड़ेगा। सवाल है कि अगर रुझान नतीजों में बदले और एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो ऐसे में एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टी पर इसका क्या असर पड़ेगा? 

दरअसल, महायुति में सीएम की कुर्सी के तीन दावेदार हैं। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस बीजेपी की तरफ से सबसे मजबूत माने जा रहे हैं। वहीं, मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे की दावेदारी को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा एनसीपी प्रमुख अजित पवार की महत्वकांक्षा सीएम बनने की रही है। उनके समर्थक सीएम के पद को लेकर दबाव बनाते रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि अजित पवार के हाथ में अगर सत्ता की चाबी गई तो फिर वो दबाव की राजनीति अपना सकते हैं। हालांकि, फिलहात को हालात वैसे बनते दिख नहीं रहे हैं।

महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल है। चुनाव में बीजेपी सबसे मजबूती स्थिति में आती दिख रही है। रूझानों में बीजेपी ने 124 सीटों पर बढ़क बना ली है। अब बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए बीजेपी को बस 20 सीटों की जरूरत है। ऐसे में एकनाथ शिंदे हों या अजीत पवार डील की स्थिति बनती नहीं दिख रही है। 

दूसरी तरफ बीजेपी के नेताओं ने कहना भी शुरू कर दिया है कि वे सबसे बड़ी पार्टी बनके उभरे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री भी उनका ही होगा। बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि फडणवीस ही महाराष्ट्र के अरगे मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि देवेन्द्र फडणवीस के द्वारा पुकारे गए धर्मयुद्ध के नारे “हम सब एक हैं” को जनता ने मंजूरी दी है।

‘कुछ तो गड़बड़ है...,महाराष्ट्र चुनाव रिजल्ट पर संजय राउत ने उठाए सवाल, बोले- लोग गद्दारों को कैसे जिता सकते हैं?

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन को बंपर बहुमत मिला है। गठबंधन ने 200 सीटों के आंकड़े को पार कर लिया। वहीं महा विकास अघाड़ी 68 सीटों पर ही सिमट गया है।जिससे विपक्षी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। विपक्षी गुट से शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने नतीजों पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना यूटीबी नेता संजय राउत जनता के इस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। संजय राउत ने नतीजों में गड़बड़ी की आशंका जताई है।

संजय राउत ने महाराष्ट्र की मांझी लाडकी बहीण योजना को काउंटर करते हुए कहा कि यहां लाड़ला भाई और लाड़ले दादाजी भी हैं। उनका कहना है कि महायुति का महाजीत की ओर बढ़ना यहां की जनता का फैसला नहीं है। यहां की जनता ये चाहती ही नहीं है। वह क्या चाहती है ये शिवसेना नेता अच्छी तरह से जानते हैं।

शुरुआती रुझानों के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महायुति गठबंधन पर निशाना साधा। संजय राउत ने शिंदे गुट की शिवसेना की जीत पर सवाल खड़े किए। संजय राउत ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि शिंदे के सभी प्रत्याशी जीत रहे हैं। लोग गद्दारों को कैसे जिता सकते हैं? राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने पहले ही यह कह दिया था कि हमारा एक भी प्रत्याशी नहीं हारेगा, और रुझानों में भी ऐसा ही दिख रहा है। यह कैसे मुमकिन हो सकता है। संजय राउत ने कहा कि यह नतीजे न तो हमें मान्य है और न ही जनता को मान्य है।

बता दें कि शुरूआती रूझानों में महायुति ने 200 का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के कड़ों के मुताबित महाराष्ट्र में भाजपा 128, शिवसेना 52, एनसीपी 36, कांग्रेस 19, शिवसेना यूबीटी 21, एनसीपी(एसपी) 12

रुझानों में महायुति को बंपर बहुमत, 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त, संजय राउत ने रुझानों पर उठा दिया सवाल

