पर्यटन के क्षेत्र में जशपुर ले रहा नया रूप, एडवेंचर, इको-टूरिज्म को मिल रहा है प्रोत्साहन
रायपुर- प्रदेश में पर्यटन परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है और इसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जाता है जिनकी पहल से प्रदेश में नवाचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ का खूबसूरत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों से परिपूर्ण जिला जशपुर अब तेजी से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यहां के घने जंगल, पर्वतीय क्षेत्र और अनोखी आदिवासी संस्कृति ने जशपुर को एक विशेष पहचान दिलाई है। ट्रिप्पी हिल्स ने जशपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए अनुभवात्मक पर्यटन का प्रारूप तैयार किया है। पर्यटक यहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद, आदिवासी कला और शिल्प वर्कशॉप्स और पारंपरिक नृत्य-संगीत का आनंद ले सकते हैं।
ट्रिप्पी हिल्स का उद्देश्य पर्यटकों को जशपुर की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के करीब लाना है। इसके तहत पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियाँ जैसे, बर्ड वॉचिंग, और प्राकृतिक स्थल भ्रमण आयोजित किए जाते हैं। इन गतिविधियों से पर्यटकों को पर्यावरणीय स्थिरता का भी ज्ञान मिलता है। रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग और नदी के किनारे कैंपिंग जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव साबित होती हैं। जशपुर के प्राकृतिक परिदृश्य में आयोजित इन गतिविधियों के जरिए पर्यटक न केवल जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं, बल्कि साहसिक खेलों का आनंद भी ले सकते हैं।
इस विरासत को उजागर करने और पर्यटन को नई दिशा देने का कार्य कर रहा है ‘ट्रिप्पी हिल्स’ को जशपुर के दो युवाओं सौरभ सिंह और प्रवीण कुमार सिंह द्वारा शुरू किया गया था। ट्रिप्पी हिल्स का मुख्य उद्देश्य न केवल पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करना है, बल्कि उन्हें जशपुर की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा से भी जोड़ना है। यह स्टार्टअप एक इको-फ्रेंडली मॉडल के तहत कार्य कर रहा है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना, पर्यटकों को स्थानीय और अनूठे अनुभव प्रदान करता है। ट्रिप्पी हिल्स के संस्थापकों का कहना है कि उनकी प्रेरणा जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है। उनका उद्देश्य एक ऐसा पर्यटन मॉडल तैयार करना है, जो न केवल पर्यटकों के लिए रोमांचक हो, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखे। ट्रिप्पी हिल्स ने इको-फ्रेंडली दृष्टिकोण अपनाते हुए पर्यटन को प्रकृति के करीब पहुंचाने का प्रयास किया है। इस स्टार्टअप ने जशपुर की प्राकृतिक संपदा जैसे घने जंगलों, पहाड़ियों और जल संसाधनों को भी पर्यटकों के अनुभव का हिस्सा बनाया है, जिससे न केवल पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव मिलता है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार मिलता है।
ट्रिप्पी हिल्स ने सामुदायिक विकास से स्थानीय समुदाय को रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्थानीय गाइड्स, शिल्पकार, और कला-कलाकार ट्रिप्पी हिल्स के साथ जुड़कर न केवल अपने परिवार की सहायता कर रहे हैं बल्कि जशपुर की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर रहे हैं। इस स्टार्टअप का उद्देश्य केवल पर्यटकों को आकर्षित करना नहीं है, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को जीवित रख कर पर्यटकों को परिचित कराना है।
ट्रिप्पी हिल्स स्थानीय कलाकारों के हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों को उनके स्टोर पर प्रदर्शित करता है, जिससे स्थानीय शिल्पकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का मंच मिलता है। साथ ही पर्यटकों के द्वारा स्थानीय उत्पादों का उपयोग करने से किसानों और शिल्पकारों को आर्थिक समर्थन मिल रहा है।
आने वाले पाँच वर्षों में ट्रिप्पी हिल्स की योजना है कि जशपुर को छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल बना जाएगा। जहां पर्यटक प्रकृति, रोमांच, और संस्कृति का अनूठा अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए, ट्रिप्पी हिल्स अपने सभी कार्यक्रमों में इको-फ्रेंडली दृष्टिकोण को शामिल कर रहा है।
यह स्टार्टअप सोशल मीडिया का भी सक्रियता से उपयोग कर रहा है, जहां पर्यटक जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, गतिविधियों और संस्कृति से परिचित हो सकते हैं। इसके अलावा, कस्टमाइज्ड टूर पैकेज और रील्स, वीडियोस के जरिए ट्रिप्पी हिल्स का उद्देश्य अधिक से अधिक पर्यटकों के पास पहुंचकर उन्हें आकर्षित कर रहा है।

