गले से उतरते ही सीने में पत्थर बन सकती हैं 7 चीजें, आईए जानते हैं क्या है वह चीज

डेस्क:–गॉलब्लैडर की पथरी काफी दर्दनाक होती है। इसे नजरअंदाज करने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन इस समस्या से बचने के लिए कुछ फूड्स को छोड़ा जा सकता है। इन्हें छोड़ने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कंट्रोल हो सकता है।

क्या आपको लगता है कि पथरी केवल गुर्दे में होती है। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो गलत है। क्योंकि पथरी आपके सीने के पास मौजूद पित्त की थैली में भी बनती है। इसे गॉलब्लैडर स्टोन कहा जाता है। जब यह समस्या गंभीर हो जाती है या फिर इसे अनदेखा किया जाए तो ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है।

कुछ चीजें खाने से पित्त की थैली में पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप गॉलस्टोन से बचना चाहते हैं तो इन फूड्स का सेवन करने से बचें। एनएचएस के मुताबिक हाई सैचुरेटेड फैट वाली चीजों को न खाने से पित्त की थैली में पथरी से बचा जा सकता है। यह काम करके गंदे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से भी रोका जा सकता है।

कोकोनट व पाम ऑयल से बना खाना

बटर, घी और लार्ड

क्रीम

हार्ड चीज

केक और बिस्कुट

सॉसेज

मीट पाई

एनएचएस कहता है कि मोटे लोगों के बाइल में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने का खतरा रहता है। जिसकी वजह से गॉलब्लैडर में स्टोन बन सकते हैं। इसलिए आपको वजन को भी कंट्रोल रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। लेकिन रैपिड वेट लॉस, क्रैश डाइट से बचें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

मोनिया उत्सव में भारतीय संस्कृति का अनोखा संगम,मतंगेश्वर महादेव मंदिर के सामने जम के हुआ दिवारी नृत्य,विदेशियों ने बांधा समा

डेस्क:– बुंदेलखंड में त्योहारों को मनाने अपनी ही परंपरा है। दीपावली के बाद ग्रामीण अंचलों में दिवारी और पाई डंडा नृत्य का अपना अलग महत्व है। दिवारी नृत्य में जहां मोर पंख और डंडे का मुख्य आकर्षण रहता है। इसे एक उत्सव के रूप में मनाया गया। संस्कृति विभाग द्वारा एक दिवसीय मोनिया उत्सव का आयोजन खजुराहो में किया गया।

किसी उत्सव की शुरुआत मतंगेश्वर महादेव की पूजा से की जाती है, और मोनिया भी सबसे पहले इसी महादेव के मंदिर से उत्सव की शुरुआत करते हैं। यहां अनोखा नजारा देखने को मिला है। पुरुषों को सुशोभित मोनिया नृत्य जिसमें मंदिर में पहुंची महिलाओं ने मौन गाकर और नाचकर समा बांधा। मोनिया उत्सव के मंच पर क्षेत्र से आने वाले मौनीयों के लिए विशेष रूप से मंच तैयार किया गया। इस वर्ष से इस उत्सव की शुरुआत खजुराहो में किया गया।

मौनिया उत्सव के दौरान खजुराहो घूमने आये विदेशी पर्यटकों ने भी मौनियों के साथ नाचकर उत्सव का आकर्षण और भी बढ़ा दिया। हालांकि विदेशी पर्यटक यहां आकर देशी संस्कृति में घुलमिल जाते हैं और बुंदेली संस्कृति विदेशियों को खूब भाती है।

वीरता और शौर्य को प्रदर्शित पाई डंडा नृत्य की अपनी अलग ही छवि है। नृत्यों का बुंदेलखंड के अलग-अलग अंचल में अपना अलग महत्व है, हालांकि समय के साथ यह संस्कृति आज विलुप्त होती जा रही है, और जिसे सहेजने के लिए ही मोनिया उत्सव की शुरुआत की जा रही है, ताकि संस्कृति के रंग फीके न पड़े।
खड़गे ने 'शक्ति' योजना पर टिप्पणी को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार की खिंचाई की


