820 करोड़ रुपये की लागत से भारत का पहला समर्पित रेलवे परीक्षण ट्रैक राजस्थान में बनाया जा रहा है

डेस्क:–राजस्थान में रोलिंग स्टॉक के परीक्षण की सुविधा विकसित करने के लिए एक समर्पित रेलवे परीक्षण ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। यह ट्रैक दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा। राजस्थान में देश का पहला ट्रेन ट्रायल ट्रैक लगभग बनकर तैयार हो गया है। 60 किलोमीटर लंबा यह ट्रैक पूरी तरह सीधा नहीं है, बल्कि इसमें कई घुमावदार बिंदु बनाए गए हैं। इससे इस बात का ट्रायल लिया जा सकेगा कि तेज गति से आ रही ट्रेन बिना गति कम किए घुमावदार ट्रैक पर कैसे गुजरेगी। इन कर्व में कुछ कर्व कम गति के लिए बनाए गए हैं, तो कुछ तेज गति के लिए। पहले चरण के पूरा होने के बाद बुलेट ट्रेनों का 230 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से परीक्षण भी किया जा सकेगा।

देश के पहले डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक की स्थापना से देश में हाई-स्पीड रोलिंग स्टॉक वस्तुओं के परीक्षण में नए आयाम स्थापित होंगे और आधुनिकता की ओर बढ़ रहे रेलवे की दिशा में यह टेस्ट ट्रैक मील का पत्थर साबित होगा। रेलवे द्वारा पूर्व में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ संरक्षित रेल संचालन पर भी विशेष जोर दिया गया है। रेलवे ट्रैक के अलावा सुरक्षा को मजबूत करने में रोलिंग स्टॉक की अहम भूमिका होती है। रोलिंग स्टॉक का उपयोग करने से पहले उसका व्यापक और गहन परीक्षण करना जरूरी होता है, तभी वह सुरक्षा के मापदंडों पर खरा उतर सकता है।

डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक के जरिए रेलवे संसाधनों का व्यापक उपयोग कर सकेगा और सुरक्षा में काफी बढ़ोतरी होगी। देश में हाई-स्पीड रोलिंग स्टॉक के व्यापक परीक्षण के लिए भारतीय रेलवे राजस्थान के डीडवाना जिले के जोधपुर मंडल के नावां में गुढ़ा-थाथाना मीठड़ी के बीच 60 किलोमीटर लंबा देश का पहला आरडीएसओ डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक विकसित कर रहा है फेज 1 का काम दिसंबर 2018 में और फेज 2 का काम नवंबर 2021 में मंजूर हुआ था।

इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 820 करोड़ रुपये है। समर्पित परीक्षण ट्रैक के निर्माण में सात बड़े पुल, 129 छोटे पुल और चार स्टेशन (गुढ़ा, जाबदीनगर, नावां और मीठड़ी) शामिल हैं। इस परियोजना के तहत 27 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और पूरा काम दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के तहत हाई-स्पीड रोलिंग स्टॉक और गति परीक्षण, स्थिरता, सुरक्षा मापदंडों, दुर्घटना प्रतिरोध, रोलिंग स्टॉक की गुणवत्ता आदि सहित वस्तुओं की व्यापक परीक्षण सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इस समर्पित परीक्षण ट्रैक में ट्रैक सामग्री, पुल, टीआरडी उपकरण, सिग्नलिंग गियर और भू-तकनीकी अध्ययन का परीक्षण भी शामिल है। ट्रैक पर पुल, अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज जैसी विभिन्न संरचनाएं बनाई गई हैं।

इस ट्रैक पर आरसीसी और स्टील के पुल बनाए गए हैं जो जमीन के नीचे और ऊपर हैं। इन पुलों को कंपन प्रतिरोधी बनाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इन पुलों के जरिए इसके ऊपर से तेज गति से गुजरने वाली ट्रेन के रिस्पांस को परखा जा सकेगा। पुल को टर्न आउट सिस्टम का उपयोग करके बनाया गया है। यानी, हैवी आरसीसी बॉक्स लगाकर ऊपर स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है। चूंकि सांभर का वातावरण क्षारीय है, इसलिए स्टील में जंग नहीं लगेगा।
विधानसभा उपचुनाव से पहले रविवार को सीएम भजनलाल शर्मा ने दौसा में किया रोड शो, पार्टी उम्मीदवार के लिए मांगे वोट

