महाराष्ट्र चुनाव: गोविंदा ने किया महायुति के लिए प्रचार, तबीयत बिगड़ने पर मुंबई लौटे

अभिनेता गोविंदा शनिवार को जलगांव जिले में विधानसभा चुनाव के लिए महायुति के लिए प्रचार करने आये थे. पचोरा में उनका भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद जब रोड शो चल रहा था तो कुछ देर बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी. जैसे ही उनके सीने में दर्द होने लगा और गोविंदा के पैर में भी दर्द होने लगा. इसके बाद उन्होंने अपना रोड शोड बीच में ही छोड़ दिया और मुंबई के लिए रवाना हो गए.

बता दें कि पूर्व सांसद रह चुके गोविंद ने कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना में शामिल हुए थे और महाराष्ट्र चुनाव में वह शिवसेना के उम्मीदवारों के समर्थन में सभा कर रहे हैं.

वहीं इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा होना चाहिए और महायुति उम्मीदवार किशोर पाटिल को भारी मतों से जिताना चाहिए. मैं किशोर पाटिल को शुभकामनाएं देता हूं.

महायुति के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं गोविंदा

उन्होंने कहा कि किशोर पाटिल के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं. वे देश की प्रगति के साथ हैं. प्रार्थना करें कि किशोर पाटिल जीतें. मैं यहां से जा रहा हूं क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं यहां के लोगों से माफी मांगता हूं.

उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है. मेरी तबीयत ठीक नहीं है. मुझे सीने में भी दर्द हो रहा है. चूंकि मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता, इसलिए मैं अब यह दौरा बीच में ही छोड़कर वापस मुंबई जा रहा हूं.

गोविंदा ने कहा: चुनाव में जीतेगी महायुति

उन्होंने कहा कि किशोर पाटिल के जीतने के बाद मैं इस स्थान पर वापस आऊंगा, निश्चित रूप से महायुति जीतेगी. महाराष्ट्र के सभी सितारे देश को आगे बढ़ाने के लिए आगे आये हैं. मुझे महाराष्ट्र की धरती से आशीर्वाद मिला है.

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और एकनाथ शिंदे के कारण पूरी दुनिया महाराष्ट्र की ओर देखने लगी, निश्चित रूप से राज्य प्रगति कर रहा है. मैंने भी उस शिव सेना को अपनी सेवा दी है. मैं शिव सेना से जुड़ा हूं. अभिनेता गोविंदा ने कहा कि अब मैं एकनाथ शिंदे के साथ काम कर रहा हूं.

बता दें कि 4 दिनों के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव है और दो दिन के बाद चुनाव प्रचार थम जाएगा. इस कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सबी राजनीतिक पार्टियां जीतोड़ से चुनाव प्रचार कर रही है और अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंक रही है.

यूपी के हापुड़ में सूटकेस में मिला युवती का शव, पुलिस ने शुरू की जांच

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एनएच 9 के पास एक युवती का शव सूटकेस में मिला है. शनिवार की सुबह स्थानीय लोगों ने सूटकेश को देखकर पुलिस को सूचना दी. वहीं सूटकेश में शव मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. फिलहाल पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक अभी तक शव की पहचान नहीं हो सकी है. आशंका है कि युवती की हत्या के बाद शव को यहां ठिकाने लगाया गया है. शव को हाईवे से खाई में घसीटने के निशान भी मिले हैं. इससे जाहिर होता है कि शव को किसी गाड़ी में इस स्थान पर लाया गया था और गाड़ी से शव को घसीटकर 20 फुट नीचे खाई में डाला गया.

पुलिस के मुताबिक शव का पंचनामा कराया गया है. इसमें युवती के सिर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. उसके गले पर भी निशान मिले हैं. ऐसी संभावना है कि युवती की मौत गला घोंटने की वजह से हुई है. सूटकेस में युवती के कपड़े रखे हैं. इससे लग रहा है कि युवती अपने घर से भाग कर आरोपियों के पास आई होगी, जहां उनका झगड़ा हुआ होगा और इसी दौरान आरोपियों ने उससे गला छुड़ाने के लिए उसका गला घोंट दिया होगा. मामला एनएच नौ पर बाईपास का है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अभी तक इस सूटकेस कांड के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है.

