राज्य स्थापना दिवस के लिए मुख्य अतिथियों की सूची जारी, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर में मुख्य अतिथि के रूप में होंगे शामिल

रायपुर-    राज्य स्थापना दिवस, 2024 के अवसर पर 05 नवम्बर को जिला मुख्यालयों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में मुख्य अतिथिगण शामिल होंगे। इस क्रम में रायपुर जिले में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उपस्थित रहेंगे। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, बस्तर में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, राजनांदगांव से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सरगुजा में मंत्री रामविचार नेताम, महासमुंद में मंत्री दयालदास बघेल, दुर्ग में मंत्री केदार कश्यप, कोरबा में मंत्री लखन लाल देवांगन, बलौदाबाजार-भाटापारा में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

इसी प्रकार जांजगीर-चांपा जिले के कार्यक्रम में मंत्री ओ.पी. चौधरी, बलरामपुर-रामानुजगंज में मंत्री लक्ष्मी राजवाडे़, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में मंत्री टंकराम राम वर्मा, गरियाबंद में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, बालोद में सांसद विजय बघेल, खैरागढ़-गंडई-छुईखदान में सांसद संतोष पाण्डेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

जशपुर जिले के कार्यक्रम में सांसद चिंतामणी महाराज, बेमेतरा में सांसद रूप कुमारी चौधरी, रायगढ़ में सांसद राधेश्याम राठिया, सक्ति में सांसद कमलेश जांगडे़, दंतेवाड़ा में सांसद महेश कश्यप, कांकेर में सांसद भोजराज नाग, नारायणपुर में सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह, मुंगली में विधायक पुन्नु लाल मोहले, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में विधायक धरमलाल कौशिक उपस्थित रहेंगे।

इसी प्रकार कबीरधाम में विधायक अमर अग्रवाल, धमतरी में विधायक अजय चन्द्राकर, कोरिया में विधायक रेणुका सिंह, सूरजपुर में विधायक भैया लाल राजवाडे़, कोण्डागांव में विधायक लता उसेंडी, बीजापुर में विधायक विक्रम उसेंडी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में विधायक राजेश मूणत तथा सुकमा जिले में विधायक किरण देव राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

राज्यपाल श्री डेका को मुख्यमंत्री श्री साय ने दीपावली की दी शुभकामनाएं
रायपुर-     राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुलाकात कर दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल श्री डेका ने भी उन्हें दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
SECL ने 13 मोबाइल मेडिकल यूनिट का किया लोकार्पण, आम जनता को मिलेगी स्वास्थ्य की सभी सुविधाएं…

बिलासपुर-   आम जनों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए SECL ने आज सर्व सुविधायुक्त मोबाइल मेडिकल यूनिट का लोकार्पण किया. इस दौरान 13 मोबाइल मेडिकल यूनिट की शुरुवात की गई. SECL सीएमडी ने हरी झंडी दिखाकर मोबाइल मेडिकल यूनिट को रवाना किया. मोबाइल मेडिकल यूनिट SECL के संचालन क्षेत्रों में आम जनों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का काम करेंगे. खदान क्षेत्रों के 25 किलोमीटर के एरिया में इसकी सुविधा मिल सकेगी. मोबाइल मेडिकल यूनिट में आम बीमारियों के प्राथमिक उपचार के साथ ही संचारी और गैर-संचारी रोग, डायग्नोस्टिक्स, आरसीएच सेवाएं, स्क्रीनिंग गतिविधियां और उच्च निदान व उपचार केंद्रों में रेफरल की सुविधा उपलब्ध रहेगी.

मोबाइल मेडिकल यूनिटों की सेवाएं आम बीमारियों के लिए प्राथमिक देखभाल सेवाएं प्रदान करेंगी जिसमें संचारी और गैर-संचारी रोग, प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) सेवाएं, स्क्रीनिंग गतिविधियां करना और उच्च निदान/उपचार केंद्रों में रेफरल शामिल हैं. ये एमएमयू  पॉइंट ऑफ केयर डायग्नोस्टिक्स प्रदान करेंगे .

इनमें ब्लड शुगर , गर्भावस्था परीक्षण, एल्ब्यूमिन और शर्करा, एचबी, ऊंचाई/वजन, दृष्टि परीक्षण, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर के लिए 35 से अधिक आबादी की सालाना जांच जिसमें दवाओं की आवश्यकता वाले रोगियों को साप्ताहिक आपूर्ति (उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मिर्गी) प्रदान करना शामिल है.