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आज आ रहे हैं। वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में महायुति गठबंधन महाविकास अघाड़ी गठबंधन से बड़ी लीड लेती दिख रही है। महाराष्ट्र में एनडीए का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। उसकी सीटें 215 हो गई हैं। वहीं, एमवीए 59 सीटों पर आगे है। अन्य 13 सीटों पर आगे हैं। उधर, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने कहा कि कुछ तो गड़बड़ है। ये जनता का फैसला नहीं है। जीत हार होती रहती है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में भाजपा 124, शिवसेना 55, एनसीपी 35, कांग्रेस 21, शिवसेना यूबीटी 19, एनसीपी(एसपी) 13, और अन्य सीटों पर 18 आगे चल रहे हैं।  

पार्टी रूझान

बीजेपी 125

शिवसेना(शिंदे)  55

एनसीपी  35

एसएचएस(यूबीटी) 17

कांग्रेस   21

संजय राउत ने रुझानों पर उठाए सवाल

चुनाव परिणाम के शुरुआती रुझानों में महायुति की बढ़त पर शिवसेना(UBT) नेता संजय राउत ने कहा, 'यह महाराष्ट्र की जनता का फ़ैसला नहीं हो सकता। हम जानते हैं कि महाराष्ट्र की जनता क्या चाहती है।'

यूपी उपचुनावःभाजपा ने सात सीटों पर बनाई बढ़त, इन दो सीटों पर सपा आगे*
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उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे के लिए वोटों की गिनती जारी है। भारतीय जनता पार्टी सात सीटों पर आगे चल रही है और समाजवादी पार्टी 2 सीटों पर आगे चल रही है। करहल से सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने लगातार बढ़त बना रखी है। कुंदरकी से भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने भी बढ़त बना रखी है। सीसामऊ में लगातार बाजी पलट रही है। *जानें कौन कहां से चल रहा है आगे* कटेहरी से भारतीय जनता पार्टी आगे चल रही है। सीसामऊ में सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी 2300 वोटों से आगे। मझवां सीट से भाजपा प्रत्याशी 2300 वोटों से आगे। फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी आगे। गाजियाबाद से भाजपा उम्मीदवार संजीव शर्मा 3605 वोटों से आगे। खैर सीट से भाजपा के सुरेंद्र दिलेर 1705 वोटों से आगे। करहल से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव आगे। *भाजपा ने 8 सीटों पर लड़ा चुनाव* इस उपचुनाव में भाजपा ने 8 और उसकी सहयोगी रालोद एक सीट पर चुनाव लड़ा है। वहीं, सपा, कांग्रेस के समर्थन से सभी नौ सीटों पर मैदान में है। बसपा भी सभी नौ सीटों पर ताल ठोकी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, मीरापुर में 57.1 प्रतिशत, कुंदरकी में 57.7 प्रतिशत, गाजियाबाद में 33.3 प्रतिशत, खैर में 46.3 प्रतिशत, करहल में 54.1 प्रतिशत, सीसामऊ में 49.1 प्रतिशत, फूलपुर में 43.4 प्रतिशत, कटेहरी में 56.9 प्रतिशत और मझवां में 50.4 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी।
महाराष्ट्र में महायुति की आंधी, बीजेपी ने अकेले लगाया “शतक”

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महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों के शुरूआती रुझानों में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति की आंधी देखी जा रही है। महायुति गठबंधन ने बहुमत क आंकड़ा पार कर लिया है। वह 189 सीटों पर आगे चल रही है। 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधान सभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। उधर कांग्रेस नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी रुझानों में काफी पीछे चल रही है। 

चुनाव आयोग के आंकड़ों की तो इसके शुरूआती रुझानों में महायुति की भाजपा 109 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं उसका घटक दल शिवसेना शिंदे गुट 56 सीटों पर आगे चल रही है। अजित पवार की एनसीपी 34 सीटों पर आगे है। वहीं विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी की शरद पवार की एनसीपी 11 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस 17 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना भी 19 सीटों पर आगे है।

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पार्टी रूझान

बीजेपी 109

शिवसेना(शिंदे)  56

एनसीपी  34

एसएचएस(यूबीटी) 19

कांग्रेस   19

वायनाड सीट पर क्या है प्रियंका गांधी का हाल, क्या बीजेपी को पछाड़ने में होगीं कामयाब?