डेस्क:–पांच गारंटी के साथ कर्नाटक में सत्ता पर आई कांग्रेस अब इन गारंटियों की वजह से किरकिरी झेल रही है, यह दूसरी पार्टियों या आम लोगों के बीच से ही नहीं बल्कि खुद पार्टी के भीतर से भी  यहां तक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तक ने उप मुख्यमंत्री डी शिवकुमार के जरिए सरकार को खरी-खरी सुनाई है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी शिवकुमार की इस बयान के लिए खिंचाई की कि राज्य सरकार ‘शक्ति’ गारंटी की समीक्षा करेगी। यहां की कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को गैर-लक्जरी सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने वाली पांच गारंटियों में से एक शक्ति योजना शुरू की है ।

शिवकुमार ने बुधवार को कहा था कि सरकार शक्ति योजना पर फिर से विचार करेगी, क्योंकि कुछ महिलाओं ने सरकारी बसों में यात्रा के लिए भुगतान करने की इच्छा जताई है। खड़गे ने मजाकिया लहजे में ही सही, लेकिन मीडिया के सामने डिप्टी सीएम की इस बयान के लिए खिंचाई की।

खड़गे ने चुटकी ली. “आपने कुछ गारंटियां दी हैं. उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में पांच गारंटियां हैं. अब आपने (शिवकुमार) कहा है कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे,” इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके बगल में बैठे शिवकुमार ने हंसते हुए खड़गे के बयान को खारिज कर दिया.

सिद्धारमैया ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने सिर्फ इतना कहा है कि सरकार इसकी समीक्षा करेगी। जवाब में खड़गे ने कहा, “आपने (डीसीएम) जो कुछ भी कहा है, उससे उन्हें (भाजपा को) मौका मिल गया है.” कांग्रेस प्रमुख ने एकजुट रहने और किसी भी परिस्थिति में विभाजित न होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मातम में बदली दिवाली की खुशियां, गैस सिलेंडर में ब्लास्ट, पति की मौत,  पत्नी की हालत गंभीर

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बड़ा हादसा हो गया। जहां गैस सिलेंडर ब्लास्ट होने से पति की मौत हो गई। जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल बताई जा रही है। गैस सिलेंडर में धमाके से पति का हाथ कई मीटर दूर जा गिरा। वहीं मोपेड के परखच्चे उड़ गए। दिवाली की खुशियां मातम में तब्दील हो गई।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को कानपुर के सीसामाऊ क्षेत्र निवासी सुरेंद्र अपनी पत्नी के साथ दिवाली के लिए कुछ सामान लाने के लिए मोपेड से बाजार गए थे। वापस आते समय उनके हाथ में गैस का छोटा सिलेंडर और कुछ पटाखे भी थे। सुरेंद्र जैसे ही घर के पास पहुंचे तो घर के बाहर ही सिलेंडर में अचानक ब्लास्ट हो गया। जिससे सुरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।

धमाके की आवाज सुन आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। आनन फानन में सुरेंद्र की पत्नी को अस्पताल ले गए। जहां उसका इलाज जारी है। गैस सिलेंडर में ब्लास्ट की वजह से मोपेड चकनाचूर हो गई। वहीं आसपास के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटाखा साथ में होने की वजह से गैस सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ है। फिलहाल पुलिस सभी पहुलओं की बारीकी से जांच कर रही है।
दिया से लगी घर में भीषण आग, दंपति समेत 3 की मौत

डेस्क:–यूपी के कानपुर से बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक में भीषण आग लग गई, जिसमें दंपति और नौकर की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची। दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, यह पूरी घटना काकादेव थाना क्षेत्र के पांडू नगर की है। बताया जा रहा है कि संजय श्यामदासानी का परिवार दिवाली पूजन के बाद मंदिर में दिया जलाकर सो गया था। देर रात अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में घर में रखे लकड़ी के सूखे फर्नीचर से आग तेजी से फैलती चली गई और देखते ही देखते घर में भीषण आग लग गई।

