आतंक का पर्याय बना हुआ तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में हुआ कैद, एक व्यक्ति को उतारा था मौत के घाट

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर खीरी । लखीमपुर खीरी में शारदानगर रोड पर मंझरा फार्म के आसपास दहशत का पर्याय बने तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया। इस इलाके में पिछले कई दिनों से तेंदुआ देखा जा रहा था, जिससे ग्रामीणों में दहशत थी। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से खेत में पिंजरा लगाया गया था। मंगलवार को किसी समय तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। मंगलवार दोपहर मंझरा फार्म के कर्मचारीयों ने सूचना दी। टीम के साथ वन अधिकारी मौके पर पहुंचे।

पिंजरे में कैद तेंदुए को दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ा जाएगा। बीते सोमवार को चमरौधा निवासी एक व्यक्ति को वन्य जीव ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया था। आतंक का पर्याय बना हुआ तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। बीते कुछ दिन पहले पिता की आंखों के सामने से बेटे को खींच ले गया था तेंदुआ इसके बाद तेंदुए ने उसे मौत के घाट उतार दिया था। जिसको लेकर लगातार वन विभाग की टीम तेंदूए को पकड़ने के लिए प्रयास कर रही थी आखिरकार वह तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया।

दीवाली की खुशियां पल भर में मातम में बदली, करंट लगने से महिला की मौत

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर खीरी के कोतवाली भीरा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पड़रिया तुला में एक महिला की करंट लगने से मौत हो गई। मृतक महिला सीता मौर्य पत्नी मनीष मौर्या उम्र करीब 27 वर्ष निवासी पड़रिया तुला दीपावली त्यौहार के चलते घर की साफ सफाई कर रही थी। कमरे में कही पर बिजली का तार नंगा होने के कारण अचानक करंट लग गया, बताते है घर मे उस समय कोई भी नहीं था।

घर में कोई भी व्यक्ति न होने के कारण महिला काफी देर तक तार से चिपकी रही, जिससे महिला की हालत काफी खराब हो गई ,जब पड़ोसियों ने देखा तो तत्काल लाईट काटी और महिला को लेकर बिजुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। बताते है महिला का पति देहरादून में मजदूरी करता है। मृतका का एक अबोध बच्चा है। इस तरह अचानक हुई मौत ने परिजनों सहित पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।

FEA के छात्रों को कोर्स पूरा करने पर मिला प्रमाण पत्र, छात्र व छात्राओं के खिल उठे चेहरे

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर खीरी । उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के मालपुर कस्बे में स्थित FEA की संस्था पर छात्रों ने 1 वर्षीय निशुल्क प्रशिक्षण कोर्स मंगलवार को पूर्ण किया। इसके बाद अध्यापक अमितेंद्र बाजपेई व संजीव गुप्ता के द्वारा बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

तत्पश्चात बच्चों ने जब प्रमाण पत्र प्राप्त किया तो बच्चों के चेहरे खिल उठे। आपको बता दें कि FEA एक ऐसी संस्था है जो की पूरे भारत देश के आठ राज्यों में गरीब असहाय और छात्र, छात्राओं को निशुल्क 1 वर्षीय कोर्स की शिक्षा प्रदान करता है। इसकी उम्र सीमा 18 वर्ष से शुरू होकर अनिश्चित है। इस कोर्स में बच्चों को निशुल्क कंप्यूटर पर कार्य करना, साक्षात्कार की तैयारी कराना, अंग्रेजी में सुधार कराना आदि जैसी कौशल सिखाए जाते हैं।

थारू जनजाति की महिलाओं से मिली महिला आयोग उपाध्यक्ष

लखीमपुर खीरी। उप्र राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में शनिवार काे विद्यालयों व जिला महिला चिकित्सालय एवं थारू जनजाति के ग्राम गजरौला में महिलाओं से मिलकर महिला कल्याण सम्बंधी योजनाओं की जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान सम्बंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

उपाध्यक्ष ने आदिवासी जनजाति के ग्राम गबरोला व धुसकिया में भ्रमण किया। गबरौला में आरती राना के आवास पर संचालित हथकरघा उद्योग देखा, जिस पर आदवासी जनजाति की ग्रामीण महिलाएं काम कर रही थीं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा चटाई, टोपी, कैप, पर्स, बैग बनते देखा। उपाध्यक्ष ने आरती राना को गोरखपुर मेले में स्टॉल लगाने का निमन्त्रण भी दिया। ग्राम धुसकिया में पंचायत भवन में चौपाल लगाकर महिलाओं की समस्याओं को सुना और निर्देश दिए कि जो भी पात्र महिलाएं हैं उन्हे 07 दिन में योजनाओ व पेंशन का लाभ दिया जाए|

