इन 6 कंपनियों को लगा 1.07 लाख करोड़ का जैकपॉट, इस लिस्ट में टाटा का नहीं नाम

डेस्क:–सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में पिछले सप्ताह सामूहिक रूप से 1,07,366.05 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईसीआईसीआई बैंक को सबसे ज्यादा लाभ हुआ। वहीं दूसरी ओर चार कंपनियों को सामूहिक रूप से 95 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। सबसे ज्यादा नुकसान इंफोसिस को हुआ। जिसके मार्केट कैप में 38 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली।

बीएसई और एनएसई पर एक नवंबर को नव संवत 2081 की शुरुआत के मौके पर मुहूर्त कारोबार आयोजित किया गया. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 321.83 अंक या 0.40 प्रतिशत के लाभ में रहा. सप्ताह के दौरान जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार पूंजीकरण बढ़ा, वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल और इन्फोसिस के मूल्यांकन में गिरावट आई। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस कंपनी को फायदा और किस कंपनली को नुकसान हुआ है।

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 321.83 अंक या 0.40 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। जिसके बाद सेंसेक्स 79,724.12 अंकों पर आ गया। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी पिछले हफ्ते 123.55 अंक यानी 0.51 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। जबकि पिछले हफ्ते मुहूर्त ट्रेडिंग के मौके पर निफ्टी 99 अंकों की तेजी के साथ 24,304.35 अंकों पर बंद हुआ था।

जापान में अक्टूबर का महीना गर्मी के नये रिकॉर्ड बना रहा है, गर्मी बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता 


डेस्क:–जापान इस समय सबसे गर्म मौसम की मार झेल रहा है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार, जापान ने अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किया, जो बीते 255 साल में सबसे गर्म अक्टूबर का महीना बन गया है। बता दें कि, साल 1898 में गर्मी और तापमान के रिकॉर्ड रखने की शुरूआत की गयी और इसके बाद से ही साल 2024 का अक्टूबर महीना सबसे गर्म अक्टूबर के तौर पर दर्ज किया गया है।

जेएमए द्वारा शुक्रवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, पूरे जापान देश में मंथली एवरेज टेम्परेचर अक्टूबर के सामान्य तापमान से 2.21 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया है।

समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय स्तर पर बात की जाए तो उत्तरी जापान क्षेत्रा में तापमान औसतन 1.9 डिग्री अधिक रहा, जबकि देश के पूर्वी हिस्से और पश्चिमी जापान में तापमान में 2.6 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।

क्योटो, नागानो और टोक्यो (मध्य) जैसे शहरों में टेम्परेचर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गयी। इन शहरों में अक्टूबर में औसत तापमान में क्रमशः 3.2 डिग्री, 3.1 डिग्री और 2.6 डिग्री बढ़ोतरी देखी गयी।

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जेएमए का अनुमान है कि नवंबर महीने में भी जापान में तापमान नॉर्मल से अधिक ही रहने के आसार हैं।  हालांकि ऐसी उम्मीद भी है कि अगले सप्ताह की शुरूआत में ठंडी हवाएं चल सकती हैं, जिससे तापमान में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। एजेंसी के अनुसार, जापान में जुलाई 2024 से ही बहुत अधिक गर्मी का पैटर्न देखा जा रहा है और इस तरह बेमौसम की गर्मी से चिंता बढ़ गई है।

स्वस्थ शरीर के लिए सर्दी और गर्मी दोनो तरह का तापमान महत्वपूर्ण है। लेकिन, जब एक निश्चित सीमा से अधिक गर्मी की स्थिति हो तो इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है और कई तरह की बीमारियों का रिस्क भी बढ़ सकता है। गर्मी के कारण इन हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क बढ़ सकता है–

सनस्ट्रोक (sunstroke) या लू लग लग सकती है जिससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

गर्मी से नसें खुल जाती हैं और इससे ब्लड प्रेशर लेवल कम हो सकता है। ब्लड प्रेशर लेवल लो हो जाने पर हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है।

