पीएम मोदी ने गोधरा कांड पर बनी फिल्म The Sabarmati Report की तारीफ की, कहा-सच सामने आ रहा

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के गोधरा कांड पर बनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की तारीफ की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा-यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी एक ऐसे तरीके से जिससे आम लोग इसे देख सकें। एक फर्जी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, सच हमेशा सामने आते हैं! पीएम मोदी ने विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा सहित अन्य कलाकारों द्वारा अभिनीत फिल्म की प्रशंसा करते हुए यह बात कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह टिप्पणी एक एक्स यूजर की फिल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए की। यूजर ने अपनी समीक्षा में फिल्म को बताया कि इस फिल्म को जरूर देखें। यूजर ने कहा कि निर्माताओं ने 2002 के गोधरा कांड के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए सराहनीय काम किया है। गोधरा कांड में महिलाओं और बच्चों सहित 59 लोगों की जान चली गई थी।

'द साबरमती रिपोर्ट' का निर्देशन धीरज सरना ने किया है। यह फिल्म गोधरा की घटना पर आधारित है। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को जलाए जाने के बाद गुजरात के कई हिस्सों में दंगे भड़क उठे थे। इस फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका विक्रांत मैसी निभा रहे हैं। यह फिल्म 15 नवंबर को रिलीज हुई। एक एक्स यूजर ने अपनी संक्षिप्त समीक्षा में कहा कि निर्माताओं ने इस मुद्दे को बहुत संवेदनशीलता और गरिमा के साथ संभाला है। यूजर ने यह भी दावा किया कि इस घटना का एक "निहित स्वार्थ समूह" द्वारा राजनीतिकरण किया गया और इसे "एक नेता की छवि को धूमिल करने" के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया गया।

बता दें कि 27 फरवरी, 2002 की सुबह, साबरमती एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर लगभग 12:00 बजे गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। बिहार के मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद के बीच चलनेवाली इस ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवार थे, जिनमें बड़ी संख्या में कारसेवक भी शामिल थे। ये कार सेवक अयोध्या में कार सेवा से लौट रहे थे। ट्रेन को गोधरा से रवाना होते ही जंजीर खींच कर ट्रेन को स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास रोक दिया गया। इसके बाद ट्रेन पर करीब 2 हजार लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और चार डिब्बों में आग लगा दी। आग से एस-6 कोच बुरी तरह से जल गया और 59 लोगों की मौत हो ई थी। मृतकों में 27 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे। इस हमले में 48 यात्री घायल हो गए थे। गोधरा की घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। राज्य सरकार द्वारा तीन दिनों के भीतर हिंसा पर काबू पाने के दावों के बावजूद, कई हफ़्तों तक हिंसक झड़पें होती रहीं।

पीएम मोदी को मिला 17वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, नाइजीरिया में "द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर" से हुए सम्मानित

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अबुजा में नाइजीरिया के सर्वोच सम्मान "द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर" से नवाजा गया है। यह उन्हें किसी दूसरे देश से मिलने वाला 17वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पुरस्कार नाइजीरिया की ओर से प्रदान किया जाएगा।

नाइजीरिया का यह सर्वोच्च सम्मान पाने वाले प्रधानमंत्री दुनिया की दूसरी बड़ी हस्ती होंगे। इससे पहले ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ एकमात्र विदेशी गणमान्य व्यक्ति हैं, जिन्हें 1969 में नाइजीरिया ने इस सम्मान से नवाजा था।

इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पुरस्कार मिलने जा रहा है। जो कि किसी देश द्वारा पीएम मोदी को दिया जाने वाला 17वां ऐसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार होगा। इससे पहले फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं।

RBI को धमकी भरा कॉल, खुद को बताया आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का CEO

डेस्क: मुंबई स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दफ्तर को एक धमकी भरा कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का CEO बताते हुए धमकी दी। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, यह कॉल शनिवार सुबह लगभग 11:00 बजे आई और इसके बाद आरोपी ने गाना गाना शुरू कर दिया।

कॉल आने के बाद RBI अधिकारियों ने तुरंत मुंबई पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने रमाबाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल, पुलिस की ओर से आरोपी की पहचान और उस तक पहुंचने के लिए तफ्तीश की जा रही है।

मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और कॉल के पीछे कौन था, यह जल्द ही पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

पीएम नेतन्याहू के घर फिर हुआ 2 रॉकेट से हमला, इजरायल में मची खलबली

डेस्क: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर को एक बार फिर रॉकेट हमले से निशाना बनाया गया है। अलअरेबिया न्यूज के अनुसार शनिवार को मध्य शहर कैसरिया में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास के पास दो आग की लपटें गिरीं, सुरक्षा सेवाओं ने इस घटना को "गंभीर" बताया है। इस हमले के बाद पुलिस और शिन बेट आंतरिक सुरक्षा एजेंसी ने एक संयुक्त बयान में कहा, "प्रधानमंत्री आवास के बाहर आंगन में दो आग की लपटें गिरीं।" संभवतः यह रॉकेट हमला था।