उपाध्यक्ष ने वापस आते समय शाम को महिला जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय सीएमओ, सीएमएस व चिकित्सा स्टाफ उपस्थित मिला एसएनसीयू व सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण करने के साथ नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली एव महिला कल्याण की योजनाओं के बारे में बताया।

निर्देश दिया कि जो भी पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ है, उन्हें स्टाफ बिहैवियर का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे तीमारदारों , मरीज से मधुर व सौम्य भाषा में बात कर सके। निरीक्षण के दौरान महिला कल्याण विभाग का स्टाफ व जिला प्रोबेशन अधिकारी लवकुश कुमार भार्गव भी उपस्थित रहे |

उपाध्यक्ष ने जिले में कस्बा से सटे हुऐ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मरूआ पश्चिम का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां कक्षा और बालिकाओं के रहन-सहन और उनके खान-पान की व्यवस्था को परखा। इस दौरान उन्होंने बालिकाओं से बातचीत भी की और उनसे पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा। शैक्षिक गुणवत्ता को परखा। वहां की साफ-सफाई भी देखा। मौजूद शिक्षक-शिक्षिकाओं से कहा कि बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी दें।

सदर एसडीएम अश्वनी कुमार सिंह पर आखिरकार क्यों भड़क उठे सदर विधायक योगेश वर्मा

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर सदर सीट से भाजपा विधायक योगेश वर्मा बुधवार को एक बार फिर अपने तेवरों के लिए चर्चा में आ गए। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह स्कूटी पर बैठे हैं और एसडीएम सदर अश्वनी कुमार सिंह पर भड़क रहे हैं। वीडियो कलक्ट्रैट गेट का बताया जा रहा। वीडियो में विधायक सामने खड़े एक बुजुर्ग की पैरवी कर रहे हैं और उनको आरएसएस का कार्यकर्ता बताते हुए सरकारी काम में देरी पर बिफरते नजर आ रहे हैं।

यही नहीं, जब एसडीएम कोई कागज पढ़कर बुजुर्ग की ओर बढ़ाते हैं तो भी विधायक सवाल करते हैं कि 5 हजार रुपए वापस कराइए पहले। तब मैं यहां से जाऊंगा। यही नहीं, वह स्वीकार भी कर चुका है कि पुलिस को पैसा देना होता है। विधायक बोले-आरोपी राजस्व कर्मी को हटाइए। जब तक वह हटेगा नहीं, तब तक पैमाइश नहीं होगी। विधायक बोले कि पैसे वापस कराइए, वरना वह धरने पर बैठेंगे। उधर एसडीएम सदर अश्वनी कुमार सिंह का कहना है कि प्रकरण उनके संज्ञान में आज ही आया है। वह मामले की जांच कराएंगे। किसी से अवैध वसूली बर्दाश्त नहीं है।

देखिए क्या है पूरा मामला

सदर तहसील के गांव बंजरिया निवासी विशेश्वर दयाल रिटायर्ड शिक्षक हैं और आरएसएस कार्यकर्ता है। उन्होंने बताया कि उनके एक खेत की पैमाइश होनी है। इसके लिए पिछले 6 साल से दौड़़ रहे हैं। आरोप है कि उनसे पांच हजार रुपए की वसूली भी की गई है। वसूली का आरोप हल्का कानूनगो पर है। बुधवार को यह मामला विधायक योगेश वर्मा के पास पहुंचा। विधायक विशेश्वर दयाल के साथ स्कूटी से कलक्ट्रैट पहुंच गए। इस बीच एडीएम भी आफिस के बाहर आ गए। इसके बाद उनकी बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा है।

धौरहरा वन रेंज में फिर आया तेंदुआ, गाय को बनाया निवाला, ग्रामीणों में दहशत

जनपद खीरी के धौरहरा वन रेंज में तेंदुए की चहलकदमी लगातार देखी जा रही है। मंगलवार को गांव अचरौरा के आसपास तेंदुआ देखा गया। तेंदुए ने एक छुट्टा गाय को मार डाला।

लखीमपुर खीरी के ईसानगर क्षेत्र के गांव अचरौरा में तेंदुए ने एक छुट्टा गाय को निवाला बनाया। वहीं जटपुरवा और बजहा संकल्पा गांवों के आसपास भी तेंदुए की चहलकदमी देखी गई है, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। सूचना पर वन विभाग की टीम ने निगरानी शुरू कर दी है।

धौरहरा वन रेंज में तेंदुए की चहलकदमी लगातार देखी जा रही है। वन विभाग एक तेंदुए को पकड़ता है, तो दूसरा वारदात कर दहशत फैला देता है।आज सुबह ईसानगर थाना क्षेत्र के अचरौरा गांव में घाघरा नदी के किनारे तेंदुए ने छुट्टा गाय का शिकार किया।