#priyanka_gandhi_leads_by_24000_votes_in_wayanad 

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा, शनिवार को शुरुआती रुझानों में आगे चल रही हैं। डाक मतों और घरेलू मतों की गिनती शुरू होने के बाद प्रियंका गांधी आगे चल रही हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, ईवीएम की गिनती शुरू होने के बाद वह 24,000 वोटों से आगे चल रही हैं।

प्रियंका गांधी का ये पहला चुनाव है। वायनाड लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 7 सीटें हैं। इनमें वायनाड जिले की मनंतावाडी (रिजर्व), सुल्तान बथेरी (रिजर्व), कलपेट्टा, कोझिकोड जिले की तिरुवमबाडी तथा मलप्पुरम जिले की निलांबुर, ईरानद और वंडूर सीटें शामिल हैं। 

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद वायनाड सीट खाली हुई थी। लोकसभा चुनावों में रायबरेली से जीतने के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी थी। इस सीट से राहुल गांधी लगातार दूसरी बार 2024 के आम चुनावों में जीत कर संसद पहुंचे थे। इस बार उन्होंने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सीपीआई (एम) के उम्मीदवार एनी राजा को 3 लाख 64 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी। इस वजह से खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है, जिसमें प्रियंका गांधी ताल ठोंक रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावःरुझानों में महायुति गठबंधन को बहुमत, भाजपा की 61 सीटों पर बढ़त

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की 288 सीटों पर मतगणना जारी है।महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती 8 बजे शुरू हो रही है। सभी की निगाहें सत्तारूढ़ महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबले के नतीजे पर टिकी हैं। अभी तक आए रुझानों में, सत्ताधारी महायुति की वापसी होती दिख रही है।

रुझानों में महायुति को बहुमत, एमवीए की हातल बेहद खराब

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में महायुती ने बहुमत हासिल कर लिया है। अब तक 185 सीटों से रुझान आए हैं। उसमें से 145 पर सीटों पर महायुती को बढ़त हासिल है। महायुती की तीनों पार्टियां अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही हैं। महायुती में अकेले भाजपा को 75 सीटों पर बढ़त हासिल है। वहीं दूसरी एमवीए की हालत पतली दिख रही है। उसे अब तक केवल 33 सीटों पर बढ़त हासिल है. सात सीटों पर अन्य आगे है।

महाराष्ट्र में कुल कितनी सीटें?

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 144 सीटों का बहुमत जरूरी है। दो प्रमुख गठबंधन है महायुति (बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गुट) जिसमें भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) अजित पवार का एनसीपी गुट शामिल है। दूसरा प्रमुख गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) है। जिसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), कांग्रेस, शरद पवार का एनसीपी गुट एक साथ चुनाव लड़ रही है।

महिला कांस्टेबल ने 9 महीने में 104 लापता बच्चे को परिवार से मिलाया

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गुमशुदा बच्चों की पहचान में दिल्ली पुलिस की दो महिला हेड कांस्टेबल ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसके बाद उनकी चारों ओर वाहवाही हो रही है। दिल्ली पुलिस की दो हेड कांस्टेबल सीमा देवी और सुमन हुड्डा ने नौ महीने में 104 लापता बच्चों का पता लगाया।

दिल्ली पुलिस की बाहरी उत्तरी जिला की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) में तैनात, सीमा और सुमन ने बताया कि 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत मार्च से नवंबर के बीच यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

मार्च से नवंबर के बीच 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत उन्होंने हरियाणा,बिहार और यूपी के दूर-दराज के इलाकों का दौरा किया और बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा,जिनमें बच्चों की नई तस्वीरें न होना, भाषा की बाधा,अनजान जगहों पर जाना और स्थानीय लोगों से मदद न मिलना शामिल था। इन मुश्किलों के बावजूद,दोनों ने बच्चों को ढूंढ निकाला और उन्हें उनके परिवारों से मिला दिया

पहली बार साथ दिखे मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया, क्या शेख हसीना के दुश्मनों का हो रहा गठजोड़?