गर्मी के कारण बहुत अधिक पसीना बनता है और इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

गर्मी बढ़ने से फेफड़ों की बीमारियां, किडनी डिजिज और अन्य क्रोनिक बीमारियों के गम्भीर बनने का भी रिस्क बढ़ता है।

अस्थमा के लक्षण गर्मी की वजह से गम्भीर हो सकते हैं।

अफ्रीका और एम पॉक्स का पुराना इतिहास रहा है,अफ्रीका में आउट ऑफ कंट्रोल है एम पॉक्स, सीडीसी ने दी चेतावनी बचाव करना जरूरी


डेस्क:–अफ्रीकी संघ के स्वास्थ्य प्रहरी, अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका CDC), ने चेतावनी दी है कि मंकीपॉक्स (Mpox) का प्रकोप अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है। अफ्रीका CDC के निदेशक, नगाशी नगोंगो ने गुरुवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि इस बीमारी का प्रसार अभी भी ऊपर की ओर बढ़ रहा है और इसे नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता है। नगोंगो ने इस प्रकोप को COVID-19 की तुलना में अधिक गंभीर महामारी बनने से रोकने के लिए संसाधनों की तत्काल जरूरत बताई है और एक संभावित गंभीर महामारी को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अपील की है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, परीक्षण क्षमता बढ़ाने, और अधिक टीके उपलब्ध कराने की अपील की। अफ्रीका में मंकीपॉक्स का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह महामारी गंभीर संकट में बदल सकती है।

अफ्रीका CDC ने कहा कि इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए तत्काल संसाधनों की जरूरत है, जिनमें टीकाकरण, परीक्षण क्षमता, और उपचार के साधन शामिल हैं। अफ्रीकी देशों से मिलकर इस पर काम करने और बाहरी सहायता प्राप्त करने की उम्मीद जताई गई है ताकि इस बीमारी पर जल्द नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट को टाला जा सके।

इस स्थिति में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अफ्रीकी देशों के लिए मिलकर काम करना और अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि इस बीमारी पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके।

अफ्रीका के बाद यूके में भी एम पॉक्स का केस मिला है, जिससे बाद स्वास्थ्य विभाग भी चौकन्ना हो गए हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उन्हें इस बात का ज्यादा डर है कि आने वाला ठंड का मौसम कहीं इसके मामलों के बढ़ने का कारण न बन जाए। हालांकि, अभी तक इस बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए इस पर रिसर्च की जा रही हैं।
अजमेर की नाग पहाड़ी पर फिर भड़की आग; औषधीय पौधे, पेड़-पौधे और वन्यजीवों को नुकसान

डेस्क : अजमेर की नाग पहाड़ी पर शुक्रवार को एक हफ्ते में दूसरी बार भीषण आग लग गई। यह आग हवा के साथ फैलते हुए पुष्कर रेंज से अजमेर रेंज की पहाड़ी तक पहुंच गई। इस घटना में पहाड़ी पर उगे औषधीय पौधे, जड़ी-बूटियां, पेड़ और झाड़ियां जलकर खाक हो गईं। आग लगने के बाद ग्रामीणों और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लगभग चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

शुक्रवार शाम को लगी आग की लपटें कुछ ही देर में दूर-दूर तक दिखाई देने लगीं। सूचना मिलने पर पुष्कर और अजमेर से वन विभाग की टीम और ग्रामीणों ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया। इस अभियान में पुष्कर की कोबरा टीम के सुखदेव भट्ट ने विशेष भूमिका निभाई। पहाड़ी पर लगी आग के दृश्यों के वीडियो सोशल मीडिया पर भी लोगों ने साझा किए।

आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं आग के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है, लेकिन रेस्क्यू टीम के सदस्य सुखदेव भट्ट के अनुसार, संभव है कि असामाजिक तत्वों द्वारा फेंकी गई बीड़ी-सिगरेट की वजह से सूखी झाड़ियों में आग लग गई हो। इस हादसे में कई सांप और अन्य वन्यजीव भी आग की चपेट में आकर मारे गए। इससे पहले बुधवार को भी इसी पहाड़ी पर आग लगी थी, जो लगभग 100 बीघा क्षेत्र में फैल गई थी।

अग्निशमन विभाग की सीमाएं अग्निशमन विभाग के अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि अग्निशमन की गाड़ियां पहाड़ी के ऊपरी क्षेत्रों तक नहीं पहुंच सकतीं। आग की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम को तुरंत सूचित कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू का कहर,घनी आबादी वाले इलाकों में बढ़ी मरीजों की संख्या, 565 पहुंचा आकंड़ा

डेस्क:–मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। हाल ये हैं कि, बीते 8 से 10 दिनों में डेंगू के 15 से अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अब डेंगू घनी आबादी वाले इलाकों में पैर पसार रहा है। बीते 24 घंटे में दो और नए मामले सामने आने के बाद शहर में इनकी संख्या 565 हो गई है।

बारिश के बाद भी भोपाल में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। अगर पिछले हफ्ते की बात करें तो डेंगू के मरीजों की संख्या 10 से अधिक दर्ज की गई थी। इसके बाद अब शहर से ताजा मामला शाहजहानांबाद और ऐशबाग इलाके से सामने आया है, जहां डेंगू के दो नए मरीज मिले हैं। इन मरीजों के बाद डेंगू का आंकड़ा 565 पहुंच गया है। बतादें कि बाहरी इलाकों की जगह अब घनी आबादी में भी डेंगू के मरीज मिल रहे।

*डेंगू के लक्षण*

मसल्स और ज्वॉइंट्स में पेन
सिर दर्द
बुखार
आंखों में दर्द
चक्कर आना
उल्टी जैसा महसूस होना

*डेंगू से बचने के उपाय*

घर के आसपास या घर के अंदर भी पानी न जमा होने दें। गमलों, कूलर, रखे हुए टायर में पानी भर जाए, तो इसे तुरंत निकाल लें। साफ- सफाई का इन दिनों में खास ख्याल रखें।

कूलर में अगर पानी है, तो इसमें कैरोसिन तेल डालकर रखें, इससे मच्छर पनपने की संभावना कम हो जाती है।
पानी की टंकियों को खुला न छोड़े, अच्छी तरह ढककर रखें।

इन दिनों फुल स्लीव और पैरों को ज्यादा से ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहनें। बच्चों को मच्छर से बचाने वाली क्रीम लगाकर ही बाहर भेंजें।
शाइना एनसी पर अभद्र टिप्पणी को लेकर बोले एकनाथ शिंदे ;’बाला साहेब ठाकरे होते तो सच में मुंह तोड़ देते..

डेस्क:– महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत की निंदा करते हुए कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे जीवित होते तो उन्होंने मुंह तोड़ दिया होता। CM शिंदे ने कहा, ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, एक बहन के बारे में ऐसी बात करना. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. बाला साहेब ठाकरे अभी होते तो सच में मुंह तोड़ देते।इनकी फितरत ही ऐसी है। हम गुवाहाटी में थे, तब भी उन्होंने हमारी महिलाओं को ऐसे ही बदनाम किया था। सभी बहनें आने वाले चुनाव में ऐसे लोगों को जरूर सबक सिखाएंगी।’

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना की मुम्बादेवी विधानसभा सीट से शाइना एनसी कैंडिडेट हैं, जिन्हें सावंतने ‘इंपोर्टेड माल’ कहा था, जिसे लेकर शिवसेना (UBT) के सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख विजया रहाटकर ने मामले में पुलिस और निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की है. साथ ही, शाइना ने कहा कि सावंत की टिप्पणी उद्धव ठाकरे की पार्टी की सोच को प्रतिबिंबित करती है।