डेस्क:–राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा उपचुनाव से पहले रविवार को दौसा में भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीना के पक्ष में रोड शो किया।

सीएम को पार्टी प्रत्याशी के साथ खुली जीप में सवार देखा गया और उनके साथ भारी भीड़ और भाजपा कार्यकर्ता पार्टी के झंडे और पोस्टर लेकर चल रहे थे। विशेष रूप से, कांग्रेस ने मीना के खिलाफ दौसा विधानसभा सीट से दीनदयाल बैरवा को मैदान में उतारा है।

राजस्थान में झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ सहित सात सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे और नतीजे 20 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इन सात सीटों पर उपचुनाव दो विधायकों के निधन और पांच अन्य के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद जरूरी हो गए थे। गौरतलब है कि इन सात सीटों में से पांच कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों (भारत आदिवासी पार्टी-एक) के पास थीं, जबकि भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के पास एक-एक सीट थी। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 114 विधायक हैं, कांग्रेस के 65, भारत आदिवासी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो, राष्ट्रीय लोकदल का एक और आठ निर्दलीय हैं। 30 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्य चुनाव अधिकारी नवीन महाजन ने कहा था कि राजस्थान में 10 महिलाओं और 59 पुरुषों सहित 69 उम्मीदवार राजनीतिक मैदान में हैं। हालांकि, 25 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख तक कुल 94 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र जमा किए थे। उन्होंने कहा कि दौसा और खींवसर विधानसभा क्षेत्रों में 12-12 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। सलूंबर में छह उम्मीदवार मैदान में हैं।
शेख हसीना फिर बनेंगी बांग्लादेश की पीएम! ट्रंप की अमेरिका में वापसी के बाद अवामी लीग हुई एक्टिव

डेस्क:–अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव  में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर दोबारा राष्ट्रपति बन गए हैं। उनके राष्ट्रपति बनने के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति में भी तेजी से परिस्थिति बदल रहा है। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग  उनके समर्थन में माहौल बनाने में जुट गई है। अवामी लीग शेख हसीना को बांग्लादेश की फिर से प्रधानमंत्री बनाने में लग गई है।

इधर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग को “फासीवादी” पार्टी करार देते हुए उस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इससे पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के छात्र संघ शाखा पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश से भागने के तीन महीने बाद उनकी पार्टी अवामी लीग ने आज रविवार को ढाका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन रैली का आह्वान किया है। दरअसल, अगस्त में छात्रों के विद्रोह के बाद से अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बढ़ते हमलों का सामना करते हुए पूर्ववर्ती सत्तारूढ़ पार्टी अपने अधिकांश शीर्ष नेतृत्व के जेल में या निर्वासन में रहने के कारण फिर से संगठित होने और अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रही है। इस क्रम में पार्टी ने रविवार (10 नवंबर) को ढाका में विरोध मार्च का आह्वान किया है।

इधर अंतरिम सरकार ने शनिवार को जारी एएल के बयान में कहा गया, “हमारा विरोध देश के लोगों के अधिकारों को छीनने, कट्टरपंथी ताकतों के उदय और आम लोगों के जीवन को बाधित करने की साजिश के खिलाफ है। हम आप सभी से अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस मौजूदा शासन के कुशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह करते हैं।

कुछ समय पहले ही अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के स्टूडेंट विंग ‘स्टूडेंट लीग’ को बैन कर दिया गया था। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काम कर रही अंतरिम सरकार ने एक गजट जारी किया और 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत संगठन पर बैन लगा दिया। गजट में कहा गया कि बांग्लादेश स्टूडेंट लीग को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया है। इन गतिविधियों में हत्या, प्रताड़ना, कॉलेज परिसरों में उत्पीड़न, छात्र डॉर्मिटरी में सीट ट्रेडिंग, टेंडर में हेरफेर, बलात्कार, और यौन उत्पीड़न जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं।