इजरायली सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार घटना के समय प्रधानमंत्री और उनका परिवार घर में नहीं था।" करीब एक महीने में दूसरी बार पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के आवास को निशाना बनाया गया है। आशंका है कि हिजबुल्लाह आतंकियों ने यह हमला किया है। इजरायली सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। इस घटना को बेहद गंभीर और इसमें खतरनाक वृद्धि माना है।” इज़रायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने घटना की निंदा की और सार्वजनिक क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि के खिलाफ चेतावनी दी।

इससे पहले 19 अक्टूबर को भी नेतन्याहू के उसी आवास को निशाना बनाकर ड्रोन हमला किया गया था। उस वक्त भी इजरायली प्रधानमंत्री हमले में बाल-बाल बच गए थे। बाद में ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने इस हमले का जिम्मा लिया था। तब नेतन्याहू ने उस समय हिजबुल्लाह पर अपनी और पत्नी की हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया था। 23 सितंबर के बाद से, इज़राइल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी बढ़ा दी है, बाद में गाजा में युद्ध को लेकर हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई सीमित, सीमा पार गोलीबारी के लगभग एक साल बाद जमीनी सैनिकों को भेजा है।

यह हमला इजरायल में कैसरिया हाइफ़ा शहर क्षेत्र से लगभग 20 किलोमीटर (12 मील) दक्षिण में हुआ। इस क्षेत्र को पिछले कुछ समय से हिज़्बुल्लाह द्वारा नियमित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। इज़रायली सेना ने कहा कि शनिवार को हिज़्बुल्लाह के "भारी रॉकेट हमले" से हाइफ़ा में एक आराधनालय पर हमला होने से दो लोग घायल हो गए। इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने लेबनान से इजरायल में गिरने वाले 10 प्रोजेक्टाइल को पहले ही रोक दिया था। हिजबुल्लाह ने उत्तरी इज़राइल पर कई रॉकेट हमलों का दावा करते हुए कहा कि उसने हाइफ़ा क्षेत्र में नौसैनिक अड्डे सहित सैन्य स्थलों को निशाना बनाया।

नवनीत राणा की सभा पर हमला, बोलीं- 'अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए, मेरे ऊपर थूका'

डेस्क: अमरावती जिले के दरियापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेता नवनीत राणा की सभा के दौरान हंगामा और हमला किए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि नवनीत राणा दरियापुर विधानसभा क्षेत्र के खल्लार गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंची थीं। इस दौरान कुछ लोगों ने हूटिंग की। जब नवनीत राणा मंच से नीचे उतरीं तो उनके ऊपर कुछ लोगों ने कुर्सियां फेंकने का प्रयास किया।

वहीं इस मामले में नवनीत राणा ने खल्लार थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो सभी हिंदू समाज एकत्र होकर विरोध करेगा।

घटना को लेकर भाजपा नेता नवनीत राणा ने कहा, 'खल्लार में में हमारी सभा चल रही थी। एकदम शांतिपूर्वक तरीके से प्रचार चल रहा था। इसी बीच जब मैं भाषण दे रही थी तो कुछ लोग दूर से इशारे कर रहे थे। मैं शांतिपूर्वक अपना भाषण खत्म करने की कोशिश कर रही थी और वह लोग हूटिंग कर रहे थे। जब मैं भाषण समाप्त करके नीचे आई तब भी मैंने कोई रिएक्ट नहीं किया। मुझे और मेरे कार्यकर्ताओं को देखकर उन्होंने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए। जब हमारे लोगों ने कहा कि आप लोग भाभी के लिए अपशब्द ना कहें, उनका भाषण समाप्त हो जाएगा तो हम चले जाएंगे।'

नवनीत राणा ने कहा, 'जब कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम जाने वाले हैं तो वह कुर्सियां फेंकने लगे और मारना शुरू कर दिया। वहीं पर पत्रकार भी थे, गांव वाले भी थे। वह लोग मुझे गाली देने लगे, मेरे ऊपर कुर्सियां फेंकी, कांस्टेबल पर भी कुर्सी फेंकी, ये सब वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है। मेरे 6 अंगरक्षक और मेरे निजी सचिव मुझे घेरकर बाहर ले गये।