SECL सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने सुविधा को लेकर जानकारी साझा करते हुए बताया कि, SECL कोल प्रोडक्शन के साथ अपनी सामाजिक भागीदारी और जिम्मेदारी का भी निर्वहन कर रहा है. इसी के तहत क्षेत्रवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की शुरुवात की गई है. जो खदान क्षेत्रों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएगा. इस मौके पर कंपनी के निदेशक मंडल , सीवीओ व अन्य अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे.

हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में दिया धरना, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, फसलों और जन हानि को लेकर रखी ये मांगें…
गरियाबंद-     मैनपुर रेंज में हाथियों के आतंक से प्रभावित गांवों के आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोगों ने आज ट्रैक्टर रैली के माध्यम से गरियाबंद मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टोरेट के सामने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर फसल क्षति के लिए प्रति एकड़ 75 हजार रुपये मुआवजे और जन हानि के लिए 1 करोड़ रुपये की मांग की।

आदिवासी समुदाय के लगभग 200 लोग, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले, अध्यक्ष उमेंदी कोर्राम और महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष लोकेश्वरी नेताम के नेतृत्व में धरने पर बैठे. उन्होंने एसडीएम राकेश गोलछा को ज्ञापन सौंपा, जिसमें कच्चे घरों को नुकसान पहुंचाने वाले हाथियों के कारण बढ़ी समस्या का समाधान मांगा गया.

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि पीएम आवास योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये मंजूर किए जाएं. इसके साथ ही, मैनपुर रेंज के जिडार इलाके को सोनाबेड़ा अभ्यारण्य का हिस्सा बताने वाले गूगल मैप को सही करने की मांग की गई है.

पिछले डेढ़ महीने से 45 हाथियों ने इस क्षेत्र में स्थायी रूप से डेरा जमा लिया है, जिससे प्रभावित गांवों में काफी उत्पात मच रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि विभाग की अनदेखी के चलते वे मदद की गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन केवल कागजी कार्यवाही से उनकी समस्याएं हल नहीं हुई हैं.

इस धरने के माध्यम से आदिवासी समुदाय ने अपनी हक की लड़ाई लड़ने की ठानी है. जहां एक ओर पूरा देश दीपावली मनाने में व्यस्त है, वहीं दूसरी ओर ये संकट में पड़े आदिवासी परिवार अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

प्रदीप उपाध्याय आत्महत्या मामले में गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोषियों पर की कार्रवाई की मांग
रायपुर-  कलेक्टर कार्यालय राजस्व विभाग में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या किया था. आत्महत्या करने से पहले मृतक ने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने विभाग के तीन अधिकारियों तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र बहादुर सिंह और एडीएम देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. इस आत्महत्या के बाद ब्राम्हण समाज में रोष हैं. आज मामले को लेकर सर्व ब्राम्हण समाज ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है. वहीं इस मामले में सियासत भी गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज ने प्रेस वार्ता कर सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में अलग-अलग समाजों को प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, पहले सतनामी, आदिवासी फिर साहू और अब ब्राह्मण समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है. भूपेश बघेल ने प्रदीप उपाध्याय के सुसाइड नोट का संदर्भ देते हुए कहा कि लगातार कई जिलों में कस्टोडियल डेथ हो रही है. उन्होंने इस सरकार को निकम्मी बताते हुए कहा कि उन्हें पद में बने रहने का कोई हक नहीं है.

PCC चीफ दीपक बैज का बयान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी मामले में रायपुर कलेक्टर को हटाने की मांग की है. प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदीप उपाध्याय को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर को भी जानकारी दी थी. लेकिन कलेक्टर ने फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की. दीपक बैज ने कहा, जो कलेक्टर अपने कर्मचारी को न्याय नहीं दे सकता, वो आम लोगों को क्या न्याय देगा.

सुसाइड नोट में लिखी ये बात

प्रदीप उपाध्याय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है. उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी. मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था.’

‘मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व आपदा का काम सौंपा गया था. मुझे परेशान करने के लिए देवेंद्र पटेल तत्कालीन SDO रायपुर आज दिनांक में कलेक्ट्रेट रायपुर में ADM है. गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर के साथ मिलकर मुझे नजीर शाखा में अतिरिक्त कार्य सौंपा गया.’

‘मैं अपना काम निष्ठा से कर रहा था, लेकिन अधिकारियों तत्कालीन ADM गजेंद्र ठाकुर, तत्कालीन ADM वीरेंद्र बहादुर और SDO देवेंद्र पटेल ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया. हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई. जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि खराब की गई.’