बता दें कि शेख हसीना को ट्रंपक का करीबी नेता बताया जाता है। अवामी लीग हमेशा अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी की करीबी रही है। इसी का नतीजाै है कि हसीना की पार्टी आवामी लीग ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ट्रंप को बदाई संदेश भाजा था। संदेश में शेख हसीना को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बताया गय़ा है। वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मुखिया मोहम्मद यूनुस अमेरिका के डेमोक्रेटिक पार्टी के करीबी रहे हैं। इसी का नतीजा है कि बाराक ओबामा सरकार में मोहम्मद यूनुस को शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया था।

बता दें कि जून 2024 में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 बांग्लादेश कोटा सुधार आंदोलन के जवाब में किए गए सरकारी फैसले को पलटते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 फीसदी कोटा बहाल करने के खिलाफ विरोध शुरू हुआ था। छात्रों को ऐसा लगने लगा कि योग्यता के आधार पर उनके पास सीमित अवसर ही बचेंगे। इस विरोध की शुरुआत सरकारी नौकरियों के लिए पुनः स्थापित कोटा प्रणाली की प्रतिक्रिया के रूप में शुरू हुई थी। बाद में यह हिंसक होती चली गई। इसके बाद बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को 5 अगस्त को देश छोड़ेकर जाना पड़ा।
फ्लिपकार्ट पर धमाकेदार ऑफर, आधी कीमत में मिल रहा 60 हजार रुपये वाला Samsung का प्रीमियम स्मार्टफोन

डेस्क:–ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट पर Samsung Galaxy S23 FE डिस्काउंट के साथ बिक्री के लिए मौजूद है। सैमसंग के मिड-रेंज फ्लैगशिप फोन की खरीदारी करने पर आपकी अच्छी बचत हो सकती है। इस बैंक और एक्सचेंज ऑफर दिए जा रहे हैं, साथ में एक्सचेंज ऑफर भी मिल रहा है। इसके लिए पुराने फोन की कंडीशन सही होना जरूरी है। सैमसंग गैलेक्सी एस23 फैन एडिशन में स्पेसिफिकेशन भी तगड़े ऑफर किए गए हैं।

Samsung Galaxy S23 FE की फ्लिपकार्ट पर लिस्टेड कीमत 84,999 रुपये है 256 वेरिएंट के लिए। लेकिन प्रभावी कीमत सिर्फ 37,999 रुपये है। 8 जीबी रैम और 256 जीबी स्टोरेज वाले वेरिएंट पर 23,400 रुपये का एक्सचेंज ऑफर दिया जा रहा है। अगर पुराने फोन की कंडीशन सही है तो प्रभावी कीमत और भी कम हो जाएगी।


इस पर फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर 5 प्रतिशत का कैशबैक दिया जा रहा है। ग्राहक फोन को नो-कॉस्ट-ईएमआई के साथ भी खरीद सकते हैं। अगर आपके पास कोई कूपन वगैरह है तो उससे भी बचत हो सकती है। फोन पर कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन भी है। स्मार्टफोन फ्लिपकार्ट पर ग्रेफाइट, मिंट और पर्पल कलर में खरीदारी के लिए उपलब्ध है।

सैमसंग गैलेक्सी S23 FE में 6.4 इंच का डायनामिक एमोलेड 2X डिस्प्ले है, जिसमें 120Hz रिफ्रेश रेट है, यह बेहतर व्यूइंग एक्सपीरियंस के लिए कंटेंट को ट्रैक करने वाले फ्लूइड ट्रांजिशन को सुनिश्चित करता है। इस फोन में सैमसंग की विजन बूस्टर तकनीक भी दी गई है।

इसमें 50MP का प्राइमरी सेंसर, 12MP का अल्ट्रा-वाइड सेंसर और OIS के साथ 8MP का 3x ऑप्टिकल जूम लेंस है। सैमसंग ने फैन एडिशन सीरीज में नाइटोग्राफी तकनीक भी पेश की है, जो लो लाइट में फोटो क्लिक करने की परमिशन देती है। साथ ही कैमरा असिस्टेंट ऐप यूजर्स को कस्टमाइज्ड फोटो एक्सपीरियंस के लिए अपनी सेटिंग को फाइन-ट्यून करने देता है।

