मोदी जी के सामने नाक नहीं रगडेंगे, चाहे सिर ही कटाना पड़े...', बेलागंज में रैली में बीजेपी पर जमकर बरसे तेजस्वी यादव

बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसको लेकर प्रचार तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज बेलागंज में चुनावी रैली के दौरान बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कहा कि बिहार में बीजेपी को किसी न किसी पार्टी का साथ जरूर मिला। भाजपा को जिताने में मदद की। लेकिन आरजेडी ने अपनी विचारधारा नहीं बदली। हम लोग सिर कटा सकते हैं, लेकिन मोदी जी के सामने कभी भी नाक नहीं रगड़ेंगे।

तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव ने अपने शरीर का सारा खून बीजेपी को रोकने में जला दिया। जो बचा है उसे भी लगाएंगे। लोकसभा चुनाव में 9 सीट इंडिया गठबंधन जीता था। अगर 10 और जीत जाते तो मोदी जी भाग जाते। अगर देश में संदेश देना है तो संविधान, तरक्की,के लिए एकजुट होना पड़ेगा। अगर बेमानी नहीं होती तो 2020 में सरकार तो लगभग बना ही लिए थे। हमलोग काम करने वाले लोग है। असली दुश्मन बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई है। अमन चैन और देश व बिहार की तरक्की के लिए एकजुट होना होगा।

बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रचार तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज बेलागंज में चुनावी रैली की। इस दौरान उन्होने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होने कहा कि बिहार में बीजेपी को किसी न किसी पार्टी का साथ जरूर मिला। भाजपा को जिताने में मदद की। लेकिन आरजेडी ने अपनी विचारधारा नहीं बदली। हम लोग सिर कटा सकते हैं, लेकिन मोदी जी के सामने नाक नहीं रगडेंगे।

तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव ने अपने शरीर का सारा खून बीजेपी को रोकने में जला दिया। जो बचा है उसे भी लगाएंगे। लोकसभा चुनाव में 9 सीट इंडिया गठबंधन जीता था। अगर 10 और जीत जाते तो मोदी जी भाग जाते। अगर देश में संदेश देना है तो संविधान, तरक्की,के लिए एकजुट होना पड़ेगा। अगर बेमानी नहीं होती तो 2020 में सरकार तो लगभग बना ही लिए थे। हमलोग काम करने वाले लोग है। असली दुश्मन बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई है। अमन चैन और देश व बिहार की तरक्की के लिए एकजुट होना होगा।

कहा कि लालू को जेल भेजकर हम पर मुकदमा किया गया। आपने ताकत दी है तभी लालू मोदी से लड़ते है। कभी विचारधारा से मुंह नहीं मोड़ा है। ईंट से ईंट बजा देंगे, लालू सेना तैयार है। ईडी और सीबीआई से डराते हो। लालू नहीं डरे तो उसका लड़का डराए वाला है। हम लोग 20 साल से विपक्ष में है। 17 महीना सरकार में आए। भाजपा को दूर भगाने के लिए नीतीश को सीएम बनाए थे। मिट्टी में मिलाने की कसम खाए थे। बीजेपी साजिश और बहुरूपिया का इस्तेमाल करती है। इनके पास मंत्र, तंत्र यंत्र है। राजद के पास आपके अलावा कुछ नहीं है। तेजस्वी ने बेलागंज से आरजेडी प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह को जिताने की अपील की।

रूस से तेल खरीदकर भारत ने पूरी दुनिया की मदद की” हरदीप पुरी की आलोचकों को दो टूक

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भारत ने रूस से तेल खरीदकर दुनिया पर एक अहसान किया है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ये बड़ा बयान दिया है।केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले से वैश्विक तेल कीमतों में संभावित उछाल को रोकने में मदद मिली है। पुरी के ये बयान सस्ता रूसी तेल खरीदने की आलोचना करने वालों को करारा जवाब है। 

भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में अबू धाबी में सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू दिया।पुरी ने अपनी पोस्ट में एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वे इंटरव्यू देते नजर आ रहे हैं। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत का रूस से तेल खरीदने का निर्णय वैश्विक अस्थिरता के बीच महत्वपूर्ण था। उन्होंने बताया कि अगर भारत ने रूस से तेल नहीं खरीदा होता, तो वैश्विक तेल की कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती थीं।