वहीं, दम घुटने से पति संजय श्यामदासानी, पत्नी कनिका श्यामदासानी की जान चली गई। जबकि हाऊस मेड बुरी तरह झुलस गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची और हाऊस मेड को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इजाल के दौरान उसकी मौत हो गई. इधर, कड़ी मशक्कत के बाद दमकल ने आग पर काबू पाया।

डीसीपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि हादसे में संजय श्यामदासानी (48), कनिका श्यामदासानी (45) और छवि चौहान की मौत हो गई है  बताया जा रहा है कि मंदिर में रखे दीपक से आग लग गई थी। ये गहरी नींद में थे और बाहर नहीं निकल पाए थे। मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
दिवाली और घर आए मेहमानों को खिलाएं पान लड्डू, हर कोई करेगा तारीफ़…

डेस्क :– साल का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली का इंतज़ार लोगो को साल भर रहता हा, और आज ये त्यौहार लोग ख़ुशी-ख़ुशी परिवार के साथ मिलकर मनाएँगे। और  कल से शुरू होगा परिवार और रिश्तेदारों, दोस्तों से मिलने जाने का दौर.जब घर में मेहमान आते हैं, तो उनका मुँह मीठा कराया जाता है। खोवा की मिठाई , काजू कतली, रसगुल्ला, गुलाबजामून से तो सभी मुँह मीठा करवाते हैं, और हर कोई वही वही मिठाई खाके उब जाता है. ऐसे में आप इस बार अपने मेहमानों को पान की मिठाई खिलाएँ। ये हर किसी को पसंद आएगी और लोग एक की जगह दो खाएँगे । तो चलिए जानते हैं इसे बनाने का तरीक़ा।

सामग्री
पान के पत्ते- ताजे और साफ पान के पत्ते
खोया- 200 ग्राम
नारियल का बुरादा- 100 ग्राम
इलायची पाउडर- 1/2 चम्मच
काजू- 50 ग्राम (बारीक कटा हुआ)
बादाम- 50 ग्राम (बारीक कटा हुआ)
चांदी का वर्क- सजाने के लिए (वैकल्पिक)
गुलाब जल- 1 चम्मच (ऑप्शनल)

*विधी*

1-पान मिठाई बनाने के लिए सबसे पहले पान के पत्तों को अच्छी तरह धो लें. फिर इन्हें मिक्सर में पीसकर एक चिकना पेस्ट बना लें।
2-अब एक नॉन-स्टिक पैन में खोया डालकर धीमी आंच पर पिघला लें. खोया पिघलने के बाद इसमें इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
3-इसके बाद पिघले हुए खोये में पान का पेस्ट, नारियल का बुरादा, काजू और बादाम डालकर अच्छी तरह मिला लें।
4-अगर मिश्रण गाढ़ा न हो तो थोड़ा सा गुलाब जल डाल सकते हैं.फिर इस मिश्रण को हाथों में लेकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
5-अगर आप चाहें तो लड्डूओं को चांदी के वर्क से सजा सकते हैं.इन लड्डूओं को एक एयरटाइट कंटेनर में रखकर आप फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
दिवाली में तेल-मीठा खाकर बिगड़ जाता है हाजमा,तो इन चीजों को खा-पीकर सेहत रखें अच्छी…




डेस्क:– दिवाली, हिंदु धर्म का सबसे बड़ा, सबसे पुराना और आस्था का सबसे बड़ा पर्व है. इस त्यौहार को रोशनी (प्रकाश या सजावट), मिठाई और खुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. देश-परदेस में बसे परिवार के सदस्य अपने पुस्तैनी घरों को लौटते हैं। सब मिलकर दिवाली मनाते हैं. एक-दूसरे को तोहफे देते हैं। मिठाईयां और पकवान खिलाते हैं। अब खाना ज्यादा होना स्वाभाविक है। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। जैसे- ब्लोटिंग, अपच. मगर, इसके कारण आप सालभर के इस त्यौहार में न खाएं, ऐसा न कीजिए. बस कुछ आयुर्वेदिक उपाएं करें, बस. इनसे सेहत को कोई नुकसान भी नहीं होगा ।