8GB रैम के साथ Exynos 2200 चिपसेट से लैस फोन में वेपर चैंबर है, जो हीट डिसिपेशन के लिए काम करता है। फोन में 4500mAh की बैटरी है जो 25W पर फास्ट चार्जर से चार्ज होती है। एंड्रॉइड 13 बेस्ड Samsung One UI 5.1 पर यह फोन रन करता है।

35,000 रुपये से कम कीमत वाला Samsung Galaxy S23 FE एक पावरफुल प्रोसेसर, एक अपग्रेडेड कैमरा सिस्टम और बड़ी डिस्प्ले के साथ एक फ्लैगशिप एक्सपीरियंस देता है। अगर आप एक किफायती कीमत पर एक अच्छे स्पेक्स वाला फोन तलाश रहे हैं और AI फीचर्स की ज्यादा चाहत नहीं है तो इस फोन को खरीदा जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करहल में अखिलेश यादव पर साधा निशाना, कहा कि बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है। बताई कांग्रेस और मुलायम की 'दुश्मनी'

डेस्क:–मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दूसरे दिन शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेतृत्व, नीतियों और नेताओं को निशाने पर लेते हुए बिना नाम लिए अखिलेश पर हमला किया।

बोले, बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है। नेताजी की कर्मभूमि मैनपुरी के करहल में भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव के समर्थन में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. मुलायम सिंह यादव को भी कष्ट हो रहा होगा कि उनका सपूत सपा को कांग्रेस के पास गिरवी रखकर पार्टी का सत्यानाश करने पर उतारू है।

अलीगढ़ के खैर में सुरेंद्र दिलेर व कानपुर के सीसामऊ में सुरेश अवस्थी के समर्थन में आयोजित सभा में विपक्ष से सवाल पूछा कि जब एएमयू में भारत का पैसा लगा है तो वहां पिछड़ी, अनुसूचित जाति व जनजाति को आरक्षण क्यों नहीं मिलता?

कहा कि कानपुर का दंगाई और रामपुर में जमीन कब्जाने वाला जेल में, लेकिन समाजवादी पार्टी इन्हें निर्दोष ही मानती है। सपा की टोपी लाल, लेकिन कारनामे काले हैं।करहल में नेताजी मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि में सीएम ने भावनात्मक अंदाज में अखिलेश यादव पर परोक्ष हमला किया।

बोले कि उनका आचरण अपने पिता की भावनाओं के विरुद्ध है। अखिलेश यादव की सपा कांग्रेस की गोदी में खेल रही है। कांग्रेस ने इमरजेंसी में नेताजी को बंद किया था। नेताजी हमेशा कांग्रेस का विरोध करते थे। वे कहते थे कि धोखे से भी इसके साथ नहीं रहना है, लेकिन सपा अब नेताजी के मूल्यों-आदर्शों से खुद को दूर कर चुकी है। कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है, जो जिंदगी भर उनके साथ जुड़ जाती है। बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है, इसलिए कभी-कभी ऐसा काम कर देता है, जिससे मैनपुरीवालों के सामने भी संकट खड़ा हो जाता है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने करहल में मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। अलीगढ़ के खैर में मुख्यमंत्री ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर छिड़ी कानूनी लड़ाई के बहाने सपा-कांग्रेस को घेरा। कहा, भारत का संविधान अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति को मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सुविधा देता है।

नौकरियों में और बच्चों के प्रवेश में भी यह सुविधा प्राप्त होनी चाहिए लेकिन एएमयू भारत के संसाधनों से पलने और जनता के टैक्स से चलने वाला ऐसा संस्थान है, जो पिछड़ी, अनुसूचित जाति या जनजाति के लोगों को आरक्षण नहीं देता है, लेकिन मुसलमानों के लिए स्वयं के माध्यम से 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर रहे हैं।