पुरी ने साफ किया है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है और ऐसा करने में कोई नियम नहीं तोड़ा है। उन्होंने उन लोगों को 'अज्ञानी' कहा जो भारत पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बल्कि एक मूल्य प्राइस कैप लगा है। भारतीय कंपनियां इस सीमा का पालन कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई यूरोपीय और एशियाई देश भी रूस से अरबों डॉलर का कच्चा तेल, डीजल, एलएनजी और अन्य जरूरी खनिज खरीद रहे हैं।

उन से एनर्जी खरीदेंगे, जो सबसे कम रेट ऑफर करेंगे-पुरी

पुरी ने आगे कहा कि 'हम लगातार उन सभी से एनर्जी खरीदेंगे, जो हमारी कंपनियों को सबसे कम रेट ऑफर कर रहे हैं। यह पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप का कॉन्फिडेंस है।' साथ ही उन्होंने कहा, 'हम हमारे उन 7 करोड़ नागरिकों के लिए एनर्जी की स्टेबल अवेलेबिलिटी, अफॉर्डेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करेंगे, जो रोज पेट्रोल पंप जाते हैं। यह हमारी टॉप प्रायोरिटी है।'

पिछले 3 वर्षों से तेल की कीमतों में गिरावट

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अकेला ऐसा बड़ा ऑयल कंज्यूमर है, जहां पिछले 3 वर्षों से तेल की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट आई है, जबकि दूसरे देशों में दाम आसमान पर पहुंच गये। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता भारत अपनी 80% से अधिक तेल जरूरतों के लिए विदेशी खरीद पर निर्भर है।

बारामती में पीएम मोदी की रैली नहीं चाहते अजित पवार, जानें क्या है वजह

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महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही। वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज होती जा रही है। यहां महा विकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में मुकाबला है। इन दोनों ही गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं कि सबकुछ सही नहीं है। इन सबके बीच अगर किसी खबर ने सबसे ज्यादा चौंकाया, वो है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारामती में चुनावी रैली नहीं करेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली नहीं करने का अनुरोध किया है।

अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पवार

महायुति के पार्टनर एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार महाराष्ट्र चुनाव में नाप तौल कर रणनीति बना रहे हैं। पहले उन्होंने 'बंटोगे तो कटोगे' का भाषण देने वाले बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्ववादी बयानों से किनारा कर लिया, फिर उन्होंने शिवाजी मानखुर्द नगर में अपने प्रत्याशी नवाब मलिक के लिए प्रचार करने की घोषणा कर दी। अब उन्होंने कहा है कि बारामती में पीएम नरेंद्र मोदी को प्रचार करने की जरूरत नहीं है। अजीत पवार की मानें तो वहां लड़ाई परिवार के भीतर है। मौजूदा विधायक पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। युगेंद्र शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार हैं।

क्यों नहीं चाहते शाह जैसे नेताओं की रैलियां?

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी एनसीपी उम्मीदवार भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अमित शाह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की रैलियां क्यों नहीं चाहते हैं। अजितपवार ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है और चुनाव खर्च की सीमा भी है। बारामती में उनकी जीत का अंतर क्या होगा, अजित पवार ने कहा कि वह निर्वाचन क्षेत्र में घूमने और लोगों से बात करने के बाद ही जवाब दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी जीत के लिए सौ प्रतिशत निश्चिंत हैं और दावा किया कि जीत का अंतर भी बड़ा होगा।

बीजेपी का साथ लेने से क्यों कर रहे इनकार?

एनसीपी में बंटवारे के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों का विश्‍लेषण करने पर पता चलता है कि मुस्लिम मतदाता अजित पवार के नेतृत्‍व वाले एनसीपी से दूर रहे। शरद पवार के नेतृत्‍व वाले एनसीपी का प्रदर्शन लोकसभा में अजित पवार गुट की तुलना में काफी अच्‍छा रहा था। संभवत: इसका कारण अजित पवार का भाजपा के साथ होना ही था। लेकिन, सत्‍ता में भागीदारी की मजबूरी के चलते अजित पवार भाजपा का साथ नहीं छोड़ सकते। इस मजबूरी के साथ मुस्लिम मतदाताओं को नाराज करने का जोखिम वह नहीं उठा सकते।