‘लेकिन मेरी शिकायत प्राप्त नहीं होने पर देवेंद्र पटेल और गजेंद्र ठाकुर द्वारा भूमिका बनकर किसी नेता से तत्कालीन कलेक्टर को फोन कर शिकायत कराई गई. मुझे खरोरा ट्रांसफर कर दिया गया. देवेंद्र पटेल द्वारा किसी न किसी रूप से मुझे परेशान किया गया. मेरे खिलाफ बार-बार हर अधिकारी के पास मेरी बुराई की.’

धर्मांतरण के मुद्दे पर आदिवासी बहुल गांव में मचा बवाल, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात…

दंतेवाड़ा-  धर्मांतरण के मुद्दे पर कुआकोंडा ब्लॉक के श्यामगिरी गांव में दो पक्षों के बीच मारपीट हो गया. घटना में विशेष समुदाय के चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं. स्थिति को देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. फिलहाल, गांव में स्थिति नियंत्रण में है. 

जानकारी के अनुसार, गांव में धर्मांतरण के विरोध में बैठक रखी गई थी, जिस पर गांव में विवाद शुरू हो गया. एक गुट ने दूसरे गुट के सदस्यों पर हमला कर दिया, जिसमें चार लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं.

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस बल गांव के लिए भेजा गया, लेकिन जवानों की कम संख्या देख ग्रामीणों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया. इस पर आंसू गैस और तमाम सुरक्षा सामग्रियों के साथ बड़ी संख्या में जवानों को तैनात कर घायलों को गांव से बाहर निकालकर उपचार के लिए भेजा गया. फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है.

एएसपी-डीएसपी मौके पर हैं तैनात

घटना की जानकारी देते हुए दंतेवाड़ा एसपी गौरव रॉय ने बताया कि दो पक्षों में विवाद की बात सामने आई थी. जानकारी मिलते ही एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंच गए हैं. इनके अलावा एडिशनल एसपी और डीएसपी के साथ पुलिस बल तैनात है. फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है. कुछ लोगों को मामूली चोट आई है, जिनका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपचार जारी है.

पर्यटन के क्षेत्र में जशपुर ले रहा नया रूप, एडवेंचर, इको-टूरिज्म को मिल रहा है प्रोत्साहन

रायपुर-       प्रदेश में पर्यटन परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है और इसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जाता है जिनकी पहल से प्रदेश में नवाचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ का खूबसूरत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों से परिपूर्ण जिला जशपुर अब तेजी से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यहां के घने जंगल, पर्वतीय क्षेत्र और अनोखी आदिवासी संस्कृति ने जशपुर को एक विशेष पहचान दिलाई है। ट्रिप्पी हिल्स ने जशपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए अनुभवात्मक पर्यटन का प्रारूप तैयार किया है। पर्यटक यहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद, आदिवासी कला और शिल्प वर्कशॉप्स और पारंपरिक नृत्य-संगीत का आनंद ले सकते हैं।

ट्रिप्पी हिल्स का उद्देश्य पर्यटकों को जशपुर की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के करीब लाना है। इसके तहत पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियाँ जैसे, बर्ड वॉचिंग, और प्राकृतिक स्थल भ्रमण आयोजित किए जाते हैं। इन गतिविधियों से पर्यटकों को पर्यावरणीय स्थिरता का भी ज्ञान मिलता है। रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग और नदी के किनारे कैंपिंग जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव साबित होती हैं। जशपुर के प्राकृतिक परिदृश्य में आयोजित इन गतिविधियों के जरिए पर्यटक न केवल जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं, बल्कि साहसिक खेलों का आनंद भी ले सकते हैं।