डॉग स्क्वायड के साथ फोरेंसिक टीम जांच में जुटी

सूटकेस में शव मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. सीओ जितेंद्र शर्मा, थाना प्रभारी मुनीष प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. इतने में हापुड़ के एडिशनल एसपी विनीत भटनागर भी फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की हर एंगल से जांच शुरू कराई. काफी प्रयास के बाद घटना के तार जुड़ते नजर नहीं आए तो पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. एडिशनल एसपी विनीत भटनागर के मुताबिक इस शव से संबंधित सूचना हापुड़ के सभी थानों में भेजने के साथ ही आसपास के जिलों की पुलिस को भी दी गई है.

अपने ही सूटकेस में बंद हुई युवती की लाश

घटना स्थल की जांच करने के बाद पुलिस ने बताया कि सूटकेस में शव को बंदकर किसी कार में रखा गया था. इस कार को बाइपास पर रोका गया और यहां से शव को घसीटते हुए 20 फुट नीचे तक ले जाया गया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह सूटकेस खुद लड़की का हो सकता है. संभवत: वह इस सूटकेस में अपने कपड़े लेकर आरोपी के पास आई होगी. इस युवती की लंबई 5 फीट है, लेकिन उसके पैरों को मोड़ कर इस सूटकेस में डाला गया है. फिलहाल पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस की जांच के लिए अलग अलग टीमों का गठन किया है.

मणिपुर में उग्रवादी हमले के बाद तनाव, 6 जिलों में इंटरनेट सस्पेंड

मणिपुर में एक बार फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. बोरोबेक्रा में उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी के बाद राहत शिविर से 6 लोगों की किडनैपिंग के बाद इंफाल पूर्व में लमलाई गांव और चालौ गांव कि महिलाएं सड़क पर उतर आई और प्रदर्शन करने लगी. तनाव को देखते हुए मणिपुर की सरकार ने छह जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया है. किडनैपिंग की घटना के बीच मणिपुर-असम सीमा पर जिरी नदी और बराक नदी के संगम के पास तीन शव बरामद किए गए हैं.

अधिकारियों को संदेह है कि बरामद हुए ये तीन शव जिरीबाम जिले से लापता हुए छह लोगों में से ही हैं. हालांकि, पुलिस शव की पहचान करने में जुटी हुई है और यह पता लगा रही है कि बरामद शव लापता लोगों के ही है या फिर किसी और के हाम. इंफाल घाटी स्थित नागरिक सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि उग्रवादियों ने बोरोबेक्रा पुलिस थाने पर उनके हमले को सुरक्षा बलों द्वारा विफल किए जाने के बाद, पीछे हटते समय 6 लोगों का अपहरण कर लिया था जिनका अब शव बरामद हुआ है.

गुरुवार को इंफाल और जिरीबाम में हुआ था विरोध प्रदर्शन

लापता लोगों की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर गुरुवार को इंफाल और जिरीबाम में लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. प्रदर्शनकारियों ने जिरीबाम के विधायक समेत स्थानीय राजनेताओं की आलोचना भी की थी और उन पर लापता लोगों की तलाश के लिए पहले नहीं करने का आरोप लगाया.

एंटी सोशल एलिमेंट पर लगाम लगाने इंटरनेट सस्पेंड

इस बीच, तीन शव बरामद होने की खबर इंफाल घाटी में फैलने पर सभी पांच जिलों में तनाव बढ़ गया और राज्य प्राधिकारियों ने शनिवार को विद्यालयों तथा कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी थी. अब राज्य सरकार ने छह जिलों में इंटरनेट सस्पेंड कर दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि शांति बनाए रखने और कुछ एंटी सोशल एलिमेंट पर लगाम लगाने के लिए 6 जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड किया जाता है.

गृहमंत्रालय ने जरूरी कदम उठाने का दिया निर्देश

दूसरी ओर मणिपुर की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि राज्य में सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है. संघर्ष में दोनों समुदायों के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त रहे हैं, जिससे लोगों की जान चली गई और लोक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हुई.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर और बैग का किया गया चेकिंग

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने वाले नेताओं के बैग चेकिंग का सिलसिला अभी भी चल रहा है. चुनाव आयोग के अधिकारियों की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टर की चेकिंग के एक दिन बाद अब अमरावती में राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर और बैग की चेकिंग की गई. वहीं, रायगढ़ में एनसीपी शरद चंद गुट मुखिया शरद पवार का बैग चेक किया गया.