दुनियाभर में आयुर्वेद के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 29 अक्टूबर को आयुर्वेद डे मनाया जाता है. इस साल भी यह दिवस मनाया गया। इस मौके में जानें कैसे आयुर्वेद उपायों को करके आप अपनी दिवाली बिना किसी समस्या के मना सकते हैं।

हल्का खाना खाएं, जैसे दाल, भाजियां, सलाद. तेल और मसालेदार खाने से बचें।

फल में आप मौसमी, सेब, नाशपाती, संतरा खा सकते हैं ये पाचन के बहुत फायदेमंद होते हैं. साथ ही दही खाएं। ये पाचन शक्ति को बढ़ाता है।घी भी पाचन में सहायक है तो।

*जड़ी-बूटियों भी ले सकते हैं-*

*अजवाइन*

अजवाइन हर घर में उपलब्ध होती है. यह पाचन की बेहतरीन घरेलू दवा है। यह गैस को भी कम करती है. अगर, ऐसे ही अजवाइन खाएं तो भी ठीक है अगर आफ इसमें थो़ड़ी हींग और काला नमक डालकर पाउडर के फॉर्म में पानी के साथ मिलाकर खाएंगे तो और फायदा होगा।

*जीरा*
जीरा पाचन शक्ति को बढ़ाता है. यह भूख भी बढ़ाता है इसे पानी में उबालकर पीएं. पाचन दुरुस्त रहेगा "m

*धनिया*
धनिया पाचन को मध्यम रखता है. पेट की जलन को कम करता है।

इन रीति-रिवाजों के बिना अधूरी है दिवाली की रोशनी…

डेस्क:– दिवाली के दिन कुछ विशेष परंपराएं और रीति-रिवाज पूरे होते हैं, जिनके बिना यह त्योहार अधूरा माना जाता है। हालाँकि, ये परंपराएँ अलग-अलग स्थानों और परिवारों के आधार पर भिन्न-भिन्न भी होती हैं। आइए जानते हैं दिवाली से जुड़ी कुछ परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में…

दिवाली के दिन घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। दिवाली के दिन दीयों और लाइटों की यह सजावट न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाती है बल्कि इसे अंधकार से प्रकाश की ओर संक्रमण का प्रतीक भी माना जाता है।

दिवाली के दिन ज्यादातर घरों में रंगोली बनाने की परंपरा है।लक्ष्मी की पूजा करके घर के आंगन और दरवाजों पर विशेष रंगों से सुंदर डिजाइन और पेंटिंग भी बनाई जाती है। घर में रंगोली बनाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और इसे देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक भी माना जाता है।

दिवाली की रात पटाखे और पटाखे फोड़े जाते हैं, जिससे इस त्योहार की खुशी दोगुनी हो जाती है। हालांकि, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखे न जलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि पटाखों से बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों को कई परेशानियां होती हैं और कई बीमारियां होने लगती हैं।

दिवाली के दिन ज्यादातर घरों में पारंपरिक मिठाइयां भी बनाई जाती हैं और इन्हें लक्ष्मी पूजा के दौरान भी चढ़ाया जाता है। परिवार के सदस्य घर में बनी मिठाइयों जैसे लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन आदि का आनंद लेते हैं। दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों के बीच दिवाली की मिठाइयों का आदान-प्रदान भी किया जाता है।


दिवाली पर नवविवाहित जोड़ों और बच्चों को विशेष गिफ्ट दिए  जाते हैं और बड़ों का आशीर्वाद मिलता है। यह परंपरा रिश्तों को मजबूत करने और खुशियां बांटने का एक तरीका है
दिवाली के दीए सोख रहें हैं बहुत ज़्यादा तेल, तो इस तरह से जालाएँ दीया

डेस्क:–दिवाली पर मिट्टी के ही दीये जलाए जाते हैं. यह परंपरा युगों से चली आ रही है, या यूं कहें कि यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर आयोध्या लौटे थे। यह परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती आ रही है। हमें मिट्टी से जोड़े रखे हुए है। यह प्रकाश का पर्व तो है ही, साथ ही पर्यावरण के प्रति हमें हमारे दायित्व की याद दिलाता है।

कई लोग परेशान होते हैं कि मिट्टी के दीये बहुत जल्दी तेल सोख लेते हैं। आज इस परेशानी से निजात दिलाने की उपाए जानिएं।

गांव हो या शहर, मिट्टी के दीये ही जलाए जाते हैं। बस इन्हें जलाने से पहले दीयों को अच्छे से साफ कर लें। इनमें जमी मिट्टी, गदंगी को हटा दें। इसके बाद कुछ घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें. इससे दीये की मिट्टी पानी सोख लेगी और जलाने के समय तेल कम सोखेगी। इससे न सिर्फ तेल की खपत कम होगी, साथ ही दीया लंबे समय तक जलेगा।

दीये में सरसों का तेल ही डालें, क्योंकि यह तेल धीमे जलता है। साथ ही सरसों तेल के जलने से जो धुआं निकलता है वो वातावरण को शुद्ध करता है.यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा है। दीये में तेल डालते वक्त थोड़ा नमक मिला दें। यह उपाए इसलिए क्योंकि नमक दीये की मिट्टी को तेल सोखने से रोकता है। दीया देर तक जलता है। लौ को स्थिर रखता है।दीया जल्दी नहीं बुझता ।

दीये में सरसों के तेल के साथ अगर शुद्ध घी मिला दें तो लौ स्थिर और धीमी रहेगी। तेल की खपत कम होगी।

अगर, आप इन उपायों को करते हैं तो निश्चित है कि दीया लंबा जलेगा। साथ ही आप बिना किसी परेशानी के त्यौहार का पूरा आनंद उठा पाएंगे।

मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद ठंड में आ सकती तेजी,इन जिलों में होगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट
डेस्क :–मध्य प्रदेश में हल्की ठंड का आगाज हो गया है। सुबह-सुबह लोग ठंड का अनुभव करने लगे हैं और रात के तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, दोपहर में अच्छी धूप निकलने से गर्मी महसूस होती है। सुबह से धुंध भी छाने लगी है, जिससे कई जिलों में दृश्यता में कमी आई है। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रात का तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।

मौसम विभाग के अनुसार, हवा का रुख उत्तर-पूर्वी से दक्षिणी दिशा में बदल गया है, जिससे हवा की गति कम हो गई है। इस वजह से दिन के समय तापमान बढ़ रहा है, लेकिन रात के समय ठंड का एहसास हो रहा है। राज्य के अधिकांश जिलों में रात का तापमान 20 डिग्री के आसपास है, जिससे शहरों में गुलाबी ठंड का अनुभव हो रहा है। पचमढ़ी का तापमान सबसे ठंडा, 14 डिग्री सेल्सियस, दर्ज किया गया।

हालांकि, वर्तमान में बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन कुछ जिलों में बादल छाए रहने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली तक मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन उसके बाद रात के तापमान में और गिरावट देखी जा सकती है।

दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है, जिसके कारण पूर्वी और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं। यह चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है और दक्षिण दिशा की ओर झुका हुआ है।

मौसम विभाग का कहना है कि ठंड की शुरुआत ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से होगी। जैसे ही पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी शुरू होगी, ठंडी हवाएं ग्वालियर-चंबल की ओर बढ़ेंगी। वर्तमान में ग्वालियर, जबलपुर, सागर और दमोह जैसे जिलों में हल्की ठंड का अनुभव हो रहा है, और आने वाले दिनों में ठंड में वृद्धि की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद ठंड में तेजी आ सकती है। दिन का तापमान सामान्य रहेगा, लेकिन तेज धूप के कारण गर्मी का एहसास होगा। मंगलवार को कई जिलों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया, और भोपाल में दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे सर्दी का अनुभव और बढ़ सकता है।