इस दौरान मेरे ऊपर थूका, मेरी जाति को लेकर गाली दी, इन लोगों ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए। फिलहाल मैंने शिकायत दर्ज करा दी है। अगर इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो सभी हिंदू समाज एकत्र होकर विरोध करेगा।'

हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद भीड़ ने सीएम के पैतृक घर को बनाया निशाना, मणिपुर में स्तिथि गंभीर

मणिपुर की एक नदी से लापता सभी छह लोगों के शव बरामद होने के कुछ घंटों बाद, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला किया। हालांकि, जवाब में, सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चितकालीन निषेधाज्ञा लागू कर दी और राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद के आवास सहित छह में से तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और संपत्तियों को आग लगा दी। पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

ताजा हिंसा के बारे में अब तक का विवरण

1. विस्थापित व्यक्तियों के शिविर से सोमवार से लापता दो महिलाओं और एक बच्चे के शव शनिवार को जिरीबाम में बराक नदी से बरामद किए गए। शुक्रवार रात को एक महिला और दो बच्चों सहित तीन अन्य शव बरामद किए गए। मणिपुर के जिरीबाम जिले से तीन बच्चों सहित कुल छह शव बरामद किए गए और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) भेजा गया।

2. एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों सपाम रंजन, एल सुसिंड्रो सिंह और वाई खेमचंद के आवासों पर धावा बोल दिया। अधिकारी ने बताया कि इसके जवाब में, इम्फाल घाटी के इम्फाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में "विकसित हो रही कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण" अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

3. मुख्य सचिव विनीत जोशी ने शनिवार शाम 5.15 बजे से दो दिनों के लिए प्रभावित जिलों इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया।

4. इम्फाल घाटी के नागरिक समाज संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) ने 24 घंटे के भीतर उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की।

5. शनिवार शाम को भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला करने की कोशिश की, जिससे सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें बढ़ गईं।

6. अधिकारियों ने बताया कि रात में उपद्रवियों ने जिरीबाम शहर में कम से कम दो चर्च और तीन घरों में आग लगा दी। अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि आगे भी आगजनी और अतिरिक्त संरचनाओं को जलाने की खबरें हैं, हालांकि इन दावों की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है।

7. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों और चल रहे रक्तपात को "बेहद परेशान करने वाला" बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।

8. मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) ने केंद्र से हिंसा प्रभावित मणिपुर में मिजो छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। एमजेडपी ने मणिपुर में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की, खासकर 10 आदिवासी लोगों की हत्या के बाद।

9. मणिपुर सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा करने और उसे वापस लेने का अनुरोध किया है। यह एक विवादास्पद कानून है जो सशस्त्र बलों को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है। राज्य के छह पुलिस थानों की सीमाओं में इस कानून को फिर से लागू किया गया।

10. पिछले साल मई से मणिपुर में नौकरियों और शिक्षा में सरकारी अनुदान और कोटा को लेकर अंतर-सामुदायिक झड़पों के कारण कम से कम 250 लोग मारे गए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।

DRDO ने किया लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें क्या है खासियत


डेस्क: डीआरडीओ ने 16 नवंबर 2024 को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया है। इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल को विभिन्न डोमेन में तैनात विभिन्न रेंज प्रणालियों द्वारा ट्रैक किया गया था। डाउन रेंज जहाज स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा ने सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और उच्च सटीकता के साथ प्रभाव की पुष्टि की। बता दें कि इस मिसाइल को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ विभिन्न अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया। DRDO की यह अभूतपूर्व उपलब्धि उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी रखने वाले चुनिंदा देशों के समूह में भारत की स्थिति को मजबूत करती है। यह मिसाइल भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और "मेक इन इंडिया" के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने इसे देश के लिए "ऐतिहासिक क्षण" बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक सफलता में असाधारण योगदान के लिए डीआरडीओ की टीम, सशस्त्र बलों और उद्योग भागीदारों को बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे देश को ऐसी उन्नत सैन्य क्षमताओं वाले देशों के चुनिंदा समूह में रखती है।” बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलों की विशेषता 5 मैक यानी 6174 किमी/घंटा से अधिक गति से यात्रा करने की उनकी क्षमता है, जिससे उनका पता लगाना और रोकना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, इसकी रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित करता है।
DRDO ने किया लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें क्या है खासियत

डेस्क: डीआरडीओ ने 16 नवंबर 2024 को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया है। इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल को विभिन्न डोमेन में तैनात विभिन्न रेंज प्रणालियों द्वारा ट्रैक किया गया था। डाउन रेंज जहाज स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा ने सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और उच्च सटीकता के साथ प्रभाव की पुष्टि की।