बारामती में छह दशक से शरद पवार का कब्जा

बता दें कि बारामती विधानसभा सीट पर छह दशक से शरद पवार का कब्जा है। अगर इस सीट से अजित पवार जीत जाते हैं तो शरद पवार का 60 साल पुराना वर्चस्व समाप्त हो जाएगा। वहीं, प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में अगर अजित यहां से चुनाव हार जाते हैं कि उनके लिए शायद ही कोई विकल्प बचे। 30 साल तक उन्होंने खुद इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उनके भतीजे अजित यहां से लगातार विधायक चुने जाते रहे। मगर अजीत के एनडीए में जाने के बाद बारामती सीट पर यह पहला विधानसभा चुनाव है, जहां पारिवारिक लड़ाई है।

कनाडा ने वीजा नियमों के किया बड़ा बदलाव, 10 साल की मल्टी एंट्री बंद, जानें भारतीयों पर क्या होगा असर?

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प्रवासियों पर अंकुश लगाने के प्रयास में कनाडा ने अपनी पर्यटक वीजा नीति में बड़ा बदलाव किया है। देश में नियमित रूप से 10 साल मल्टी एंट्री वीजा को बंद कर दिया गया है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने गुरुवार को नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है, जिसके तहत अधिकारियों को विवेकाधिकार दिया गया है। इसके तहत अधिकारी विस्तारित अवधि के बजाय व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार पर कम अवधि के वीजा जारी करेंगे। बता दें कि ट्रूडो सरकार के इस फैसला का कनाडा में बड़े प्रवासी समूह के रूप में रह रहे भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर होगा।

माना जा रहा है कि नीति में यह बदलाव राजनीतिक संकट से जूझ रहे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को आवास की कमी, जीवनयापन की उच्च लागत व घटती अनुमोदन रेटिंग पर जनता के गुस्से को कम करने के लिए किया गया है। ट्रूडो घोषणा कर भी चुके हैं कि वह अस्थायी व स्थायी आप्रवासन दोनों को कम कर रहे हैं।

पिछले महीने, अप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा था कि कनाडा सरकार को देश में अस्थायी अप्रवासन के प्रवाह को रोकने के लिए पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी जो अब आवास संकट का कारण बन रहा है। आव्रजन विभाग ने स्पष्ट किया है कि मल्टीपल वीजाधारक को वीजा की वैधता की अवधि में आवश्यकतानुसार किसी भी देश से कनाडा में प्रवेश करने की अनुमति होगी।

इस बदलाव का मतलब है कि कनाडा में बार-बार आने वालों को अब कम अवधि के वीजा का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो नियमित रूप से काम का छुट्टी मनाने के लिए यात्रा करते हैं।

एएमयू पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी ने दी नसीहत, बोले- मोदी सरकार भेद-भाव बंद करे

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने 4-3 से बहुमत से दिया। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।ओवैसी ने कहा कि यह देश में मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को नसीहत भी दी है। ओवैसी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार को इस फैसले को गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही उनके साथ भेदभाव करना बंद करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सांसद ओवैसी ने सोशल मीडिया एक्स पर लंबा-चौड़ा पोस्ट किया।सोशल मीडिया एक्स पर एक बड़े पोस्ट में एआईएमआईएम प्रमुख लिखा, यह भारत के मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। 1967 के फैसले ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को खारिज कर दिया था, जबकि वास्तव में यह अल्पसंख्यक था। अनुच्छेद 30 में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थानों को उस तरीके से स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार है, जैसा वे उचित समझें।

भाजपा के सभी तर्क खारिज-ओवैसी

ओवैसी ने आगे लिखा, अल्पसंख्यकों के खुद को शिक्षित करने के अधिकार को बरकरार रखा गया है। मैं आज एएमयू के सभी छात्रों और शिक्षकों को बधाई देता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विश्वविद्यालय संविधान से पहले स्थापित हुआ था या फिर सरकार के कानून की तरफ से स्थापित हुआ था। अगर इसे अल्पसंख्यकों की तरफ से स्थापित किया गया है तो यह अल्पसंख्यक संस्थान है। भाजपा के सभी तर्क खारिज हो गए।

बीजेपी पर लगाया ये आरोप

अपने पोस्ट में ओवैसी ने आरोप लगाया कि, भाजपा इतने सालों से एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे का विरोध करती रही है। अब वह क्या करने जा रही है? एएमयू और जामिया पर हमला करने की हरसंभव कोशिश की गई है, यहां तक कि मदरसा चलाने के हमारे अधिकार पर भी हमला किया गया है। भाजपा को आत्मचिंतन करना चाहिए और अपने रास्ते में सुधार करना चाहिए।