कानपुर के सीसामऊ में चुनावी सभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 के पहले सपा ने दुर्दांत माफिया व गुंडों को शागिर्द बना रखा था। वे दंगाइयों को अपने साथ लेकर चलते थे। दंगाइयों को गले लगाया, लोगों को दंगों में झोंका। कानपुर का दंगाई जेल में है। रामपुर का पूर्व मंत्री जेल में है। स्वर्गीय राजू पाल की हत्या पर सपा चुप रही। उमेश पाल के हत्यारों को सुरक्षा देती रही। उमेश की सुरक्षा में लगे निषाद जवान की हत्या में कुछ नहीं किया। लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस ने झूठ फैलाया। अब जनता समझ चुकी है कि ये लोग जन भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले हैं।

मुख्यमंत्री बोले भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। हमने राम मंदिर बनाकर भी दिखा दिया। हम तो कहते हैं कि कृष्ण कन्हैया को लाएंगे और आपकी भावनाओं का सम्मान कराएंगे।

विपक्ष की ओर इंगित करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ वोट चाहिए, कृष्ण-कन्हैया का सम्मान नहीं। सीएम ने सीधे भीड़ से संवाद करते हुए कहा कि करहल की जनता को इनसे ये ही पूछना चाहिए कि यदि वे कृष्ण-कन्हैया का सम्मान नहीं कर सकते तो इन लोगों को बाय-बाय कर देंगे।
विधानसभा उपचुनाव के दौरान चल रही जुबानी जंग के बीच अखिलेश यादव ने भाजपा पर  हमला, कहा एनकाउंटर वाली सरकार का काउंटडाउन शुरू

डेस्क:–विधानसभा उपचुनाव के दौरान चल रही जुबानी जंग के बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। कहा, एनकाउंटर वाली सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया है इसलिए उनकी भाषा बदल गई है। इतना घबराए हैं कि अधिकारियों को अपना पदाधिकारी समझ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तीक्ष्ण शब्द बाण चलाए।

नोटबंदी के दौरान कानपुर देहात के एक बैंक में जन्मे बालक खजांची का जन्मदिन सपा कार्यालय में मनाने के बाद अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि नोटबंदी दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक भ्रष्टाचार के रूप में सामने आई है। नोटबंदी का एक भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ।

सपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमलावर अखिलेश ने कहा कि मन की कुटिलता ही वचन की कटुता बनती है। जिन्होंने अपने ऊपर दर्ज सच्चे मुकदमे हटाए हैं, दूसरों पर उतने ही झूठे मुकदमे लगवाए हैं। जो जितना बड़ा संत होता है, वह उतना ही कम बोलता है।
कहा, इनकी योग्यता की परीक्षा करानी पड़ेगी। व्यक्ति वस्त्र से नहीं, वचन से योगी होता है, जिनका काम सरकार चलाना होना चाहिए, वो बुलडोजर चला रहे हैं। मृदुभाषी कटुभाषी बन गए हैं।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब बुलडोजर की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार अहंकार में संविधान भी भूल गई है। पूरी तरह से जंगलराज है। सरकार अत्याचार कर रही है, जिन्हें संविधान से चलना चाहिए, वे मन विधान से चल रहे हैं। जिन्हें सौहार्द के पुल बनाने चाहिए, वे नीचे-नीचे बारूदी सुरंग बिछा रहे हैं। जिनके राज में साधु संतों के बीच झगड़े करवाए जा रहे हैं, वे कैसे योगी हैं?

भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव के हमले को लेकर तगड़ा पलटवार किया। एक्स अकाउंट पर लिखा कि ‘आदरणीय सपा प्रमुख जी, हिंदू धर्म में संत व सन्यासी सर्वश्रेष्ठ होते हैं, आपको इन मान्यताओं की जानकारी होनी ही चाहिए।’ ‘योगी जी प्रदेश के सर्वप्रिय मुख्यमंत्री हैं, गोरक्षपीठाधीश्वर हैं, सत्य सनातन के धवल प्रतिबिंब हैं, सज्जनों को सम्मान देने वाले श्रेष्ठ सन्यासी हैं। राजनीति में व्यक्तिगत टिप्पणियां ठीक नहीं हैं, आपने अपने बड़ों को कैसा सम्मान दिया उसका उल्लेख करना ठीक नहीं, परंतु एक सर्वमान्य संत पर व्यक्तिगत आक्षेप करना भी ठीक नहीं है। श्रद्धेय योगी अदित्यनाथ जी का व्यक्तित्व बड़ा है, कृतित्व बड़ा है, धार्मिक उत्तरदायित्व बड़ा है, वे श्रेष्ठ हैं, वे पूज्य हैं।’
सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े,यूपी में 67 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता जमा नहीं कर रहे हैं बिल