इस विरासत को उजागर करने और पर्यटन को नई दिशा देने का कार्य कर रहा है ‘ट्रिप्पी हिल्स’ को जशपुर के दो युवाओं सौरभ सिंह और प्रवीण कुमार सिंह द्वारा शुरू किया गया था। ट्रिप्पी हिल्स का मुख्य उद्देश्य न केवल पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करना है, बल्कि उन्हें जशपुर की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा से भी जोड़ना है। यह स्टार्टअप एक इको-फ्रेंडली मॉडल के तहत कार्य कर रहा है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना, पर्यटकों को स्थानीय और अनूठे अनुभव प्रदान करता है। ट्रिप्पी हिल्स के संस्थापकों का कहना है कि उनकी प्रेरणा जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है। उनका उद्देश्य एक ऐसा पर्यटन मॉडल तैयार करना है, जो न केवल पर्यटकों के लिए रोमांचक हो, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखे। ट्रिप्पी हिल्स ने इको-फ्रेंडली दृष्टिकोण अपनाते हुए पर्यटन को प्रकृति के करीब पहुंचाने का प्रयास किया है। इस स्टार्टअप ने जशपुर की प्राकृतिक संपदा जैसे घने जंगलों, पहाड़ियों और जल संसाधनों को भी पर्यटकों के अनुभव का हिस्सा बनाया है, जिससे न केवल पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव मिलता है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार मिलता है।

ट्रिप्पी हिल्स ने सामुदायिक विकास से स्थानीय समुदाय को रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्थानीय गाइड्स, शिल्पकार, और कला-कलाकार ट्रिप्पी हिल्स के साथ जुड़कर न केवल अपने परिवार की सहायता कर रहे हैं बल्कि जशपुर की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर रहे हैं। इस स्टार्टअप का उद्देश्य केवल पर्यटकों को आकर्षित करना नहीं है, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को जीवित रख कर पर्यटकों को परिचित कराना है।

ट्रिप्पी हिल्स स्थानीय कलाकारों के हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों को उनके स्टोर पर प्रदर्शित करता है, जिससे स्थानीय शिल्पकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का मंच मिलता है। साथ ही पर्यटकों के द्वारा स्थानीय उत्पादों का उपयोग करने से किसानों और शिल्पकारों को आर्थिक समर्थन मिल रहा है।

आने वाले पाँच वर्षों में ट्रिप्पी हिल्स की योजना है कि जशपुर को छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल बना जाएगा। जहां पर्यटक प्रकृति, रोमांच, और संस्कृति का अनूठा अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए, ट्रिप्पी हिल्स अपने सभी कार्यक्रमों में इको-फ्रेंडली दृष्टिकोण को शामिल कर रहा है।

यह स्टार्टअप सोशल मीडिया का भी सक्रियता से उपयोग कर रहा है, जहां पर्यटक जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, गतिविधियों और संस्कृति से परिचित हो सकते हैं। इसके अलावा, कस्टमाइज्ड टूर पैकेज और रील्स, वीडियोस के जरिए ट्रिप्पी हिल्स का उद्देश्य अधिक से अधिक पर्यटकों के पास पहुंचकर उन्हें आकर्षित कर रहा है।

मिठाई दुकान में आग लगने से मचा हड़कंप
रायपुर-     राजधानी के फाफाडीह स्थित एक मिठाई दुकान में आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया है. घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची है और आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. बताया जा रहा कि खोडियार मिठाई दुकान के दूसरे माले पर आग लगी है. पुलिस भी मौके पर पहुंची है. आग बुझाने का काम जारी है.
बस्तर के सरहदी इलाके में दो पहिया वाहन से हो रही गांजे की तस्करी, पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार

जगदलपुर-      छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के नगरनार थाना पुलिस ने स्कूटी पर गांजा तस्करी कर रहे तस्कर को गिरफ्तार किया है. बता दें, प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए पुलिस लगातार तस्करों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है. इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई और आरोपी के कब्जे से 20.915 किलो गांजा जब्त किया गया है.

जानकारी के अनुसार, नगरनार थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक लाल रंग की स्कूटी नंबर OD 10W 9835 में ओडिशा से जगदलपुर की ओर गांजा तस्करी करने के लिए ले जाया जा रहा है. सूचना मिलते ही पुलिस ने चोकावाड़ा रेलवे क्रॉसिंग के पास नाकाबंदी कर स्कूटी को रोककर की तलाशी ली जिसमें 20.915 किलो में गांजा बरामद हुआ. इसकी कीमत बाजार में लगभग 2 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने गांजा जब्त कर तस्कर कमलोचन को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है.

छत्तीसगढ़ में ओडिशा का धान खपाने का खेल : चेक पोस्ट से कर्मचारी नदारद, बांस बल्ली टांग बैरियर की खानापूर्ति, कैमरे की क्वालिटी भी खराब

गरियाबंद-      छत्तीसगढ़ में ओडिशा का धान आने से रोकने देवभोग तहसील में ओडिशा को जोड़ने वाले रास्ते पर 15 चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां 120 कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, लेकिन आदेश के 9 दिन बाद भी ज्यादातर कर्मचारियों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं किया है. छत्तीसगढ़ का पिकअप पकड़ाने के बाद ओडिशा की गाड़ियां बेधड़क सीमा पार कर रही है.