नागपाडा थाने में शाइना की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 (शब्दों, हाव-भाव, ध्वनि के माध्यम से किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने की मंशा रखना) और धारा 356 (2) (मानहानि). शाइना पहले भारतीय जनता पार्टी का सदस्य थीं, वह हाल में CM एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना में शामिल हुई थीं। वह कांग्रेस के अमीन पटेल के खिलाफ मुंबई की मुम्बादेवी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। राज्य में 20 नवंबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।
गोवर्धन पूजा पर गोशाला पहुंचे CM डॉ. मोहन,गायों को भोजन खिलाकर लिया आशीर्वाद


डेस्क:–मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोशाला पहुंचकर अपने हाथों से बछिया और गाय को रोटी खिलाई और आशीर्वाद लिया। सीएम ने कहा, हमारी संस्कृति ‘उत्सव प्रधान’ संस्कृति है। हमारे वेदों में कहा गया है “गावो विश्वस्य मातरः” गाय संसार की माता है। प्रदेश सरकार गौवंश के संरक्षण के लिए तेज गति से कार्य कर रही है। मेरी ओर से समस्त प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “गावो विश्वस्य मातरःआज गोवर्धन एवं अन्नकूट पर्व के पावन अवसर पर निवास में “गोवर्धन पूजा” कर प्रकृति एवं पशुधन के संरक्षण तथा प्रदेश वासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। अभिलाषित फल देने वाली संसार की गौ माता का आशीर्वाद सदैव बना रहे, यही कामना है।”

यदि आप देसी और विदेशी संस्कृति का अद्भुत संगम देखने के इच्छुक हैं, तो पुष्कर मेले में आने के लिए हो जाइए तैयार

डेस्क:–यदि आप देसी और विदेशी संस्कृति का अद्भुत संगम देखने के इच्छुक हैं, तो पुष्कर मेले में आने के लिए तैयार हो जाइए। आज से अजमेर के पुष्कर में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध पशु मेले का आगाज हो रहा है।

इस मेले में भारत के विभिन्न हिस्सों से पशुपालक अपने पशुओं के साथ शामिल होते हैं, जहां न केवल खरीद-फरोख्त होती है, बल्कि पशुपालन विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय और विदेशी पर्यटक भी पुष्कर मेले में पहुंचते हैं।

हालांकि मेले की औपचारिक शुरुआत 9 नवंबर से होगी, लेकिन आज से पशुपालक और स्टॉल लगाने वाले अपनी तैयारियों में जुट जाएंगे। प्रशासनिक चौकियां भी पशुपालकों के लिए आज से स्थापित की जाएंगी। मेले से जुड़ी सभी गतिविधियां 9 नवंबर से शुरू होकर 15 नवंबर तक चलेंगी।

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऊंट नृत्य, घोड़े का नृत्य, ऊंट सजावट प्रतियोगिता, और ऊंट तथा घोड़ा दौड़ शामिल हैं। ये प्रतियोगिताएं पुष्कर मेले के मैदान में आयोजित की जाएंगी।

देवस्थान विभाग द्वारा निकाली जाने वाली धार्मिक यात्रा गायत्री शक्ति पीठ, उदासीन आश्रम, ब्रह्मा कुमारी, गरीब नवाज दरगाह समेत विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा तैयार की गई है। यह यात्रा पशु मेले के शुभारंभ का प्रतीक मानी जाती है और इसे पुरानी रूट पर निकाला जाएगा।

उपखंड अधिकारी पुष्कर, गौरव कुमार मितल ने बताया कि यह आध्यात्मिक यात्रा मेले की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद पुष्कर साफ-सफाई और पानी की व्यवस्था का ध्यान रखेगी। पुलिस प्रशासन को यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस द्वारा यात्रा के दौरान अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा और मार्गों पर बैरिकेडिंग की जाएगी।

ब्रह्मा कुमारी संस्थान के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके द्वारा झांकी निकाली जाएगी और स्टॉल भी लगाए जाएंगे। इस अवसर पर देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गिरीश कुमार, पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि और विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
गले से उतरते ही सीने में पत्थर बन सकती हैं 7 चीजें, आईए जानते हैं क्या है वह चीज