डेस्क:–प्रदेश के 67,41,118 बिजली उपभोक्ता कई वर्षों से बिल नहीं जमा कर रहे हैं। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबिनार में उपभोक्ताओं ने दी।

उपभोक्ताओं की तरफ से मांग की गई है कि बिल न जमा करने वाले उपभोक्ताओं के लिए ब्याज माफी योजना लागू की जाए। इनमें से करीब 15 प्रतिशत उपभोक्ताओं के बिजली के कनेक्शन कागजों पर तो हैं, लेकिन हकीकत में उनके घरों में बिजली की आपूर्ति ही नहीं की जा सकी है।

परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि तमाम उपभोक्ता इसलिए बिल नहीं जमा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें एक साथ कई माह का बिल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि 24 मई 2024 तक पश्चिमांचल में 2,71,511 उपभोक्ताओं ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया। इसी प्रकार दक्षिणांचल में 8,70,301 और मध्यांचल में 22,62,198 उपभोक्ताओं ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया।

पूर्वांचल में 33,17,368, केस्को में 19,740 उपभोक्ताओं ने कभी भी बिजली का बिल जमा नहीं किया है। वेबिनार में उपभोक्ताओं ने बताया कि नोएडा, प्रतापगढ़, मऊ, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, हरदोई, मैनपुरी, आजमगढ़, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी व कानपुर के तमाम गरीब उपभोक्ताओं को छह माह या एक वर्ष का बिल एक साथ भेजा जा रहा है। बिल अधिक होने की वजह से गरीब उपभोक्ता बिल जमा नहीं करते हैं।

वहीं कई उपभोक्ताओं के यहां कागजों पर बिजली का कनेक्शन दिखाया जा रहा है, जबकि हकीकत में उनके घरों में बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है। वहीं कई उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर और केबल दे दिया गया लेकिन आज भी पोल से उनकी बिजली नहीं जोड़ी गई है।

भारत का “India 6G Vision” तेजी से आगे बढ़ा, मिलेगी अल्ट्रा-फास्ट स्पीड इंटरनेट की सुविधा…

डेस्क:– भारत 6G टेक्नोलॉजी को लेकर अपनी तैयारियों में तेजी से आगे बढ़ रहा है. India 6G Vision के तहत, देश में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसर्च को लेकर कई इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इसके अंतर्गत, एक नया मल्टी पोर्ट स्विच सिंगल ब्रॉडबैंड एंटीना विकसित किया जा रहा है, जो एक साथ 2G से लेकर 5G तक सभी बैंड्स को सपोर्ट कर सकता है। इस तकनीक से सभी नेटवर्क्स का संचालन एक ही एंटीना से नॉइस-फ्री तरीके से किया जा सकेगा, जिससे अलग-अलग बैंड्स के लिए अलग-अलग एंटीना की आवश्यकता खत्म हो जाएगी।

दूरसंचार विभाग (DoT) और CSIR-CEERI, पिलानी इस एंटीना के विकास में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिए मल्टीपोर्ट स्विच और ट्यूनबल इम्पेडेंस मैचिंग नेटवर्क विकसित किए जा रहे हैं, जिससे यह एंटीना कई बैंड्स को एक साथ कनेक्ट कर सकेगा. इसके अलावा, DoT के टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) के माध्यम से, इस तरह के प्रोजेक्ट्स को फंडिंग और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।

भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत 6G टेक्नोलॉजी में एक अग्रणी देश बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत में 6G से जुड़े रिसर्च प्रोजेक्ट्स को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ने 6G रिसर्च के लिए दो नेक्स्ट जेनरेशन टेस्टबेड्स को फंड किया है, साथ ही 470 अन्य रिसर्च प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। इस रिसर्च में माइक्रो-इलेक्ट्रोमैकेनिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित बेहतर एंटीना परफॉर्मेंस को भी प्राथमिकता दी जा रही है ।