20 दिन पहले भी किया था गाय का शिकार

गांव जटपुरवा के गोआश्रय स्थल में करीब 20 दिन पूर्व तेंदुए ने हमलाकर एक गाय को मार डाला। एक माह पहले इसी गांव के किसान की बछिया भी दबोच ले गया था। वन विभाग ने हाल में ही पिंजरा लगाकर धौरहरा के जोगी बाबा स्थान से नर तेंदुए को पकड़ कर दुधवा जंगल में छोड़ा था।

दोबारा से फिर तेंदुआ देख जाने पर ग्रामीणों में भय व्याप्त है। क्षेत्रीय वनाधिकारी नृपेंद्र चतुवेर्दी ने बताया कि गांव अचरौरा में तेंदुए द्वारा गाय के मारने की सूचना है। जटपुरवा और बजहा संकल्पा में भी टीम निगरानी कर रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

छोटी काशी गोला के झावर तालाब के बहुरेंगे दिन, पर्यटन को लगेंगे पंख

लखीमपुर खीरी। ब्लॉक गोला की तीन ग्राम पंचायत में फैले 96 एकड़ के झावर तालाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के उद्देश्य से सीडीओ अभिषेक कुमार व गोला विधायक अमन गिरी ने संयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ पीडी एसएन चौरसिया, डीसी मनरेगा विपिन कुमार चौधरी, एसडीएम विनोद कुमार गुप्ता, बीडीओ हनुमान प्रसाद मौजूद रहे।

विधायक गोला अमन गिरी ने सीडीओ अभिषेक कुमार के साथ झावर तालाब का स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि झावर तालाब को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किए जाने की रणनीति पर गहन मंथन हुआ। सर्वसम्मति से तय किया गया कि प्रथम चरण में 30 एकड़ के क्षेत्र पर फोकस करते हुए विकसित किया जाए। सीडीओ ने मौजूद तकनीकी अफसरों को तय क्षेत्र के सुंदरीकरण के लिए एक्शन प्लान तैयार करने को कहा। इसमें बेसिक डिजाइन, फूड कोर्ट, प्लांटेशन, ट्रेक और बेंच निर्माण आदि को शामिल किया जाए। उन्होंने जलकुंभी की सफाई, तालाब के किनारों का निर्माण किस प्रकार कराएंगे, इस पर भी अफसरों संग रणनीति बनाई।

सीडीओ ने अवर अभियंता (लघु सिंचाई) को प्रथम चरण के लिए चिन्हित क्षेत्र को विकसित करने में आने वाली लागत के आगणन करने के निर्देश भी दिए। विधायक अमन गिरी ने अफसरों को आश्वस्त किया कि आप प्रोजेक्ट तैयार कराएं। इस कार्य में विधायक निधि, ग्राम निधि, क्षेत्र पंचायत निधि, मनरेगा, सीएसआर से फंड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। विधायक ने तालाब के एप्रोच मार्ग को भी सुगम बनाने के लिए चर्चा की, ताकि इसके तैयार होने के बाद लोग यहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।

अपनी आवाज का जादू बिखेरने अल्ताफ राजा आ रहे हैं लखीमपुर खीरी, जानिए कब होगा प्रोग्राम

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर खीरी । 90 के दशक के मशहूर गायक अल्ताफ राजा को उनके हिट गाने तुम तो ठहरे परदेसी के लिए जाना जाता है. यह आइकॉनिक गाना आज भी बेहद लोकप्रिय है. 28 अक्टूबर को लखीमपुर के रामलीला मैदान में आयोजित संगीत सम्मेलन में अल्ताफ राजा अपनी प्रस्तुति देंगे. मनोरंजन की दुनिया में स्टार बनने में कई लोगों को सालों लग जाते हैं लेकिन कुछ कलाकार जल्दी ही स्टारडम हासिल कर लेते हैं. ऐसे ही एक कलाकार हैं अल्ताफ राजा, जो एक समय पर दर्शकों के दिलों पर राज करते थे, लेकिन अब वे थोड़े समय से दर्शकों की नजरों से ओझल हैं।

अल्ताफ राजा की लोकप्रियता 90 के दशक में पूरे देश में चरम पर थी. एक समय था जब दिन रात केवल उनके ही गाने बजते थे, लोग उनकी आवाज के दीवाने थे. उनके गाने बसों और कारों में अक्सर बजते रहते थे और श्रोताओं को बेहद पसंद आते थे. उनका 1990 में रिलीज हुआ एल्बम तुम तो ठहरे परदेसी ने लोगों के बीच धूम मचा दी थी. यह गाना आज भी लोग बेहद पसंद करते हैं और अक्सर गुनगुनाते हैं।