अमरावती के धामनगांव रेलवे के हेलीपैड पर जैसे ही राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर उतरा वैसे ही चुनाव आयोग के अधिकारी वहां पहुंच गए. इसके बाद अधिकारियों ने हेलीकॉप्टर के साथ-साथ राहुल के बैग को चेक किया. चेकिंग करने के बाद अधिकारी वापस लौट गए. वहीं, राहुल जनसभा के लिए रवाना हो गए. अमरावती जिले में महाविकास अघाड़ी के 8 उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और वोट मांगेंगे.

‘संविधान पर आक्रमण करने वालों को करारा जवाब देगी जनता’

अमरावती में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से ही हमें सिर उठाकर सम्मान के साथ जीने की शक्ति मिलती है. महाराष्ट्र की जनता संविधान पर आक्रमण करने वालों को करारा जवाब देगी. उन्होंने कहा कि देश में नफरत इसलिए फैल रही है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने रोजगार का सिस्टम खत्म कर दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज किसी भी राज्य में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है क्योंकि देश के अरबपति चीन से माल लाकर यहां बेचते हैं. नोटबंदी और जीएसटी की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो गईं. छोटे बिजनेस खत्म हो गए जिनसे लोगों को रोजगार मिलता था.

राहुल बोले- बीजेपी के लोग बंद कमरे में संविधान की हत्या करते हैं

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी के लोग बंद कमरों में संविधान की हत्या करते हैं. जब महाराष्ट्र की सरकार को चोरी करने की मीटिंग शाह और बीजेपी के लोग बैठ थे तब क्या वो संविधान की रक्षा कर रहे थे. आज पूरा महाराष्ट्र जानता है कि वो सरकार धारावी के कारण चोरी की गई क्योंकि धारावी की जमीन मित्र को देना चाहते थे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे मैंने अभी कहा कि शायद पीएम मोदी का मेमोरी लॉस हो गया है, लेकिन मीडिया कहेगी कि उनकी मेमोरी बहुत जबरदस्त है. मीडिया बताएगी कि पीएम मोदी कोई भी बात सुन लेते हैं तो 70 साल तक नहीं भूलते. फिर ये भी बताएंगे कि जब वो छोटे थे, तो वो झील में मगरमच्छ से लड़े थे.

यूपी के झांसी में मेडिकल कॉलेज में भीषण आग में 10 बच्चों की मौत पर राहुल-प्रियंका ने जताया दुख

यूपी के झांसी में मेडिकल कॉलेज में दर्दनाक हादसा हुआ. मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में शुक्रवार देर रात भीषण आग लग गई. इस हादसे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी दुख जताया है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे में कई नवजात बच्चों की मृत्यु और घायल होने की खबर से बेहद दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.

मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात साढ़े 10 बजे यह हादसा हुआ. चिल्ड्रन वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. इसके बाद ऑक्सीजन सिलिंडर ब्लास्ट कर गया. इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

राहुल गांधी ने हादसे को लेकर उठाए सवाल

राहुल गांधी ने आगे सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही इस तरह की दुखद घटनाएं सरकार और प्रशासन की लापरवाही को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं. सरकार सुनिश्चित करें कि घायल बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज हो. साथ ही इस दुखद घटना की तुरंत जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो.

प्रियंका गांधी ने दर्दनाक हादसे पर जताया दुख

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस हादसे पर दुख जताया. उन्होंने कहा, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से दहला देने वाली खबर आई है, जहां नवजात शिशुओं के वॉर्ड में आग लग जाने की वजह से दस बच्चों की मौत हो गई है. शोक और सांत्वना के शब्द इस महाविपत्ति के समय व्यर्थ हैं. हम लोग इस मुश्किल परिस्थिति में परिजनों और अभिभावकों के साथ खड़े हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 

पुलिस-प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची हैं. मेडिकल कॉलेज में इस समय दर्द की एक तस्वीर सामने आ रही है. जहां एक रात पहले माता-पिता और परिवार बच्चों के जन्म की खुशी मना रहे थे, हर तरफ मिठाई बांट रहे थे. अब वहीं, परिवार गम में डूबे हैं और हर मां की नम आंखें अपने लाल को गोद में लेना चाहती हैं. इस हादसे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं.