रायपुर- प्रदेश में पर्यटन परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है और इसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जाता है जिनकी पहल से प्रदेश में नवाचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ का खूबसूरत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों से परिपूर्ण जिला जशपुर अब तेजी से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यहां के घने जंगल, पर्वतीय क्षेत्र और अनोखी आदिवासी संस्कृति ने जशपुर को एक विशेष पहचान दिलाई है। ट्रिप्पी हिल्स ने जशपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए अनुभवात्मक पर्यटन का प्रारूप तैयार किया है। पर्यटक यहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद, आदिवासी कला और शिल्प वर्कशॉप्स और पारंपरिक नृत्य-संगीत का आनंद ले सकते हैं।





रायपुर- राजधानी के फाफाडीह स्थित एक मिठाई दुकान में आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया है. घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची है और आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. बताया जा रहा कि खोडियार मिठाई दुकान के दूसरे माले पर आग लगी है. पुलिस भी मौके पर पहुंची है. आग बुझाने का काम जारी है.
जगदलपुर- छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के नगरनार थाना पुलिस ने स्कूटी पर गांजा तस्करी कर रहे तस्कर को गिरफ्तार किया है. बता दें, प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए पुलिस लगातार तस्करों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है. इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई और आरोपी के कब्जे से 20.915 किलो गांजा जब्त किया गया है.
गरियाबंद- छत्तीसगढ़ में ओडिशा का धान आने से रोकने देवभोग तहसील में ओडिशा को जोड़ने वाले रास्ते पर 15 चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां 120 कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, लेकिन आदेश के 9 दिन बाद भी ज्यादातर कर्मचारियों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं किया है. छत्तीसगढ़ का पिकअप पकड़ाने के बाद ओडिशा की गाड़ियां बेधड़क सीमा पार कर रही है.
रायपुर- दिपावली के एक दिन पहले राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अफसरों का वेतन बढ़ गया है। राप्रसे के जहां 64 अधिकारियों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान से प्रवर श्रेणी वेतनमान पर क्रमोन्नत किया गया है।



रायपुर- राजधानी रायपुर में पिछले कुछ दिनों से चाकूबाजी की घटना बढ़ गई है. यहां आए दिन अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं और कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. एक बार फिर राजधानी रायपुर के बीरगांव में चाकूबाजी की घटना हुई है, जिसमें एक नाबालिग ने युवक की हत्या कर दी है. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. आरोपी को हिरासत में लिया गया है.
रायपुर- दक्षिण छत्तीसगढ़ और उससे लगे ओडिशा के ऊपर ऊपरी हवा का एक चक्रवात बना हुआ है. इसकी वजह से समुद्र से नमी आ रही है. खासकर दक्षिण छत्तीसगढ़ में इसका प्रभाव अधिक है. मौसम विभाग ने आज राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है. वहीं न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है.
बीजापुर- सरकार की महत्वपूर्ण ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के प्रभाव से प्रेरित होकर पांच माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया है. आत्मसमर्पण करने वालों में पांच लाख का इनामी माओवादी भी शामिल है. बताया जा रहा है कि ये सभी माओवादी फायरिंग, आईडी ब्लास्ट और आगजनी जैसी हिंसक घटनाओं में संलिप्त रहे हैं.
Diwali 2024: धनतेरस के साथ ही देशभर में दिवाली का त्योहार शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में भी धनतेरस की सुबह से ही बाजारों में भीड़ लगी हुई है। प्रदेश में धान की झालरें घरों में सजाने की परंपरा सदियों पुरानी है। धनतेरस के साथ ही बाजारों में झालरों की बिक्री भी शुरू हो जाती है। बाजारों में इस तरह की झालर की काफी डिमांड है।
Oct 30 2024, 15:55
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0.3k