बता दें कि इस मिसाइल को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ विभिन्न अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया। DRDO की यह अभूतपूर्व उपलब्धि उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी रखने वाले चुनिंदा देशों के समूह में भारत की स्थिति को मजबूत करती है। यह मिसाइल भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और "मेक इन इंडिया" के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने इसे देश के लिए "ऐतिहासिक क्षण" बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक सफलता में असाधारण योगदान के लिए डीआरडीओ की टीम, सशस्त्र बलों और उद्योग भागीदारों को बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे देश को ऐसी उन्नत सैन्य क्षमताओं वाले देशों के चुनिंदा समूह में रखती है।”

बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलों की विशेषता 5 मैक यानी 6174 किमी/घंटा से अधिक गति से यात्रा करने की उनकी क्षमता है, जिससे उनका पता लगाना और रोकना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, इसकी रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित करता है।

प्रेमी प्रेमिका के बीच गले मिलना, kiss करना यौन उत्पीड़न नहीं, बल्कि बिल्कुल स्वाभाविक है, पढ़िए,

मद्रास हाई कोर्ट ने दिया फैसला मद्रास हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि प्यार में दो लोगों का गले मिलना और 'किस' करना यौन उत्पीड़न नहीं है। ये मामला तमिलनाडु के तूतीकोरिन का है। एक युवती ने युवक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दोनों तीन साल से प्रेम संबंध में थे। कोर्ट ने 20 वर्षीय युवक के खिलाफ चल रहे मुकदमे को रद्द करते हुए यह बात कही। श्रीवैकुंठम ऑल वुमन पुलिस ने युवक पर 19 साल की युवती का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। 2023 में, युवक ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। मामले के अनुसार, युवक और युवती तीन साल से प्रेम संबंध में थे। नवंबर 2022 में, वह युवती को एक सुनसान जगह पर ले गया जहां उन्होंने रात 9 बजे से सुबह 12 बजे तक बातें की। युवती ने युवक पर लगाए थे ये आरोप आरोप था कि युवक ने अचानक युवती को गले लगा लिया और उसे चूम लिया। युवती घर लौटी और अपने माता-पिता को रिश्ते के बारे में बताया। बाद में उसने युवक से शादी करने के लिए कहा। लेकिन युवक ने इनकार कर दिया और उससे बचने लगा। इसके बाद युवती ने पुलिस में शिकायत की, जिसके आधार पर उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया। जज ने कही ये बात न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि भले ही आरोपों को ज्यों का त्यों ले लिया जाए, लेकिन किशोरावस्था में दो लोगों के लिए जिनका प्रेम प्रसंग चल रहा है, एक-दूसरे को गले लगाना या चुंबन करना स्वाभाविक है। इसे किसी भी तरह से IPC की धारा 354-ए (1) (i) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है। इसलिए, याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही कानून का दुरुपयोग होगी।
प्रेमी प्रेमिका के बीच गले मिलना, kiss करना यौन उत्पीड़न नहीं, बल्कि बिल्कुल स्वाभाविक है, पढ़िए, मद्रास हाई कोर्ट ने दिया फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि प्यार में दो लोगों का गले मिलना और 'किस' करना यौन उत्पीड़न नहीं है। ये मामला तमिलनाडु के तूतीकोरिन का है। एक युवती ने युवक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दोनों तीन साल से प्रेम संबंध में थे। कोर्ट ने 20 वर्षीय युवक के खिलाफ चल रहे मुकदमे को रद्द करते हुए यह बात कही।

श्रीवैकुंठम ऑल वुमन पुलिस ने युवक पर 19 साल की युवती का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। 2023 में, युवक ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। मामले के अनुसार, युवक और युवती तीन साल से प्रेम संबंध में थे। नवंबर 2022 में, वह युवती को एक सुनसान जगह पर ले गया जहां उन्होंने रात 9 बजे से सुबह 12 बजे तक बातें की।

युवती ने युवक पर लगाए थे ये आरोप

आरोप था कि युवक ने अचानक युवती को गले लगा लिया और उसे चूम लिया। युवती घर लौटी और अपने माता-पिता को रिश्ते के बारे में बताया। बाद में उसने युवक से शादी करने के लिए कहा। लेकिन युवक ने इनकार कर दिया और उससे बचने लगा। इसके बाद युवती ने पुलिस में शिकायत की, जिसके आधार पर उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया।

जज ने कही ये बात न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि भले ही आरोपों को ज्यों का त्यों ले लिया जाए, लेकिन किशोरावस्था में दो लोगों के लिए जिनका प्रेम प्रसंग चल रहा है, एक-दूसरे को गले लगाना या चुंबन करना स्वाभाविक है। इसे किसी भी तरह से IPC की धारा 354-ए (1) (i) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है। इसलिए, याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही कानून का दुरुपयोग होगी।