बिहार: लोग इन्हें कहते हैं ‘ गॉड ऑफ बर्ड्स"… इन्होंने बचाई सैकड़ों पक्षियों की जान

पक्षियों की चहचहाहट भला किसे पसंद नहीं होती है. जब वह आपस में चहचहाते हैं, तो आसपास का इलाका गुलजार हो जाता है, लेकिन इन बेजुबानों को भी परेशानी होती है. इनकी भी तबीयत खराब होती है. इन्हें भी सर्दी और गर्मी लगती है. बरसात में यह भी परेशान होते हैं. इनके ऊपर भी वातावरण का असर होता है. लेकिन इस भागदौड़ की दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या उंगली पर गिनी जा सकती है, जो इन पक्षियों का ख्याल रखते हैं. पटना में एनआइटी क्लब इन परिंदों का ख्याल रखता है. लोग इन्हें गॉड ऑफ वर्ड्स भी कहते हैं.

इस क्लब का नाम साइंस एंड एनवायरनमेंटल क्लब है. इस क्लब के इंचार्ज एनआइटी पटना के फैकल्टी प्रोफेसर अनुराग सहाय हैं. प्रोफेसर सहाय बताते हैं, इस क्लब को शुरू करने का उद्देश्य समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी करना है.इस क्लब के मेंबर विक्रम पाटिल बताते है कि हमारा फोकस मुख्य रूप से गौरैया को बचाने को लेकर होता है. क्योंकि गौरैया तेजी से लुप्त होने वाली पक्षियों की श्रेणी में है.

विलुप्त हो रही गौरैया

पहले भारी संख्या में गौरैया दिखाई देती थी, लेकिन अब गौरैया बहुत ही कम दिखाई देती है. हालांकि, इसके अलावा हम लोग हैरॉन, गिद्ध, तोता को बचाने की पहल करते हैं. गर्मी में जब यह सारे पशु पक्षी परेशान रहते हैं, तो क्लब के मेंबर उनका रेस्क्यू करते हैं. विक्रम बताते हैं, गौरैया को संरक्षित करने के लिए क्लब के तरफ से कई जगहों पर घोंसले लगाए गए हैं. समय-समय पर क्लब की ओर से विशेष मीटिंग बुलाई जाती है, जिसमें क्लब के सभी मेंबरों को रेस्क्यू से संबंधित विषय की जानकारी दी जाती है.

दिखाई जाती है डॉक्यूमेंट्री

इसके अलावा हम लोग क्लब के मेंबर के साथ मिलकर के डॉक्यूमेंट्री भी दिखाते हैं. विक्रम कहते हैं, गर्मी के मौसम में हमारे संस्थान के आसपास और संस्थान के अंदर कई पक्षी डिहाइड्रेशन की वजह से बेहोश होकर के गिर गए थे. हमारे क्लब के मेंबर उन पक्षियों को लेकर के चले आते थे. हमारी उन पक्षियों को बचाने की पहल रहती है. सबसे बड़ी बात यह है कि अगर किसी पक्षी को रेस्क्यू किया जाता है, तो इनमें कई चीजों का ख्याल रखना पड़ता है. जैसे हम किसी भी पक्षी को सीधे हाथ से नहीं पकड़ सकते हैं.

वन विभाग को देते है सूचना

अब तक 35 से भी ज्यादा बड़े पक्षियों को हम लोगों ने रेस्क्यू किया है. छोटे पक्षियों की संख्या उससे कहीं ज्यादा है. इनमें हैरॉन, ब्लैक काइट्स, ईगल, पैरेट, पिजन शामिल है. हालांकि, विक्रम यह भी बताते हैं कि रेस्क्यू करने के बाद हम लोग वन विभाग को इसकी सूचना देते हैं. उसके बाद वन विभाग की टीम आकर इन पक्षियों को लेकर के चली जाती है. हमारी पूरी कोशिश यह होती है कि हम जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी पक्षियों को रेस्क्यू करके उन्हें तात्कालिक लाभ पहुंचा सके.

संस्थान में लगाये गये हैं घोंसले

इस क्लब की तरफ से पक्षियों के लिए घोंसले भी लगाए जाते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के पटना कैंपस में ही इस क्लब की ओर से पूरे कैंपस में बड़ी संख्या में घोसले लगाए गए हैं. उद्देश्य केवल यही होता है कि इन पक्षियों को रहने के लिए एक सुरक्षित ठिकाना मिल सके. इस क्लब के सदस्य न केवल इन घोसले को लगाते हैं बल्कि उसके रखरखाव पर भी विशेष ध्यान रखते हैं. पक्षियों को रहने में किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाता है.

2022 में शुरुआत

इस ग्रुप के सदस्य और एनआइटी पटना के स्टूडेंट बताते हैं कि साल 2022 में इस ग्रुप की शुरुआत की गई थी. वह बताते हैं कि एनआइटी पटना में एक क्लब बनाया गया था. चूंकि नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, पटना में विभिन्न कार्यों को करने के लिए क्लब भी हैं, जिसमें स्टूडेंट और फैकल्टी भी शामिल होते हैं. साथ ही साथ अगर बाहर के लोग भी इसके सदस्य बनना चाहे, तो उस ग्रुप में शामिल हो सकते हैं.

लिया जाता है इंट्रोडक्शन

यह क्लब सामाजिक हित को लेकर के काम करता है. इस क्लब में शामिल सदस्य बीटेक के छात्र हैं. जिन्होंनें वालंटियर के रूप में इसे ज्वाइन किया हुआ है. हालांकि, इस क्लब में शामिल होने के पहले एक इंट्रोडक्शन भी लिया जाता है, जिसमें एक इंटरव्यू लिया जाता है. उसमें सफल होने के बाद क्लब में एंट्री मिलती है. विक्रम बताते हैं कि इस क्लब में जो सीनियर सदस्य होते हैं, उनका क्लास खत्म हो जाता है और वह पास आउट हो जाते हैं, तो वह क्लब को छोड़ देते हैं.

हर साल बनते है 100 सदस्य

उसके बाद नए सद्सयों को क्लब में मौका मिलता है. हालांकि, कई पुराने सदस्य अभी भी इस क्लब से जुड़े हुए हैं. साल में करीब 100 लोग इस क्लब को ज्वाइन करते हैं. यानी एक वक्त में इस क्लब में कम से कम 100 लोग रहते हैं. विक्रम कहते हैं, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के छात्र होने के कारण हम हमारे ऊपर कुछ नियम भी लागू करते हैं. हम लोग ज्यादातर अपने संस्थान के आसपास के इलाकों में जाकर के पक्षियों को रेस्क्यू करने के साथ उनको बचाने की पहल करते हैं.

अन्य सामाजिक कार्यों में भी रूचि

क्लब के प्रोफेसर इंचार्ज अनुराग सहायक बताते हैं कि इस क्लब ने न केवल पक्षियों को बचाने की पहल की है. बल्कि वह पर्यावरण को लेकर भी अपने दायित्व को निभा रहा है. इस कैंपस के अलावा अन्य दूसरी जगहों पर 500 से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा बिहटा में एनआईटी पटना का जो नया कैंपस बनाकर तैयार हुआ है, वहां पर भी इस क्लब के मार्फत बड़ी संख्या में पेड़ लगाए गए हैं.

*रेलवे स्टेशनों पर रील बनाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन

देशभर में रेलवे स्टेशनों और ट्रेन के आसपास खड़े होकर रील बनाने वालों के खिलाफ अब सख्त एक्शन लिया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के अधिकारियों से कहा कि यदि रील बनाने वाले सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए खतरा पैदा करते हैं या कोच और रेलवे परिसर में यात्रियों को असुविधा पहुंचाते हैं तो उनके खिलाफ केस दर्ज करें.

रेलवे बोर्ड की ओर से यह आदेश उन मामलों के बाद आया है जिनमें लोगों ने अपने मोबाइल फोन से रेल की पटरियों और चलती ट्रेन में स्टंट के वीडियो बनाकर रेल सुरक्षा के साथ समझौता किया था. हाल फिलहाल में सोशल मीडिया पर भी इस तरह के वीडियो खूब शेयर किए जाते हैं.

रील बनाने की सारी हदें पार

पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लोगों ने रील बनाने की सारी हदें पार कर दी हैं. वे न केवल अपनी जान को जोखिम में डालते हैं, बल्कि रेल की पटरियों पर वस्तुएं रखकर या वाहन चलाकर चलती ट्रेन में जानलेवा स्टंट करके सैकड़ों रेल यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं.