डेस्क:–गॉलब्लैडर की पथरी काफी दर्दनाक होती है। इसे नजरअंदाज करने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन इस समस्या से बचने के लिए कुछ फूड्स को छोड़ा जा सकता है। इन्हें छोड़ने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कंट्रोल हो सकता है।

क्या आपको लगता है कि पथरी केवल गुर्दे में होती है। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो गलत है। क्योंकि पथरी आपके सीने के पास मौजूद पित्त की थैली में भी बनती है। इसे गॉलब्लैडर स्टोन कहा जाता है। जब यह समस्या गंभीर हो जाती है या फिर इसे अनदेखा किया जाए तो ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है।

कुछ चीजें खाने से पित्त की थैली में पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप गॉलस्टोन से बचना चाहते हैं तो इन फूड्स का सेवन करने से बचें। एनएचएस के मुताबिक हाई सैचुरेटेड फैट वाली चीजों को न खाने से पित्त की थैली में पथरी से बचा जा सकता है। यह काम करके गंदे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से भी रोका जा सकता है।

कोकोनट व पाम ऑयल से बना खाना

बटर, घी और लार्ड

क्रीम

हार्ड चीज

केक और बिस्कुट

सॉसेज

मीट पाई

एनएचएस कहता है कि मोटे लोगों के बाइल में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने का खतरा रहता है। जिसकी वजह से गॉलब्लैडर में स्टोन बन सकते हैं। इसलिए आपको वजन को भी कंट्रोल रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। लेकिन रैपिड वेट लॉस, क्रैश डाइट से बचें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

मोनिया उत्सव में भारतीय संस्कृति का अनोखा संगम,मतंगेश्वर महादेव मंदिर के सामने जम के हुआ दिवारी नृत्य,विदेशियों ने बांधा समा

डेस्क:– बुंदेलखंड में त्योहारों को मनाने अपनी ही परंपरा है। दीपावली के बाद ग्रामीण अंचलों में दिवारी और पाई डंडा नृत्य का अपना अलग महत्व है। दिवारी नृत्य में जहां मोर पंख और डंडे का मुख्य आकर्षण रहता है। इसे एक उत्सव के रूप में मनाया गया। संस्कृति विभाग द्वारा एक दिवसीय मोनिया उत्सव का आयोजन खजुराहो में किया गया।

किसी उत्सव की शुरुआत मतंगेश्वर महादेव की पूजा से की जाती है, और मोनिया भी सबसे पहले इसी महादेव के मंदिर से उत्सव की शुरुआत करते हैं। यहां अनोखा नजारा देखने को मिला है। पुरुषों को सुशोभित मोनिया नृत्य जिसमें मंदिर में पहुंची महिलाओं ने मौन गाकर और नाचकर समा बांधा। मोनिया उत्सव के मंच पर क्षेत्र से आने वाले मौनीयों के लिए विशेष रूप से मंच तैयार किया गया। इस वर्ष से इस उत्सव की शुरुआत खजुराहो में किया गया।

मौनिया उत्सव के दौरान खजुराहो घूमने आये विदेशी पर्यटकों ने भी मौनियों के साथ नाचकर उत्सव का आकर्षण और भी बढ़ा दिया। हालांकि विदेशी पर्यटक यहां आकर देशी संस्कृति में घुलमिल जाते हैं और बुंदेली संस्कृति विदेशियों को खूब भाती है।

वीरता और शौर्य को प्रदर्शित पाई डंडा नृत्य की अपनी अलग ही छवि है। नृत्यों का बुंदेलखंड के अलग-अलग अंचल में अपना अलग महत्व है, हालांकि समय के साथ यह संस्कृति आज विलुप्त होती जा रही है, और जिसे सहेजने के लिए ही मोनिया उत्सव की शुरुआत की जा रही है, ताकि संस्कृति के रंग फीके न पड़े।