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शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश की सत्ता संभाली। इतने सालों के बाद अगस्त में तख्तापलट के बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। जून के महीने से शुरू हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन अचानक हिंसक हो गया, आंदोलनकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की। 5 अगस्त को हिंसक भीड़ राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रही थी कि अचानक शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। हसीने के देश छोड़ने के बाद उनके दुश्मन अब एक जुट होने लगे हैं। अवामी लीग के नेता की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस एक साथ नजर आए।

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गुरुवार को बांग्लादेश के ढाका कैंटोनमेंट में सेनाकुंजा में आर्म्ड फोर्स डे का आयोजन किया गया। आर्मी के इस सालाना आयोजन में शेख हसीना की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा करीब 12 साल में पहली बार शामिल हुईं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया , जो कई बीमारियों से जूझ रही हैं, गुरुवार को छह साल में पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आईं। वह अपनी पुरानी विरोधी शेख हसीना के जाने के बाद नजरबंदी से रिहा हुईं हैं।

खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में उनके ठीक बगल वाली कुर्सी पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस मौजूद रहे। इस दौरान मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया मंच पर कुछ बातें भी करते नज़र आए। यही नहीं, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने खास तौर पर खालिदा जिया का जिक्र किया।

मुख्य सलाहकार नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पूर्व पीएम खालिदा जिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने संबोधन में खालिदा का जिक्र करते हुए कहा, हम खास तौर पर भाग्यशाली और गौरवान्वित हैं कि तीन बार की पीएम, फ्रीडम फाइटर और शहीद प्रेसिडेंट जियाउर रहमान की बीवी बेगम खालिदा जिया हमारे बीच मौजूद हैं।

पहली बार साथ दिखे मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया, क्या शेख हसीना के दुश्मनों का हो रहा गठजोड़?

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शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश की सत्ता संभाली। इतने सालों के बाद अगस्त में तख्तापलट के बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। जून के महीने से शुरू हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन अचानक हिंसक हो गया, आंदोलनकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की। 5 अगस्त को हिंसक भीड़ राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रही थी कि अचानक शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। हसीने के देश छोड़ने के बाद उनके दुश्मन अब एक जुट होने लगे हैं। अवामी लीग के नेता की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस एक साथ नजर आए।

गुरुवार को बांग्लादेश के ढाका कैंटोनमेंट में सेनाकुंजा में आर्म्ड फोर्स डे का आयोजन किया गया। आर्मी के इस सालाना आयोजन में शेख हसीना की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा करीब 12 साल में पहली बार शामिल हुईं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया , जो कई बीमारियों से जूझ रही हैं, गुरुवार को छह साल में पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आईं। वह अपनी पुरानी विरोधी शेख हसीना के जाने के बाद नजरबंदी से रिहा हुईं हैं।

खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में उनके ठीक बगल वाली कुर्सी पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस मौजूद रहे। इस दौरान मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया मंच पर कुछ बातें भी करते नज़र आए। यही नहीं, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने खास तौर पर खालिदा जिया का जिक्र किया।

मुख्य सलाहकार नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पूर्व पीएम खालिदा जिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने संबोधन में खालिदा का जिक्र करते हुए कहा, हम खास तौर पर भाग्यशाली और गौरवान्वित हैं कि तीन बार की पीएम, फ्रीडम फाइटर और शहीद प्रेसिडेंट जियाउर रहमान की बीवी बेगम खालिदा जिया हमारे बीच मौजूद हैं।