सेल्फी लेने के चक्कर में नजदीक चले जाते थे

अधिकारी ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो में देखा गया है कि लोग सेल्फी लेते समय ट्रेन के काफी करीब आकर ट्रैक के नजदीक चले गए, यह समझे बिना कि एक ट्रेन कम समय में कितनी लंबी दूरी तय कर सकती है और इस कारण ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे.

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) को मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए रील बनाने वाले लोगों के खिलाफ कोई ढील न बरतने की नीति अपनाने के लिए कहा गया है.

साइबर ठगी का बड़ा मामला: कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के अकाउंटेंट से 2 करोड़ 8 लाख की ठगी

साइबर ठगी का मामला देश में काफी ज्यादा बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं. उनके अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2 करोड़ 8 लाख की ठगी हुई है. मंत्री नंदी के बेटे के नाम से साइबर ठगो ने अकाउंटेंट को फंसा कर ठगी को अंजाम दिया. इस के बाद जैसे ही अकाउंटेंट को पता लगा कि वो ठगी का शिकार हो गए हैं उन्होंने फौरन साइबर पुलिस को इसकी जानकारी दी.

अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से साइबर ठगो ने मंत्री नंदी का बेटा बनकर ठगी की. साइबर ठगो ने अकाउंटेंट को झांसे में फंसाकर मंत्री का बेटा बन कर कहा, मैं बिजनेस मीटिंग में हूं, पैसों की जरूरत है, जल्दी से पैसे भेजो. इसी के बाद अकाउंटेंट को लगा कि मंत्री के बेटे ही पैसे ट्रांसफर करने के लिए कह रहे हैं और उन्होंने पैसे साइबर ठगो के बताए हुए नंबर पर ट्रांसफर कर दिए. अकाउंटेंट ने एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए.

साइबर पुलिस को दी जानकारी

ठगो को पैसे ट्रांसफर करने के बाद अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव को जैसे ही इस बात का अंदाजा हुआ कि जिन नंबरों पर उन्होंने पैसे भेजे हैं, वो न ही मंत्री का है और न ही उनके बेटे का है, तो वो घबरा गए और साइबर पुलिस को उन्होंने इसकी जानकारी दी. साइबर पुलिस ने इस मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया है. शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है.

देश में बढ़ रहे हैं साइबर ठगी के मामले

जिन खातों में अकाउंटेंट ने पैसे ट्रांसफर किए अब उनकी जांच हो रही है. साथ ही उन तीनों बैंक खातों को फ्रीज कराने का आदेश भी दिया गया है. देश में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024 में साइबर ठगी के मामलों में उछाल आया है. 2024 में 75, 800 साइबर ठगी के मामले सामने आए और 421 करोड़ रुपये की ठगी हुई. वहीं, वित्तीय वर्ष 2023 में 2, 92, 800 केस सामने आए 2,054 करोड़ की ठगी दर्ज की गई. साइबर ठगी को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है.

बिजनौर में भीषण सड़क हादसा: दूल्हा-दुल्हन समेत 7 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में भीषण सड़क हादसा हो गया है. इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई है. वहीं, इस हादसे में कुछ लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. सभी लोग शादी के बाद दुल्हन लेकर बाद लौट रहे थे. इसी दौरान यह हादसा हुआ है. इस हादसे में दूल्हा-दुल्हन समेत सात लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार कार ने टेंपो को इतनी जोरदार टक्कर मारी थी कि टेंप सड़क किनारे खाई में गिर गया था.

बिजनौर में सड़क हादसे में दूल्हा-दुल्हन समेत सात लोगों की मौत हो गई. धामपुर के तिबड़ी गांव का रहने वाला एक परिवार झारखंड से दुल्हन लेकर वापस लौट रहा था. परिवार के लोग दुल्हन के आने की तैयारी कर रहे थे. चारों और खुशियां ही खुशियां थी, लेकिन किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह खुशियां एकदम से मातम में बदल जाएगी. सभी लोग टेंपो में बैठकर आ रहे थे कि इसी बीच उनका टेंपों धामपुर थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे 74 के फायर स्टेशन के पास पहुंचता है.

तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर

इसी दौरान एक तेज रफ्तार में आ रही कार टेंपो को जोरदार टक्कर मारती है और टेंपो सड़क किनारे खाई में गिर जाता है. घटना के बाद हाईवे किनारे से जा रहे लोग आनन-फानन में टेंपो में सवार लोगों को बचाने के लिए पहुंचे और फिर पुलिस और एंबुलेंस को घटना की जानकारी दी. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

टेंपो ड्राइवर की भी हुई मौत

मरने वालों में खुर्शीद (65) उसका बेटा विशाल (25), बहु खुशी (22) के अलावा मुमताज (45),पत्नी रूबी (32) और बेटी बुशरा (10) भी शामिल है. इसी के साथ टेंपो चालक की भी मौके पर ही मौत हो गई है. हादसे में घायल कार सवार शेरकोट निवासी सोहेल अल्वी और अमन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दोनों का इलाज चल रहा है.

सीएम योगी का नारा "बंटोगे तो कटोगे" वाराणसी के घाटों पर दीपकों से लिखा गया ।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देव दीपावली का उत्सव धूमधाम से मनाया गया. शुक्रवार शाम होते ही गंगा के 84 घाटों पर लाखों दीपकों की जगमगाहट ने लोगों का मन मोह लिया. इस देव दीपावली में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को मुख्य अतिथि बनाया गया. उनके अलावा इस कार्यक्रम में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी और अन्य नेता भी शामिल हुए हैं. इस देव दीपावली में एक खास आकर्षण पर सबकी नजरें टिक गई जहां पर सीएम योगी के ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे को दीपकों से लिखा गया.

देव दीपावली पर वाराणसी के सभी घाटों को लाखों दीयों से सजाया गया. इस दौरान चर्चा में रहा पाण्डेय घाट पर 51000 दीयों से सजाया गया सीएम योगी का नारा “बंटोगे तो कटोगे.” सीएम योगी खुद भी नमो घाट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ मौजूद रहे और नमो घाट फेज़ 2 का लोकार्पण भी किया. अलग-अलग घाटों पर दीयों से अलग-अलग आकृतियां बनाई गई. लोग उनको करीब से निहारते रहे. कुछ लोग तो “बंटोगे तो कटोगे” नारे के साथ घाट पर सेल्फी क्लिक करते हुए भी दिखाई दिए.

अंधेरा होते ही जगमगाया बनारस

अंधेरा होने के साथ जैसे ही पंचगंगा घाट पर लाखों दीप प्रज्ज्वलित हुए तो गंगा के किनारे साढ़े सात किलोमीटर तक जगमग हो उठे. करीब सत्रह लाख दीपों से काशी की छटा देखते ही बन रही थी. अर्द्धचंद्राकार घाटों पर चंद्रहार की तरह दीपक झिलमिलाने लगे. पर्यटकों ने इस अलौकिक नजारे को देखा तो बस देखते ही रह गए. घाटों पर देवलोक के साक्षात अलौकिक दृश्य ने लोगों का मन मोह लिया.

देखते ही बनी मां गंगा की छटा

योगी सरकार देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए लगातार इसकी ब्रांडिंग कर रही है. पिछले साल 12 लाख दीपों से घाटों को रोशन किया गया था. इस बार 17 लाख से भी ज्यादा दीपक जलाए गए. जन सहभागिता से इन दीपों की संख्या 17 लाख के पार हो गई. जिसमें 3 लाख से अधिक दीये गाय के गोबर से बने हैं. ऐसे में काशी के अर्द्धचन्द्राकार घाटों पर जब दीपों की माला पहने हुए मां गंगा का श्रृंगार और महा आरती हुई तो ये छठा और अद्भुत दिखाई दी.

भव्यता के साथ पूरी हुई गंगा आरती

दशाश्वमेध घाट पर नियमित होने वाली मां गंगा की आरती को देव दीपावली पर भव्य स्वरूप दिया गया. धर्म के साथ राष्ट्रीयता और सामाजिकता का सन्देश देने वाली ये महाआरती कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित रहती है. भारत के अमर वीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित भी किया. शंख नाद और डमरुओं की निनाद से घाट गूंज उठे. गंगा सेवा निधि द्वारा वेबसाइट http://gangasevanidhi.in का शुभारंभ किया गया. काशी के अन्य घाट पर भी मां गंगा की भव्य आरती का नजारा देखने को मिला.