मोदी सरकार को नसीहत

कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र की मोदी सरकार को नसीहत देते हुए एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने लिखा, मोदी सरकार को इस फैसले को गंभीरता से लेना चाहिए। उसे एएमयू का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है। जामिया को प्रति छात्र 3 लाख रुपये मिलते हैं, एएमयू को प्रति छात्र 3.9 लाख रुपये मिलते हैं, लेकिन बीएचयू को 6.15 लाख रुपये मिलते हैं। जामिया और एएमयू ने राष्ट्रीय रैंकिंग में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। सही समर्थन से विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए मोदी को उनके साथ भेदभाव करना बंद करना चाहिए। एएमयू का किशनगंज सेंटर पिछले कई सालों से खराब पड़ा है। इस पर भी तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए और सेंटर को जल्द से जल्द काम करना शुरू करना चाहिए।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे संबंधी मामले को 3 जजों की नई बेंच के पास भेजने का फैसला लिया, साथ ही 1967 के अपने फैसले को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता क्योंकि केंद्रीय कानून के तहत इसकी स्थापना की गई थी।

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

*क्या होगा भारत के 'दुश्मन' ट्रूडो का सियासी भविष्य? ट्रंप के सत्ता में आते ही एलन मस्क ने की भविष्यवाणी

#elonmuskoncanadaspmtrudeauspolitical_future 

भारत और कनाडा के बीच इन दिनों तनाव चल रहा है। आए दिन कनाडा की तरफ से भारत विरोधी एजेंडा सेट किया जा रहा है। इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ कनाडा की मुश्किलें बढ़ने की चर्चा हो रही। इसका संकेत खुद डोनाल्ड ट्रंप के दोस्त एलन मस्क ने दिया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अगले साल होने वाले चुनाव में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हार की भविष्यवाणी की है।

अमेरिका के उद्योगपति एलन मस्क ने भारत से पंगा लेने वाले ट्रूडो का पत्ता साफ होने का दावा किया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भविष्यवाणी की है कि कनाडा में 20 अक्टूबर 2025 में होने वाले चुनाव में जस्टिन ट्रूडो का डाउनफॉल होगा। 

दरअसल, एलन मस्क सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक्टिव रहते हैं। इसी के चलते एक यूजर ने उन्हें टैग करके लिखा, कनाडा को ट्रूडो से छुटकारा पाने के लिए हमें आपकी मदद चाहिए। इस पोस्ट के जवाब में एलन मस्क ने लिखा, आगामी चुनाव में वो सत्ता से चले जाएंगे।

कनाडा में 2025 में होने वाले चुनाव जस्टिन ट्रूडो के लिए काफी अहम है। दरअसल, ट्रूडो साल 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी। 

मस्क की टिप्पणी संभवतः ट्रूडो की वर्तमान अल्पसंख्यक सरकार की स्थिति से उपजी है, जो उन्हें सत्ता खोने के लिए अधिक संवेदनशील बनाती है। चुनाव में ट्रूडो की लिबरल पार्टी का मुकाबला पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी और जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी सहित अन्य प्रमुख पार्टियों से होगा। ब्लॉक क्यूबेकॉइस और ग्रीन पार्टी भी सीटों के लिए होड़ में होंगी।

भारत से किस बात की 'दुश्मनी' निभा रहे ट्रूडो?

बता दें कि पिछले कई महीनों से भारत के प्रति जस्टिन ट्रूडो का व्यवहार किसी दुश्मन के जैसा है। आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा द्वारा भारत के माथे मढ़ने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है। ताजा मामले में भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण के कुछ घंटों बाद एक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया प्रतिष्ठान को ब्लॉक कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के सोशल मीडिया हैंडल और कुछ पेजों को ब्लॉक करने की कनाडा के एक्शन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड की बू आती है।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