लखीमपुर का ऐतिहासिक दशहरा मेला इस वर्ष भी पारंपरिक रूप से नगर पालिका द्वारा आयोजित किया जा रहा है. 28 अक्टूबर को लखीमपुर रामलीला में संगीत सम्मेलन का आयोजन होना है, जिसमें अपनी आवाज का जलवा बिखरने के लिए पहुंच रहे हैं अल्ताफ राजा. इस दिन बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनी का आयोजन नगर पालिका द्वारा किया जाता है।

अल्ताफ राजा ने साल 1997 में आई अपनी पहली एल्बम तुम तो ठहरे परदेसी से पहचान बनाई थी. अल्ताफ राजा ने ह्यदिल लगानाह्ण, झोलू राम, ह्यतुमसे कितनाह्ण जैसे कई गाने गाए थे. उनकी आवाज के लोग आज भी दीवाने हैं. इसी वजह से लखीमपुर रामलीला मैदान पर उन्हें सुनने के लिए 28 अक्टूबर को दूर-दराज से लोग आ रहे हैं।

आधुनिक पारदर्शी ट्रेन पर सफर कर दुधवा व कर्तनियाघाट के जंगलों का उठा सकेंगे लुफ्त

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर खीरी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर रेल विभाग ने एक ट्रेन का संचालन शुरू किया है जिसका नाम विस्टाडोम है, विस्टाडोम ट्रेन का मतलब है पारदर्शी गुम्मदनुमा ट्रेन। दुधवा व कर्तनिया के जंगली जीव जंतुओं व पशु पक्षियों के दीदार के लिए पहली दफा इस आधुनिक ट्रेन का संचालन मैलानी से बिछिया के बीच शुरू किया गया है। यह ट्रेन अपना सफर लगभग साढ़े चार घंटे में तय करेगी जो 170 किलोमीटर का होगा। यह विस्टाडोम ट्रेन सुबह 6 बजे मैलानी से चलेगी और भीरा, पलिया, दुधवा, बेलरायां, तिकुनिया, खैरटिया व मंझरा पूरब होते हुए बिछिया पहुंचेंगी।

जिसके बाद यह ट्रेन उसी दिन लगभग साढ़े ग्यारह बजे बिछिया से चलकर शाम लगभग चार बजे मैलानी जंक्शन लौटेगी। दुधवा से कर्तनियाघाट के बीच चलने वाली यह ट्रेन सप्ताह में मात्र दो दिन (शनिवार और रविवार) को चलेगी। इस ट्रेन का किराया 265 रुपए प्रति व्यक्ति सुनिश्चित किया गया है और इस ट्रेन में कुल 60 यात्री बैठ सकते है।यह ट्रेन पूरी तरह वातानुकूलित है और इसमें एसी की सुविधा दी गई है। इसमें हर सीट पर बड़े बड़े पारदर्शी शीशे लगाए गए है व हर सीट पर मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट भी दिए गए है। सबसे बड़ी बात तो यह है की इस विस्टाडोम ट्रेन में वाईफाई की सुविधा के साथ संगीत सुनने की भी व्यवस्था है।दुधवा नेशनल पार्क व कर्तनियाघाट के जंगलों का लुफ्त उठाने के लिए पर्यटक अब इस आधुनिक ट्रेन में बैठकर शेर की दहाड़, हाथी की चिंघाड़ व हिरन की कुलाचे मारना देख सकते है। इस पारदर्शी ट्रेन में बैठकर दुर्लभ हो चुके पक्षी गिद्धराज के कई प्रजातियों के दीदार के साथ साथ विदेशी सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों अठखेलियों को देखा जा सकता है।

पेड़ पर बैठा दिखाई दिया करीब 15 फुट लंबा अजगर, देख कर सहम गए ग्रामीण

कमल त्रिवेदी

लखीमपुर खीरी के गांव मदारीपुरवा में सोमवार की दोपहर किसान हेमराज के खेत में लगे पेड़ पर विशाल अजगर लिपट गया, जिसे देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। कुछ ही देर में लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने ईंट-पत्थर फेंककर अजगर को पेड़ से हटाने का प्रयास किया, लेकिन अजगर टस से मस नहीं हुआ। वह पेड़ को जकड़े रहा। ग्रामीणों ने डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी। मौके पर पहुंची डायल 112 पुलिस ने वन विभाग को सूचित किया। कुछ देर बाद वन विभाग की टीम ने अजगर को पकड़कर हौंकना बीट के जंगल में छोड़ दिया।