भारत का लक्ष्य है कि 6G टेक्नोलॉजी के लिए दुनिया में एक छठा हिस्सा ग्लोबल स्टैंडर्ड्स और 10% पेटेंट भारत से आएं । हाल ही में भारत ने नई दिल्ली में ITU-WTSA 2024 का सफल आयोजन किया, जिसमें भारत की 6G टेक्नोलॉजी से जुड़ी योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला

6G नेटवर्क के इस तेज विकास से उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में भारत में हाई-स्पीड और अत्याधुनिक इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी, जिससे देश की डिजिटल प्रगति और भी तेज हो सकेगी।
Apple ने फिर बनाया रिकॉर्ड, iPhone 15 बना सबसे अधिक बिकने वाला स्मार्टफोन…

डेस्क:–Apple का नया iPhone 15 मौजूदा वर्ष की तीसरी तिमाही में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन बन गया है. बेस्ट-सेलिंग स्मार्टफोन्स की सूची में पहले तीन स्थानों पर Apple के iPhones ने कब्जा जमाया है। मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint के अनुसार, iPhone 15 के बाद iPhone 15 Pro Max और iPhone 15 Pro क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इस सूची में Apple ने कुल चार स्थान हासिल किए हैं, जिनमें iPhone 14 को सातवां स्थान मिला है।

Counterpoint के इंटरनेशनल हैंडसेट मॉडल सेल्स ट्रैकर ने बताया कि Apple की हाई-एंड स्मार्टफोन्स की डिमांड से स्टैंडर्ड और Pro मॉडल्स के बीच की सेल्स का अंतर कम हुआ है । तीसरी तिमाही में, iPhone की कुल सेल्स में Pro वेरिएंट्स की हिस्सेदारी लगभग आधी रही है, जिससे Apple को वैल्यू के आधार पर अधिक सेल्स में मदद मिली है।

Samsung और अन्य ब्रांड्स की स्थिति सैमसंग को इस सूची में पांच स्थान मिले हैं, जिनमें से चार स्थान कंपनी की A-सीरीज के स्मार्टफोन्स ने बनाए हैं। Samsung Galaxy S24 ने 10वां स्थान प्राप्त किया, और छह वर्षों में यह पहली बार है कि सैमसंग का Galaxy S डिवाइस टॉप 10 में शामिल हुआ है. इसके अलावा, चीनी स्मार्टफोन निर्माता Redmi के बजट सेगमेंट के Redmi 13C 4G ने नौवां स्थान हासिल किया है।

Apple का भारतीय बाजार में बढ़ता प्रभाव Apple के CEO, Tim Cook ने भारत के बढ़ते महत्व पर जोर दिया है. सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी की सेल्स उम्मीद से बेहतर रही, जो कि $94.9 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि है. Cook ने बताया कि Apple ने भारत में रेवेन्यू का रिकॉर्ड बनाया है और यहां चार नए स्टोर्स खोलने की योजना बनाई है।

हाल ही में लॉन्च हुई Apple iPhone 16 सीरीज को भी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इसके साथ ही, iPads की बिक्री में भी वृद्धि देखी जा रही है, जिनकी सेल्स में डबल-डिजिट वृद्धि हुई है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को दी बड़ी चुनौती



रायपुर। राजधानी रायपुर के दक्षिण पर उपचुनाव होने को है। इसी सीट पर भाजपा और कांग्रेस की कड़ी टक्कर है। इस सीट पर जहां भाजपा ने सुनील सोनी को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने युवा नेता आकाश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है।

दोनों के बीच इस चुनावी मैदान में कड़ा मुकाबला है। भाजपा और कांग्रेस इस सीट जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी है। इसी बीच रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को बड़ी चुनौती दी है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस इस चुनाव से ज्यादा वोट लाकर दिखाए।

बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा कि पिछले चुनाव की तुलना में इस बार ज्यादा वोट पाकर दिखाए। आपको बता दें कि साल 2023 में रायपुर-दक्षिण क्षेत्र में विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल प्रदेशभर में सबसे अधिक 67 हजार से भी ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे। उन्हें एक लाख नौ हजार 263 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को 41 हजार 544 वोट मिले थे। जिसके बाद बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद ये सीट खाली हो गया।