कांग्रेस का भी वही हाल होगा जो अनुच्छेद 370 का हुआ', CM योगी ने बोला-हमला

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर कड़ा हमला बोलते हुए अनुच्छेद 370 और 35ए को फिर से लागू करने की उनकी मांग की कड़ी आलोचना की। मुख्यमंत्री छठ पूजा के अवसर पर लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में आयोजित अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने के हालिया प्रस्ताव का विरोध जताया और इसे राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में अनुच्छेदों को बहाल करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस एवं उसके सहयोगी देश और घाटी को आतंकवाद की ओर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "वे जम्मू-कश्मीर के विकास और वहां के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को देखना नहीं चाहते। देश उनके विभाजनकारी एजेंडे को कभी स्वीकार नहीं करेगा। भारत के 140 करोड़ लोग देश की एकता तथा अखंडता के लिए मजबूती से खड़े हैं और किसी भी खतरे का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार हैं।" योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस इस प्रस्ताव का विरोध नहीं करती, तो उसका भी वही हश्र होगा, जो अनुच्छेद 370 एवं 35ए का हुआ था। उन्होंने छठ पूजा के महत्व और राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की रक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। आदित्यनाथ ने कहा, "जब हम जाति और धर्म के आधार पर विभाजित होते हैं, तो बाहरी शक्तियां हम पर शासन करती हैं। किन्तु जब हम इन त्योहारों के जरिए एकजुट होते हैं, तब कुछ लोग देश की आत्मा को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। सच्चे भारतीय को इसे सहन नहीं करना चाहिए। जब हम 140 करोड़ की ताकत के रूप में एक स्वर में बोलते हैं, तो कोई भी ताकत भारत को चुनौती नहीं दे सकती।"

भोजपुरी में सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं तथा विशेष रूप से माताओं और बहनों की भक्ति को सराहा, जो कठिन व्रत रखती हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 5 अगस्त 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करके कश्मीर घाटी में आतंकवाद का अंत किया था। उन्होंने कहा, "संसद द्वारा अनुमोदित इस ऐतिहासिक निर्णय ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त किया। तब दुनिया ने एक नए, मजबूत भारत को देखा, जो शांतिपूर्ण रहते हुए अपनी रक्षा के लिए दृढ़ था।" सीएम योगी ने भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के प्रति देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया तथा कहा कि राष्ट्र अपनी पहचान और एकता की सुरक्षा के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार है। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उसने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के विरोध के बावजूद संविधान में अनुच्छेद 370 पेश किया, जिससे कश्मीर हिंसा और आतंकवाद की राह पर चला गया। योगी आदित्यनाथ ने उस वक़्त की हिंसा को भी याद किया, जिसमें कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग तथा भारत समर्थक आवाज़ उठाने वालों पर हमले शामिल थे। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 को अस्थायी प्रावधान करार दिया था, किन्तु केवल पीएम मोदी ने इसे समाप्त करने का साहसिक कदम उठाया। आज कश्मीर प्रगति के पथ पर है, नए शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, उद्योग तथा सुरक्षा के साथ, जिसने पहले विस्थापित निवासियों को अपने घर लौटने की अनुमति दी है।"

उद्धव ने बालासाहेब के पोस्टर से हिन्दू ह्रदय सम्राट हटा दिया, क्योंकि..', राज का हमला, जुबानी जंग हुई तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राज्य में राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इसी बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राज ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का त्याग कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन किया, जो शिवसेना की मूल विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ने अपने स्वार्थ के लिए हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की छवि को 'जनाब बालासाहेब' में बदल दिया।

राज ठाकरे ने अपने बयान में कहा कि उद्धव ठाकरे ने ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए हिंदुत्व से समझौता किया और शिवसेना के होर्डिंग्स से 'हिंदू हृदय सम्राट' का नाम भी हटा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में कई होर्डिंग्स में बालासाहेब का नाम उर्दू में लिखा गया, जो कि उनकी विचारधारा के विपरीत था। राज ठाकरे ने आगे कहा कि आज उद्धव की शिवसेना के लिए मौलवी फतवे जारी कर रहे हैं और मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर वोट देने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मस्जिदों से इन अपीलों के वीडियो भी सर्कुलेट किए जा रहे हैं।

इसके साथ ही राज ठाकरे ने एक कड़ा संदेश देते हुए वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह 48 घंटों के अंदर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा देंगे, और अगर ऐसा नहीं कर पाए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने रजा अकादमी और आजाद मैदान में हुई हिंसक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए।

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर करेगी और रजा अकादमी पर कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि आगामी चुनाव में उनके उम्मीदवारों का समर्थन करें, ताकि वे अपनी घोषणाओं को अमल में ला सकें।