एसडीएम कार्यालय देवभोग ने 15 रास्ताें पर चेक पोस्ट बनाने का आदेश जारी किया है. प्रत्येक चेक पोस्ट में पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक, आरक्षक, कोटवार जैसे 8 कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जो बारी-बारी से 24 घंटे तैनात रहेंगे. यह आदेश एसडीएम तुलसी दास ने 20 अक्टूबर को जारी किया था. आदेश के बाद तय स्थानों में बांस लगाकर कुछ जगहों पर बैरियर बनाने की खानापूर्ति भर की गई है, लेकिन अस्थायी पोस्ट और ड्यूटी में तैनात कर्मी कही भी नजर नहीं आए. अब तक गांव में डंप 1000 बोरा धान पकड़ा जा चुका है, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस पैमाने पर यहां खरीदी शुरू होने से पहले ओडिशा का धान खपाने का खेल जारी है. इस खेल में स्थानीय प्रशासनिक जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति भी है, जिसके कारण कार्यवाही आधी अधूरी देखने को मिलती है.

ओडिशा की पिकअप बेधड़क पहुंच रही छत्तीसगढ़

खुले छोड़े गए रास्तों से बेधड़क ओडिशा की पिकअप गाड़ियां धान लेकर अंदर प्रवेश कर रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि नेशनल हाइवे 130 सी में ख़ुटगांव चेक पोस्ट पर सबसे ज्यादा धान भरा पिकअप प्रवेश कर रहा है. तीन दिन पहले स्थानीय कारोबारियों के तीन पिकअप पकड़ाने के बाद कारोबारियों ने काम बंद कर दिया है, जिसका सीधा फायदा अब ओडिशा के बिचौलिए उठा रहे हैं. खुटगांव सीमा के अलावा नागलदेही, पिठापारा, गोहरापदर,धूपकोट, कैंटपदर, केन्दूबन, खोकसरा, बरही, झिरिपानी जैसे पोस्ट से रोज धान भरी पिकअप छत्तीसगढ़ पहुंच सीधे बिचौलिए के बताए ठिकाने पर धान डंप हो रहा है.

कैमरे की क्वालिटी भी खराब

पीटापारा, गोहरापदर पोस्ट में नामभर के लिए बैरियर बनाने की खानापूर्ति की गई है. बांस बल्ली टांग कर लटका दिया गया है. नेशनल हाइवे ख़ुटगांव में भी राजस्व विभाग की टीम नदारद है. यहां आबकारी और पुलिस चेक पोस्ट की टीम रहती है, जिन्हें गाड़ियां रोकने पर राजस्व के अफसरों को बात करा दिया जाता है. पोस्ट संवेदशील होने के कारण यहां पुलिस विभाग ने सीसी कैमरा भी लगाया, लेकिन क्वालिटी इतनी खराब है कि उजाले में कैद वीडियो में भी नम्बर प्लेट नजर नहीं आता. हल्के कैमरे को बदलकर ऊंचे डिजिटल कैमरे लगाने की जरूरत है.

गाड़िया पकड़ा रही पर कार्यवाही रिकार्ड में नहीं

ओडिशा से आने वाले वाहनों को रोकने अफसर रात दिन ड्यूटी कर रहे. नायब तहसीलदार कार्यालय में नजर तक नहीं आते. बताया जाता है वे वाहनों को रोकने के काम में अपने बड़े अफसर के साथ 24 घंटे ड्यूटी पर होते हैं. सीमा पर गाड़ियां पकड़ाने की भी खबर बाहर निकलकर आती है पर अब तक तीन पिकअप एक ट्रैक्टर के अलावा अन्य वाहनों की कार्यवाही रिकार्ड में नजर नहीं आया.

कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे : तहसीलदार

इस मामले में बातचीत करने जवाबदेह अफसर एसडीएम तुलसीदास को कॉल किया गया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. इस मामले में तहसीलदार चितेश देवांगन ने कहा कि चेक पोस्ट में पटवारी पंचायत सचिवों की ड्यूटी लगाई गई है. ये निर्वाचन कार्य की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. इनके अतरिक्त जिन भी कर्मी की ड्यूटी लगाई गई है वे अपने टाइम पर जा रहे हैं. फिर भी दिखवाते हैं. अगर कोई ड्यूटी नहीं कर रहे तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा.