विद्यालय में दीप जलाकर शिक्षक व छात्रों ने मनाया दीपावली, दीपों से राम मंदिर जैसा बनायीं मनमोहक आकृति
संजीव सिंह बलिया। शिक्षा क्षेत्र नगरा के प्राथमिक विद्यालय मुसहर बस्ती उरैनी में दीपावली पर 1001 दीप जलाकर शिक्षक छात्रों ने दीपावली मनाई। वैसे तो लोग दीपावली पर अपने घरों पर रहकर दीपावली मनाते हैं। लेकिन शिक्षा क्षेत्र नगरा के प्राथमिक विद्यालय मुसहर बस्ती में शाम को शिक्षक और छात्रों ने मिलकर दीपावली मनाई। शिक्षक छात्रों ने 1001 दीपक जलाकर राम मंदिर की मनमोहक आकृति बनाई। इस आयोजन में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजीव नयन पांडेय व विद्यालय के बच्चे शामिल थे । प्रधानाध्यापक ने सभी कौ दीपावली की शुभकामनाएं दीं। विद्यालय मुसहर बस्ती उरैनी में विद्यालय द्वारा त्योहारों पर विभिन्न थीम के जरिए उत्सव मनाए जाते हैं। पिछले साल दीपावली पर्व पर स्कूल के बच्चों और प्रधानाध्यापक ने स्कूल के प्रांगण में दीप जलाकर अयोध्या नगरी के लोगों को दर्शन कराए थे।
भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 वी जयंती एकता दिवस के रूप में सुपापाली गांव में मनाई गई
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)।नगरा: सरदार वल्लभभाई पटेल सेवा संस्थान बेल्थरारोड के तत्वावधान में गुरुवार   को क्षेत्र के सुपापाली गाँव मे भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 वी जयंती एकता दिवस के रूप में मनाई गई तथा भावपुर्ण स्मरण किया गया ।मुख्य अतिथि सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर ने लौह पुरूष के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।                   

 समारोह को सम्बोधित करते हुये सांसद राजभर ने कहा कि पटेल जी ने बड़ी बुद्धिमत्ता और दृढ़ता से भारत में विलय कराया और अखंड भारत का निर्माण कराया।वह अपने आप में बड़ी मिसाल है।इस बड़ी उपलब्धि के कारण उन्हें लौहपुरुष कहा गया ।

विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक गोरख पासवान ने कहा कि पटेल जी आज जीवित होते तो देश मे आतंकवाद,उग्रवाद  अलगाववाद ,संप्रदाय वाद जैसी  ताकतों के फन नही उठाती। पूर्व मंत्री छट्ठू राम ने कहा कि पटेल जी आधुनिक भारत के शिल्पकार,राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार होने के साथ साथ किसान हित के बड़े ही चिंतक थे । इस अवसर पर अभियंता राम रतन पटेल , पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल ,दंगल पटेल आदि ने विचार व्यक्त किए अध्यक्षता चंद्रिका सिंह पटेल व संचालन  रघुबंश पटेल ने किया ।
अयोध्या में दीपोत्सव: रामलला के मंदिर में सीएम ने जलाए श्रद्धा के दीप, हजारों दियों से रोशन हुआ मंदिर प्रांगण
  संजीव सिंह बलिया। अयोध्या:22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी। रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए। श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।
नगरा ब्लाक संसाधन केन्द्र पर दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की हुई काउंसलिंग
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया) नगरा: समग्र शिक्षा अभियान व समेकित शिक्षा के अंतर्गत नगरा के बीआरसी भवन में परामर्श सिविर में 60 दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग की गई. इस दौरान सुझावों का आदान प्रदान हुआ. इसके साथ ही अभिभावकों ने दिव्यांग बच्चों की समस्याओं व कठिनाइयों से काउंसलरों को अवगत कराया. खंड शिक्षा अधिकारी आरपी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित शिविर में विभिन्न दिव्यंगता वाले बच्चों के दैनिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों के बारे में अभिभावकों को जानकारी दी गई. उनके निवारण के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों ने परामर्श दिया. मानसिक मंदता से प्रभावित बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग शिप्रा सिंह विशेष शिक्षक, दृष्टिबाधित बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग राधेश्याम यादव व अशोक कुमार, चंद्रभूषण यादव, अखिलेश यादव, मुनेंद्र सिंह, शिप्रा सिंह,दयाशंकर,बच्चालाल, अजय कुमार ने की।
शोपीस बन कर रह गया सामुदायिक शौचालय
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया) नगरा: स्थानीय नगर पंचायत में सामुदायिक शौचालय बनाने की मांग काफी दिनों से की जा रही है. लेकिन नगरा ब्लॉक मुख्यालय पर 6 वर्ष पूर्व बना 2 सीटर सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लटका रहने से शोपीस बनकर रह गया है. यही कारण है कि आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताते है कि यह सामुदायिक शौचालय 6 वर्ष पूर्व नगरा ग्राम पंचायत की तत्कालीन ग्राम प्रधान माहेलका द्वारा बनवाया गया था. 2 सीटर शौचालय बना तो दिया गया किंतु अब तक कभी भी इसका ताला नहीं खुला. ब्लॉक के दौरान डबाकरा हाल के समीप एडीओ पंचायत के ऑफिस के ठीक सामने निर्मित शौचालय में पानी की व्यवस्था भी नहीं है. नगरा ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद इसे नगर पंचायत को हस्तानांतरित कर दिया गया, इसके बावजूद इसका ताला नहीं खुला. जिससे ब्लॉक पर आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया:आचार्य रामजी दास महराज
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया )विशुनपुरा: क्षेत्र के भाऊपुर गांव में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद भागवत के चौथे दिन कथावाचन करते हुए कथावाचक आचार्य श्री रामजी दास महराज ने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है।प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है।
रंगोली प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हुए कंपोजिट विद्यालय भरतपुरा की छात्राएं
संजीव  सिंह  बलिया। हनुमानगंज: आज कंपोजिट विद्यालय भरतपुरा शिक्षा -क्षेत्र  हनुमानगंज बलिया में रंगोली प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हुए  विद्यालय की छात्राओका जलवा
रंगोली प्रतियोगिता के दौरान  विद्यालय  के  शिक्षक  दिलीप  प्रसाद ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम होने से बच्चों में प्रतिभा की झलकियां दिखती हैं । जिससे उनका बौधिक एवं रचनात्मक विकास संभव है। वहीं विद्यालय के शिक्षिकाओं विजय लक्ष्मी शर्मा, सुनिधि राय, लक्ष्मी यादव, सारिका व लक्ष्मी पाठक संयुक्त रूप  ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम होने से बच्चों में प्रतिभा की झलकियां दिखती हैं ।रंगोली बनाने से आर्ट क्राफ्ट की भूमिका बच्चों में उभरती है ।घरों में सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम भी दीप और रंगोली जैसे कार्यक्रम से जुड़ता है। जिस हेतु विद्यालय परिवार ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं। उन्होंने इस दौरान सभी को दीपोत्सव की बधाई देते हुए शुभकामनाएं भी दीं धनतेरस के शुभ दिन दीपावली पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय परिवार के द्वारा हर्षोल्लास से दीपावली मनाई गई। जिसके अंतर्गत बच्चों के मध्य रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं विजेता टीमों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। बच्चों ने दीपक रंगे,दीपावली से संबंधित चित्र बनाया। दीप सजा कर और फुलझड़ी जलाकर अपनी खुशी व्यक्त की।अंत में सभी बच्चों को मिष्ठान्न वितरण भी किया गया।
महाकुम्भ में भीड़ नियंत्रण को तैनात होंगे 180 घुड़सवार पुलिसकर्मी
संजीव सिंह बलिया।प्रयागराज:महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है। इसमें विभिन्न फोर्सेज को जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें घुड़सवार पुलिस भी शामिल है। महाकुंभ मेले के दौरान घुड़सवार पुलिस कर्मी हर समय मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे और पेट्रोलिंग करते रहेंगे।


महाकुम्भ के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रयागराज आने की सम्भावना है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचेंगे। विशेषकर प्रमुख स्नान की तिथियों पर एक समय में करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और संगम के घाट पर रहेंगे। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने भी जोरदार तैयारी की हुई है और एक व्यापक कार्ययोजना बनाई है। मेला सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार प्रदेश की विभिन्न पुलिस लाइन्स में घुड़सवार पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग कराई गई है।

इस बार महाकुम्भ में 180 घुड़सवार पुलिसकर्मी भीड़ नियंत्रण को लेकर तैनात किए जाएंगे। एक अधिकारी के अनुसार यह घुड़सवार कर्मी पैदल सुरक्षा कर रहे पुलिसकर्मियों से ज्यादा कारगर साबित होते हैं। खासकर घोड़े पर बैठा पुलिस का जवान ऊंचाई पर रहने के कारण अधिक दूरी तक नजर बनाए रखने में सक्षम होता है। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति को देखते ही वह न सिर्फ खुद बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों को मैसेज भेजकर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए नियत स्थान पर पहुंच सकता है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घुड़सवार पुलिस के जवान का एक मनोवैज्ञानिक असर भी भीड़ पर होता है। कम बल लगाकर ही वे अधिक भीड़ को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं। महाकुम्भ में तैनात होने वाले घोड़े का नामकरण भी किया गया है। इन्हें महाराजा, चेतन, बाहुबली जैसे नाम दिए गए हैं। सभी प्रशिक्षित घुड़सवार जवानों को मेला प्रारम्भ होने से पहले पूरे क्षेत्र का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि उन्हें क्षेत्र की विस्तार से जानकारी हो जाए।
श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से धूल जाते हैं सारे पाप : रामजी दास

ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)। क्षेत्र के भाऊपुर गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिन कथा वाचन करते हुए कथावाचक आचार्य रामजी दास जी महराज ने कहा कि मनुष्य जीवन भर पाप करता है, लेकिन चतुर्थ चरण में पहुंचने के बाद यदि जीवन में एक बार भी श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर ले, तो उसे सारे पापों से छुटकारा मिल जाता है।

भगवान का नाम अंतर्मन से लेने वाले को ही बैकुंठ की प्राप्ति होती है। जिसने जीते जी कथा सुन ली, उसका तो कल्याण होता ही है, मरने के बाद भी कदाचित उसके कल्याण के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कर दिया जाये तो भी उस व्यक्ति का मरणोपरांत कल्याण हो जाता है व उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। कथा में काफी संख्या में आस पास के क्षेत्र के श्रद्धालुओं सहित स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी रही।
सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथामृत के प्रथम दिन  कथा वाचक  आचार्य राम जी दास महराज के द्दारा सम्पन्न
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। क्षेत्र के भाऊपुर गांव में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथामृत के प्रथम दिन  कथा वाचक  आचार्य राम जी दास महराज ने गौकर्ण प्रसंग तथा भगवान श्री कृष्ण की महिमा का बखान करते हुए दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता  बताते हुए कहा कि  जो सत्य है

वही सत्संग है । सत्संग  ही ईश्वर का दूसरा रूप है। उन्होंने संत जीवन का बखान करते हुए कहा कि गुरुदेव केवल रास्ता दिखाते हैं, मंजिल तक पहुंचाते हैं। जब कोई घर का बेटा विधायक, सांसद या मंत्री बने या फिर सचिव बने तो वो घर में समय नहीं दे पाता। उसका जीवन उन कामों में लग जाता है।

ठीक वैसे ही साधु, संत, तपस्वी जब अपना जीवन शिव भक्ति में, कृष्ण भक्ति में, ईश्वर की भक्ति में लगा दे तो वह लोगों से दूर रहता है।क्योंकि अगर वह लोगों के बीच गया तो उसका ध्यान भक्ति में कैसे रहेगा,न इसलिए उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए। दिनेश तिवारी , ओमप्रकाश तिवारी , प्रधान देवेंद्र यादव , अंजनी , व्यास तिवारी आदि मौजूद रहे ।